घायल तेंदुए की पूंछ पकड़ने वाला हुआ गिरफ्तार, मेनका गांधी ने वन विभाग को लिखा लेटर
खंडवा तीर्थनगरी ओंकारेश्वर के निकट घायल तेंदुए की मौत की जांच कराने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पीपल्स फॉर एनिमल्स संस्था की प्रमुख मेनका गांधी ने मध्य प्रदेश के वन प्रमुख को पत्र लिखा तो वन विभाग में खलबली मच गई। दरअसल, मेनका गांधी ने घायल तेंदुए […]
खंडवा
तीर्थनगरी ओंकारेश्वर के निकट घायल तेंदुए की मौत की जांच कराने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पीपल्स फॉर एनिमल्स संस्था की प्रमुख मेनका गांधी ने मध्य प्रदेश के वन प्रमुख को पत्र लिखा तो वन विभाग में खलबली मच गई।
दरअसल, मेनका गांधी ने घायल तेंदुए को परेशान करने के वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए उसके इलाज में विलंब से मौत की आंशका जताई है। इसके बाद वीडियो में तेंदुए की पूंछ खींचते दिखाई दे रहे कोठी निवासी शोभाराम उर्फ सोमारिया पर वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मामला दर्ज कर उसको गिरफ्तार कर लिया गया।
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में तेंदुए की संदिग्ध मौत से पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री और पर्यावरणविद मेनका गांधी ने संज्ञान लिया है। उन्होंने प्रदेश के फॉरेस्ट चीफ विजयकुमार अंबाडे को चिट्ठी लिखकर चिंता जताई है। साथ ही लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर कार्रवाई की बात कही है।
दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी पीपल्स फॉर एनिमल्स संस्था की प्रमुख है। उनसे इंदौर के पर्यावरण कार्यकर्ता प्रियांशु जैन ने शिकायत की थी। इस शिकायत में उन्होंने बताया था कि ओंकारेश्वर क्षेत्र में घायल अवस्था में एक तेंदुआ मिला था। इसकी जानकारी क्षेत्र के वन क्षेत्रपाल आनंदराम खांडे को दी थी, लेकिन उन्होंने इस मामले में लापरवाही बरती। क्षेत्रपाल मौके पर इतना लेट पहुंचे, जिससे तेंदुए की मौत हो गई। इस शिकायत पर मेनका गांधी ने संज्ञान लेते हुए मध्यप्रदेश वन विभाग को तलब किया है।
लापरवाहों पर कार्रवाई की बात कही
मेनका गांधी ने फॉरेस्ट चीफ को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने लिखा कि तेंदुए की मौत से जुड़ी ये खबर और तस्वीर पूरे भारत में वायरल हो रही है। मामले में जिन अफसरों ने लापरवाही बरती है, उन सभी को सस्पेंड किया जाए। इसके साथ ही गांधी ने फॉरेस्ट चीफ को प्रदेश में 4 वन्यजीव अस्पताल बनाने की सलाह भी दी है।
ये है पूरा मामला
दरअसल, ओंकारेश्वर क्षेत्र के धावड़िया ग्राम में एक खेत में सोमवार के दिन अचेत हालत में तेंदुआ मिला था। पर्यावरण कार्यकर्ता की जानकारी के बाद भी वन विभाग की टीम समय से मौके पर नहीं पहुंची, जिसके चलते बाद में तेंदुए की मौत हो गई थी। मंगलवार सुबह तेंदुए के शव का डॉक्टर की पैनल ने हरसूद नाका स्थित वन विभाग के डिपो में पोस्टमॉर्टम किया। पीएम के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि तेंदुआ बूढ़ा हो चुका था।
शरीर में मिले खून के थक्के
पीएम करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि तेंदुए के शरीर में अंदरूनी इंफेक्शन के साथ रक्त के थक्के मिले। अफसरों के मुताबिक हार्ट अटैक से तेंदुए की मौत हुई है। हालांकि विसरा सैंपल लिया है। जिसे जांच के लिए जबलपुर की फॉरेंसिक लेब भेजा जाएगा। उसकी रिपोर्ट में स्थिति और भी स्पष्ट हो जाएगी।