मोदी, प्रधान ने डॉ. राधाकृष्णन को किया नमन, देशवासियों को दी शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं

नई दिल्ली  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर गुरुवार को उन्हें नमन किया और श्रद्धा सुमन अर्पित किये। मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर शुभकामना संदेश में लिखा, “शिक्षक दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं। यह युवा मस्तिष्कों को आकार देने वाले […]

मोदी, प्रधान ने डॉ. राधाकृष्णन को किया नमन, देशवासियों को दी शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं

नई दिल्ली
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर गुरुवार को उन्हें नमन किया और श्रद्धा सुमन अर्पित किये। मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर शुभकामना संदेश में लिखा, “शिक्षक दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं। यह युवा मस्तिष्कों को आकार देने वाले सभी शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है। डॉ. राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि।”

वहीं, प्रधान ने एक्स पर लिखा, “देश के युवाओं का मार्गदर्शन कर उनके अज्ञान को दूर करने वाले सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं प्रख्यात शिक्षाविद, पूर्व राष्ट्रपति 'भारत रत्न' डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन। शिक्षक केवल किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि जीवन के सच्चे अर्थों से हमें परिचित कराकर अपने विपुल ज्ञान से हमारे जीवन को सार्थक दिशा प्रदान करते हैं। आइए, शिक्षक दिवस के अवसर पर अपने शिक्षकों का सम्मान करते हुए हम सभी उनके द्वारा दिखाए गए सतमार्ग पर चलने का संकल्प लें।”

उन्होंने एक अन्य पोस्ट में लिखा, ‘‘देश के सुनहरे भविष्य का निर्माण करने वाले शिक्षकों का सम्मान! आदरणीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मूर्मू जी आज शिक्षक दिवस के अवसर पर सुदृढ़ समाज और सशक्त राष्ट्र की आधारशिला रखने वाले शिक्षकों को 'राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024' से सम्मानित करेंगी। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार शिक्षकों के त्याग, तप और अद्वितीय योगदान का उत्सव है।”

उल्लेखनीय है कि डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 05 सितंबर 1888 में तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेन्सी के चित्तूर जिले के तिरूत्तनी ग्राम में तेलुगुभाषी ब्राह्मण परिवार हुआ था। डॉ. राधाकृष्णन पहले उपराष्ट्रपति और फिर 1962 में देश के दूसरे राष्ट्रपति बने थे। डॉ. राधाकृष्णन 1962 में जब राष्ट्रपति बने और उनका जन्मदिन आया, तो इस मौके पर उनके कुछ छात्र उनसे मिलने पहुंचें और उनका जन्मदिन मनाने का अनुरोध किया। इस पर डॉ. राधाकृष्णन ने उन्हें सुझाव दिया कि उनका जन्मदिन मनाने का सबसे अच्छा तरीका इस दिन को शिक्षकों को समर्पित करना है और इस तरह डॉ. राधाकृष्णन के एक विचार से भारत में शिक्षक दिवस की शुरुआत हुई।