गुजरात में 12 लोगों की अज्ञात बुखार से मौत, मरीजों को सांस की हो रही थी दिक्कत

गुजरात गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ के प्रकोप के बीच रविवार (8 सितंबर) को चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां कच्छ जिले के लखपत तालुका में एक हफ्ते के भीतर 12 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 12 साल से कम उम्र के चार बच्चे भी शामिल हैं। अधिकारियों ने […]

गुजरात में 12 लोगों की अज्ञात बुखार से मौत, मरीजों को सांस की हो रही थी दिक्कत

गुजरात

गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ के प्रकोप के बीच रविवार (8 सितंबर) को चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां कच्छ जिले के लखपत तालुका में एक हफ्ते के भीतर 12 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 12 साल से कम उम्र के चार बच्चे भी शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा, मौत का कारण प्राथमिक रूप से न्यूमोनाइटिस प्रतीत होता है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।

वहीं कुछ स्थानीय जिला पंचायत सदस्यों ने कहा कि डॉक्टर बुखार का सही निदान नहीं कर पाए, रोगियों को सांस लेने में भी कठिनाई भी हो रही थी। 12 लोगों की मौत से मचे हड़कंप के बाद तालुका और इससे सटे क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

जिला के कलेक्टर अमित अरोड़ा ने बताया कि आसपास के गांवों में चिकित्सा सेवाएं बढ़ा दी गई हैं। हम स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। 22 सर्विलांस टीमों और डॉक्टरों को तैनात किया गया है। इसके अलावा एच1एन1, स्वाइन फ्लू, क्रीमियन-कांगो बुखार, मलेरिया और डेंगू के खतरे को भी ध्यान में रखते हुए बाकी लोगों के सैंपल एकत्रित किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को अलर्ट रहने और स्वास्थ्य में गड़बड़ी महसूस होते ही विशेषज्ञों से तुरंत सलाह लेने की अपील की है।

जिला कलेक्टर ने बताया, प्राथमिक रूप से इन मौतों के लिए न्यूमोनाइटिस को एक कारण माना जा रहा है। यह कोई संक्रामक बीमारी नहीं लगती है। प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार काम कर रही हैं।

कच्छ जिला पंचायत सदस्य मीनाबा जडेजा ने गुजरात कांग्रेस प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल को लिखे पत्र में कहा है कि लखपत तालुका के कुछ गांवों में तीन से नौ सितंबर के बीच अज्ञात बुखार के कारण 5-50 आयु वर्ग के 12 लोगों की मौत हो गई है।

पंचायत के एक अन्य सदस्य के मुताबिक बुखार से पीड़ित लोगों को पहले लखपत तालुका के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिर उन्हें दयापार सीएचसी और अंत में भुज के जनरल हॉस्पिटल ले जाया गया। एक मरीज को अहमदाबाद भी स्थानांतरित किया गया था।

निवासियों के अनुसार, मरीजों को बुखार, सर्दी, खांसी और निमोनिया जैसी समस्या हो रही थी। कुछ को सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। एक अन्य जिला पंचायत सदस्य ने कहा कि डॉक्टर बीमारी का सटीक निदान नहीं कर पाए हैं, जिसके कारण समय रहते उचित उपचार नहीं हो पाया।

गौरतलब है कि पहले से ही स्वास्थ्य विशेषज्ञ बाढ़ प्रभावित इलाकों में कई प्रकार की बीमारियों को लेकर लोगों को सचेत करते रहे हैं। गुजरात के कई शहर पिछले कुछ हफ्तों से भयंकर बाढ़ झेल रहे हैं। ऐसे इलाकों में मच्छर जनित, दूषित जल और भोजन के साथ संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अधिकारियों का कहना है कि कच्छ में हुई मौतों के लिए न्यूमोनाइटिस मुख्य वजह हो सकती है।

न्यूमोनाइटिस फेफड़ों के ऊतकों में बिना किसी संक्रमण के होने वाली सूजन की समस्या है। निमोनिया में जहां फेफड़ों में संक्रमण के कारण ऊतकों में सूजन होती है, वहीं न्यूमोनाइटिस में सूजन तो होती है पर संक्रमण नहीं होता। न्यूमोनाइटिस, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा किसी तीव्र प्रतिक्रिया के कारण होने वाली दिक्कत है।

इसके कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी और सूखी खांसी हो सकती है। यदि न्यूमोनाइटिस का समय पर पता नहीं चल पाता या उसका उपचार न हो पाए तो इससे फेफड़ों को क्षति पहुंचने का जोखिम रहता है।