नीतीश कुमार आज अचानक बाहुबली अनंत सिंह के गांव लदमा पहुंच गए, बीच सड़क पर हुई मुलाकात

पटना बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज अचानक पूर्व विधायक और बाहुबली अनंत सिंह के गांव लदमा पहुंच गए। सीएम का काफिला जैसे वहां पहुंचा, तभी अनंत सिंह भी वहां पहुंच गए। और बीच सड़क पर मुख्यमंत्री से उन्होने मुलाकात की। इस दौरान केंद्रीय मंत्री और मुंगेर से सांसद ललन सिंह भी मौजूद रहे। इस […]

नीतीश कुमार आज अचानक बाहुबली अनंत सिंह के गांव लदमा पहुंच गए, बीच सड़क पर हुई मुलाकात

पटना
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज अचानक पूर्व विधायक और बाहुबली अनंत सिंह के गांव लदमा पहुंच गए। सीएम का काफिला जैसे वहां पहुंचा, तभी अनंत सिंह भी वहां पहुंच गए। और बीच सड़क पर मुख्यमंत्री से उन्होने मुलाकात की। इस दौरान केंद्रीय मंत्री और मुंगेर से सांसद ललन सिंह भी मौजूद रहे। इस दौरान क्या चर्चा हुआ इसका अभी तक खुलासा नहीं हो सका है। आपको बता दें इससे पहले मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह ने 25 अगस्त को जेल से रिहा होने के बाद पहली बार मिले थे। मुख्यमंत्री आवास एक अणे मार्ग पहुंचकर उन्होने सीएम नीतीश कुमार से मुलाक़ात की थी। ये बैठक करीब आधा घंटे चली थी। जिसे अनंत सिंह ने निजी मुलाकात बताया था। लेकिन उसकी चर्चा काफी हुई थी। और अब आज एक बार फिर से मुख्यमंत्री से अपने गांव में वो मिले।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कई कार्यों का निरीक्षण करने के बाद बख्तियारपुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होने बख्तियारपुर-मोकामा 4 लेन करनौती के पास बन रहे रेलवे ओवर ब्रिज और बख्तियारपुर करजान-ताजपुर सेतु का भी निरीक्षण किया।जिसके बाद बेलछी प्रखंड में आवासीय प्रखंड सह अंचल नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया। जिसका निर्माण करीब 20 करोड़ की लागत से हुआ है। जिसके बाद अचानक मुख्यमंत्री का काफिला अनंत के गांव की ओर मुड़ गया। जिसकी सूचना मिलने पर अनंत सिंह नीतीश से मिलने पहुंच गए। ये मुलाकात बीच रास्ते में हुई।

आपको बता दें नीतीश कुमार की जेडीयू में अनंत सिंह रह चुके हैं। और एक बार फिर से जदयू में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। एके-47 मामले में पटना हाईकोर्ट ने अनंत सिंह को बरी कर दिया था। 16 अगस्त को वो बेउर जेल से बाहर आए थे। अनंत सिंह 5 बार विधायक रह चुके हैं। तीन बार जेडीयू, एक बार निर्दलीय और आखिरी बार आरजेडी से विधायक बने थे। लेकिन 2022 में घर से एके-47 बरामद होने के बाद से निचली अदालत से 10 साल की सजा मिले के बाद उनकी विधायकी चली गई थी।