दुष्कर्म और हत्या मामले ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए एक बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा, सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है
कोलकाता आरजी कर अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले ने बंगाल में व्यापक जन आक्रोश पैदा कर दिया है जिससे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए एक बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो गया और यह 2011 में सत्ता संभालने के बाद से अब तक ममता बनर्जी के नेतृत्व के लिए सबसे […]
कोलकाता
आरजी कर अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले ने बंगाल में व्यापक जन आक्रोश पैदा कर दिया है जिससे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए एक बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो गया और यह 2011 में सत्ता संभालने के बाद से अब तक ममता बनर्जी के नेतृत्व के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।
भाजपा तथा माकपा से मोहभंग
राजनीतिक पर्यवेक्षकों और नेताओं का मानना है कि इस घटना के बाद निरंतर जन आंदोलन ने बंगाल में आम नागरिकों, छात्रों और पेशेवरों के नेतृत्व में एक नए राजनीतिक दल के लिए उर्वर जमीन तैयार की है, जिनका सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा तथा माकपा से मोहभंग हो चुका है।
तृणमूल को चुनौती
राजनीतिक विश्लेषक बिस्वनाथ चक्रवर्ती ने कहा कि आरजी कर घटना ने नागरिक समाज आंदोलनों की शक्ति को फिर से सामने ला दिया है जो तृणमूल के पिछले 13 साल के शासन में नदारद थे। इसके अलावा इस स्वत: स्फूर्त जन आंदोलन का नेतृत्व करने में भाजपा और माकपा की विफलता से पता चला है कि लोग तृणमूल को चुनौती देने के लिए एक नयी राजनीतिक ताकत के लिए तरस रहे हैं।
विपक्षी दलों में नेतृत्व का अभाव
राजनीतिक विशेषज्ञ मैदुल इस्लाम ने कहा कि इस आंदोलन की ताकत पारंपरिक राजनीतिक बैनर से इसकी आजादी में है जो न्याय, पारदर्शिता तथा प्रभावी शासन के लिए उसकी व्यापक मांग को दर्शाता है। इसने मौजूदा विपक्षी दलों में नेतृत्व के अभाव को उजागर कर दिया है, जिसे जवाबदेही के लिए प्रदर्शनकारियों के आह्वान के साथ जुडक़र एक नयी पार्टी संभावित रूप से पूरा कर सकती है। जनता के बीच यह धारणा बन गई कि सरकार ने इस मामले पर लीपापोती की है।