इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र वशिष्ठ ने पद से इस्तीफा दिया, किया उदयपुर डिक्लेरेशन का पालन

नई दिल्ली इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (IOC) के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र वशिष्ठ ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस पद पर पांच साल का कार्यकाल पूरे करने के बाद पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि उनका यह फैसला उदयपुर घोषणा के अनुरूप है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे […]

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र वशिष्ठ ने पद से इस्तीफा दिया, किया उदयपुर डिक्लेरेशन का पालन

नई दिल्ली
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (IOC) के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र वशिष्ठ ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस पद पर पांच साल का कार्यकाल पूरे करने के बाद पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि उनका यह फैसला उदयपुर घोषणा के अनुरूप है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में वशिष्ठ ने मौका देने के लिए पार्टी को धन्यवाद दिया है और कहा है कि वह कांग्रेस पार्टी के आदर्शों और लक्ष्यों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उनका इस्तीफा ऐसे समय में हुआ है, जब लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी अमेरिका के दौरे पर हैं और वहां लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोल रहे हैं।

वशिष्ठ ने अपने पत्र में कहा, "मैं उदयपुर घोषणा के अनुरूप अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के IOC विभाग के सचिव के रूप में अपने पद से औपचारिक रूप से इस्तीफा दे रहा हूं। मैंने इस पद पर पांच साल पूरे कर लिए हैं। इस पद पर सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात है। और मैं अपने कार्यकाल के दौरान प्राप्त अवसरों और अनुभवों के लिए आभारी हूं।" उन्होंने पार्टी अध्यक्ष खरगे को लिखे पत्र में कहा, “हालांकि, मैं कांग्रेस पार्टी के आदर्शों और लक्ष्यों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हूं। मैं कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में लगन से काम करना जारी रखूंगा और भविष्य में मुझे जो भी जिम्मेदारी या कार्य सौंपा जाएगा, उसे पूरा करने के लिए तैयार हूं।”

मई 2022 में कांग्रेस कार्यसमिति ने तीन दिवसीय चिंतन शिविर के आखिरी दिन 15 मई 2022 को उदयपुर घोषणा को अपनाया था। इस घोषणा के अनुसार, पार्टी ने संगठन के सभी स्तरों पर 50 वर्ष से कम आयु के लोगों को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व देने का फैसला किया था। उदयपुर घोषणा में ही कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति पांच साल से अधिक समय तक पार्टी में किसी पद पर नहीं रहेगा और नए लोगों को अवसर दिया जाएगा। उदयपुर अधिवेशन में ही पार्टी में '1 व्यक्ति, 1 पद', '1 परिवार, 1 टिकट' के नियम को लागू करने का फैसला किया गया था।