‘ हमे मत बताइए अपने शरीर के साथ क्या करें?’, अबॉर्शन पर जोरदार बहस, कमला के तीर से बैकफुट पर ट्रंप
वॉशिंगटन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए कैंपेन जोर पकड़ रहा है। इस बीच रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता कमला हैरिस के बीच पहली डिबेट हुई है। इस डिबेट के दौरान दोनों ने एक-दूसरे पर तीखे हमले किए। एक तरफ ट्रंप ने कहा कि हैरिस जीतीं तो फिर इजरायल के अस्तित्व पर […]
वॉशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए कैंपेन जोर पकड़ रहा है। इस बीच रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता कमला हैरिस के बीच पहली डिबेट हुई है। इस डिबेट के दौरान दोनों ने एक-दूसरे पर तीखे हमले किए। एक तरफ ट्रंप ने कहा कि हैरिस जीतीं तो फिर इजरायल के अस्तित्व पर ही खतरा पैदा हो सकता है। वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध भी खत्म कराने की बात कही। इस पर हैरिस ने कहा कि आपको तो व्लादिमीर पुतिन खा जाएंगे। हालांकि इस दौरान एक दिलचस्प वाकया यह भी रहा कि 8 सालों में पहली बार डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस आमने-सामने आए तो गर्मजोशी दिखाई और हाथ भी मिलाया।
डिबेट के दौरान गाजा के युद्ध का भी मसला उठा। इस पर कमला हैरिस ने कहा कि मैं तो टू-स्टेट सॉल्यूशन की बात करती हैं। इस पर डोनाल्ड ट्रंप का कहना था कि यदि मैं राष्ट्रपति होता तो वहां समस्या इस स्तर तक पहुंचती ही नहीं। उन्होंने कहा कि कमला हैरिस तो इजरायल से नफरत करती हैं और उस क्षेत्र के अरबों से भी उतनी ही उन्हें नफरत है। इस पर कमला हैरिस ने कहा कि ट्रंप का दावा गलत है और मैं इजरायल के साथ हूं। वहीं जवाबी हमला बोलते हुए हैरिस ने कहा कि यदि ट्रंप राष्ट्रपति होते तो अब तक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कीव में होते।
उन्होंने कहा कि व्लादिमीर पुतिन के दवाब में आप तो हथियार ही डाल देते। कमला हैरिस ने कहा, 'व्लादिमीर पुतिन तो कीव में बैठे होते और उनकी नजर बाकी यूरोप पर होती। इसकी शुरुआत वह पोलैंड से करते। क्या आप जानते हैं कि एक तानाशाह से दोस्ती का क्या नतीजा हो सकता है। वह तो आपको लंच में ही खा लेंगे।' इस बीच एक सवाल ट्रंप से यह भी पूछा गया कि क्या वह रूस से जंग में यूक्रेन की जीत चाहते हैं? इस पर ट्रंप ने सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा कि हम युद्ध रोकना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि जंग का रुकना ही अमेरिका के हित में है।
यही नहीं इस दौरान बहस ने तब दिलचस्प मोड़ लिया, जब बाइडेन सरकार की असफलताओं को डोनाल्ड ट्रंप गिनाने लगे। इस पर कमला हैरिस ने कहा कि आप बाइडेन के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। वहीं यह पूछे जाने पर कि आखिर आप कमला हैरिस की नस्लीय पहचान पर टिप्पणी क्यों करते हैं? ट्रंप ने कहा, 'मुझे इस बात से कोई मतलब नहीं है कि हैरिस क्या है। मैं तो कहीं पढ़ा था कि वह ब्लैक नहीं हैं।' इस पर कमला हैरिस ने कहा कि यह एक आपदा सरीखा है कि डोनाल्ड ट्रंप उनकी नस्लीय पहचान का इस्तेमाल करते रहे हैं।
वहीं ट्रंप से जब पूछा गया कि क्या वे गर्भपात पर राष्ट्रीय स्तर पर बैन लगाने वाले बिल पर वीटो करेंगे तो उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी क्योंकि ऐसा कोई भी बिल कांग्रेस से अनुमोदन हासिल नहीं कर सकेगा.
इसके बाद हैरिस ने रो वी वेड नियम को बहाल करने के लिए अपनी पॉलिसी को स्पष्ट शब्दों में समझाया.
बता दें कि 2022 में, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक रो बनाम वेड फैसले द्वारा स्थापित गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को समाप्त कर दिया था. 1973 के इस फैसले ने पूरे देश में गर्भपात को वैध बना दिया था.
कमला ने कहा कि अभी 20 से अधिक राज्यों में ट्रम्प की नीतियों से प्रभावित गर्भपात वाले कानून लागू हैं जिसकी वजह से अबॉर्शन पर प्रतिबंध हैं. इसकी वजह से जो डॉक्टर या नर्स द्वारा अबॉर्शन से जुड़े मामलों में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना अपराध बनाता है. एक राज्य में तो इसके लिए आजीवन कारावास का प्रावधान है.
कमला हैरिस ने कहा कि यदि ट्रंप जीतते हैं तो उनकी कोशिश होगी वे देशव्यापी गर्भपात बैन के नियमों को लाएंगे. उन्होंने कहा कि कुछ आजादी जैसे कि अपने शरीर से जुड़े फैसले लेने की आजादी के नियम सरकार को नहीं बनाने चाहिए, खासकर डोनाल्ड ट्रंप तो ऐसे नियम न ही बनाएं.
कमला ने कहा कि ट्रंप के नियम गर्भपात के मामलों में कोई अपवाद का पालन भी नहीं करते. इसमें तो रेप और इसेस्ट जैसे मामलों में भी कोई अपवाद नहीं है. इसका मतलब ये है कि इन अपराधों से अगर कोई जिंदा बच भी जाता है तो भी उसे ये तय करने का अधिकार नहीं है कि अगर उसके गर्भ में कोई बच्चा रह जाता है तो उसका क्या किया जाए. ऐसे मामले में पीड़िता को अपने शरीर पर फैसले लेने का भी अधिकार नहीं रह जाता है.
उपराष्ट्रपति कमला ने गर्भपात पर ट्रंप की नीतियों का जोरदार विरोध करते हुए कहा कि ये तो अनैतिक है और सरकार से सहमत होने के लिए किसी को अपने विश्वास या गहरी मान्यताओं को त्यागने की आवश्यकता नहीं है और डोनाल्ड ट्रम्प को निश्चित रूप से किसी महिला को यह नहीं बताना चाहिए कि उसे अपने शरीर के साथ क्या करना चाहिए.
ट्रम्प ने अपने पक्ष में कहा कि डेमोक्रेट गजब के रेडिकल हैं, जो नौवें महीने में गर्भपात को ठीक मानते हैं.
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, "डेमोक्रेट कट्टरपंथी हैं. उनके उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार, जो मुझे लगता है कि एक भयानक उम्मीदवार हैं, का कहना है कि नौवें महीने में गर्भपात बिल्कुल ठीक है. यह एक ऐसा मुद्दा है जिसने हमारे देश को 52 सालों से अलग-थलग कर रखा है."
उन्होंने आगे दावा किया कि डेमोक्रेट जन्म के बाद गर्भपात का समर्थन करते हैं. हालांकि ट्रंप के इस दावे का एबीसी नेटवर्क ने फैक्ट चेक किया और इसे झूठ बताया. एबीसी नेटवर्क ने बताया कि जन्म के बाद बच्चे को मारना सभी 50 अमेरिकी राज्यों में अवैध है.