शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिये छात्रावास सुविधा, स्कूल शिक्षा विभाग विभिन्न मदों में करा रहा है निर्माण कार्य
भोपाल प्रदेश में शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिये स्कूल शिक्षा विभाग विभिन्न मदों में छात्रावास का निर्माण करा रहा है। छात्रावास सुविधा से बच्चों को घर से दूर पढ़ाई करने में सरलता भी हुई है। दिव्यांग छात्रावास संभागीय मुख्यालयों पर दिव्यांग विद्यार्थियों के लिये 50 सीटर बालक […]
भोपाल
प्रदेश में शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिये स्कूल शिक्षा विभाग विभिन्न मदों में छात्रावास का निर्माण करा रहा है। छात्रावास सुविधा से बच्चों को घर से दूर पढ़ाई करने में सरलता भी हुई है।
दिव्यांग छात्रावास
संभागीय मुख्यालयों पर दिव्यांग विद्यार्थियों के लिये 50 सीटर बालक और 50 सीटर बालिका दिव्यांग छात्रावास के निर्माण के लिये विभागीय बजट में प्रावधान किया गया है। प्रति छात्रावास निर्माण पर करीब 3 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि खर्च होगी। दिव्यांग छात्रावास का निर्माण संभागीय मुख्यालय पर ऐसे स्कूलों में किया जा रहा है, जहाँ सह-शिक्षा की सुविधा उपलब्ध है। वर्तमान में ऐसे दिव्यांग विद्यार्थी, जो कक्षा-8वीं तक की शिक्षा राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा संचालित छात्रावास में रहकर पूरी करते हैं, उन्हें उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में पढ़ाई करने के लिये राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा संचालित छात्रावास में व्यवस्था की गयी है। ग्वालियर, जबलपुर तथा शहडोल में छात्रावास निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है।
मॉडल स्कूलों के छात्रावासों का निर्माण
प्रदेश के 22 जिलों में 43 छात्रावासों का निर्माण राज्य खनिज कोष से मंजूर किया गया है। यह छात्रावास मॉडल स्कूलों के छात्रावास के रूप में विकसित किये जा रहे हैं। मंजूर छात्रावास भवनों में से 27 छात्रावासों के भवन निर्माण का कार्य पूरा किया जा चुका है। इन छात्रावासों में करीब 3600 विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा मिलना शुरू हो गयी है।
उत्कृष्ट विद्यालयों में बहुद्देशीय हॉल का निर्माण
शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद सुदृढ़ीकरण योजना के अंतर्गत 17 शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में बहुद्देशीय हॉल के निर्माण के लिये एक करोड़ रुपये प्रति हॉल की दर पर मंजूरी प्रदान की गयी है। मंजूर किये गये हॉल निर्माण में से 15 स्थान पर कार्य पूरे किये जा चुके हैं।