छत्तीसगढ़-सुकमा में महिला को लेकर तीन KM पैदल चले सीआरपीएफ जवान, एंबुलेंस तक पहुंचाया
सुकमा. सुकमा जिले में लगातार हो रही बारिश से जहां लोगों का बुरा हाल है। वहीं नदी-नाले उफान पर है। आवागमन प्रभावित है। वहीं इन सब के बीच सीआरपीएफ के जवानों ने मानवता का परिचय देते हुए एक बीमा आदिवासी महिला को चारपाई से कंधे में उठाकर तीन किलोमीटर तक पैदल चलने के बाद एंबुलेंस […]
सुकमा.
सुकमा जिले में लगातार हो रही बारिश से जहां लोगों का बुरा हाल है। वहीं नदी-नाले उफान पर है। आवागमन प्रभावित है। वहीं इन सब के बीच सीआरपीएफ के जवानों ने मानवता का परिचय देते हुए एक बीमा आदिवासी महिला को चारपाई से कंधे में उठाकर तीन किलोमीटर तक पैदल चलने के बाद एंबुलेंस तक पहुंचे।
जिसके बाद महिला की जान बचाई जा सकी। यह मामला सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित पेंटा पाड़ गांव का है। जहां एक बीमार महिला को इलाज के लिए सुकमा जिला मुख्यालय लाया जाना था। लेकिन रास्ता खराब होने और नाला लबालब होने की वजह से एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई। जिस वजह से ग्रामीण बीमार महिला को चारपाई की मदद से लाने का प्रयास कर रहे थे। इस दौरान सर्चिंग ऑपरेशन पर निकले सीआरपीएफ के 50 वीं बटालियन के जवानों ने इन ग्रामीणो से जानकारी ली और जवानों ने अपने कंधे में लड़कर तीन किलोमीटर तक पैदल एंबुलेंस तक सफर तय किया और एंबुलेंस के जरिए बीमार महिला को सुकमा जिला अस्पताल लाया जा सका। महिला की जान बचाई जा सकी। इसके लिए ग्रामीणों ने सीआरपीएफ के जवानों का आभार व्यक्त किया है।
नक्सल इलाका में सड़क नहीं
गौरतलब है कि पिछले दो दशकों से इलाके में नक्सलियों का खास प्रभाव होने की वजह से उसे इलाके में आज तक सड़क निर्माण नहीं हो पाया है। सरकारें आती रही और जाती रही। लेकिन हालात वही रहे क्योंकि इलाका अब तक नक्सली मुक्त नहीं हुआ है। इस वजह से यहां निविदा आमंत्रित किए जाने के बावजूद कोई भी ठेकेदार काम में रुचि नहीं लेता और हालात जस के तस रहते हैं। फिलहाल, इलाके में सुरक्षा कैंपों की स्थापना हो रही है। सुरक्षा के आधार पर आने वाले दिनों में इन इलाकों को सड़कों से जोड़ने की संभावना जताई जा रही है।