मणिपुर सरकार ने पांच जिलों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाओं पर से प्रतिबंध हटाया
इंफाल मणिपुर सरकार ने इंफाल घाटी के पांच जिलों में सभी प्रकार की इंटरनेट सेवाओं पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने के तीन दिन बाद, कई नियमों और शर्तों को पूरा करने पर ब्रॉडबैंड सेवाओं पर से पाबंदी हटा दी है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। आयुक्त (गृह) एन. अशोक कुमार ने एक अधिसूचना के […]
इंफाल
मणिपुर सरकार ने इंफाल घाटी के पांच जिलों में सभी प्रकार की इंटरनेट सेवाओं पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने के तीन दिन बाद, कई नियमों और शर्तों को पूरा करने पर ब्रॉडबैंड सेवाओं पर से पाबंदी हटा दी है।
अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
आयुक्त (गृह) एन. अशोक कुमार ने एक अधिसूचना के जरिए बताया, 'राज्य सरकार ने ब्रॉडबैंड सेवा (आईएलएल और एफटीटीएच) पर लगी रोक को उदारतापूर्वक हटाने का निर्णय लिया है, बशर्ते कि नियम व शर्तें पूरी की जाएं।''
अधिसूचना में कहा गया है, ''कनेक्शन का संचालन स्टेटिक आईपी के माध्यम से होगा और संबंधित ग्राहक को वर्तमान में स्वीकृत कनेक्शन के अलावा किसी अन्य कनेक्शन का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी।''
अधिसूचना के अनुसार, ''किसी भी राउटर से वाईफाई/हॉटस्पॉट इस्तेमाल करने अनुमति नहीं होगी और स्थानीय स्तर पर सब्सक्राइबर को सोशल मीडिया तथा वीपीएन को ब्लॉक रखना होगा।''
राज्य सरकार ने हालांकि सोशल मीडिया के जरिए भ्रामक सूचना एवं अफवाहों के फैलने की आशंका के मद्देनजर मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर लगी जारी रखने का फैसला किया है। राज्य सरकार के अनुसार, मोबाइल इंटरनेट डेटा सेवा जारी रहने से आंदोलकारियों एवं प्रदर्शनकारियों के एकजुट होने की संभावना है तथा इसके चलते जनहानि और सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति के नुकसान की आशंका है।
राज्य सरकार ने उग्रवादियों के हमलों से निपटने में कथित रूप से विफल रहे पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन के कारण 10 सितंबर से 15 सितंबर तक ब्रॉडबैंड और मोबाइल डेटा समेत इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने का निर्णय लिया था।
प्रदर्शन के बाद सुरक्षा बलों और छात्रों की झड़प हुई, जिसमें छात्र एवं पुलिसकर्मियों समेत 80 से अधिक लोग घायल हुए।