सीक्रेट सर्विस की महिला एजेंट्स का बचाव, डोनाल्ड ट्रंप बोले- मुझे बचाते हुए कुचली तक गई
वाशिंगटन/पेंसिल्वेनिया. एक कहावत है 'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय' यह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर उस समय बिल्कुल सटीक साबित हुई थी, जब पेंसिल्वेनिया में उनपर जानलेवा हमला किया गया था। एक गोली उन्हें छूते हुए निकल गई थी। हालांकि, इस पूरे मामले के बाद सीक्रेट सर्विस की महिला एजेंटों की […]
वाशिंगटन/पेंसिल्वेनिया.
एक कहावत है 'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय' यह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर उस समय बिल्कुल सटीक साबित हुई थी, जब पेंसिल्वेनिया में उनपर जानलेवा हमला किया गया था। एक गोली उन्हें छूते हुए निकल गई थी। हालांकि, इस पूरे मामले के बाद सीक्रेट सर्विस की महिला एजेंटों की भूमिका पर सवाल उठने लगे थे। किसी के कद पर तो किसी के हथियार नहीं संभाल पाने को लेकर निशाना साधा गया।
हालांकि, अब पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप खुद इनके बचाव में उतर आए हैं। उन्होंने हमले के दौरान उनकी रक्षा करने के लिए महिला एजेंटों की सराहना की है। बता दें, ट्रंप पर 13 जुलाई को एक रैली के दौरान हमला किया गया था। उस समय उनके साथ मंच पर मौजूद सीक्रेट सर्विस की महिला एजेंटों की अपने से बड़े और लंबे कद के शख्स की उचित तरीके से रक्षा नहीं करने और पेशेवर तरीके से काम नहीं करने को लेकर आलोचना की गई थी।
बस उनकी लंबाई काफी नहीं थी इसलिए…
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने रविवार को मिनेसोटा की एक रैली में अपने समर्थकों से कहा, 'वह एक सुंदर इंसान है। वह मेरी ढाल बन रही थी, वह जो कुछ भी कर सकती थी सब कर रही थी। यहां तक कि वह कुचली तक गई थी। बस उनकी लंबाई काफी नहीं थी इसलिए फर्जी खबरों ने उनकी आलोचना की।'
वह मुझे हर चीज से बचा रही थी
उन्होंने आगे कहा, 'ठीक है, आप जानते हैं उनकी लंबाई काफी नहीं थी। इसलिए क्योंकि मैं लंबा हूं और वह उतनी लंबी नहीं थीं। उनकी आलोचना की गई। वह बहुत बहादूर थी। वह मुझे हर चीज से बचा रही थी। वहां गोलीबारी हो रही थी और यहां तक कि वह गोली खाने तक को तैयार थी।' पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने महिला एजेंट को बहादुर बताया और कहा कि वह उनके लिए गोली खाना चाहती थीं।
20 साल के क्रुक्स ने किया था हमला
एक चुनावी रैली में रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप पर गोलीबारी की गई थी। इस हमले में पूर्व राष्ट्रपति बाल-बाल बच गए। इस पूरी घटना के पीछे जिस शख्स की पहचान हुई वो महज 20 साल का थॉमस मैथ्यू क्रुक्स था। उसे गोलीबारी के तुरंत बाद ही एक स्नाइपर ने मार गिराया था।