मंदसौर गोलीकांड: मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के समक्ष दो बार जनहित याचिकाएं दायर हो चुकी, सात साल बाद भी रहस्य कायम
इंदौर छह जून 2017 को मंदसौर में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गोली किसके आदेश पर चलाई गई थी। इस सवाल का जवाब गोलीकांड के सात वर्ष बाद भी एक रहस्य बना हुआ है। गोलीकांड को लेकर मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के समक्ष दो बार जनहित याचिकाएं दायर हो चुकी हैं। पहली जनहित […]
इंदौर
छह जून 2017 को मंदसौर में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गोली किसके आदेश पर चलाई गई थी। इस सवाल का जवाब गोलीकांड के सात वर्ष बाद भी एक रहस्य बना हुआ है। गोलीकांड को लेकर मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के समक्ष दो बार जनहित याचिकाएं दायर हो चुकी हैं।
पहली जनहित याचिका में शासन खुद कोर्ट में कह चुका है कि रिपोर्ट मिलते ही छह माह के भीतर विधानसभा पटल पर रख दी जाएगी, बावजूद इसके जब कुछ नहीं हुआ तो दूसरी बार जनहित याचिका दायर हुई।
शुक्रवार को इसमें बहस होना थी, लेकिन कोर्ट ने इसे नियमित पीठ के समक्ष सुने जाने के आदेश के साथ अक्टूबर तक आगे बढ़ा दिया। मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति जेके जैन की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग गठित किया गया था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट 13 जून 2018 को शासन को सौंप दी थी, लेकिन यह रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं हुई है।
पूर्व विधायक पारस सकलेचा द्वारा एडवोकेट प्रत्युष मिश्रा के माध्यम से दायर याचिका में इस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के मांग की गई है ताकि आमजन को पता चल सके कि मंदसौर गोलीकांड किसकी लापरवाही से हुआ था।