मध्यप्रदेश में निर्यात, स्टार्टअप्स और औद्योगिक अवसरों की प्रचुर संभावनाएं: मंत्री काश्यप

भोपाल मुंबई में संपन्न हुई बोर्ड ऑफ ट्रेड की बैठक में एमएसएमई मंत्री चेतन्य कुमार काश्यप ने राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश में निर्यात, स्टार्टअप्स और औद्योगिक अवसरों की प्रचुर संभावनाएं है। उन्होंने नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिये राज्य की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। काश्यप ने आश्वासन दिया […]

मध्यप्रदेश में निर्यात, स्टार्टअप्स और औद्योगिक अवसरों की प्रचुर संभावनाएं: मंत्री काश्यप

भोपाल

मुंबई में संपन्न हुई बोर्ड ऑफ ट्रेड की बैठक में एमएसएमई मंत्री चेतन्य कुमार काश्यप ने राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश में निर्यात, स्टार्टअप्स और औद्योगिक अवसरों की प्रचुर संभावनाएं है। उन्होंने नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिये राज्य की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। काश्यप ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार कृषि और औद्योगिक निर्यात को सुविधाजनक बनाने और बढ़ावा देने के लिए हितधारकों को पूर्ण समर्थन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।मुंबई के द वेस्टिन पवई में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने व्यापार और निर्यात के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में विस्तृत जानकारी दी। चर्चा में वर्तमान व्यापार परिदृश्य, निर्यात प्रक्रियाओं को सरल बनाने, निर्यातकों के सामने आने वाली चुनौतियों और चुनौतियों को दूर करने के संभावित समाधान और दक्षता में सुधार जैसे कई विषय शामिल थे।

बैठक में मध्यप्रदेश के एमएसएमई मंत्री चेतन्य काश्यप ने राज्य का प्रतिनिधित्व किया। औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव, राघवेंद्र सिंह, उद्योग आयुक्त नवनीत मोहन कोठारी एवं सुविध शाह, डीजीएफटी और कार्यकारी निदेशक एमपीआईडीसी ने भी भाग लिया। बैठक में भारत के व्यापार और निर्यात परिदृश्य को बढ़ावा देने एवं रणनीति बनाने के लिए देश के प्रमुख हितधारक सम्मिलित हुए।

बैठक में प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य की प्रस्तुति में बताया गया कि मध्यप्रदेश अपनी समृद्ध कृषि विरासत और बढ़ते स्टार्टअप्स पारिस्थितिकी तंत्र के लिए जाना जाता है। देश के निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए मध्यप्रदेश तैयार है। बैठक का समापन केंद्रीय और राज्य सरकारों, उद्योग हितधारकों और व्यापार निकायों के बीच निरंतर सहयोग की आवश्यकता पर सहमति के साथ हुआ जिससे भारत की व्यापार और निर्यात क्षमताओं को बढ़ाने के साझा लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।