पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलने पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की आई प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा?
इंदौर केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजयपुरम किया गया है. जिसको लेकर मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी तीसरी पारी के भाषण में कहा था कि जितने भी गुलामी के निशान हैं […]
इंदौर
केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजयपुरम किया गया है. जिसको लेकर मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी तीसरी पारी के भाषण में कहा था कि जितने भी गुलामी के निशान हैं उन्हें समाप्त करेंगे. यह उसी दिशा में कदम है और मैं इसके लिए पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद करता हूं.
CM मोहन यादव की भी आई प्रतिक्रिया
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की भी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजय पुरम रखने पर प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने शुक्रवार को एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि मां भारती के अमर सपूतों के सम्मान, वैभव व स्मृतियों के पुनर्स्थापना हेतु समर्पित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अभूतपूर्व नेतृत्व के परिणामस्वरूप पोर्ट ब्लेयर को अब 'श्री विजयपुरम' के नाम से जाना जाएगा.
यह निर्णय अभिनंदनीय है, संपूर्ण देशवासियों को गौरवानुभूति प्रदान कर रहा है. 'श्री विजयपुरम' नामकरण के लिए मैं मध्यप्रदेश के समस्त नागरिकों की ओर से प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय गृह मंत्री का आभार एवं कृतज्ञता प्रकट करता हूं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पोस्ट कर दी थी जानकारी
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट कर जानकारी देते हुए लिखा था कि देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प से प्रेरित होकर गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम ‘श्री विजयपुरम’ करने का निर्णय लिया है. ‘श्री विजयपुरम’ नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान और निकोबार के योगदान को दर्शाता है. इस द्वीप का हमारे देश की स्वाधीनता और इतिहास में अद्वितीय स्थान रहा है.
चोल साम्राज्य में नौसेना अड्डे की भूमिका निभाने वाला यह द्वीप आज देश की सुरक्षा और विकास को गति देने के लिए तैयार है. यह द्वीप नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा सबसे पहले तिरंगा फहराने से लेकर सेलुलर जेल में वीर सावरकर व अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा मां भारती की स्वाधीनता के लिए संघर्ष का स्थान भी है.