आरएसएस के विजयादशमी उत्सव में इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन होंगे मुख्य अतिथि

नई दिल्ली  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सबसे महत्वपूर्ण आयोजनों में से एक विजयादशमी उत्सव को लेकर संघ की तरफ से तारीख और मुख्य अतिथि के नाम का औपचारिक ऐलान कर दिया गया। आरएसएस ने इस बार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष पद्म भूषण डॉ. के राधाकृष्णन को मुख्य अतिथि के तौर […]

आरएसएस के विजयादशमी उत्सव में इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन होंगे मुख्य अतिथि

नई दिल्ली
 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सबसे महत्वपूर्ण आयोजनों में से एक विजयादशमी उत्सव को लेकर संघ की तरफ से तारीख और मुख्य अतिथि के नाम का औपचारिक ऐलान कर दिया गया। आरएसएस ने इस बार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष पद्म भूषण डॉ. के राधाकृष्णन को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया है।

इसकी जानकारी आरएसएस ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दी। विजयादशमी में संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ ही मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने वाले डॉ. के. राधाकृष्णन का भी संबोधन होगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स से विजयादशमी उत्सव के बारे में जानकारी देते हुए लिखा, ”राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित विजयादशमी उत्सव 12 अक्टूबर, 2024 को प्रातः 7.40 बजे रेशिमबाग, नागपुर में संपन्न होगा। इस उत्सव में प्रमुख अतिथि पद्म भूषण डॉ. के. राधाकृष्णन, भूतपूर्व अध्यक्ष, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन होंगे और सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत का उद्बोधन होगा।”

बता दें कि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हर वर्ष विजयादशमी के अवसर इस उत्सव का आयोजन करता है। संघ का यह वार्षिक विजयादशमी उत्सव, हिंदू समाज में पौरूष, पराक्रम और जागरण के पावन पर्व के रूप में मनाया जाता है।

संघ के इस वार्षिक विजयादशमी उत्सव को सरसंघचालक के संबोधन (भाषण) के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। संघ के स्वयंसेवकों के अलावा भारत में सत्ता पक्ष और विपक्ष के तमाम दलों की नजरें, इस बात पर टिकी होती है कि संघ प्रमुख इस उत्सव के दौरान, हिंदू समाज, मुस्लिम एवं अन्य अल्पसंख्यक समाज, सरकार के कामकाज और देश में चल रहे ज्वलंत मुद्दों पर क्या-क्या बोलते हैं, क्योंकि संघ प्रमुख के इस दिन दिए गए भाषण को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आधिकारिक स्टैंड और भविष्य का एजेंडा माना जाता है।

संघ की यह भी परंपरा रही है कि, वार्षिक विजयादशमी उत्सव के कार्यक्रम में समाज और देश के प्रतिष्ठित व्यक्ति को आमंत्रित कर,उनके विचार भी सुने जाए।