वक्फ विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का संरक्षण, संसद में होगा पारित : शाह
नई दिल्ली केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन और संरक्षण सुनिश्चित करना है और इसे आने वाले दिनों में संसद में पारित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन […]
नई दिल्ली
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन और संरक्षण सुनिश्चित करना है और इसे आने वाले दिनों में संसद में पारित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में शाह ने कहा कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को भी रोकेगा।
वक्फ (संशोधन) विधेयक पिछले महीने लोकसभा में पेश किया गया था और इसकी विस्तृत समीक्षा के लिए इसे संसद की संयुक्त समिति को भेज दिया गया था। विपक्षी दलों ने विधेयक के मसौदे के कुछ प्रावधानों पर कड़ी आपत्ति जताई है।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य संघर्ष और विवादों को कम करना है। इसमें वक्फ संपत्तियों के ऑनलाइन पंजीकरण और निगरानी के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म स्थापित करने का भी प्रावधान है।
पहले 100 दिनों में सरकार की उपलब्धियों को सूचीबद्ध करते हुए एक अधिकारी ने कहा कि पांच करोड़ आदिवासियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से 63,000 आदिवासी गांवों का विकास किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय मशीनीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र (नमस्ते) योजना का विस्तार कर इसमें सफाई कर्मचारियों के साथ-साथ कचरा बीनने वालों को भी शामिल किया गया है, जिससे उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने बताया कि अनुसूचित जनजाति के तीन लाख दिव्यांग लोगों को विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र जारी किए गए हैं, जिनमें 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के 1.17 लाख कार्ड शामिल हैं।
अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों और सफाई कर्मचारियों के लिए आजीविका गतिविधियों हेतु रियायती ऋणों तक बेहतर पहुंच प्रदान करने के लिए पीएम-सूरज पहल का भी विस्तार किया गया है।
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के कारण 405 स्कूलों में 1.23 लाख से अधिक विद्यार्थियों का नामांकन हुआ है।
केंद्र सरकार ने आदिवासी विद्यार्थियों के लिए 40 नये स्कूल भी स्थापित किये हैं तथा 110 स्कूलों में स्मार्ट कक्षाएं भी बनाई हैं।