ज्ञानवापी के मामले में वाराणसी की अदालत से हिंदू पक्ष को एक बार फिर झटका लगा, सर्वे की अर्जी कोर्ट ने खारिज की
वाराणसी ज्ञानवापी के मामले में वाराणसी की अदालत से हिंदू पक्ष को एक बार फिर झटका लगा है। सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक युघुल शंभू की अदालत ने मंगलवार को ज्ञानवापी से सबंधित एक अन्य मामले में अमीन आख्या मांगा जाने की अर्जी खारिज कर दी है। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 14 […]
वाराणसी
ज्ञानवापी के मामले में वाराणसी की अदालत से हिंदू पक्ष को एक बार फिर झटका लगा है। सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक युघुल शंभू की अदालत ने मंगलवार को ज्ञानवापी से सबंधित एक अन्य मामले में अमीन आख्या मांगा जाने की अर्जी खारिज कर दी है। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 14 अक्तूबर की तिथि नियत की है। इससे पहले शुक्रवार को अदालत ने ज्ञानवापी से ही जुड़े एक मामले में तहखाने की मरम्मत कराने और नमाजियों को तहखाने के ऊपर जाने से रोकने की मांग वाली हिंदू पक्ष की याचिका एक अन्य अदालत ने खारिज कर दी थी।
लार्ड अविमुक्तेश्वर को लेकर दाखिल वाद में हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता व अजीत सिंह ने अर्जी देकर ज्ञानवापी की आराजी नं. 9130 का अमीन सर्वे कराने का अनुरोध किया था। इस पर मुस्लिम पक्ष अंजुमन की ओर से विरोध किया गया। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अर्जी खारिज कर दी।
अदालत ने कहा कि पत्रावली के अवलोकन से पता चला कि वादी द्वारा अमीन आख्या मंगाने का कोई कारण प्रार्थनापत्र में नहीं दर्शाया गया है। इसके अतिरिक्त आराजी नं 9130 के संबंध में एक अन्य मुकदमें एएसआई की ओर से सर्वेक्षण कराया जा चुका है। वादी अगर चाहे तो उनकी सत्यापित प्रतिलिपि लेकर वाद में प्रस्तुत कर सकता है। इसलिए यह अर्जी स्वीकार करने योग्य नहीं है।