राजस्थान-शाहपुरा के गणपति पंडाल में मिले जानवरों के अवशेष, लोगों ने बाजार बंद कराकर धरने पर बैठे
शाहपुरा. घटना बुधवार अलसुबह की है, जब अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन के बाद खाली पंडाल में अचानक बकरे की मुंडी और कटे हुए पैर पाए गए। यह घटना चमना बावड़ी स्थित गणेश पंडाल की है, जिसे देखने के बाद मौके पर तनाव फैल गया। गणेश उत्सव समिति के कार्यकर्ता और पदाधिकारी तुरंत मौके पर […]
शाहपुरा.
घटना बुधवार अलसुबह की है, जब अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन के बाद खाली पंडाल में अचानक बकरे की मुंडी और कटे हुए पैर पाए गए। यह घटना चमना बावड़ी स्थित गणेश पंडाल की है, जिसे देखने के बाद मौके पर तनाव फैल गया। गणेश उत्सव समिति के कार्यकर्ता और पदाधिकारी तुरंत मौके पर पहुंच गए, और आक्रोशित होकर धरने पर बैठ गए। सूचना मिलते ही शाहपुरा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस प्रशासन ने स्थिति को संभालने का प्रयास किया, लेकिन घटना की गंभीरता को देखते हुए शहर में गुस्से का माहौल तेजी से फैल गया।
इस घटना के बाद, शहर के विभिन्न हिंदू संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में पंडाल के बाहर इकट्ठा होने लगे। गणेश उत्सव समिति और स्थानीय युवाओं ने इसे धार्मिक भावनाओं पर सीधा आघात बताया और पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि यदि पुलिस गश्त और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होती, तो ऐसी घटना को अंजाम नहीं दिया जा सकता था। नगर परिषद सभापति रघुनंदन सोनी, भाजपा अध्यक्ष राजेंद्र बोहरा, और पीसीसी सदस्य संदीप जीनगर सहित कई प्रमुख नागरिक धरना स्थल पर पहुंचे और घटना की निंदा की। राम मंदिर के महंत सीताराम बाबा भी मौके पर पहुंचने वाले हैं, जहां वे धरने में शामिल होकर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
घटना के विरोध में पूरे शाहपुरा के बाजार बंद करवा दिए गए। शहर भर में युवाओं ने प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। गणेश पंडाल के बाहर जमा हुए लोग पुलिस से त्वरित कार्रवाई और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। घटना के बाद से शहर के कई प्रमुख स्थानों पर भीड़ इकट्ठा हो रही है। जगह-जगह लोग विरोध कर रहे हैं और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की इस घटना की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। नप सभापति रघुनंदन सोनी ने इस घटना को शाहपुरा की शांतिपूर्ण फिजा को बिगाड़ने का एक सुनियोजित षड्यंत्र बताया। उन्होंने कहा, शाहपुरा एक शांतिप्रिय शहर है, लेकिन कुछ असामाजिक तत्व यहां की सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। यह एक गहरी साजिश है, जिसे समय रहते नाकाम करना होगा। गणेश उत्सव समिति और हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने पुलिस पर इस मामले में लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पंडाल की सुरक्षा और आसपास के क्षेत्रों में गश्त नहीं होने के कारण ही यह घटना घटी।
शाहपुरा पुलिस का कहना है कि वे इस घटना को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं और दोषियों की तलाश में जुट गए हैं। डीएसपी रमेश तिवारी ने कहा, शहर में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। हम जल्द ही इस मामले की जांच पूरी कर दोषियों को गिरफ्तार करेंगे। घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने शहर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है। शाहपुरा पुलिस के साथ-साथ जिले के अन्य पुलिस थानों से भी बल बुलाया गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके और स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके। जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश कांवट सहित उच्च अधिकारी भी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। उनका कहना है कि शहर में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
शहर के कई गणमान्य नागरिकों और संगठनों ने इस घटना को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि यह घटना सिर्फ धार्मिक भावनाओं को आहत करने का प्रयास नहीं है, बल्कि शहर में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की एक गहरी साजिश हो सकती है। भाजपा अध्यक्ष राजेंद्र बोहरा ने कहा, शाहपुरा में कभी भी इस तरह की घटना नहीं हुई थी। यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है, जिसे समय रहते नाकाम करना बेहद जरूरी है। हम पुलिस और प्रशासन से इस मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं।
शांति और संयम बनाए रखने की अपील
उनका कहना है कि ऐसी घटनाओं से उत्तेजित होकर कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए, जो शहर की शांति को और ज्यादा प्रभावित करे। पीसीसी सदस्य संदीप जीनगर ने कहा, हम सभी को मिलकर इस घटना का सामना करना होगा और शहर में शांति और सौहार्द बनाए रखना होगा। प्रशासन को दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर सजा दिलानी चाहिए।उल्लेखनीय है कि शाहपुरा में गणेश पंडाल की यह घटना शहर के सांप्रदायिक सौहार्द पर सीधा हमला है। हालांकि प्रशासन और पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन शहर में तनाव का माहौल अभी भी बना हुआ है। स्थानीय संगठनों और नागरिकों की मांग है कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर सख्त सजा दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।