प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अनुसार देश के सकल घरेलू उत्पाद में हरियाणा का हिस्सा अब पंजाब से अधिक

नई दिल्ली प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी- पीएम) के अनुसार देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में हरियाणा का हिस्सा अब पंजाब से अधिक हो गया है और इसकी प्रति व्यक्ति आय 2023-24 में पंजाब के 106.7 प्रतिशत की तुलना में 176.8 प्रतिशत हो गई है। लगातार घट रही जीडीपी में बंगाल की हिस्सेदारी […]

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अनुसार देश के सकल घरेलू उत्पाद में हरियाणा का हिस्सा अब पंजाब से अधिक

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी- पीएम) के अनुसार देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में हरियाणा का हिस्सा अब पंजाब से अधिक हो गया है और इसकी प्रति व्यक्ति आय 2023-24 में पंजाब के 106.7 प्रतिशत की तुलना में 176.8 प्रतिशत हो गई है।

लगातार घट रही जीडीपी में बंगाल की हिस्सेदारी
बता दें कि पिछले कई दशकों में जीडीपी में बंगाल की हिस्सेदारी लगातार घट रही है। देश के पूर्वी हिस्से का विकास जहां चिंता का विषय बना हुआ है वहीं बंगाल को छोड़ अन्य समुद्र तटीय राज्यों ने देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। जहां तक बिहार की बात है तो पिछले दो दशकों में उसकी स्थिति स्थिर रही है और वह अन्य राज्यों से काफी पीछे है। पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद के अनुसार पंजाब और हरियाणा कभी एक ही राज्य का हिस्सा थे। पंजाब की जीडीपी में हिस्सेदारी 1960 के दशक में मुख्य रूप से हरित क्रांति के चलते बढ़ी, लेकिन फिर 1990-91 तक लगभग 4.3 प्रतिशत पर स्थिर हो गई और फिर इसमें गिरावट शुरू हुई। अंततः 2023-24 में 2.4 प्रतिशत पर पहुंच गई। इसके विपरीत, हरियाणा का हिस्सा लगातार बढ़ता गया है और यह 2010-11 से अपेक्षाकृत स्थिर बना हुआ है।  2023-24 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में हरियाणा की हिस्सेदारी 3.6 प्रतिशत थी। इस बात की संभावना व्यक्त की गई है कि गुरुग्राम की सफलता हरियाणा की बढ़ती हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा हो।

भारतीय राज्यों का सापेक्ष आर्थिक प्रदर्शन
1960-61 में बंगाल राष्ट्रीय जीडीपी में 10.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ तीसरा सबसे बड़ा बोगदानकर्ता था वर्ष 2023-24 में उसकी हिस्सेदारी घटकर केवल 5.6 प्रतिशत रह गई है। इस पूरी अवधि में जीडीपी में बंगाल की हिस्सेदारी लगातार गिरी है। इतना ही नहीं बंगाल की प्रति व्यक्ति आय 1960- 61 में राष्ट्रीय औसत के मुकाबले 127.5 प्रतिशत थी, लेकिन 2023- 24 में प्रति व्यक्ति आय घटकर राष्ट्रीय औसत का 83.7 प्रतिशत यह गई। यह राजस्थान और ओडिशा जैसे पारंपरिक रूप से पिछले राज्यों से भी कम है।