पीवीटीजी समूहों के 11 लाख से अधिक व्यक्तियों के आधार कार्ड बने

भोपाल प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) योजना में विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों (पीवीटीजी) के तीव्र विकास के लिये विशेष प्रयास तेजी से किये जा रहे हैं। इन पीवीटीजी परिवारों को केन्द्र व राज्य सरकार की सभी हितग्राहीमूलक व विकासमूलक योजनाओं एवं स्वास्थ्य कार्यक्रमों का सीधा लाभ देकर इनके स्थायी रोजगार की व्यवस्था भी […]

पीवीटीजी समूहों के 11 लाख से अधिक व्यक्तियों के आधार कार्ड बने

भोपाल
प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) योजना में विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों (पीवीटीजी) के तीव्र विकास के लिये विशेष प्रयास तेजी से किये जा रहे हैं। इन पीवीटीजी परिवारों को केन्द्र व राज्य सरकार की सभी हितग्राहीमूलक व विकासमूलक योजनाओं एवं स्वास्थ्य कार्यक्रमों का सीधा लाभ देकर इनके स्थायी रोजगार की व्यवस्था भी की जा रही है। प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजातियों (बैगा, भारिया एवं सहरिया) की लगभग 11 लाख 42 हजार 719 आबादी निवास करती है। इस आबादी में सभी के आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) बनाने के साथ-साथ सबके जन-धन बैंक खाते भी खोले जा रहे हैं। साथ ही इन सभी के जाति प्रमाण-पत्र बनाने के अलावा इस जनजाति समूह के पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ भी दिया जा रहा है।

एक सितम्बर 2024 तक लक्षित आबादी के 11 लाख 244 व्यक्तियों के आधार कार्ड, 9 लाख 86 हजार 724 व्यक्तियों के जाति प्रमाण-पत्र, 6 लाख 71 हजार 32 व्यक्तियों के आयुष्मान भारत कार्ड तैयार कर 5 लाख 46 हजार 288 व्यक्तियों के जन-धन बैंक खाते भी खोल दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त लक्षित आबादी/समूह के 88 हजार 672 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्रोत्साहन राशि का लाभ देकर 66 हजार 805 किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड भी बना दिये गये हैं।

योजना के अंतर्गत पीवीटीजी के लिये सभी प्रकार की हितग्राहीमूलक योजनाओं के लाभ प्रदाय के तय लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 91.30 प्रतिशत से अधिक उपलब्धि प्राप्त कर ली गई है। इसी प्रकार पीवीटीजी बहुल इलाकों में 125 बहुउद्देशीय केन्द्रों के निर्माण के लिये भारत सरकार द्वारा 75 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये थे। इसमें से 25 करोड़ 98 लाख 75 हजार रूपये आवंटित भी कर दिये गये हैं। इन बहुउद्देशीय केन्द्रों के निर्माण के लिये टेण्डर भी जारी हो चुके हैं। आवास योजना के अंतर्गत एक लाख 7 हजार 802 हितग्राहियों को पक्के आवास मंजूर किये गये है। इनमें से 87 हजार 516 हितग्राहियों के खाते में आवास निर्माण राशि हस्तातंरित कर दी गई है। अब तक 17 हजार 593 आवास तैयार हो गये हैं। विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल बसाहटों में पक्की सड़कों का निर्माण भी कराया जा रहा है। पहले चरण में 146 बसाहटों में 294 किलोमीटर लंबाई वाली 125 सड़कें मंजूर की गई हैं। दूसरे चरण में 51 बसाहटों में 180.29 कि.मी. लंबाई वाली 40 सड़कों की मंजूरी भारत सरकार से मिल गई है।

113.58 करोड़ लागत की 60 सड़कों को भी मिली मंजूरी
भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा हाल ही में पीएम जन-मन के तहत मध्यप्रदेश में 113 करोड़ 58 लाख रुपये की लागत वाली 152.44 कि.मी. लंबाई वाली 60 सड़कों को मंजूरी दी गई है। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा पीएम जन-मन के तहत प्रदेश के अनूपपुर जिले में 10 सड़कों, छिंदवाड़ा जिले में 8 सड़कों, शिवपुरी जिले में 7 सड़कों, उमरिया एवं विदिशा जिले में 6-6 सड़कों, सीधी एवं अशोकनगर जिले में 5-5 सड़कों, बालाघाट एवं गुना जिले में 4-4 सड़कों तथा ग्वालियर, जबलपुर, कटनी, मुरैना एवं श्योपुर जिले की एक-एक सड़क निर्माण की मंजूरी दी गई है।

उल्लेखनीय है कि पीएम जन-मन के अन्‍तर्गत मध्यप्रदेश के चिन्हित 24 जिलों में निवासरत बैगा, भारिया एवं सहरिया विशेष पिछड़ी जनजाति समूह की सम्पूर्ण आबादी को विभिन्न प्रकार की सहायता व रोजगारोन्मुखी कौशल प्रशिक्षण देकर इन्हें विकास की नई राह से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। पीएम जन-मन भारत सरकार के 9 मंत्रालयों की 11 चिन्हित अधोसंरचना एवं विकासमूलक गतिविधियों एवं 7 हितग्राहीमूलक योजनाओं के घर पहुंच लाभ प्रदाय पर केन्द्रित एक महा अभियान है। इसके तहत मध्यप्रदेश में करीब 7 हजार 300 करोड़ रूपये व्यय कर इन 3 विशेष पिछड़ी जनजातियों के समग्र कल्याण के लिये कारगर कदम उठाकर इन सभी को आधुनिक विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के ठोस प्रयास किये जा रहे हैं।