52 सीसीटीवी कैमरो से गैस राहत के 6 अस्पतालों में सुरक्षा होगी
भोपाल भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास के अधीन भोपाल शहर में संचालित 6 गैस राहत अस्पतालों में आंतरिक एवं बाहरी सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन 6 अस्पतालों में 52 सीसीटीवी कैमरे एवं 6 डीवीआर लगाये जा रहे हैं। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम 19 सितम्बर […]
भोपाल
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास के अधीन भोपाल शहर में संचालित 6 गैस राहत अस्पतालों में आंतरिक एवं बाहरी सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन 6 अस्पतालों में 52 सीसीटीवी कैमरे एवं 6 डीवीआर लगाये जा रहे हैं। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम 19 सितम्बर तक पूरा हो जायेगा। शेष 5 चिकित्सालयों में भी यह काम जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा।
संचालक, कमला नेहरू चिकित्सालय एवं सीएमएचओ, गैस राहत भोपाल डॉ. एसएस राजपूत ने बताया कि गैस राहत के सभी 6 अस्पतालों में समुचित प्रकाश की व्यवस्था की जा रही है। सभी जरूरी स्थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाये जा रहे हैं। सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिये पीडब्ल्यूडी, विद्युत एवं यांत्रिकी प्रभाग से मदद ली जा रही है। इन अस्पतालों में यह भी व्यवस्था की गई है कि दोपहर एवं रात्रि पाली में अस्पताल में ड्यूटी कर रहे सभी रेग्युलर व आउटसोर्स स्टॉफ अपना-अपना परिचय-पत्र लगायेंगे तथा डॉक्टर्स अपनी पूरी ड्यूटी ऑवर के दौरान स्टेथोस्कोप साथ में जरूर रखेंगे।
उन्होंने बताया कि सभी अस्पतालों के मेन गेट में बॉयोमैट्रिक अटेंडेस मशीन लगाई जायेगी। अस्पताल के मेन गेट पर आगंतुकों के मिलने का समय भी प्रदर्शित किया जायेगा। आगंतुक दिन में दोपहर से 1 से 2 बजे तक तथा शाम को 7 से 9 बजे के बीच अपने-अपने भर्ती मरीजों से मिल सकेंगे। एक बार में एक ही आगंतुक को वार्ड में प्रवेश दिया जायेगा। दोपहर एवं नाइट शिफ्ट में आने वाले हर व्यक्ति की एक रजिस्टर में एन्ट्री की जायेगी।
डॉ. राजपूत ने बताया कि गैस राहत के 6 अस्पतालों में से कमला नेहरू चिकित्सालय (219 शैय्या) में 8, इंदिरा गांधी महिला एवं बाल्य चिकित्सालय (150 शैय्या) में 8, जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय (125 शैय्या) में 8, खान शाकिर अली खान चिकित्सालय (90 शैय्या) में 12, रसूल अहमद सिद्धिकी पल्मोनरी मेडिसीन सेंटर (50 शैय्या) में 8 तथा मास्टर लाल सिंह चिकित्सालय (30 शैय्या) में 8 सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे। इन सभी चिकित्सालयों में एक-एक डीवीआर भी लगाये जायेंगे।