किन्नर भी बने BJP के सदस्य , भोपाल के मंगलवारा में प्रदेश प्रभारी ने दिलाई सदस्यता
भोपाल मध्य प्रदेश समेत देश भर में चल रहे बीजेपी के सदस्यता अभियान में भोपाल में किन्नरों को भी बीजेपी की सदस्यता दिलाई गई. पार्टी के प्रदेश प्रभारी डॉ महेन्द्र सिंह संगठन पर्व के अंतर्गत किन्नरों के इलाके मंगलवारा पहुंचे. किन्नर समाज की नायक सुरैया बाजी समेत 150 से ज्यादा किन्नरों को बीजेपी की सदस्यता […]
भोपाल
मध्य प्रदेश समेत देश भर में चल रहे बीजेपी के सदस्यता अभियान में भोपाल में किन्नरों को भी बीजेपी की सदस्यता दिलाई गई. पार्टी के प्रदेश प्रभारी डॉ महेन्द्र सिंह संगठन पर्व के अंतर्गत किन्नरों के इलाके मंगलवारा पहुंचे. किन्नर समाज की नायक सुरैया बाजी समेत 150 से ज्यादा किन्नरों को बीजेपी की सदस्यता दिलाई. पीएम मोदी के जन्मदिन के मौके पर एमपी में चल रहे सेवा पखवाड़े में किन्नरों को उपहार भी बांटे. किन्नरों ने पीएम मोदी के दीर्घायु होने की बधाई दी. एमपी में किन्नरों का राजनीति से वास्ता पुराना है. देश को पहली किन्नर विधायक शबनम मौसी के रूप में एमपी से ही मिली थी.
150 से ज्यादा किन्नरों को दिलाई बीजेपी की सदस्यता
एमपी में बीजेपी का सदस्यता अभियान 2 सितम्बर से शुरू हुआ. प्रदेश में हर वर्ग के बीच जाकर पार्टी अपना सदस्यता अभियान चला रही है. इसी कड़ी में बुधवार को बीजेपी के प्रदेश प्रभारी डॉ महेन्द्र सिंह भोपाल के मंगलवारा इलाके पहुंचे थे. इस इलाके की पहचान ही यहां रहने वाले किन्नर डेरे की वजह से होती है. डॉ महेन्द्र सिंह ने यहां पर मंगलवारा में किन्नरों के एक डेरे की नायक सुरैया समेत उनके 150 से अधिक सदस्यों को मोबाईल के जरिए पार्टी की सदस्यता दिलाई. इस मौके पर प्रदेश प्रभारी डॉ महेन्द्र सिंह ने कहा कि "हम पीएम मोदी का सेवा पखवाड़ा मना रहे हैं. उस अवसर पर हम लोग किन्नर समाज के बीच आए हुए हैं. उन्हें फल वितरण किया उपहार दिए और उन्हें पार्टी का सदस्य भी बनाया."
किन्नरों को दिलाई बीजेपी की सदस्यता
एमपी से ही किन्नरों की राजनीति में आने की शुरुआत हुई. देश की पहली किन्नर विधायक शबनम मौसी एमपी से ही चुनी गई थीं. उनके बाद नगरीय निकाय के चुनाव में भी किन्नरों ने हौसला दिखाया. पहली किन्नर मेयर कमला मौसी भी एमपी के सागर से ही चुनी गईं. पार्टी के नेता और पूर्व विधायक ध्रुव नारायण सिंह कहते हैं कि "उनके चुनाव लड़ने और सक्रिय राजनीति में आने में संविधान में कोई बाधा नहीं है. अगर ऐसा लगता है कि वे योग्य हैं तो पार्टी जरूर उन्हें अवसर देगी. मध्यप्रदेश में तो किन्नरों ने अपनी राजनीतिक प्रतिभा दिखाई भी है."