अमेरिका दौरे से ठीक पहले आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक बार फिर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी धमकी
नई दिल्ली खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक बार फिर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी दी है, यह धमकी उनके अमेरिका दौरे से ठीक पहले दी गई है। पन्नू ने आरोप लगाया कि 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के लिए पीएम मोदी जिम्मेदार हैं, जबकि ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार, उस समय […]
नई दिल्ली
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक बार फिर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी दी है, यह धमकी उनके अमेरिका दौरे से ठीक पहले दी गई है। पन्नू ने आरोप लगाया कि 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के लिए पीएम मोदी जिम्मेदार हैं, जबकि ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार, उस समय नरेंद्र मोदी सत्ता में नहीं थे और इस दंगे का उनसे कोई संबंध नहीं है। यह आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठे हैं, जिनका उद्देश्य सिर्फ राजनीतिक माहौल को अस्थिर करना है।
पन्नू 'सिख्स फॉर जस्टिस' (SFJ) नामक संगठन का प्रमुख है, जो एक अलगाववादी संगठन है और खालिस्तान—एक स्वतंत्र सिख राष्ट्र की मांग करता है। यह संगठन भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा है और अक्सर विदेशों में सिख समुदाय के बीच खालिस्तान समर्थक आंदोलन को उकसाने की कोशिश करता है। भारत सरकार ने पन्नू को एक आतंकवादी घोषित कर रखा है, और उसकी गतिविधियों पर भारत समेत कई देशों में प्रतिबंध है।1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के बाद दिल्ली और भारत के अन्य हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। इन दंगों में हजारों सिखों की जान गई और इस घटना की काफी निंदा हुई थी। लेकिन यह दंगे इंदिरा गांधी की हत्या के प्रतिशोध में हुए थे और उस समय नरेंद्र मोदी का इस मामले से कोई संबंध नहीं था। पन्नू जैसे आतंकवादी इस ऐतिहासिक घटना का उपयोग अपने एजेंडे को बढ़ावा देने और गलत आरोप लगाने के लिए कर रहे हैं।
गुरपतवंत सिंह पन्नू अक्सर अपने बयान और वीडियो संदेशों में भारत और भारतीय नेताओं के खिलाफ ज़हर उगलता रहा है। वह सिख समुदाय के बीच डर और नफरत फैलाने का काम करता है। पन्नू की गतिविधियों को देखते हुए भारत सरकार ने उसे वांछित आतंकवादी घोषित कर रखा है और उसकी संपत्ति भी जब्त की गई है। सरकार उसकी गिरफ़्तारी के लिए इंटरपोल के ज़रिए कई बार अनुरोध कर चुकी है। भारत सरकार ने पन्नू की हरकतों पर नज़र रखी हुई है और अमेरिका सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसे न्याय के कटघरे में लाने के प्रयास जारी हैं। भारत के कानूनों के तहत उसके खिलाफ कई कानूनी कार्रवाइयां लंबित हैं।