अपना ही पसीना और यूरिन पीना पड़ता है, जानें ISS में सुनीता विलियम्स का रूटीन
वाशिंगटन नासा की ओर से अंतरिक्ष के अभियान पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) गईं सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विल्मोर वहीं फंस गए हैं। उनके स्पेसक्राफ्ट में खराबी आने की वजह से उसे धरती पर बुला लिया गया है। वहीं कहा जा रहा है कि सुनीता विलियम्स को फरवरी तक आईएसएस में ही रहना होगा। […]
वाशिंगटन
नासा की ओर से अंतरिक्ष के अभियान पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) गईं सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विल्मोर वहीं फंस गए हैं। उनके स्पेसक्राफ्ट में खराबी आने की वजह से उसे धरती पर बुला लिया गया है। वहीं कहा जा रहा है कि सुनीता विलियम्स को फरवरी तक आईएसएस में ही रहना होगा। बता दें कि नासा का यह मिशन केवल आठ दिन का था जो कि अब कई महीने लंबा हो गया है।
5 जून 2024 को सुनीता विलियम्स बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल के जरिए आईएसएस के लिए रवाना हुई थीं। इस मिशन में पहले भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। स्टारलाइनर कैप्सूल में हीलियम गैस लीक हो रही थी। हीलियम से ही यान के प्रोपेल्शन सिस्टम को गति मिलती है। इके चलते थ्रस्टर फेल्योर हो गया और दोनों अंतरिक्षयात्री आईएसएस में ही फंस गए।
ISS को ही बना लिया घर
सुनीता विलियम्स की पहचान बहादुर अंतरिक्ष यात्रियों में हैं। कठिन परिस्थिति को देखते हुए उन्होंने आईएसएस को ही अपना घर बना लिया है। वह नियमित व्यायाम भी करती हैं। उन्होंने अपना जन्मदिन भी अंतरिक्ष स्टेशन में ही मनाया। उन्होंने बताया कि वह अंतरिक्ष में अपने परिवार वालों को याद करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि स्पेस में समय बिताना उन्हें पसंद है।
आईएसएस में अंतरिक्षयात्री छह बेडरूम के आकार वाली जगह में रहते हैं। ISS धरती से करीब 400 किलोमीटर दूर है। आइए जानते हैं कि आईएसएस में अंतरिक्षयात्रियों का रूटीन कैसा होता है।
ISS में अंतरिक्षयात्रियो को सुबह 6 बजकर 30 मिनट तक उठ जाना होता है। सोने के लिए फोन बूथ के आकार का एक क्वार्टर होता है। इसमें लैपटॉप भी मौजूद होता है। छोटी सी जगह में ही किताबें रखने की जगह भी होती है। इसके अलावा धरती की ओर देखने के लिए खिड़की भी मौजूद होती है। अंतरिक्षयात्री लैपटॉप का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा फिल्म और न्यूज देखने के लिए टैबलेट का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
कैसा होता है बाथरूम
ISS में बाथरूम एक डिब्बे जैसा होता है जिसमें सक्शन मशीनें लगी होती हैं। इनकी मदद से पेशाब और पसीने को खींचा जाता है और रीसाइकल करके पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पेशाब को कई बार संग्रहित करके रखा जाता है। आईएसएस में जिम की भी व्यवस्था है। सुनीता विलियम्स और साथी सुबह जिम करते हैं। यहां प्रयोग करने के लिए छह लैब हैं। जिनमें वे काम करते हैं।
कैसे धोते हैं कपड़े
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक अंतरिक्ष यात्री हेलेन शरमन ने बताया कि धऱती की तरह अंतरिक्ष में अलग-अलग गंध नहीं होती है। यहां एक अजीब तरह की धातु से मिलती-जुलती गंध का अनुभव होता है। इसके अलावा एक ही कपड़ा पहनकर लोग महीनों रहते हैं। यहां पानी में कभी-कभी कपड़े भी धो लिए जाते हैं। इसके अलावा शरीर पर पसीना बहुत आता है। आम तौर पर ज्यादा गर्मी होती है। पसीनो को झाड़ा नहीं जा सकता।
कई कपड़ों को गंदा होने के बाद कार्गो वाहन में डाल दिया जाता है जो कि मिशन खत्म होने के बाद वातावरण के संपर्क में आते ही जलकर खत्म हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि खाने की ऐसी सामग्री का उपयोग किया जाता है जो हवा में तैरकर शरीर पर ना गिर जाए। रात में ऐसा खाना होता है जो कि पैकेट में बंद होता है।