प्रदेश के सरकारी स्कूलों शिक्षकों के खाली पदों पर अतिथि शिक्षकों को रखने की प्रक्रिया जारी, अब तक 51 हजार ऑनलाइन दर्ज
भोपाल प्रदेश के सरकारी स्कूलों शिक्षकों के खाली पदों पर अतिथि शिक्षकों को रखने की प्रक्रिया जारी है।अब तक 51 हजार अतिथि शिक्षकों ने पोर्टल पर आनलाइन दर्ज किए हैं, जिन्हें स्कूलों में आमंत्रित किया जाएगा। लेकिन अब भी 19 हजार अतिथि शिक्षक बाकी हैं। सरकारी स्कूलों में नई रिक्तियों के लिए अतिथि शिक्षकों को […]
भोपाल
प्रदेश के सरकारी स्कूलों शिक्षकों के खाली पदों पर अतिथि शिक्षकों को रखने की प्रक्रिया जारी है।अब तक 51 हजार अतिथि शिक्षकों ने पोर्टल पर आनलाइन दर्ज किए हैं, जिन्हें स्कूलों में आमंत्रित किया जाएगा। लेकिन अब भी 19 हजार अतिथि शिक्षक बाकी हैं। सरकारी स्कूलों में नई रिक्तियों के लिए अतिथि शिक्षकों को आवेदन सुविधा प्रदान की गई है, जिसमें आवेदक द्वारा ही रिक्त पदों का चयन आनलाइन किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शीघ्र ही आवेदकों को आनलाइन पद्धति से ही स्कूलों का आवंटन किया जाएगा। विगत वर्षों में विद्यालय स्तर पर तैयार अतिथि शिक्षकों के पैनल जीएफएमएस पोर्टल पर आनलाइन दर्ज किए गए हैं।
अतिथि शिक्षकों को आनलाइन आमंत्रण सुविधा अतिथि शिक्षक के ही लागइन पर उपलब्ध कराई गई है। इसका सत्यापन स्कूल प्रभारी द्वारा करने के बाद संबंधित अतिथि शिक्षक की ज्वाइनिंग संबंधित स्कूल में आनलाइन की गई है, जिसमें आवेदक द्वारा ही रिक्त पदों का चयन आनलाइन किया जा रहा है। बता दें, कि प्रदेश में करीब 70 हजार अतिथि शिक्षक हैं।
पात्रता परीक्षा पास करने वाले को 30 अंक मिलेगा
इस बार मेरिट के आधार पर अतिथि शिक्षकों को स्कूल में भेजा जा रहा है।विभाग द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि ऐसे आवेदक, जो पात्रता परीक्षा पास किए हैं। उन्हें 30 अंक और पहले से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को उनके अनुभव के आधार पर चार अंक प्रतिवर्ष के मान से अधिकतम 20 अंक प्रदान किए गए हैं। विभाग ने इस आधार पर उनका स्कोर-कार्ड तैयार किया है। स्कोर कार्ड के मेरिट के आधार पर अतिथि शिक्षकों को स्कूल आवंटन किया जा रहा है।
31 हजार स्कूलों में पद रिक्त
प्रदेश के 31 हजार 268 सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के खाली रिक्त पद के लिए दो लाख से अधिक आवेदकों द्वारा आवेदन दिए जा चुके हैं। इन आवेदकों द्वारा विकल्प का चयन किया जा चुका है। विभाग द्वारा शीघ्र ही आवेदकों को आनलाइन पद्धति से ही स्कूलों का आवंटन किया जाएगा।