पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सुरेंद्र पवार की ईडी द्वारा गिरफ्तारी को अवैध राजनीतिक ठहरा दिया, मिली बड़ी राहत

चंडीगढ़ कांग्रेस के पूर्व विधायक और सोनीपत विधानसभा सीट से प्रत्याशी सुरेंद्र पवार को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सुरेंद्र पवार की ईडी द्वारा गिरफ्तारी को अवैध राजनीतिक ठहरा दिया। जस्टिस महाबीर सिंह संधू की अदालत ने खुले कोर्ट में यह आदेश सुनाया। पवार की दलील थी […]

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सुरेंद्र पवार की ईडी द्वारा गिरफ्तारी को अवैध राजनीतिक ठहरा दिया, मिली बड़ी राहत

चंडीगढ़
कांग्रेस के पूर्व विधायक और सोनीपत विधानसभा सीट से प्रत्याशी सुरेंद्र पवार को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सुरेंद्र पवार की ईडी द्वारा गिरफ्तारी को अवैध राजनीतिक ठहरा दिया। जस्टिस महाबीर सिंह संधू की अदालत ने खुले कोर्ट में यह आदेश सुनाया। पवार की दलील थी कि उनकी गिरफ्तारी राजनीतिक कारणों से की गई थी। इस मामले में कानूनी प्रक्रिया का सही से पालन नहीं किया गया था। उन्होंने कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत दर्ज केस में उनके खिलाफ राजनीतिक कारणों से ऐक्शन लिया गया और लगातार हिरासत में रखने की मांग होती रही।

इस पर अदालत ने सुनवाई के बाद सुरेंद्र पवार के पक्ष में फैसला दिया। बेंच ने कहा, ‘सुरेंद्र पवार की गिरफ्तारी राजनीतिक कारणों से की गई। वह उन कुछ लोगों में से थे, जिन्हें इस केस में गिरफ्तार किया गया। ईडी की ओर से लगातार एक ही जैसी दलीलें देते हुए कस्टडी रिमांड मांगी गई। यह कहा गया कि आरोपी के तौर पर वह सहयोग नहीं कर रहे हैं। व्यवहार भ्रमित ककने वाला है और दूसरे लोगों से सामना कराने की जरूरत है। इस पर याची ने ईडी की दलीलों को चुनौती दी और कहा कि अब तक उनके खिलाफ कोई नया सबूत पेश नहीं किया गया है। इस मामले में स्पेशल कोर्ट ने पहले रिमांड दी भी थी, लेकिन बाद में उसे एक्सटेंशन देने से मना कर दिया।’

यही नहीं अदालत ने कहा कि ईडी ने गिरफ्तारी का सही कारण नहीं बताया। इसके अलावा रिमांड में लेने की मांग वाली अर्जियों में भी सही से कारण नहीं दिए गए और कानूनी आधार भी कमजोर थे। इस तरह हाई कोर्ट ने सुरेंद्र सिंह पंवार को बड़ी राहत दे दी। इसके अलावा बेंच ने स्पेशल कोर्ट की ओर से रिमांड पर भेजने के आदेश पर भी सवाल उठाए। बेंच ने कहा कि इस मामले में कानूनी सिद्धांतों को नजरअंदाज किया गया। इस तरह अदालत ने कांग्रेस उम्मीदवार को बड़ी राहत दी तो वहीं ईडी ने को जमकर सुनाया भी है। यह आदेश कल का है, लेकिन उसकी विस्तृत कॉपी आज सामने आई है।