अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में आई गिरावट के कारण मिल सकती है राहत
नई दिल्ली. इस साल दीपावली के पहले ही देश में पेट्रोल और डीजल का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को ऑयल…
नई दिल्ली.
इस साल दीपावली के पहले ही देश में पेट्रोल और डीजल का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) से मूल्य में कटौती का तोहफा मिल सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में आई गिरावट और सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां के मुनाफे में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए यह फैसला लिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि 12 सितंबर को पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन ने भी कहा था कि अगर वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत कुछ और समय तक निचले स्तर पर स्थिर बनी रही, तो भारत में ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमत को कम करने पर विचार कर सकती हैं।
दरअसल भारत अपनी जरूरत का 80 प्रतिशत से अधिक कच्चा तेल अंतरराष्ट्रीय बाजार से खरीदता है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑयल इंपोर्टर और ऑयल कंज्यूमर है। इसीलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव से भारत का खजाना भी काफी हद तक प्रभावित होता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में तेजी आने पर भारत में भी पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोतरी होने की आशंका बढ़ जाती है। इसी तरह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत घटने पर लोग घरेलू मार्केट में भी पेट्रोल-डीजल की कीमत में कमी आने की उम्मीद करने लगते हैं।
पिछले कुछ दिनों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। इन्वेस्टमेंट इनफॉरमेशन एंड क्रेडिट रेटिंग एजेंसी (इंक्रा) की एक रिपोर्ट के मुताबिक मार्च के महीने से लेकर अभी तक कच्चे तेल की कीमत में 12 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। फिलहाल कच्चा तेल अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले ढाई साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचकर कारोबार कर रहा है।
कच्चे तेल की कीमत में आई कमी के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार के इंपोर्ट बिल में 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक की बचत हो सकती है। इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट्स में ये खबर भी आ रही है कि सऊदी अरब कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। अगर ऐसा हुआ तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में और भी गिरावट आ सकती है, जिससे भारत जैसे देश में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का मुनाफा और भी बढ़ सकता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में आई गिरावट की वजह से देश की ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान भी जबरदस्त मुनाफे में रही हैं। 2023-24 के दौरान इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) ने 39,619 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था। इसी तरह भारत पेट्रोलियम ने 26,673 करोड़ रुपये और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने 14,694 करोड़ रुपये का मुनाफा अर्जित किया था। इस तरह सिर्फ इन 3 ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को ही पिछले वित्त वर्ष के दौरान 80,986 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था।
मार्च के बाद कच्चे तेल की कीमत में लगभग 12 प्रतिशत की और कमी आ गई है, जबकि घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमत पहले के स्तर पर ही बनी हुई है। इस तरह आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है कि मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 6 महीने में भी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां ने जबरदस्त मुनाफा कमाया होगा। यही वजह है कि पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन के संकेत को आधार मानते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल दीपावली के पहले ही पेट्रोल और डीजल की कीमत में कटौती करने का ऐलान किया जा सकता है। महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले चुनाव को देखते हुए भी अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिति अनुकूल बनी रही, तो मध्य अक्टूबर तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी की जा सकती है, ताकि आदर्श चुनाव संहिता का झंझट न रहे।