अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर स्वास्थ्य शिविरों का होगा आयोजन
भोपाल उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने सभी वृद्धजनों से अपील की है कि अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 1 अक्टूबर पर…
भोपाल
उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने सभी वृद्धजनों से अपील की है कि अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 1 अक्टूबर पर आयोजित स्वास्थ्य शिविरों में आकर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ अवश्य उठाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आयुष्मान भारत योजना के तहत 70 वर्ष से अधिक उम्र के हर वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान योजना में शामिल करने का प्रावधान किया है। यह प्रयास वरिष्ठ नागरिकों के देश के विकास में योगदान का सम्मान है।
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि वृद्धजन सहित सभी नागरिकों के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिससे गंभीर बीमारियों का समय रहते पता लगाया जा सके और उनका सही उपचार हो सके। नियमित चिकित्सा जांच करवाना, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना अच्छा जीवन व्यतीत करने के लिए महत्वपूर्ण है।
उल्लेखनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर, प्रदेशभर में समस्त आयुष्मान आरोग्य मंदिर, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला चिकित्सालय स्तर पर वृद्धजनों के लिये विशेष स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इन शिविरों में 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी वृद्धजनों का स्वास्थ्य परीक्षण, उपचार एवं परामर्श प्रदान किया जाएगा। असंचारी रोगों के लिए स्क्रीनिंग एवं उपचार की सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। चिन्हित स्वास्थ्य संस्थानों में फिजियोथेरेपी सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी। शिविर में आभा कार्ड एवं पात्र व्यक्तियों के आयुष्मान कार्ड भी बनाए जाएंगे, जिससे वृद्धजनों को इन सेवाओं का लाभ मिल सके और उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस हर साल 1 अक्टूबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य वृद्धजनों के स्वास्थ्य, कल्याण और अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन समाज में वृद्धजनों के योगदान को सम्मानित करने और उनके प्रति समर्थन और देखभाल की भावना विकसित करने का अवसर प्रदान करता है। संयुक्त राष्ट्र ने 1990 में इस दिवस की स्थापना की, इससे दुनिया भर में वृद्धजनों की चुनौतियों, जैसे स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, सामाजिक एकाकीपन और आर्थिक असुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके। इस दिन का लक्ष्य वृद्धजनों की गरिमा बनाए रखना और उनकी भलाई के लिए सामाजिक समर्थन सुनिश्चित करना है।