भारतीय पुरुष हॉकी टीम आयरलैंड को हराकर क्वार्टर फाइनल में
पेरिस कप्तान हरमनप्रीत सिंह के दो गोल और गोलकीपर पी आर श्रीजेश के शानदार प्रदर्शन की मदद से भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में अपना अपराजेय अभियान जारी रखते हुए आयरलैंड को 2.0 से हराकर क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। पहले दो मैचों में कई गलतियां करने वाली भारतीय टीम ने पूल […]
पेरिस
कप्तान हरमनप्रीत सिंह के दो गोल और गोलकीपर पी आर श्रीजेश के शानदार प्रदर्शन की मदद से भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में अपना अपराजेय अभियान जारी रखते हुए आयरलैंड को 2.0 से हराकर क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया।
पहले दो मैचों में कई गलतियां करने वाली भारतीय टीम ने पूल बी के तीसरे मैच में मंगलवार को हाफटाइम तक आयरलैंड पर पूरा दबाव बनाये रखा। कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने 11वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक पर पहला और 19वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर दूसरा गोल किया।
पहले मैच में न्यूजीलैंड पर 3.2 से मिली जीत में हरमनप्रीत ने 59वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक पर विजयी गोल दागा था। वहीं रियो ओलंपिक चैम्पियन अर्जेंटीना के खिलाफ सोमवार को 59वें मिनट में ही उन्होंने पेनल्टी कॉर्नर तब्दील करके भारत को हार से बचाते हुए मैच 1.1 से ड्रॉ कराया था।
इस जीत से भारत के तीन मैच में सात अंक हो गए हैं। बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया भी पूल बी में अजेय हैं और दोनों के छह-छह अंक हैं। दोनों मंगलवार को आमने-सामने होंगे। प्रत्येक पूल से चार टीम क्वार्टर फाइनल में जगह बनाएंगी। पूल बी से क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने वाली चौथी टीम के लिए मुकाबला अर्जेन्टीना और न्यूजीलैंड के बीच था।
अर्जेन्टीना ने न्यूजीलैंड को 2-0 से हराया जिससे उसके चार अंक हो गए हैं। न्यूजीलैंड और आयरलैंड दोनों ने अभी खाता नहीं खोला है और अंकों के आधार पर भारत को नहीं पछाड़ सकते जिससे टीम ने क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है। भारत अब दो अगस्त को आस्ट्रेलिया से भिड़ेगा।
डिफेंडर जरमनप्रीत सिंह ने कहा, ‘‘हमें दूसरे हाफ में इतने सारे पेनल्टी कॉर्नर नहीं होने देने चाहिए थे। हमें इस पर काम करना होगा। लेकिन साथ ही हमने एक भी गोल नहीं खाया और यह हमारा पेनल्टी कॉर्नर ‘डिफेंस’ बयां करता है। लेकिन हम इतने पेनल्टी कॉर्नर नहीं गंवा सकते।’’
सुखजीत ने कहा कि टीम को दूसरे हाफ में गेंद को नियंत्रित करने में संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘हम तीसरे क्वार्टर में गेंद को नियंत्रित नहीं कर सके और उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाया। उनकी टीम अच्छी है, हमें वापसी की उम्मीद थी। फिर भी हमने अंतिम क्वार्टर में बेहतर प्रदर्शन किया। ’’
पिछले मैच में औसत प्रदर्शन करने वाले अनुभवी मिडफील्डर मनप्रीत सिंह और हार्दिक सिंह ने आज बेहतरीन खेल दिखाया और कई अच्छे मूव बनाये। भारत ने पहली बार पहले क्वार्टर में गोल करके बढत बनाई जबकि पिछले दो मैचों में पहला गोल विरोधी टीम ने किया था।
इस जीत के बावजूद पेनल्टी कॉर्नर गंवाने की भारत की कमजोरी तीसरे क्वार्टर में फिर उजागर हुई। पहले दो मैचों में 13 पेनल्टी कॉर्नर गंवाने वाली भारतीय टीम ने हाफटाइम तक एक भी पेनल्टी कॉर्नर नहीं गंवाया लेकिन तीसरे क्वार्टर में आठ पेनल्टी कॉर्नर गंवाये जिसने गोलकीपर श्रीजेश को व्यस्त रखा।
आयरलैंड को इस मैच में दस और भारत को नौ पेनल्टी कॉर्नर और एक स्ट्रोक मिला। अगले दोनों मैच भारत को मौजूदा चैम्पियन बेल्जियम और आस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीमों से खेलने हैं और उससे पहले कोच फुल्टोन को इस कमजोर कड़ी को कसना होगा। पिछले साल भारतीय टीम से जुड़े फुल्टोन आयरलैंड टीम के पूर्व कोच रहे हैं। इसके अलावा 19वें मिनट के बाद भारतीय टीम भी कोई गोल नहीं कर सकी। पेनल्टी कॉर्नर और फील्ड गोल नहीं कर पाने का खामियाजा आगे कठिन मैचों में भुगतना पड़ सकता है।
भारतीय टीम ने आक्रामक शुरूआत की और दूसरे ही मिनट में उसे पेनल्टी कॉर्नर मिला हालांकि हरमनप्रीत इसे गोल में नहीं बदल सके। पहले क्वार्टर में ही 11वें मिनट में भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिसे गोल में बदलने में हरमनप्रीत ने चूक नहीं की। पहले क्वार्टर में आयरलैंड की टीम भारतीय गोल पर हमले बोलने में नाकाम रही।
दूसरे क्वार्टर के दूसरे ही मिनट में भारत बढत दुगुनी करने के करीब पहुंचा जब ललित उपाध्याय दाहिनी ओर से गेंद लेकर आगे बढे लेकिन गोल के सामने उनकी पोजिशन सही नहीं होने से शॉट बार से टकराकर निकल गया।
भारत को अगले ही मिनट में लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले और चौथे को हरमनप्रीत ने गोल में बदला जो इस ओलंपिक में उनका चौथा गोल था। हाफटाइम से चार मिनट पहले भारतीय टीम फिर गोल करने के करीब पहुंची लेकिन फॉरवर्ड पंक्ति तालमेल नहीं बिठा सकी और मौका निकल गया।
ब्रेक के बाद आयरलैंड की टीम ने आक्रामक शुरूआत की और तीसरे क्वार्टर में लगातार भारतीय सर्कल में प्रवेश किया। पेनल्टी कॉर्नर गंवाने की भारत की कमजोरी एक बार फिर भारी पड़ सकती थी अगर गोलकीपर श्रीजेश मुस्तैद नहीं होते। आयरलैंड को तीसरे क्वार्टर में आठ पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन कामयाबी नहीं मिली।
भारत को 34वें मिनट में गोल करने का मौका मिला लेकिन सुखजीत सिंह का शॉट आयरलैंड के गोलकीपर ने बचा लिया। भारत को अगले मिनट दो पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन पहले पर अमित रोहिदास और दूसरे पर हरमनप्रीत चूके।
आयरलैंड को पहला पेनल्टी कॉर्नर 40वें मिनट में मिला जिस पर कोल ली का शॉट श्रीजेश ने बचाया। आयरलैंड ने स्ट्रोक के लिये रेफरल मांगा लेकिन उसे पेनल्टी कॉर्नर ही मिला जिस पर शेन ओडोने का शॉट फिर श्रीजेश ने बचाया। इस बीच भारतीय ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत और रोहिदास फिर दो पेनल्टी कॉर्नर तब्दील नहीं कर सके। आयरलैंड की टीम ने भी अलग अलग पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञों को आजमाया लेकिन गोल नहीं मिला।
चौथे क्वार्टर के दूसरे मिनट में आयरलैंड केा फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर कोल ली गोल नहीं कर सके। भारत को भी 50वें मिनट में मिला पेनल्टी कॉर्नर बेकार गया। इसी मिनट भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन आयरलैंड के रेफरल पर उसे रद्द कर दिया गया। भारतीय कप्तान हरमनप्रीत को 52वें मिनट में ग्रीन कार्ड मिलने के कारण दो मिनट के लिये मैदान से जाना पड़ा। आयरलैंड को आखिरी पलों में भी पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन गोल नहीं हो सका।