शिवकुंज ने सिखाया पर्यावरण और पर्यटन का महत्व एवं जन सहयोग ने कर दिया नवाचार।

बड़वानी 25 जनवरी 2023/

  • बड़वानी में अक्सर आगंतुकों के साथ.साथ स्थानीय निवासियों के बीच यह चर्चा आम रहती थी कि यहां कोई शहर के नजदीक घूमने की जगह नहीं है। जहां बैठकर दो पल सुकून के अपनों के साथ गुजार सके। वही बड़वानी आने वाला मेहमान भी यही बात दोहराता था की आपके वहां शहर में घूमने की जगह ऐसी नहीं है जहां हम बैठकर प्राकृतिक नजारे के साथ अपने विचारों को साझा कर सकें। इन सारे विचारों से आमजन तो ठीक जिले में पदस्थ होने वाले प्रमुख प्रशासकीय अधिकारी भी अपने कार्यकाल के दौरान रूबरू होते रहे हैं। किसी ने कोशिश की तो उसे पूरी तरह से अमलीजामा पहनाने का संयोग नहीं बन पाया। जब बड़वानी में कलेक्टर के रूप में श्री शिवराज सिंह वर्मा पदस्थ हुए तो उन्हें भी बड़वानी शहर के आसपास दिखाई देने वाली पहाड़ियां वृक्ष विहीन होकर नीरस दिखाई देने लगी। कलेक्टर श्री शिवराज सिंह वर्मा ने इन पहाड़ियों की रंगत बदलने के लिए जन सहयोग से मुहिम छेड़ दी। देखते ही देखते वृक्ष विहीन पहाड़ियां रेवा कुंज, सोन कुंज, लोनसरा की पहाड़ी, दही बैडा, शिवकुंज के रूप में चारों ओर रमणीय स्थल पर्यावरण और पर्यटन का संगम बन गए। महज 1 वर्ष के अथक परिश्रम और पुरुषार्थ से कलेक्टर श्री शिवराज सिंह वर्मा के नेतृत्व व कुशल मार्गदर्शन के साथ एसडीएम श्री घनश्याम धनगर के संयोजन में गठित टीम के द्वारा जन सहयोग से बड़वानी जिले वासियों को वर्ष 2022 में नवीन पर्यटन स्थल उपलब्ध करा दिया है। अब यहां सैकड़ों नहीं हजारों की संख्या में स्थानीय एवं बाहरी पर्यटक आनंद के पल गुजार रहे हैं। शिवकुंज 1 दिन में तीस हजार पौधे रोपे जाने के लिए भी पहचाना जाता है। वही यह एक ऐसा पर्यटन स्थल है जिसने बहुउद्देशीय परिकल्पना को साकार कर जहां एक और सॉइल कंजर्वेशन एवर्षा का जल संरक्षण के साथ साथ ग्रे वाटर के उपयोग को युवाओं के लिए अध्ययन के रूप में पर्यावरणीय पाठशाला का स्वरूप प्रदान कर रहा है । वही पहाड़ी पर हो रहे अतिक्रमण से भी मुक्ति मिली है। शिवकुंज अपने आप में मनुष्य के जीवन के सभी आयामों को मानसिक संतुष्टि प्रदान करने के लिए एक ऐसा पर्यटन स्थल है जहां ध्यान योग साधना, अध्यात्म , फिटनेस एपर्यावरण आदि का समावेश देखा जा सकता है। 35 एकड़ की इस विशाल पहाड़ी पर सभी आयु वर्ग के पर्यटकों को ध्यान में रखकर स्पॉट विकसित किए गए हैं। 25 जनवरी राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर दी गई थीम ग्रामीण एवं सामुदायिक केंद्रीत पर्यटन को बड़वानी जिले में अक्षरसह साकार कर दिखाया है। जहां शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में एक साथ पर्यावरण से पर्यटन की जन पहल ने मूर्त रूप लिया है। जिसकी देखरेख भी स्थानीय निवासियों के द्वारा की जा रही है।जिले के शिवकुंज पर्यटन स्थल पर आगंतुकों के द्वारा प्रकृति के आनंद के साथ कैफेटेरिया में बने व्यंजनों का भी लुत्फ उठाया।

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