Varient & News Magazine & : videsh https://aaj24x7live.com/rss/category/videsh Varient & News Magazine & : videsh en Copyright 2022 Varient & All Rights Reserved. नया खुलासा& शेख हसीना ने दिए थे गोली चलाने के आदेश, इसलिए विद्रोहियों से जा मिली सेना https://aaj24x7live.com/1504 https://aaj24x7live.com/1504 ढाका
बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट हो चुका है और वो अपनी जान बचाकर भारत की शरण लिए हुए हैं। हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में हालात लगातार बदलते जा रहे हैं। हसीना की पार्टी अवामी दल के नेताओं का कत्लेआम हो रहा है। अभी तक 20 नेताओं का कत्ल किया जा चुका है। यही नहीं हिन्दुओं के साथ भी घोर अत्याचार की रिपोर्ट सामने आई है। हत्या, घरों में तोड़-फोड़ और कई मंदिरों को आग के हवाले कर दिया गया। हसीना के जाने के बाद से बांग्लादेश में कम से कम 100 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच हसीना सरकार के तख्तापलट से जुड़ी नई रिपोर्ट सामने आई है। रॉयटर्स ने बांग्लादेश के सैन्य अधिकारियों के हवाले से बताया कि शेख हसीना ने देश छोड़कर भागने से एक रात पहले सैन्य अफसरों की मीटिंग ली थी और दंगों को कुचलने के लिए प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के आदेश दिए थे। इस आदेश को सेना के अधिकारियों ने मानने से साफ इनकार कर दिया और सेना विद्रोहियों से जा मिली।

बांग्लादेश में 15 साल से सत्ता पर काबिज सबसे ताकतवर नेता शेख हसीना को दो महीनों के विद्रोह के आगे घुटने टेकने पड़े। आधिकारिक आवास से जल्दीबाजी में भागने से एक रात पहले शेख हसीना ने विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक की थी। जिसमें उन्होंने सेना प्रमुख को प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के आदेश दिए थे। सेना प्रमुख ने अपने जनरलों के साथ बैठक में इस बात का खुलासा किया। अपना न छापने की शर्त पर दो सेवारत सैन्य अधिकारियों ने इस बात का खुलासा किया है कि सेना ने शेख हसीना के देशभर में सख्त कर्फ्यू लागू करने और नागरिकों पर गोलियां नहीं चलाने की कसम खाई। अधिकारियों ने बताया कि शेख हसीना के लिए सेना का स्पष्ट संदेश था कि वे उनके साथ नहीं हैं।

हसीना ने क्यों खोया सेना से समर्थन
मामले की जानकारी रखने वाले एक भारतीय अधिकारी के अनुसार, जनरल वकर-उज-जमान ने हसीना के कार्यालय से संपर्क किया और प्रधानमंत्री को बताया कि उनके सैनिक उनके सख्त कर्फ्यू वाले आदेश को लागू करने में असमर्थ हैं। अधिकारी ने कहा कि संदेश स्पष्ट था- हसीना को अब सेना का समर्थन नहीं रहा।

बांग्लादेश हिंसा में मरने वालों की संख्या 400 पार
बांग्लादेश में हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 440 हो गई है। हसीना के इस्तीफे के बाद सेना ने सत्ता संभाल ली है। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को संसद को भंग कर दी और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस (84) को आगामी अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया।

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Wed, 07 Aug 2024 19:30:09 +0530 admin
भारत ने हिंसा को देखते हुए ढाका स्थित अपने दूतावास के स्टाफ को कम कर दिया, राजनयिक वापस बुलाए https://aaj24x7live.com/1478 https://aaj24x7live.com/1478 ढाका
भारत ने बांग्लादेश में चल रही हिंसा को देखते हुए ढाका स्थित अपने दूतावास के स्टाफ को कम कर दिया है। सूत्रों के अनुसार कई ऐसे कर्मचारियों को वापस बुलाया जा रहा है, जो बहुत जरूरी कामकाज में संलग्न नहीं थे। ये लोग अपने परिवारों के साथ वापस आ रहे हैं। हालांकि बांग्लादेश में मौजूद भारत के सभी कौंसुलेट्स में सामान्य कामकाज जारी रहेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि फिलहाल बांग्लादेश में करीब 12000 भारतीय मौजूद हैं। उनसे दूतावास संपर्क में है और किसी भी तरह की मदद की जरूरत पड़ने पर उन तक सहायता पहुंचाई जा रही है।

सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश स्थित दूतावास और अन्य कौंसुलेट्स में जरूरी स्टाफ मौजूद रहेगा। वहां कामकाज सामान्य तरीके से चलता रहेगा। सिर्फ उस स्टाफ को हटाया गया है, जो बहुत जरूरी नहीं थे। बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट हुआ है और उन्होंने सोमवार को अपना देश छोड़कर भारत में शरण ले ली थी। उन्हें ऐसा करने के लिए भी सेना की ओर से महज 45 मिनट का वक्त ही मिला था। शेख हसीना के पलायन करने के बाद से बांग्लादेश में हालात बेहद खराब हैं और हिंसा का दौर लगातार जारी है। अब तक ढाका समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में उपद्रवियों के हाथों 440 लोग मारे जा चुके हैं।

हिंसा में बड़े पैमाने पर हिंदुओं को भी टारगेट किया गया है। मेहरपुर के मशहूर इस्कॉन मंदिर में मूर्तियों तक को तोड़ दिया गया और स्टाफ ने जैसे-तैसे खुद को बचाया। दो हिंदू पार्षदों का कत्ल हो चुका है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार कुल 27 जिलों में हिंदुओं पर हमले हुए हैं। ऐसे हालातों में बांग्लादेश में रह रहे भारतीयों को भी चिंता हो रही है। कुल 20 हजार भारतीय बांग्लादेश में थे, जिनमें से 8000 लोगों के आने की खबर है। अब भी 12 हजार भारतीय वहां हैं। ऐसे में उनसे संपर्क करने के लिए दूतावासों में नियमित कामकाज जारी है। फिर भी गैर-जरूरी स्टाफ को कम किया गया है।

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Wed, 07 Aug 2024 17:15:17 +0530 admin
पाकिस्तान की संसद में एक प्रस्ताव पेश किया गया था, भारत को जम्मू&कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करना चाहिए https://aaj24x7live.com/1477 https://aaj24x7live.com/1477 इस्लामाबाद
पाकिस्तान की संसद में 6 अगस्त को एक प्रस्ताव पेश किया गया था। इस प्रस्ताव में कहा गया था कि भारत को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करना चाहिए, जो आर्टिकल 370 हटने से खत्म हो गया है। यही नहीं कश्मीर राग अलापते हुए कुछ और बेहूदा मांगें पाकिस्तान की संसद में रखी गई थीं। इस प्रस्ताव को कश्मीर के नाम पर सभी सांसदों ने समर्थन दिया, लेकिन खैबर पख्तूनख्वा के वरिष्ठ सांसद महमूद खान अचकजाई ने इसका विरोध किया। इस प्रस्ताव में पुराना राग अलापते हुए यह बात भी शामिल की गई थी कि कश्मीर पाकिस्तान का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

इसी का महमूद खान अचकजाई ने विरोध किया और प्रस्ताव के खिलाफ वोट डाला। उन्होंने कहा,'एक प्रस्ताव कश्मीर के बारे में पेश हुआ। मैंने इसका विरोध किया। मैं कश्मीर के लोगों की आजादी के खिलाफ नहीं हूं। कश्मीर के मामले में पाकिस्तान और हिंदुस्तान दोनों गलत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत में जो कहते हैं कि कश्मीर हिन्दुस्तान का अंग है, वह कश्मीरी नहीं होता। जो पाकिस्तान की ओर से ऐसी ही बात कहते हैं, उनका भी कश्मीर से लेना-देना नहीं है। पश्तून नेता ने कहा कि कश्मीर के लोगों को यह अधिकार होना चाहिए कि वे कहां जाएंगे या फिर अकेले ही रहेंगे।'

महमूद खान अचकजाई ने कहा कि यदि वे हिन्दुस्तान के साथ जाना चाहते हैं तो गुडबाय। यदि पाकिस्तान के साथ आना चाहते हैं तो वेलकम किया जाए। अचकजाई ने कहा कि कश्मीर के लोगों से ही पूछ लिया जाए कि वे क्या चाहते हैं। यही नहीं उन्हें जब इस मसले पर बोलने से स्पीकर ने रोकने की कोशिश की तो वह और भड़क गए। वरिष्ठ सांसद ने स्पीकर को हवलदार बता दिया, जो सरकार के लिए दरवाजे पर खड़ा रहता है।

कौन हैं महमूद खान अचकजाई, जिनकी बात पाक को अखरती है
महमूद खान अचकजाई खैबर पख्तूनख्वा के सांसद हैं। वह पश्तून राष्ट्रवादी हैं और अलग मुल्क की मांग का भी समर्थन करते रहे हैं। पख्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी के वह चेयरमैन हैं। उनके पिता की अब्दुल समद खान भी पश्तून राष्ट्रवादी थे, जिनकी 1973 में हत्या कर दी गई थी। वह एक बार बलूचिस्तान से भी चुने जा चुके हैं।

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Wed, 07 Aug 2024 17:15:08 +0530 admin
विलियम्स की वापसी के लिए नासा के पास बचे ’11 दिन’, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को लेकर बढ़ी टेंशन, जानें https://aaj24x7live.com/1456 https://aaj24x7live.com/1456 वॉशिंगटन
नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर स्पेस में फंसे हुए हैं। दोनों अंतरिक्ष यात्री बोइंग स्टारलाइनर की पहली उड़ान की टेस्टिंग के लिए रवाना हुए थे। लेकिन उनके अंतरिक्ष यान में खराबी आ गई, जिस कारण वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में ही फंसे हैं। अब नासा के पास उनकी वापसी के लिए 11दिनों का समय है। न्यूयॉर्क टाइम्स में रिपोर्ट आई है कि नासा स्पेस स्टेशन में संभावित भीड़ पर नजर रख रहा है। दरअसल अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा 18 अगस्त को 'क्रू-9' मिशन लॉन्च करने वाला है।

इस मिशन के जरिए चार अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशन स्पेस स्टेशन पर जाएंगे। हालांकि स्पेस स्टेशन का लक्ष्य एक समय में तीन से छह अंतरिक्ष यात्रियों को रखना है। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक जब तक विलियम्स और विल्मोर सुरक्षित वापस नहीं आ जाते, तब तक मिशन में देरी हो सकती है या इसे रद्द किया जा सकता है। नासा अधिकारियों का कहना है कि अगस्त में बढ़ा हुआ ट्रैफिक देखा जाएगा। वहीं एक अन्य रिपोर्ट कहती है कि सकारात्मक और प्रगति के संकेद दिख रहे हैं।

क्यों जरूरी है वापसी

नासा के अंतरिक्ष संचालन मिशन निदेशालय के एसोसिएट प्रशासक केन बोवर्सॉक्स ने कहा, 'हमारे पास कभी इतने सारे वाहन और इतने विकल्प नहीं थे। यह हमारे जीवन को जटिल बना रहा है। लेकिन वास्तव में अच्छे तरीके से।' बोइंग स्टारलाइनर में लॉन्चिंग के बाद हीलियम लीक देखा था। साथ ही इसके कई थ्रस्टर्स ने काम करना बंद कर दिया। खराबियों के बावजूद भी यह दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में पहुंचाने में कामयाब रहा। वर्तमान में यह स्पेस स्टेशन के साथ जुड़ा हुआ है। नासा के लिए इसकी वापसी जरूरी है, तभी दूसरा अंतरिक्ष यान स्पेस स्टेशन के साथ जुड़ सकेगा।

वापसी की नहीं तय हुई तारीख

नासा में आईएसएस के प्रोग्राम मैनेजर डाना वीगेल ने कहा, 'हमारी योजना डॉकिंग पोर्ट को खाली करने की है। हमें स्टारलाइनर को पहले हटाना पड़ेगा।' सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 6 जून से अंतरिक्ष में हैं। स्पेसक्राफ्ट में खराबी का पता लगाने के लिए जमीन पर नासा और बोइंग काम कर रहे हैं। लेकिन अभी भी दोनों की वापसी की तारीख तय नहीं हो पाई है। न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक नासा के वाणिज्य क्रू कार्यक्रम मैनेजर स्टीव स्टीच ने कहा कि मिशन प्रबंधन वापसी की तारीख की घोषणा करने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा, 'लक्ष्य दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाना है। जब हम तैयार होंगे तब घर आएंगे। बैकअप के विकल्पों की समीक्षा हो रही है। नासा के पास हमेशा इमरजेंसी के विकल्प होते हैं।'

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Wed, 07 Aug 2024 12:15:25 +0530 admin
बांग्लादेश अब ईसाई देश बनेगा? शेख हसीना का बड़ा डर सच साबित हुआ, जानें क्यों ‘खुश’ हो रही अमेरिकी सरकार https://aaj24x7live.com/1449 https://aaj24x7live.com/1449 ढाका
बांग्लादेश इस समय बड़ी अशांति के दौर से गुजर रहा है। दो सप्ताह से चल रहे हिंसक प्रदर्शन के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है। हालात इतने खराब हो गए कि शेख हसीना को आनन-फानन में देश छोड़कर भागना पड़ा। सोमवार देर शाम वह भारत पहुंची, जहां उन्हें सुरक्षित जगह पर रखा गया है। यहां से उनके आगे लंदन जाने की संभावना है। लेकिन क्या शेख हसीना को अमेरिका के विरोध के चलते बांग्लादेश की प्रधानमंत्री कुर्सी छोड़नी पड़ी। ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि दो महीने पहले मई में शेख हसीना ने खुलकर कहा था कि उनके ऊपर विदेश से दबाव बनाया जा रहा है।

मई में शेख हसीना ने दावा किया कि एक देश ने उन्हें प्रस्ताव दिया था कि अगर वह बांग्लादेश के इलाके में एयरबेस बनाने की अनुमति देती हैं तो उन्हें बिना किसी परेशानी के दोबारा चुनाव जीतने दिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने देश का नाम नहीं बताया था, लेकिन ये माना गया था कि यह अमेरिका था। हसीना ने यह भी दावा किया कि बांग्लादेश और म्यांमार के कुछ हिस्सों को काटकर पूर्वी तिमोर जैसा एक ईसाई देश बनाने की साजिश चल रही है।

ईसाई देश बनाने का प्लान

बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास गोनोभवन में सहयोगी पार्टियों की बैठक में संबोधन देते हुए हसीना ने कहा था कि 'पूर्वी तिमोर की तरह वे बांग्लादेश (चटगांव) और म्यांमार के कुछ हिस्सों को लेकर एक ईसाई देश बनाएंगे और बंगाल की खाड़ी में एक बेस बनाएंगे।' हसीना ने कहा कि 'कई लोगों की नजर इस जगह पर है। यहां कोई विवाद नहीं है, कोई संघर्ष नहीं है। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी।' उन्होंने यह भी दावा किया यह सिर्फ एक देश के लिए नहीं है। 'मुझे पता है कि वे और कहां जाना चाहते हैं।'

अमेरिकी प्लान हो गया कामयाब?

शेख हसीना ने कहा था कि प्रस्ताव ठुकराने की वजह से ही अवामी लीग की सरकार मुश्किल में रहती है। उन्होंने दावा किया था कि और भी मुश्किलें आएंगी, लेकिन चिंता की कोई जरूरत नहीं है। 'अगर मैंने एक खास देश को बांग्लादेश में एयरबेस बनाने की अनुमति दी होती, तो मुझे कोई समस्या नहीं होती।' इस बयान के दो महीने के बाद ही शेख हसीना को बांग्लादेश की सत्ता छोड़नी पड़ी है। सुरक्षा विशेषज्ञ एफजे ने दावा किया है कि अमेरिकी बेस अब भारत के पड़ोस में बनने जा रहा है।

अमेरिका ने की बांग्लादेश की सेना की तारीफ

अमेरिका ने बांग्लादेश में बदलाव का स्वागत करते हुए सेना की तारीफ की है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि अंतरिम सरकार के गठन का स्वागत करते है। उन्होंने अंतरिम सरकार को लोकतांत्रिक और समावेशी बनाने का आग्रह किया। इसके साथ ही मिलर ने कहा कि आज सेना ने जो संयम दिखाया हम उसकी सराहना करते हैं।

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Wed, 07 Aug 2024 10:15:13 +0530 admin
लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने आज ब्रिटेन की यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की https://aaj24x7live.com/1439 https://aaj24x7live.com/1439 ब्रिटेन
लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को ब्रिटेन की यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में कहा गया है कि ब्रिटेन जाने वाले भारतीय सतर्क रहें और सावधानी बरतें। बीते सप्ताह उत्तर-पश्चिमी इंग्लैंड के शहर साउथपोर्ट में तीन लड़कियों की चाकू घोंपकर हत्या किए जाने की घटना के बाद पूरे देश में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसे देखते हुए यह एडवाइजरी जारी की गई है।

लंदन में भारतीय उच्चायोग ने कहा, ''भारतीय यात्रियों को यूनाइटेड किंगडम के कुछ हिस्सों में हाल ही में हुई अशांति के बारे में पता होगा। लंदन में भारतीय उच्चायोग स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है।
 
भारत से आने वाले पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे यू.के. में यात्रा करते समय सतर्क रहें और सावधानी बरतें। स्थानीय समाचारों और स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जारी की गई सलाह का पालन करना और उन क्षेत्रों से बचना उचित है जहां विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं।'' 

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Tue, 06 Aug 2024 23:15:07 +0530 admin
बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के पीछे पाकिस्तान और चीन का हाथ बताया जा रहा है, खुश पाकिस्तानी मीडिया https://aaj24x7live.com/1426 https://aaj24x7live.com/1426 ढाका
बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के पीछे पाकिस्तान और चीन का हाथ बताया जा रहा है। पाकिस्तान में पलने वाले कट्टरपंथी संगठनों ने हसीना सरकार के खिलाफ प्रदर्शन को हवा देने का पूरा काम किया। वहीं अब बांग्लादेश में तख्तालपट के बाद पाकिस्तानी मीडिया भी खुश नजर आ रहा है और इसे असली आजादी बता रहा है। बता दें कि बांग्लादेश में आर्मी चीफ जनरल वकाल-उज-जमान ने अंतरिम सरकार बनाई है और नोबल विजेता यूनुस को अंतरिम सरकार का मुखिया बनाया है।

शेख हसीना के इस्तीफे के बाद भी हिंसा नहीं रुकी है। पाकिस्तानी मीडिया की बात करें तो डॉन न्यूज ने अपने संपादकीय में इसे 'हसीना का पतन' बताया है। इस संपादकीय में कहा गया कि अगर सेना ने मौके पर दखल ना दिया होता तो स्थिति और खराब हो जाती। इस संपादकीय में कहा गया है कि विपक्ष को पिछले 15 सालों में दबाया गया और यह तख्तापलट उसी दबे हुए आक्रोश का नतीजा है।

पाकिस्तान में 'ट्रिब्यून' अखबार के फ्रंट पेज पर इसे बांग्लादेश की जनता की जीत बताया गया है। जियो टीवी नेटवर्क ने लीड स्टोरी में कहा, 'खूनी प्रदर्शन के बाद पीएम शेख हसीना ने छोड़ा पद, बांग्लादेश से भाग निकलीं।' शेख हसीना की तस्वीर लगाई गई है जिसमें वह दुखी दिखाई दे रही हैं। पाकिस्तान के टीवी चैनलों पर इसे भारत के लिए झटका बताया जा रहा है। एक टीवी चैनल पर अमेरिका में पाकिस्तान की राजदूत रह चुकीं मादिहा लोधी ने कहा कि हसीना भारत की ओर और पाकिस्तान के खिलाफ थीं। जनता ने उन्हें ताकत दिखा दी। द ट्रिब्यून अखबार ने बांग्लादेश की सत्ता संभालने वाले सेना प्रमुख जनरल वकार का गुणगान किया है।

बांग्लादेश के अखबारों ने अलग-अलग तरह से इसे पेश किया है। 'प्रोथोम आलो' ने लिखा है कि शेख हसीना अंत में भी बल प्रयोग करना चाहती थीं और रक्तपात करके भी सत्ता में बनी रहना चाहती थीं। 'सामयिक' पत्रिका ने लिखा है कि यह छात्रों की खून से सनी जीत है। 'नया दिगंत' ने मोहम्मद यूनुस को कोट करते हुए कहा है कि यह छात्रों की दूसरी और असली आजादी है। 'न्यू एज' ने लिखा है कि बांग्लादेश में जल्द बनेगी राष्ट्रीय सरकार।

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Tue, 06 Aug 2024 21:15:17 +0530 admin
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद दंगों की भयावह तस्वीर ने दुनिया को चिंतित कर दिया, संसद में बोले जयशंकर https://aaj24x7live.com/1425 https://aaj24x7live.com/1425 ढाका
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद दंगों की भयावह तस्वीर ने दुनिया को चिंतित कर दिया है। खासकर, भारत बांग्लादेश में हो रहे हर घटनाक्रम पर लगातार नजर रख रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार बांग्लादेश के राजनीतिक घटनाक्रम पर निरंतर नजर रखे हुए है और जब तक वहां कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य नहीं हो जाती भारत की गहरी चिंता बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अभी भी 19 हजार भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं, जिनमें अधिकतर छात्र हैं। हम उनसे लगातार संपर्क में हैं।

जयशंकर ने बांग्लादेश के घटनाक्रम पर राज्यसभा में बयान देते हुए कहा कि पड़ोसी देश का राजनीतिक घटनाक्रम चिंता का विषय है और सरकार अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से वहां रह रहे भारतीय नागरिकों से बराबर संपर्क बनाये हुए है। उन्होंने कहा कि वहां भारत के 19 हजार नागरिक हैं जिनमें करीब नौ हजार छात्र हैं और इनमें से काफी छात्र जुलाई में स्वदेश आ गये थे।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर नजर
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर भी निगाह रखे हुए है। वहां से ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं कि कई समूह और संगठन अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सलामती के लिए कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा , “ स्वभाविक है कि जब तक वहां कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य नहीं हो जाती हमारी गहरी चिंता बनी रहेगी। ” विदेश मंत्री ने बताया कि सीमाओं पर तैनात सुरक्षा बलों को बांग्लादेश की जटिल स्थिति को देखते हुए असाधारण रूप से चौकस रहने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि भारत पिछले 24 घंटों से ढाका में अधिकारियों के साथ संपर्क बनाये हुए है।

पीएम हसीना ने मांगी थी भारत की मदद
बांग्लादेश के घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि पांच अगस्त को ढाका में कर्फ्यू लागू होने के बावजूद प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में सड़कों पर जमा हो गये थे। हम समझते हैं कि वहां के सुरक्षा प्रतिष्ठान (सेना) के साथ एक बैठक के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देने का निर्णय किया और थोड़े समय के नोटिस पर उन्होंने कुछ समय के लिए भारत आने की अनुमति का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि साथ ही हमें बांग्लादेश के अधिकारियों से हवाई उडान की अनुमति का भी अनुरोध मिला और वह (हसीना) सोमवार शाम दिल्ली आ गयी।

दो दिन पहले बिगड़े हालात
विदेश मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश में चार अगस्त को स्थिति ने गंभीर मोड़ लिया और पुलिस थानों तथा सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमले होने लगे जिसके बाद हिंसा ने व्यापक रूप ले लिया । सरकार में शामिल लोगों की संपत्तियों पर पूरे देश में हमले होने लगे। विदेश मंत्री ने कहा कि खास तौर से चिंता की बात यह है कि अल्पसंख्यकों , उनके व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और मंदिरों पर भी कई जगह हमले हुए। इन हमलों का पूरा विवरण अभी स्पष्ट नहीं है।

जुलाई से जारी है हिंसा
जयशंकर ने कहा कि बंगलादेश में इस वर्ष जनवरी में हुए चुनाव के बाद से तनाव बढ गया था और वहां की राजनीति में ध्रुवीकरण और विभाजन गहरा होने लगा था। इस पृष्ठभूमि में जून में शुरू हुए विद्यार्थियों के आंदोलन ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। हिंसा की घटनाएं बढने लगी , सरकारी इमारतों पर हमले होने लगे , सड़क और रेल मार्गों पर बाधा पहुंचायी गयी। यह हिंसा जुलाई में भी जारी रही।

विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस अवधि में हमने बराबर संयम बरतने की सलाह दी और आग्रह किया कि स्थिति को बातचीत से सामान्य किया जाये। हमने विभिन्न राजनीतिक शक्तियों से भी इसी तरह का आग्रह किया जिनके साथ हमारा संपर्क था। विदेश मंत्री ने कहा कि 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बावजूद सार्वजनिक प्रदर्शनों में कोई कमी नहीं आयी। उसके बाद वहां की सरकार के फैसलों और कार्रवाईयों से स्थिति सुधरने के बजाय बिगड़ती गयी और आंदोलन ऐसे माेड पर पहुंच गया जहां केवल एक ही मांग रही गयी थी कि प्रधानमंत्री हसीना इस्तीफा दें। उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश के संबंध विभिन्न सरकारों के कार्यकाल में दशकों से असाधारण रूप से प्रगाढ़ रहे हैं। बांग्लादेश में हिंसा और अस्थिरता को लेकर भारत में सभी दलों की चिंता समान है।

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Tue, 06 Aug 2024 21:15:09 +0530 admin
बांग्लादेश में जगह&जगह बवाल… चीफ जस्टिस और क्रिकेट टीम के पूर्व कैप्टन के घर तोड़फोड़&आगजनी https://aaj24x7live.com/1399 https://aaj24x7live.com/1399 ढाका

शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद भी बांग्लादेश में हिंसा रुक नहीं रही है. अब उपद्रवी अल्पसंख्यक हिंदुओं, शेख हसीना और उनकी पार्टी आवामी लीग के समर्थकों और उनके प्रतिष्ठानों को निशाना बना रहे हैं. सोमवार को जेसोर में एक होटल में उपद्रवियों ने आग लगा दी, जिसमें आठ लोगों की जलकर मौत हो गई और 84 अन्य घायल हो गए.

जिस होटल में आगजनी हुई वह आवामी लीग के नेता शाहीन चकलादार का है. चकलादार जेसोर जिले के आवामी लीग महासचिव हैं. डिप्टी कमिश्नर अबरारुल इस्लाम ने आगजनी की खबर की पुष्टि की. मृतकों में से दो की पहचान 20 वर्षीय चयन और 19 वर्षीय सेजन हुसैन के रूप में हुई है. जशोर जनरल अस्पताल के एक कर्मचारी हारुन-या-रशीद ने बताया कि कम से कम 84 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जिनमें से अधिकांश छात्र हैं.

बांग्लादेश के 27 जिलों में हिंदुओं को बनाया निशाना

बांग्लादेश के प्रमुख अखबार डेली स्टार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं. कल कम से कम 27 जिलों में भीड़ द्वारा हिंदू घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमला किया गया, जबकि उनका कीमती सामान भी लूट लिया गया. उपद्रवियों ने लालमोनिरहाट के तेलीपारा गांव में पूजा उद्जापन परिषद के सचिव प्रदीप चंद्र रॉय के घर में तोड़फोड़ और लूटपाट की. उन्होंने थाना रोड पर जिले के पूजा उद्जापन परिषद के नगर पालिका सदस्य मुहिन रॉय की एक कंप्यूटर दुकान में भी तोड़फोड़ और लूटपाट की. इसके अलावा, जिले के कालीगंज उपजिला के चंद्रपुर गांव में चार हिंदू परिवारों के घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई.

उपद्रवियों का जेल पर धावा, 500 कैदियों को छुड़ाया

बांग्लादेश के शेरपुर जिला जेल में उपद्रवियों ने धावा बोल दिया और करीब 500 कैदियों को जेल से भगाने में मदद की. सोमवार को कर्फ्यू के बीच लाठी-डंडों और हथियारों से लैस स्थानीय भीड़ ने जुलूस निकाला. इस दौरान भीड़ ने शहर के दमदमा-कालीगंज इलाके में स्थित डिस्ट्रिक्ट जेल पर धावा बोल दिया. उपद्रवियों ने जेल का गेट तोड़ दिया और आग लगा दी.

उपद्रवियों ने क्रिकेटर मशरफे मुर्तजा का घर जलाया

उपद्रवियों ने अवामी लीग के सांसद काजी नबील के आवास पर भी तोड़फोड़ की और आग लगा दी. बांग्लादेश क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मशरफे मुर्तजा के घर को भी आग के हवाले कर दिया गया. बता दें कि मुर्तजा आवामी लीग के नेता हैं. उन्होंने जनवरी में हुए आम चुनावों में शेख हसीना की पार्टी से चुनाव लड़ा था और संसद सदस्य बने थे. राजधानी ढाका में विभिन्न स्थानों पर हजारों लोग प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे का जश्न मनाते देखे गए. जश्न के दौरान कुछ लोगों ने चित्तरमोर इलाके में जाबिर होटल में आग लगा दी और उसके फर्नीचर को तोड़-फोड़ दिया. इसके अतिरिक्त, जिला अवामी लीग कार्यालय और शरशा और बेनापोल क्षेत्रों में तीन और अवामी लीग नेताओं के घरों पर उपद्रवियों द्वारा हमला किया गया.

बांग्लादेश में 4 अगस्त को मारे गए थे 98 प्रदर्शनकारी

पुलिस ने 4 अगस्त को पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हजारों लोगों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया. इस बल प्रयोग में कम से कम 98 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए. 4 अगस्त की यह हिंसा बांग्लादेश में सिविल अनरेस्ट के हालिया इतिहास में सबसे घातक दिनों में से एक है. इससे पहले गत 19 जुलाई को 67 लोगों की मौत हो गई थी, जब छात्रों ने सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्टम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था.

उपद्रवियों ने बांग्लादेश के पीएम आवास में की लूटपाट

इससे पहले 5 अगस्त को बांग्लादेश में बिगड़ते हालातों के बीच शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ने पर मजबूर हुईं. फिलहाल सेना ने बांग्लादेश में शासन संभाला है और अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है. हसीना वायुसेना के विशेष विमान से भारत के हिंडन एयरबेस पहुंचीं. वह यहां एक सेफ हाउस में ठहरी हैं. हजारों उपद्रवियों की भीड़ ने 5 अगस्त को बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास 'गणभवन' पर धावा बोल दिया और जमकर लूटपाट की.

पीएम आवास में जो भी मिला, उपद्र​वी अपने साथ उठा ले गए. कुछ किचन में मौजूद चीजें खाते दिखे, कुछ बेडरूम में सोये देखे गए. यहां तक की शेख हसीना और उनकी बेटी के कपड़े समेत अन्य सामान भी उपद्रवी लूट ले गए. इंटरनेट पर वायरल वीडियो में लोगों को प्रधानमंत्री आवास से सोफा, बकरी, खरगोश, मछली, कुर्सियां इत्यादि ले जाते देखा गया. ऐसी ही कुछ स्थिति अफगानिस्तान में देखने को मिली थी, जब तालिबान ने सत्ता पर कब्जा किया था. श्रीलंका में भी एक साल पहले आंदोलनकारी राष्ट्रपति आवास में घुस गए थे.

विवादित कोटा सिस्टम के खिलाफ शुरू हुआ था प्रोटेस्ट

कोटा सिस्टम के खिलाफ हाई कोर्ट के आदेश के बाद पिछले महीने के अंत में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन तब नाटकीय रूप से बढ़ गया जब देश के सबसे बड़े ढाका विश्वविद्यालय में आंदोलनकारी छात्रों की पुलिस और सरकार समर्थक प्रदर्शनकारियों के साथ हिंसक झड़प हो गई. इन विरोध प्रदर्शनों की जड़ें उस विवादास्पद कोटा सिस्टम में निहित हैं, जो पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश के 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के सदस्यों के लिए 30 प्रतिशत तक सरकारी नौकरियों को आरक्षित करता है. हालांकि, आंदोलन के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में इस कोटा सिस्टम को खत्म करके 93 फीसदी भर्तियां मेरिट के आधार पर कर दीं और ​आरक्षण का दायरा सिर्फ 7 प्रतिशत तक सीमित कर दिया.

पीएम पद से इस्तीफा दिया और फिर हेलिकॉप्टर के जरिए भारत आ गईं। फिलहाल वह भारत में ही हैं और यहां से ब्रिटेन जाने की राह तक रही हैं। ब्रिटेन से राजनीतिक शरण की मंजूरी मिलने के बाद वह लंदन जाकर रहना चाहेंगी। इस तरह बांग्लादेश में मचे कोहराम से किसी तरह निकलकर शेख हसीना भारत आई हैं। इस बीच उनकी पार्टी अवामी लीग के नेताओं के घरों पर बांग्लादेश में हमले जारी हैं। हालात इतने विकट हैं कि ये नेता भागे-भागे घूम रहे हैं और जान बचाने के लिए भी लाले पड़ गए हैं।

अब इन नेताओं ने भी भारत से शरण देने की गुहार लगाई है। भारत ने 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा पर हाई अलर्ट कर दिया है और अतिरिक्त बल को तैनात किया है। इस बीच अवामी लीग के कई वरिष्ठ नेताओं, पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और अन्य लोगों ने अपील की है कि भारत उन्हें जमीनी मार्ग से ही सीमा के अंदर जाने की परमिशन दे। हालात इतने विकट हैं कि शेख हसीना की पार्टी के सांसद और पूर्व क्रिकेटर मशरफे मुर्तजा का घर उपद्रवियों ने फूंक दिया। इसके अलावा एक मेयर का घर भी फूंका गया, जिसमें तीन लोग तो अंदर ही जिंदा जल गए। इसके चलते शेख हसीना सरकार का हिस्सा रहे नेताओं में खौफ का आलम है। ये नेता अब भारत से ही शरण की गुहार लगा रहे हैं।
कई नेताओं के पास वीजा नहीं, पर चाहते हैं भारत में एंट्री

मुश्किल यह है कि इनमें से कई नेताओं के पास वीजा और पासपोर्ट भी नहीं हैं, जिनके जरिए वे दिल्ली आ सकें। भारत के अवामी लीग के नेताओं के साथ अच्छे रिश्ते रहे हैं। 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौर में भी भारत ने मदद की थी। उस आंदोलन का नेतृत्व शेख मुजीबुर रहमान ने किया था, जिन्हें बंगबंधु की उपाधि दी गई है। बांग्लादेशी नेताओं के सामने मुसीबत यह है कि ढाका का एयरपोर्ट बंद है और नियमित उड़ानें भी ठप हैं। ऐसे में इन लोगों के पास एक ही विकल्प है कि त्रिपुरा और बंगाल से लगती सीमाओं के जरिए भारत में एंट्री कर जाएं।

 

प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के सांसद मुर्तजा पर बांग्लादेश में कथित 'नरसंहार और छात्रों की सामूहिक गिरफ्तारी' पर उनकी चुप्पी के लिए अपना गुस्सा जाहिर किया है. घटना के बाद सामने आए विजुअल्स में प्रदर्शनकारियों द्वारा उनके घर में तोड़फोड़ और आगजनी देखी गई.

मुर्तजा ने अलग-अलग फॉर्मेट्स में 117 मैचों में बांग्लादेश की कप्तानी की, जो उनके देश के लिए सबसे ज्यादा है. अपने लंबे क्रिकेट करियर के दौरान, उन्होंने 36 टेस्ट, 220 वनडे और 54 टी20 मैचों में 390 शानदार प्रदर्शन किया और 2,955 रन बनाए. रिटायरमेंट के बाद, उन्होंने 2018 में अपनी सियासी पारी शुरू की और शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग में शामिल हो गए. उन्होंने नरैल -2 निर्वाचन क्षेत्र से सांसद के तौर पर फतह हासिल की.

चीफ जस्टिस के घर में लूटपाट

ढाका में बांग्लादेश के चीफ जस्टिस के घर में प्रदर्शनकारियों के द्वारा लूटपाट की गई. बांग्लादेश की पुलिस व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है, सड़कों पर कोई पुलिस नहीं है. यहां तक ​​कि बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड के जवानों को भी वापस बुला लिया गया है और वे ड्यूटी पर नहीं हैं. बांग्लादेश की सड़कों पर केवल सेना के जवान ही तैनात हैं, लेकिन उनकी तादाद कम है.

बंगबंधु भवन में तोड़फोड़ और आगजनी

बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान (Sheikh Mujibur Rahman) के आधिकारिक निवास 'बंगबंधु भवन' में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई. यह ढाका के धानमंडी में स्थित ऐतिहासिक इमारत है, जिसका इस्तेमाल शेख मुजीबुर रहमान ने अपने निजी निवास के रूप में किया था.

दरअसल, अगस्त 1975 में शेख मुजीब की हत्या इसी घर में उनके परिवार के सदस्यों के साथ की गई थी. इस दौरान उनकी बेटी शेख हसीना बच गई थीं क्योंकि वह इस वारदात के दौरान विदेश में थीं. यह इमारत एक राष्ट्रीय धरोहर स्थल है और इसे बंगबंधु स्मारक संग्रहालय में बदल दिया गया है.

 

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Tue, 06 Aug 2024 18:45:10 +0530 admin
सूडान में बारिश और बाढ़ के कारण 32 लोगों की मौत, 107 घायल https://aaj24x7live.com/1370 https://aaj24x7live.com/1370 खार्तूम
 सूडान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश के कई हिस्सों में हुई मूसलाधार बारिश और बाढ़ के कारण कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई और 107 अन्य घायल हो गए। अल-फादिल मोहम्मद महमूद ने  एक बयान में कहा, “बारिश और बाढ़ से सात राज्य प्रभावित हुए हैं और 5,575 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।” समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, उन्होंने बताया कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण डायरिया के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें से 102 मामले कसाला, चार खार्तूम में और गीजीरा राज्य में 16 मामले सामने आए हैं।

 
उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में स्वास्थ्य की स्थिति स्थिर है। मंत्रालय वर्षा ऋतु में होने वाली महामारियों से निपटने के लिए जरूरी उपाय अपनाने के प्रति चिंतित है। एक पूर्व रिपोर्ट में, सूडानी मौसम विज्ञान प्राधिकरण ने गश नदी के जलस्तर में वृद्धि की आशंका जताई थी, जो कि कसाला शहर से होकर बहती है। नागरिकों से सतर्क रहने और नदी के किनारों से दूर रहने का आग्रह किया गया है। सूडान में बाढ़ एक वार्षिक घटना है, जो आमतौर पर जून और अक्टूबर के बीच होती है। पिछले तीन वर्षों में भारी बारिश ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली है और कृषि भूमि का बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया है।

इस साल की बारिश के मौसम उन लोगों की कठिनाइयों को और बढ़ा दिया है जो सूडानी सशस्त्र बल (एसएएफ) और पैरामिलिटरी रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच चल रहे संघर्ष से प्रभावित हैं। सूडान में 15 अप्रैल 2023 से एसएएफ और आरएसएफ के बीच घातक संघर्ष चल रहा है, जिसके कारण कम से कम 16,650 लोगों ने जान गंवा दी है।

 

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Tue, 06 Aug 2024 14:45:10 +0530 admin
इस्‍माइल हानिया की हत्‍या के बाद शिया देश ईरान और इजरायल में युद्ध जैसे हालात हैं https://aaj24x7live.com/1342 https://aaj24x7live.com/1342 तेलअवीव
 हमास के राजनीत‍िक प्रमुख इस्‍माइल हानिया की हत्‍या के बाद शिया देश ईरान और इजरायल में युद्ध जैसे हालात हैं। अमेरिकी सूत्रों का कहना है कि ईरान अगले 3 दिनों में इजरायल पर भीषण हमला कर सकता है। इस हमले में लेबनान का हिज्‍बुल्‍ला और यमन के हूती व‍िद्रोही भी साथ दे सकते हैं। इन सबके बीच अमेरिका जॉर्डन, यूएई और सऊदी अरब जैसे सुन्‍नी मुस्लिम देशों से एक गठबंधन बना रहा है ताकि ईरान और उसके सहयोगी संगठनों के किसी भी हमले को विफल किया जा सके। हमास के 7 अक्‍टूबर के हमले से पहले इजरायल और सऊदी अरब के बीच रिश्‍तों को पहली बार सामान्‍य बनाने पर लगभग सहमति बन गई थी लेकिन अब यह खटाई में चली गई है। इजरायली मीडिया के मुताबिक अब नेतन्‍याहू ईरान तनाव को देखते हुए सऊदी अरब के साथ रिश्‍तों को सामान्‍य बनाने की प्रक्रिया को अमेरिका के चुनाव तक स्‍थगित करना चाहते हैं।

इजरायल के एन 12 टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली प्रधानमंत्री चाहते हैं कि नवंबर में अमेरिका के चुनाव परिणाम आने तक सऊदी अरब के साथ रिश्‍ते को सामान्‍य करने की प्रक्रिया को स्‍थगित कर दिया जाए। नेतन्‍याहू को डर सता रहा है कि ईरान के साथ युद्ध छिड़ सकता है और अमेरिका की सीनेट में सऊदी डील को मंजूरी मिलेगी या नहीं, यह कहना मुश्किल है। वहीं द वॉशिंगटन इंस्‍टीट्यूट के कार्यकारी डायरेक्‍टर रॉबर्ट स्‍टालओफ का कहना है कि वह इस रिपोर्ट में भरोसा नहीं करते हैं। उन्‍होंने कहा कि नेतन्‍याहू और बाइडन के बीच मुर्गा लड़ाई चल रही है।

बाइडन और नेतन्‍याहू में चल रही है टेंशन

रॉबर्ट ने कहा कि बाइडन और नेतन्‍याहू दोनों पुराने खिलाड़ी हैं। बाइडन ने यह बात लीक होने दी कि सऊदी अरब के साथ डील को अब किनारे कर दिया गया है क्‍योंकि उन्‍हें पता है कि नेतन्‍याहू ऐसा चाहते हैं। बाइडन ने नेतन्‍याहू पर दबाव बनाने के लिए यह किया। वहीं अब नेतन्‍याहू ने खुद ही सऊदी डील को किनारे करके बाइडन को संदेश दे दिया है कि उन्‍हें दबाया नहीं जा सकता है। नेतन्‍याहू का मुख्‍य लक्ष्‍य सऊदी अरब के साथ इजरायल के सामान्‍य रिश्‍ते था और सत्‍ता में आने के बाद उन्‍होंने पूरी ताकत लगा दी थी।

इससे पहले बाइडन और नेतन्‍याहू सऊदी अरब के साथ 3 हिस्‍सों वाले समझौते की ओर आगे बढ़ रहे थे जिसे हमास के हमले ने पटरी से उतार दिया। इसमें सऊदी अरब और अमेरिका के बीच सुरक्षा समझौता शामिल था। इसके अलावा इजरायल सऊदी अरब के बीच रिश्‍ते सामान्‍य बनाना और फलस्‍तीन देश के लिए रास्‍ता साफ करना था। बाइडन प्रशासन को यह भरोसा था कि गाजा में बंधक संकट को खत्‍म करने और सीजफायर डील से एक बार फिर से सऊदी अरब के साथ रिश्‍तों को सामान्‍य बनाने के डील को फिर से आगे बढ़ाया जा सकेगा।

ईरान के खिलाफ गठजोड़ बना रहे थे बाइडन

सऊदी अरब के साथ सुरक्षा समझौते को अमेरिका के सीनेट से मंजूरी मिलना जरूरी होगा लेकिन इसके लिए रिपब्लिकन पार्टी के सपोर्ट की जरूरत होगी। वहीं ऐसा माना जाता है कि एक सऊदी अमेरिकी सुरक्षा डील को डेमोक्रेट तब सपोर्ट नहीं करेंगे जब डोनाल्‍ड ट्रंप सत्‍ता में होंगे। वहीं इस डील को शिया देश ईरान के खिलाफ एक क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे के लिए आधार माना जा रहा था। इसमें सऊदी अरब और इजरायल दोनों को ही शामिल किया जाना था।

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Tue, 06 Aug 2024 09:45:12 +0530 admin
हिजबुल्लाह ने कहा& उत्तरी इजराइल पर ड्रोन के जरिए हमला किया, सुलगने लगी जंग की आग https://aaj24x7live.com/1314 https://aaj24x7live.com/1314 इजरायल
मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ने की खबर के बीच अब हिजबुल्लाह ने कहा है कि उसने सोमवार तड़के सुबह उत्तरी इजराइल पर ड्रोन के जरिए हमला किया है। इजराइली सेना ने कहा है कि इस हमले में दो इजराइली सैनिक घायल हो गए वहीं इलाके में आग भी लग गई है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब पिछले सप्ताह लेबनान में हिजबुल्लाह कमांडर और ईरान में हमास के लीडर की हत्या के बाद पूरे इलाके में तनाव बढ़ गया है और जंग की आशंका बढ़ गई है। ईरान समर्थित हिजबुल्लाह ने एक बयान में कहा है कि उसने दक्षिणी लेबनान के कई गांवों में इजराइल के हमलों और हत्याओं के जवाब में उत्तरी इजराइल में एक सैन्य ठिकाने को निशाना बनाया। इस से पहले हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह ने कसम खाई थी कि समूह इजरायल से बदला ले कर रहेगा।

इजरायली सेना ने कहा है कि ऊपरी गैलिली में ऐलेट हाशहर में हमले से लगी आग को बुझाने की कोशिश जारी है। गाजा में युद्ध के बीच पिछले 10 महीनों से इजरायल और हिजबुल्लाह लगभग रोजाना एक दूसरे पर हमले कर रहे हैं। हालांकि यह अब तक बड़े स्तर पर सामने नहीं आया था। पिछले सप्ताह ईरान की राजधानी तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानियेह और बेरूत में हिजबुल्लाह कमांडर शुकर की हत्या ने क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है।

वहीं लेबनान की सरकारी समाचार एजेंसी का कहना है कि यहां के एक गांव में कब्रिस्तान के पास इजरायली ड्रोन हमले में एक पैरामेडिक सहित दो लोग मारे गए हैं। एजेंसी ने मीसा अल-जबल गांव में सोमवार सुबह हुए हमले के बारे में जानकारी दी। मृतकों में से एक इस्लामिक रिसाला स्काउट एसोसिएशन पैरामेडिक समूह का सदस्य था। समूह ने मारे गए सदस्य की पहचान मोहम्मद फावजी हमादी के रूप में की है।

इस बीच इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कैबिनेट की बैठक में कहा है कि इज़राइल पहले से ही ईरान और उसके सहयोगियों के साथ जंग लड़ रहा है। वहीं अमेरिका अपने साथी इज़राइल को संभावित जवाबी हमले से बचाने की कोशिश कर रहा है। नेतन्याहू ने कहा कि इसराइल किसी भी स्थिति के लिए तैयार है। इजरायल ने कहा है कि वह ईरान और उसके सहयोगी मिलिशिया से जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है।

 

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Mon, 05 Aug 2024 20:45:20 +0530 admin
ढाका में मचा बवाल& हसीना के घर पर लाखों लोगों ने बोला धावा, आग के हवाले अवामी लीग का दफ्तर https://aaj24x7live.com/1313 https://aaj24x7live.com/1313 ढाका
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में बवाल मचा हुआ है। लाखों प्रदर्शनकारी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के आधिकारिक आवास में घुस गए और तोड़फोड़ की। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने बंगबंधु शेख मजीब की भी मूर्ति को तोड़ने की कोशिश की। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने सैन्य कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए ढाका में स्थित अवामी लीग के दफ्तर को आग के हवाले कर दिया है।

शेख हसीना ने दिया पीएम पद से इस्तीफा
बांग्लादेश में हालात बेकाबू होने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया है। अब अंतरिम सरकार बांग्लादेश का कार्यभार संभालेगी। बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने सोमवार को यहां यह घोषणा की। हसीना के देश छोड़कर चले जाने की खबरों के बीच उन्होंने टेलीविजन पर दिए गए अपने संबोधन में कहा, “मैं (देश की) सारी जिम्मेदारी ले रहा हूं। कृपया सहयोग करें।” ऐसी अपुष्ट खबरें है कि वह (हसीना) भारत के किसी शहर के लिये रवाना हो गई हैं।

बांग्लादेश की सत्ता पर सेना का हुआ राज
सेना प्रमुख ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक नेताओं से मुलाकात की और उन्हें बताया कि सेना कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगी। देश भर में विरोध प्रदर्शनों के बीच जनरल ने कहा कि उन्होंने सेना और पुलिस दोनों से गोली न चलाने को कहा है। पिछले दो दिनों में शेख हसीना सरकार के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। देश में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को लेकर उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसके तहत 1971 के मुक्ति संग्राम में लड़ने वालों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित हैं। जमां ने प्रदर्शनकारियों से संयम बरतने और हिंसा बंद करने का आग्रह किया।

भारत है सतर्क
भारत की सुरक्षा की दृष्टि से बांग्लादेश के मौजूदा हालातो पर केंद्रीय गृह मंत्रालय बारीकी से नजर रख रहा है। बीएसएफ के कार्यवाहक महानिदेशक दलजीत चौधरी सुरक्षा की समीक्षा करने के लिए मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोलकाता पहुंच गए हैं। एक अधिकारी के अनुसार, बीएसएफ जवानों को बांग्लादेश से भारत में व्यक्तियों के अनधिकृत प्रवेश पर कड़ी नजर रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि तस्कर और आतंकवादी अपनी नापाक गतिविधियों के लिए स्थिति का फायदा न उठा सकें।

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Mon, 05 Aug 2024 20:45:10 +0530 admin
बांग्लादेश में पुलिस को हटाकर पूरे देश में सेना की तैनाती, हिंसा में अब तक 19 पुलिसकर्मियों की मौत https://aaj24x7live.com/1296 https://aaj24x7live.com/1296 ढाका

पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश हिंसा की आग में सुलग रहा है. आरक्षण के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन अब प्रधानमंत्री शेख हसीना की कुर्सी के लिए खतरा बनता जा रहा है. इस बीच राजधानी ढाका सहित देशभर में सेना तैनात कर दी गई है. सड़कों से पुलिस को हटा दिया गया है. सत्तारूढ़ अवामी लीग और मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी के शीर्ष नेतृत्व के बीच सेना हेडक्वार्टर में बड़ी बैठक हो रही है.

बांग्लादेश में लगातार खराब हो रहे हालातों के बीच सेना चीफ जनरल वकार-उज-जमान देश को संबोधित कर सकते हैं. देशव्यापी कर्फ्यू को दरकिनार कर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी लॉन्ग मार्च के लिए ढाका के शाहबाग चौराहे पर इकट्ठा हुए. इससे पहले रविवार को हुई हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई. इनमें 19 पुलिसकर्मी शामिल हैं.

बांग्लादेश के हालात ठीक वैसे ही बनते जा रहे हैं, जैसे कुछ समय पहले पाकिस्तान के थे. पाकिस्तान की तरह ही अंदरूनी कलह से जूझ रहे बांग्लादेश में लॉन्ग मार्च का आह्वान किया. छात्र नेताओं ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर सविनय अवज्ञा आंदोलन की घोषणा की है.

बांग्लादेश में कर्फ्यू लागू, 3500 से ज्यादा कपड़ा फैक्ट्रियां बंद

सरकार ने हिंसा पर काबू पाने के लिए देशभर में कर्फ्यू लगा दिया है। 3 दिनों की छुट्टियां कर दी गई हैं।ट्रेनें अगले आदेश तक रोक दी गई हैं। 3500 से ज्यादा कपड़ा फैक्ट्रियों में भी ताला लग गया है।

कोर्ट भी बंद कर दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि बंदी के दौरान बहुत जरूरी मामलों में ही सुनवाई की जाएगी। इसके लिए चीफ जस्टिस इमरजेंसी बेंच का गठन करेंगे।

सोमवार सुबह 11 बजे देश में इंटरनेट पूरी तरह बंद कर दिया गया था, लेकिन 3 घंटे बाद इसे फिर से चालू कर दिया गया।

बांग्लादेशी अखबार प्रोथोम अलो की मुताबिक मार्च टु ढाका में करीब 4 लाख लोग शामिल हैं। कई जगहों पर पुलिस के साथ उनकी झड़पें हुई हैं। इसमें 6 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने तंगेल और ढाका में अहम हाइवे पर कब्जा कर लिया है।

इससे पहले रविवार को 98 लोगों की मौत हुई थी। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक बीते तीन हफ्तों में यहां हिंसा में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

छात्रों का ढाका तक लॉन्ग मार्च क्यों?

बांग्लादेश में छात्र प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए देशव्यापी कर्फ्यू को धता बताते हुए सोमवार को राजधानी ढाका तक लॉन्ग मार्च के लिए जुटे हैं. एंटी डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट ने सोमवार को एक दिन के लॉन्ग मार्च का आह्वान किया था. इस लॉन्ग मार्च के मद्देनजर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी और बख्तरबंद गाड़ियों को सड़कों पर गश्ती करते देखा जा सकता है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस प्रोटेस्ट के समन्वयक आसिफ महमूद ने कहा कि इस सरकार ने कई छात्रों का कत्ल किया है. अब समय आ गया है कि सरकार को अपने कर्मों का हिसाब देना होगा. सोमवार को हर छात्र ढाका का रुक कर रहा है.

एक अन्य छात्र एम. जुबैर ने कहा कि हमें कोई भी मार्च करने से नहीं रोक सकता. अगर हमारा उनसे सामना होगा, तो बांग्लादेश को आजाद कराएंगे. मैं सेना के अपने भाइयों से कहना चाहता हूं कि तानाशाहों का साथ नहीं दें. या तो आप लोगों का साथ दें या फिर निष्पक्ष रहें.

इसके साथ ही सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम भी दिया गया है कि सरकार इस तय अवधि के भीतर बंद की गई सभी यूनिवर्सिटीज को दोबारा खोल दे.

क्या स्टूडेंट प्रोटेस्ट हुआ हाईजैक?

बांग्लादेश के इस प्रोटेस्ट में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है. आरक्षण के विरोध में शुरू हुआ ये प्रदर्शन अब पूरी तरह से हिंसा में तब्दील हो चुका है. रविवार को हुई हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई है. सड़कों पर उत्पात मचा रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने बल का प्रयोग किया. इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया. अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू किया गया है.

लेकिन इस बीच शेख हसीना सरकार के नेताओं ने दावा किया है कि स्टूडेंट्स के इस प्रोटेस्ट को कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी संगठन और पूर्व प्रधानमंत्री खालिद जिया की पार्टी बीएनपी की स्टूडेंट इकाई बांग्लादेश इस्लामी छात्र शिबिर ने किया है.

दरअसल शेख हसीना सरकार ने हाल ही में जमात-ए-इस्लामी, इसकी छात्र शाखा और इससे जुड़े अन्य संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया था. यह कदम बांग्लादेश में कई सप्ताह तक चले हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद उठाया गया था. कहा जा रहा है कि सरकार की इस कार्रवाई के बाद ये संगठन शेख हसीना सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. ऐसे में शेख हसीना सरकार को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

शेख हसीना के खिलाफ सड़कों पर उतरे हुजूम को रोकने के लिए सरकार ने देशभर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है. इस कर्फ्यू की वजह से अवामी लीग का सोमवार को तय शोक जुलूस रद्द कर दिया गया है. भारत ने बांग्लादेश में जारी हिंसा के कारण अपने सभी नागरिकों को अगली सूचना तक पड़ोसी देश की यात्रा नहीं करने की सलाह दी है.

एक ही थाने के 13 पुलिसकर्मियों को मारा गया

सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग को लेकर लंबे समय से चल रहा छात्रों का प्रदर्शन रविवार को उग्र हो गया था. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अब उनकी एक ही मांग है पीएम शेख हसीना का इस्तीफा. बांग्लादेश के प्रमुख अखबार प्रोथोम अलो ने बताया कि देशभर में झड़पों, गोलीबारी और जवाबी कार्रवाई में कम से कम 100 लोग मारे गए हैं. पुलिस मुख्यालय के मुताबिक देशभर में 14 पुलिसकर्मी मारे गए हैं. इनमें से 13 एक ही थाने सिराजगंज के इनायतपुर में मारे गए हैं. वहीं, करीब 300 पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं.

जानें क्यों भड़की है हिंसा

बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे को लेकर कई बार हिंसा भड़की थी. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि 1971 के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियों को आरक्षित करने वाली कोटा प्रणाली को समाप्त किया जाए. पहले जब हिंसा भड़की थी तब कोर्ट ने कोटे की सीमा को घटा दिया था. लेकिन हिंसा नहीं थमी और अब प्रदर्शनकारी शेख हसीना का इस्तीफा मांग रहे हैं. अब तक 11,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

अधिकारियों ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशनों, सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालयों और उनके नेताओं के आवासों पर हमला किया और कई वाहनों को जला दिया. सरकार ने मेटा प्लेटफॉर्म फेसबुक, मैसेंजर, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम को बंद करने का आदेश दिया.

इससे पहले जुलाई में भी स्टूडेंट प्रोटेस्ट के दौरान हिंसा हुई थी. उस समय ढाका के मुंशीगंज जिले के एक पुलिसकर्मी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि पूरा शहर युद्ध के मैदान में बदल गया है.

शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों को लेकर क्या कहा?

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रदर्शनकारी छात्रों को आतंकवादी करार दिया है. उन्होंने चार जुलाई को नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक में प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए थे. इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री के प्रेस विंग की तरफ से बयान जारी कर सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान आतंकी हमले की आशंका जाहिर की गई थी.

इन प्रोटेस्ट पर शेख हसीना सरकार ने बयान जारी कर कहा कि देश में अलग-अलग जगह आतंकी हमले हो रहे हैं. हमलावरों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे. इसके मद्देनजर देशभर में सोमवार से तीन दिन के सार्वजनिक अवकाश का ऐलान किया गया.

 

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Mon, 05 Aug 2024 19:45:08 +0530 admin
ईरान इजरायल के खिलाफ न करे कोई हिमाकत, US ने उतारे क्रूजर, डिस्ट्रॉयर और फाइटर स्क्वाड्रन https://aaj24x7live.com/1271 https://aaj24x7live.com/1271 वाशिंगटन

हमास नेता इस्माइल हानिया की तेहरान में हत्या के बाद ईरान ने इजरायल को अंजाम भुगतने की धमकी दी है. ईरान और उसके समर्थन वाले हिजबुल्लाह और हूती जैसे सशस्त्र मिलिशिया समूहों से इजरायल को संभावित खतरों के जवाब में संयुक्त राज्य अमेरिका पश्चिम एशिया में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है. पेंटागन (अमेरिकी रक्षा विभाग) ने इजरायल पर ईरान के संभावित जवाबी हमलों के खिलाफ एहतियात के तौर पर क्षेत्र में एक कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (विमान वाहक पोत), एक फाइटर जेट स्क्वाड्रन, क्रूजर, डिस्ट्रॉयर समेत अतिरिक्त युद्धपोतों की तैनाती की है.

गाजा युद्ध की शुरुआत के बाद से मध्य पूर्व में अमेरिका की यह सबसे बड़ी सैन्य लामबंदी है. पेंटागन ने शुरू में क्षेत्रीय आतंकवादी समूहों की निगरानी और उनके हमलों का जवाब देने के लिए दो कैरियर स्ट्राइक ग्रुप तैनात किए थे. अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशन कोऑर्डिनेटर जॉन किर्बी ने तैयारियों की आवश्यकता पर जोर देते हुए सीएनएन से कहा, 'हम सिर्फ यह मानकर नहीं चल सकते कि हम भी संभावित रूप से उस तरह के हमले का शिकार हो सकते हैं, इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमने क्षेत्र में सही संसाधनों की तैनाती की है और जरूरी क्षमताएं हासिल की हैं.'

अलर्ट पर अमेरिकी मिसाइल डिफेंस फोर्स

कैरियर स्ट्राइक ग्रुप और फाइटर स्क्वाड्रन के अलावा, अमेरिका ने मध्य पूर्व और भूमध्य सागर में बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम से लैस डिस्ट्रॉयर और क्रूजर भेजे हैं. इसमें शामिल युद्धपोतों के बारे में खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन दो अमेरिकी डिस्ट्रॉयर इस साल अप्रैल में इजरायल के खिलाफ ईरानी मिसाइल हमले को रोकने में शामिल रहे थे. पेंटागन ने आश्वासन दिया कि मिसाइल डिफेंस फोर्स को अलर्ट पर रखा गया है. यह फैसला इजरायल की रक्षा के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता को दिखाता है. पेंटागन की प्रवक्ता सबरीना सिंह ने कूटनीतिक समाधान और युद्धविराम वार्ता के महत्व पर जोर देते हुए संघर्ष की स्थिति से बचने की अमेरिकी इच्छा दोहराई.

इस्माइल हानिया की हत्या से बढ़ा तनाव

सबरीना सिंह ने कहा, 'डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन ने इजरायल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रणनीति में बदलाव का आदेश दिया है. मध्य पूर्व में कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की उपस्थिति बनाए रखने के लिए, उन्होंने वर्तमान में सेंट्रेल कमांड एरिया में तैनात यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की जगह यूएसएस अब्राहम लिंकन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की तैनाती का निर्देश दिया है.' गाजा और लेबनान-इजरायल सीमा पर चल रहे संघर्ष के बीच, हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हानिया और हिजबुल्लाह के शीर्ष कमांडर फउद शुकर की हत्या के बाद इजरायल और ईरान के बीच तनाव बरकरार है.

ईरान ने इजरायल को दी बदले की धमकी

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है और इजरायल को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है. ईरानी हमले की आशंका के बीच अमेरिकी सेना स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है. इस बीच, इजरायल ने गाजा में अपना सैन्य अभियान जारी रखा है. इस्माइल हनिया का अंतिम संस्कार कतर के दोहा में हुआ, जनाजे में हजारों लोग शामिल हुए. हमास नेता की हत्या ने इस क्षेत्र में अस्थिरता को बढ़ा दिया है. कई देशों ने अपने नागरिकों को ईरान, इजरायल और लेबनान छोड़ने के लिए कहा है. भारत ने अपने नागरिकों को लेबनान की यात्रा न करने की सख्त सलाह दी है. इंडियन एयरलाइंस ने तेल अवीव के लिए अपनी उड़ानें 8 अगस्त 2024 तक निलंबित कर दी हैं.

 

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Mon, 05 Aug 2024 16:45:13 +0530 admin
बांग्लादेश में सरकार का तख्ता पलट, अब सेना संभालेगी कमान, PM पद से दिया इस्तीफा https://aaj24x7live.com/1270 https://aaj24x7live.com/1270 बांग्लादेश
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के भारी हिंसा और बवाल के बीच देश छोड़ने की खबरें हैं। बांग्लादेश के एक अखबार की रिपोर्ट है कि शेख हसीना मिलिट्री के हेलिकॉप्टर में सवार होकर भारत निकली हैं। वह भारत में शरण ले सकती हैं। शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है और अब कमान सेना ने संभाल ली है। शेख हसीना ने अपना सरकारी आवास छोड़ दिया है। वह अपनी बहन के साथ बाहर निकली हैं। बांग्लादेश के कानून मंत्री अनीसुल हक ने कहा, 'आप देखिए, क्या स्थिति बनती है। अभी हालात बेहद खराब हैं। मुझे भी नहीं पता कि क्या होगा।'

बांग्लादेश में हालात इतने बिगड़ गए हैं कि उपद्रवियों ने उनके आवास पर कब्जा जमा लिया है। भारी तोड़फोड़ की गई है। कुछ रिपोर्ट्स में उनके भारत निकलने की बात कही गई है तो वहीं उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि पीएम के बारे में कोई खबर नहीं है। स्थानीय अखबार प्रथमो डेली ने लिखा है कि शेख हसीना अपनी छोटी बहन रेहाना के साथ एक चौपर से निकली हैं। वह भारत में किसी स्थान पर शरण लेने वाली हैं। आज ही दोपहर 3 बजे उन्होंने अपना घर छोड़ा है। डेली स्टार ने भी ऐसी ही रिपोर्ट दी है। इस बीच प्रदर्शनकारी हजारों छात्रों ने ढाका मार्च निकाला है। अब ये लोग राजधानी पहुंच रहे हैं। वहीं बड़ी संख्या में पहले ही ढाका में लोग जुटे हैं।

आर्मी चीफ ने उपद्रव के लिए पाक एजेंसी ISI पर फोड़ा ठीकरा
बांग्लादेशी सेना के जनरल वकार-उज-जमां ने टेलीविजन पर दिए अपने संबोधन में पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई को इस हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है। बांग्लादेश में यह पूरा विवाद 1971 के स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लेने वाले लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरियों और दाखिलों में आरक्षण के विरोध से शुरू हुआ था। अब तक इस हिंसा में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। शेख हसीना सरकार ने आंदोलन को कुचलने के लिए सेना को ही उतार दिया था, जिससे विवाद और बढ़ गया। हसीना को भारत समर्थक माना जाता है।

सेना करने जा रही अंतिम सरकार का गठन
सेना के मुखिया वकार-उज-जमां ने कहा कि सत्ता का हस्तांतरण चल रहा है। एक अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा। सभी हत्याओं की जांच की जाएगी। सेना पर जनता को भरोसा रखना होगा। इसके साथ ही उन्होंने जनता से शांति की अपील भी की। उन्होंने जनता से अपील की, 'आप हम लोगों पर भरोसा करें। साथ मिलकर काम करेंगे। कृपया मदद करें। हमें लड़ने से कुछ भी फायदा नहीं होगा। संघर्ष को टालिए। हम मिलकर एक सुंदर देश बनाएंगे।'

 

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Mon, 05 Aug 2024 16:45:05 +0530 admin
बांग्लादेश हिंसा में 101 लोगों की मौत,भारत ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर https://aaj24x7live.com/1262 https://aaj24x7live.com/1262  ढाका
 बांग्लादेश में भड़की अभूतपूर्व हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 101 हो गई है। आरक्षण सुधार की मांग से शुरू हुआ आंदोलन सरकार बदलने के आंदोलन के रूप में तब्दील हो गया है।

सरकार के इस्तीफे की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों और सरकार समर्थक लोगों के बीच भीषण झड़पें हुईं। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के बातचीत के न्योते को भी ठुकरा दिया है।

दोनों गुटों के बीच टकराव में अब तक 101 लोगों की जान चली गई है और सैकड़ों अन्‍य घायल हुए हैं। मारे गए लोगों में ज्‍यादातर पुलिसकर्मी हैं, जिन पर प्रदर्शनकारियों का गुस्‍सा फूट रहा है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थानों, पुलिस चौकियों, सत्तारूढ़ पार्टी के दफ्तरों और उनके नेताओं के आवास पर हमला किया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।

प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने रविवार शाम छह बजे से देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है। साथ ही सरकारी एजेंसियों ने सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक', ‘मैसेंजर', ‘व्हॉट्सऐप' और ‘इंस्टाग्राम' को बंद करने का आदेश दिया है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सोमवार, मंगलवार और बुधवार को तीन दिवसीय सामान्य अवकाश घोषित किया गया है।

अब तक 100 से ज्यादा की मौत

बता दें कि रविवार को राजधानी ढाका समेत बांग्लादेश के कई शहरों में एक बार फिर हिंसा भड़क गई। हिंसा के चलते अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। सैकड़ों लोग घायल हो गए। रविवार को छात्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प की। राजधानी ढाका समेत कई शहरों में आगजनी और तोड़फोड़ जैसी घटनाएं सामने आई हैं।

पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग

विरोध प्रदर्शन में शामिल सभी छात्रों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की है। पुलिस ने हजारों प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और स्टन ग्रेनेड का भी इस्तेमाल किया है।
15 साल से सरकार में हैं शेख हसीना

पीएम शेख हसीना के लिए विरोध प्रदर्शन एक बड़ी चुनौती बन गया है। शेख हसीना जनवरी में लगातार चौथी बार सत्ता में लौटीं हैं। बांग्लादेश में 15 साल से ज्यादा समय तक शासन कर रही हैं। ऐसे में हसीना की सरकार गिरने के संकेत भी नजर आ रहे हैं। सभी प्रदर्शनकारियों की एक ही मांग पर अड़े हैं शेख हसीना पीएम पद से इस्तीफा दें।

नौकरियों में आरक्षण का विरोध

बांग्लादेश में छात्र संगठन सरकारी नौकरियों में आरक्षण का विरोध कर रहे हैं। यहां के लोग सरकारी नौकरियों में कोटा समाप्त करने की मांग को लेकर पिछले महीने से आंदोलन कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में छात्र शामिल हैं। छात्रों के प्रदर्शन ने अब हिंसा का रूप ले लिया है।

कुछ दिन पहले ही पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों में 200 से अधिक लोग मारे गए थे। छात्र विवादास्पद कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग कर रहे थे। यह प्रणाली 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले दिग्गजों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देती है।

भारत ने बांग्लादेश में अपने नागरिकों को "अत्यधिक सावधानी" बरतने और अपनी गतिविधियों को सीमित करने की सलाह दी है।

सहायक उच्चायोग, सिलहट ने कहा है कि छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे इस कार्यालय के संपर्क में रहें। आपात स्थिति में, +88-01313076402 पर संपर्क करें।

इस बीच, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि विरोध के नाम पर बांग्लादेश में तोड़फोड़ करने वाले लोग छात्र, नहीं बल्कि आतंकवादी हैं और उन्होंने जनता से ऐसे लोगों से सख्ती से निपटने को कहा है।

हसीना ने गणभवन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक बुलाई। बैठक में सेना, नौसेना, वायुसेना, पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी), बांग्लादेश सीमा गार्ड (बीजीबी) के प्रमुखों और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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Mon, 05 Aug 2024 14:45:10 +0530 admin
अमेरिका, इजरायली अधिकारियों को आशंका है कि ईरान आज हमला करेगा https://aaj24x7live.com/1238 https://aaj24x7live.com/1238 वाशिंगटन
अमेरिकी और इजरायली अधिकारियों को उम्मीद है कि संघर्ष बढ़ने के बीच ईरान सोमवार को इजरायली क्षेत्र पर हमला करेगा। ‘एक्सियोस पोर्टल’ ने तीन स्रोतों का हवाला देते हुए यह रिपोर्ट दी।

प्रकाशन में कहा गया है कि अमेरिकी अधिकारियों को उम्मीद है कि ईरानी प्रतिशोध अप्रैल के मध्य में इज़राइल पर हमले के समान होगा, लेकिन संभावित रूप से इसका दायरा बड़ा होगा, क्योंकि इसमें लेबनानी आंदोलन हिजबुल्लाह भी शामिल हो सकता है।
फिलिस्तीनी आंदोलन हमास ने बुधवार को अपने राजनीतिक नेता, इस्माइल हानिया की तेहरान में उनके आवास पर एक इजरायली हमले के परिणामस्वरूप मौत की सूचना दी, जहां वह नए ईरानी राष्ट्रपति के उद्घाटन में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। आंदोलन ने हानिया की मौत के लिए इज़रायल और अमेरिका को दोषी ठहराया और कहा कि हमला अनुत्तरित नहीं रहेगा।

पेंटागन प्रमुख लॉयड ऑस्टिन ने दावा किया कि उन्हें हानिया की मौत और इज़रायल की कथित संलिप्तता के बारे में कुछ नहीं कहना है। बदले में इज़रायली सैन्य अधिकारियों ने कहा कि वे हानिया की हत्या के बारे में “मीडिया रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं”। जेरूसलम पोस्ट ने बताया कि इजरायली अधिकारियों ने मंत्रियों को हमास नेता की हत्या के बारे में नहीं बोलने का निर्देश दिया था।

बड़े पैमाने पर युद्ध की आशंका और दुनिया के अन्य देशों की बढ़ती टेंशन के बीच 10 प्वाइंट्स में समझिए हालिया घटनाक्रमों को, जिससे हालात नाजुक मोड़ पर पहुंच गए हैं।

1. इजरायल-हमास के बीच महीनों से जारी जंग के बीच लेबनान के सशस्त्र समूह हिजबूल्लाह ने भी इजरायल पर हमले शुरू किए थे। हालात तब और भी बिगड़ने शुरू हुए, जब इजरायल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स में हिजबुल्लाह ने विनाशकारी रॉकेट दागे।

2. इजरायल ने हमले को लेकर कहा था कि गोलान हाइट्स में रॉकेट हमले के लिए हिजबुल्लाह कमांडर फुआद शुक्र जिम्मेदार था, जिसमें उसके 12 नागरिकों की मौत हो गई थी। इजरायल ने कहा था कि गाजा के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से फुआद ने इजराइल पर हिजबुल्लाह के हमलों का नेतृत्व किया था।

3. इसके बाद मंगलवार को इजरायल के जवाबी हमले में हिजबुल्लाह कमांडर फुआद शुक्र की मौत हो गई थी। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार हमले में पांच नागरिकों की मौत हो गई थी, जिसमें तीन महिलाएं और दो बच्चे शामिल थे।

4. इधर, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के अनुसार फुआद शुक्र की हत्या के कुछ घंटों बाद बुधवार को ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के राजनीतिक नेता, इस्माइल हानिया की उसके आवास पर सुबह-सुबह एक मिसाइल हमले से हत्या कर दी गई थी। हमले को लेकर इजरायल ने टिप्पणी से इनकार कर दिया था। वहीं ईरान ने हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराते हुए बदला लेने की कसम खाई थी।

5. एजेंसी एएफपी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार बढ़ते तनाव के बीच शनिवार को ईरान के मिशन ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि उसे उम्मीद है कि हिजबुल्लाह इजरायल के अंदर तक हमला करेगा और इजरायल द्वारा हिजबुल्लाह कमांडर को मारने के बाद अब हमले सैन्य लक्ष्यों तक सीमित नहीं रहेंगे। ईरान ने कहा कि हिजबुल्लाह और इजरायली सेना के बीच लगभग रोजाना गोलीबारी हो रही है।

6. संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने कहा कि दक्षिण बेरूत के एक भीड़भाड़ वाले आवासीय क्षेत्र में इजरायल द्वारा किए गए हमले ने हालात बदल दिए हैं। समाचार एजेंसी आईआरएनए के अनुसार मिशन ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि हिज़्बुल्लाह अपनी प्रतिक्रिया में बड़ा लक्ष्य चुनेगा और हमला करेगा।

7. ईरान के मिशन ने कहा, 'हिजबुल्लाह और इजरायल ने कुछ निश्चित सीमाओं का पालन किया था, जिसमें सीमावर्ती क्षेत्रों और सैन्य लक्ष्यों पर हमले सीमित करना शामिल था, लेकिन बेरूत हमले ने उस रेखा को पार कर लिया है।

8. इधर, इजरायल-ईरान युद्ध की बढ़ती आशंका के बीच अमेरिका ने सतर्कता बढ़ा दी है। एएफपी के अनुसार पेंटागन ने कहा है कि अमेरिका मध्य पूर्व में अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ाएगा। ईरान या उसके प्रतिनिधियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए क्षेत्र में अतिरिक्त युद्धपोत और लड़ाकू जेट तैनात करेगा।

9. यमन के ईरान समर्थित हूथी विद्रोहियों के नेता ने भी इस्माइल हानिया की हत्या पर सैन्य प्रतिक्रिया की कसम खाई है। एएफपी के अनुसार अब्दुल मलिक अल-हुथी ने एक टेलीविजन भाषण में कहा कि इन अपराधों पर सैन्य प्रतिक्रिया होनी चाहिए।

10. क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बाद भारत भी सतर्क हो गया है और इजरायल में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है, जिसमें नागरिकों से सतर्क रहने और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए कहा गया है। इससे पहले लेबनान के बेरूत स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों को अगली सूचना तक लेबनान की यात्रा न करने की सख्त सलाह दी है और उन्हें लेबनान छोड़ने के लिए भी कहा है।

 

 

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Mon, 05 Aug 2024 10:45:10 +0530 admin
जल रहा ब्रिटेन, मुस्लिम और अवैध प्रवासियों के खिलाफ भड़की हिंसा https://aaj24x7live.com/1221 https://aaj24x7live.com/1221 लंदन
 उत्तर-पश्चिमी इंग्लैंड में चाकू से हुए हमले में तीन लड़कियों की मौत हो गई थी। इसके बाद यूके में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। आने वाले दिनों में और भी प्रदर्शन की उम्मीद है। धुर दक्षिणपंथियों की ओर से प्रदर्शन तेज हो गया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प देखी गई। शनिवार को दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया गया। हिंसक भीड़ और जलती हुई दुकानों की तस्वीरें अब पूरी दुनिया में शेयर की जा रही है। साउथपोर्ट में टेलर स्विफ्ट-थीम वाली योग क्लास के दौरान चाकूबाजी की घटना के बाद तीन बच्चियों की मौत हो गई। इस घटना के बाद सभी शहरों में तनाव बढ़ गया है। इस पूरे बवाल का कारण आरोपी से जुड़ी एक खबर है। सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि साउथपोर्ट का हमलावर एक अप्रवासी मुस्लिम था जो अवैध रूप से ब्रिटेन में आया था। इसके बाद अप्रवासियों के खिलाफ विरोध की लहर देखी गई।

कार्डिफ में जन्मे 17 साल के एक्सल रुदाकुबाना पर हत्या और हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया है। आम तौर बार बालिग आरोपी का ही नाम पब्लिक किया जाता है। इस सप्ताह इंग्लैंड के अलग-अलग इलाकों में विरोध प्रदर्शन से निपटने के लिए दंगा पुलिस को स्टैंडबाय पर रखा गया है। वहीं धार्मिक नेताओं ने साउथपोर्ट की हत्या के बाद नफरत फैलाने के प्रयासों की निंदा करते हुए इसे शर्मनाक बताया। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा की संभावित चेतावनी के बीच किसी भी प्रदर्शन में शांति का आह्वान करने वालों में मुस्लिम, यहूदी, हिंदू और ईसाई धर्मगुरु शामिल थे।

बॉर्डर बंद करने को लेकर प्रदर्शन

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इस अशांति पर चर्चा करने के लिए शनिवार को अपने कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्रियों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सड़कों पर चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस को पूरा समर्थन है। मैनचेस्टर, बेलफ़ास्ट, लिवरपूल और अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शन हुआ। सोशल मीडिया पर शनिवार को आए वीडियो में आप्रवासी-विरोधी प्रदर्शनकारियों की भीड़ लिवरपूल की नदी के किनारे इकट्ठा होकर 'नावों को रोको' जैसे नारे लगाते हुए दिखे। दरअसल अफ्रीका और खाड़ी के अन्य देशों से भाग कर लोग यूरोप पहुंच रहे हैं। यह समुद्री रास्तों से नावों में बैठ कर आते हैं। पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में अप्रवासी आए हैं।

ब्रिटेन में मुस्लिम निशाने पर

धुर दक्षिणपंथियों की ओर से किए गए प्रदर्शन के खिलाफ भी प्रदर्शन हो रहा है। स्वीडिश पत्रकार पीटर स्वीडन ने एक वीडियो शेयर कर दावा किया कि बॉर्डर बंद करने की मांग के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। उन्होंने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, 'खुली सीमा विरोधी प्रदर्शनों के जवाब में नकाबपोश लोगों के बड़े सशस्त्र गिरोह ब्रिटेन की सड़कों पर 'अल्लाह हू अकबर' चिल्लाते हुए घूम रहे हैं।' ब्रिटेन के मैनचेस्टर में प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने हमारे बच्चों को बचाओ जैसे नारे लिखी तख्तियां लेकर मार्च किया। उनके प्रदर्शन के खिलाफ एक गुट ने प्रदर्शन किया जिनके हाथों में नारे लिखे थे, 'फासीवाद और नस्लवाद को न कहो।'

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Sun, 04 Aug 2024 22:45:07 +0530 admin
रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेनी सेना को बड़ी कामयाबी हासिल, काला सागर में डुबो दी पुतिन की पनडुब्बी https://aaj24x7live.com/1215 https://aaj24x7live.com/1215 कीव
 रूस यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन की सेना को बड़ा झटका लगा है। यूक्रेनी सेना ने ऐसा दावा किया है, जो इस युद्ध में रूस के लिए सबसे बड़े झटके में से एक माना जा सकता है। यूक्रेन की सेना का दावा है कि उसने क्रीमिया के एक बंदरहार पर एक रूसी पनडुब्बी को डुबो दिया है। यूक्रेनी सेना के जनरल स्टाफ ने शनिवार को एक बयान में कहा कि पनडुब्बी रोस्तोव-ऑन-डॉन पर शुक्रवार को सेवस्तोपोल बंदरगाह पर हमला बोला गया। उन्होंने इससे जुड़ा कोई सबूत नहीं दिया। लेकिन कहा कि पनडुब्बी तुरंत डूब गई। यूक्रेन का दावा है कि इस युद्ध में रूस के काला सागर बेड़े का एक तिहाई हिस्सा खत्म हो चुका है। अगर यह बात सच साबित होती है तो यह रूस के लिए यूक्रेन की तरफ से एक नया झटका होगा।

फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कथित हमले पर कोई भी बयान नहीं दिया है। यूक्रेनी सेना ने कहा, 'रोस्तोव-ऑन-डॉन की हानि साबित करती है कि काला सागर के यूक्रेनी क्षेत्रीय जल में रूसी नौसेना के लिए कोई जगह सुरक्षित नहीं बची है।' यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय ने हमले की सराहना करते हुए एक पोस्ट में लिखा, 'सेवस्तोपोल के बंदरगाह पर हमले के बाद एक रूसी पनडुब्बी काला सागर के नीचे तक चली गई। योद्धाओं ने महान काम किया है।'

क्या यूक्रेन का हुआ हमला?

साल 2014 में क्रीमिया पर रूस ने कब्जा कर लिया था। वहीं पिछले दो साल से ज्यादा समय से यूक्रेन और रूस का युद्ध चल रहा है। युद्ध शुरू होने के बाद क्रीमिया पर छिटपुट हमले होते रहे हैं। क्रीमिया के सेवस्तोपोल के रूसी गवर्नर मिखाइल रज्वोझायेव ने कहा कि शनिवार को पनडुब्बी रक्षा अभ्यास हो रहा था और अब शहर में सबकुछ शांत है। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक एक पोस्ट में रूसी सैन्य ब्लॉगर बोरिस रोजिन ने कहा कि सेवस्तोपोल में जहाज मरम्मत संयंत्र जहां पनडुब्बी खड़ी थी उसे देख ऐसा लग रहा है, जैसे इस पर हमला हुआ है।

यूक्रेन के लिए बड़ी जीत

रोस्तोव-ऑन-डॉन को 2014 में कमीशन किया गया था। यह 73.8 मीटर किलो-द्वितीय क्लास पनडुब्बी है और इसमें कुल 52 क्रू सवार होते हैं। यह एक डीजल इलेक्ट्रिक पावर पनडुब्बी है जो कैलिबर क्रूज मिसाइल लॉन्च करने में सक्षम है। CNN की सैन्य विश्लेषण सेड्रिक लीटन का कहना है कि कैलिबर मिसाइलों के साथ नेवी को बर्बाद करना यूक्रेन की सैन्य रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि रूस ने इसी मिसाइल से यूक्रेन के बिजली संयंत्र जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर हमला किया है। उनका कहना है कि पनडुब्बी पर हमला यूक्रेन के लिए एक बड़ी जीत है।

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Sun, 04 Aug 2024 20:45:09 +0530 admin
फिर भड़की बांग्लादेश में हिंसा, अब तक 32 की मौत, देशभर में लगाया गया कर्फ्यू https://aaj24x7live.com/1204 https://aaj24x7live.com/1204 ढाका

पड़ोसी देश बांग्लादेश से एक बार फिर हिंसा की खबर सामने आई है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रविवार को बांग्लादेश में भड़की हिंसा में 32 से अधिक लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए. यहां छात्र प्रदर्शनकारी पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं की बीच भिड़ंत हुआ थी.

प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हजारों प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया. सरकार ने रविवार शाम 6 बजे से अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की, पिछले महीने शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान पहली बार सरकार ने ये कदम उठाया है.

ऐसे में शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पाबंदी लगा दी है। इसमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक, यूट्यूब जैसे प्रमुख ऐप शामिल हैं। शुक्रवार को भड़के प्रदर्शन में देश के कई हिस्सों में हिंसा हुई है। इस हिंसा में 32  लोगों की मौत और 100 के घायल होने की खबर है। ढाका में शुक्रवार को हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन किया।

इन सोशल मीडिया ऐप्स पर लगाए गए बैन को लेकर बांग्लादेश की सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि टाइम्स ऑफ इंडिया और ग्लोबल आइज ने अपनी रिपोर्ट में सोशल मीडिया बैन को लेकर जानकारी दी है।

हिंसा में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग

आरक्षण के विरोध में हुई हिंसक झड़पों के कारण देशभर में कर्फ्यू लगाना पड़ा था। पिछली बार हुई हिंसक झड़पों में करीब 200 से ज्यादा लोग मारे गए थे। ऐसे में उनके लिए न्याय की मांग को लेकर एक बार फिर से प्रदर्शन शुरू हो गया है। शुक्रवार को हुए विरोध प्रदर्शन दो लोगों की मौत हो गई है। 100 से अधिक घायल हो गए है। ढाका के कुछ हिस्सों में 2,000 से अधिक प्रदर्शनकारी एकत्रित हुए। वे सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे। ढाका के उत्तरा इलाके में दर्जनों छात्रों के साथ पुलिस की झड़प हुई।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विरोध प्रदर्शन हुआ था शांत

दरअसल, बांग्लादेश में पिछले महीने, जुलाई में भीमेटा प्लेटफॉर्म पर पाबंदी लगाई गई थी। देश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन के बाद कर्फ्यू लगाया गया था। इस दौरान भी इंस्टाग्राम और फेसबुक पर अस्थाई तौर पर पाबंदी लगाई गई थी। जुलाई में विरोध प्रदर्शनों के बाद इंटरनेट और सोशल साइट्स पर रोक का फैसला लिया गया था। कई दिन के हिंसक प्रदर्शनों के बाद सुप्रीम कोर्ट की ओर से आरक्षण कोटे पर फैसला आया था। इसके बाद हालात शांत हो रहे थे लेकिन देश में फिर से विरोध प्रदर्शन की चिंगारी भड़कने लगी है। ग्लोबल आइज की रिपोर्ट में भी बताया गया है कि शुक्रवार से ही पूरे देश में सोशल मीडिया साइट्स पर अस्थायी बैन लगा दिया गया है।

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Sun, 04 Aug 2024 18:45:10 +0530 admin
कमला के पति ने दिया था धोखा, बच्चों की टीचर से बनाए थे जिस्मानी संबंध https://aaj24x7live.com/1185 https://aaj24x7live.com/1185 वाशिंगटन

अमेरिकी उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति उम्मीदवार कमला हैरिस के पति डगलस एम्हॉफ ने अपनी पहली पत्नी को धोखा देने की बात स्वीकार की है. एक ब्रिटिश टैब्लॉइड में दावा किया गया था कि उन्होंने एक बार अपनी फैमिली नैनी (बच्चों की देखभाल करने वाली सहायिका) को गर्भवती कर दिया था. द डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, एम्हॉफ का एक सुनहरे बालों वाली नैनी, नाजेन नायलर के साथ संबंध था. वह उसी प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती थी, जहां उनके दोनों बच्चे पढ़ते थे.

यह 15 वर्ष से अधिक समय पहले हुआ था, जबकि एम्हॉफ तब अपनी तत्कालीन पत्नी, केर्स्टिन के साथ शादी के बंधन में थे. दोनों का डाइवोर्स नहीं हुआ था. इस मामले से परिचित डगलस एम्हॉफ के एक करीबी दोस्त ने खुलासा किया कि नायलर गर्भवती हो गई थी, लेकिन उसने बच्चे को जन्म नहीं देने का फैसला किया. एम्हॉफ ने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में, नाजेन नायलर का नाम लिए बिना या गर्भावस्था का जिक्र किए बिना अपनी पहली पत्नी को चीट करने की बात स्वीकार की.

सीएनएन से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मेरी पहली शादी के दौरान, मेरे कारण केर्स्टिन और मैं कुछ कठिन समय से गुजरे. मैंने अपने किए की जिम्मेदारी ली और उसके बाद के वर्षों में, हम दोनों ने एक फैमिली के रूप में अपनी कमियों पर काम किया और मजबूत होकर उभरे.' इस बीच, उनकी पहली पत्नी केर्स्टिन ने शनिवार को एक बयान में कहा, 'डग और मैंने कई साल पहले कई कारणों से अपनी शादी खत्म करने का फैसला किया था. लेकिन वह हमारे बच्चों के लिए एक महान पिता हैं, मेरे लिए एक बहुत अच्छे मित्र बने हुए हैं. डग, कमला और मैंने मिलकर जो मिक्स्ड फैमिली बनाई है, उस पर मुझे वास्तव में गर्व है.'

सीएनएन ने एक सूत्र का हवाला देते हुए बताया कि डगलस एम्हॉफ द्वारा अपनी पहली पत्नी को चीट करने के मामले का खुलासा 4 साल पहले राष्ट्रपति जो बाइडेन के जांच पैनल के सामने हुआ था, जब उन्होंने 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए कमला हैरिस को अपने डिप्टी रूप में चुना था. बता दें कि कमला हैरिस और डगलस एम्हॉफ 2013 में एकदूसरे से मिले और 2014 में शादी की थी. दोनों के कोई बच्चे नहीं हैं. यहूदी मूल के डगलस क्रेग एम्हॉफ पेशे से वकील हैं. कमला हैरिस भी वकालत के पेशे से जुड़ी रही हैं.
 

 

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Sun, 04 Aug 2024 16:45:07 +0530 admin
इजरायल के कई इलाकों में रॉकेट हमलों की बरसात, आयरन डोम ने फिर दिखाया कमाल https://aaj24x7live.com/1171 https://aaj24x7live.com/1171  तेल अवीव

इजरायल एक साथ कई मोर्चों पर संघर्ष का सामना कर रहा है. एक ओर गाजा और राफा में हमास के खिलाफ उसकी सैन्य कार्रवाई चल रही है, वहीं दूसरी ओर उसे अब लेबनान सीमा पर हिजबुल्लाह से भी दो-दो हाथ करना पड़ रहा है. हिजबुल्लाह ने शनिवार शाम को दक्षिणी लेबनान से इजरायल के उत्तरी क्षेत्र में रॉकेट हमलों की बौछार की. हालांकि, इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम (Iron Dome) ने गैलिली पैनहैंडल (उत्तरी इजरायल और दक्षिणी लेबनान के बीच स्थित क्षेत्र) के ऊपर इनमें से ज्यादातर रॉकेट्स को हवा में ही इंटरसेप्ट करके खत्म कर दिया.  

हिजबुल्लाह की ओर से यह रॉकेट हमला लेबनान के दक्षिणी शहर दीर ​​सिरियाने में इजरायली हवाई हमले में 17 वर्षीय लड़के की मौत और छह अन्य के घायल होने के बाद आया. इससे पहले टायर के पास दक्षिणी लेबनान स्थित शहर बजौरीह में शनिवार सुबह एक इजरायली ड्रोन हमले में ईरान समर्थित चरमपंथी समूह हिजबुल्लाह के एक प्रमुख ऑपरेटिव अली अब्द अली की मौत हो गई. इजरायली सेना ने मारे गए ऑपरेटिव को हिजबुल्लाह के दक्षिणी मोर्चे में तैनात एक 'प्रमुख आतंकवादी' बताया.​ हिजबुल्लाह का सदर्न फ्रंट एक रीजनल कमांड के बराबर है, जो पूरे दक्षिणी लेबनान में इस संगठन की गतिविधियों के लिए जिम्मेदार है.

इजरायली हमले में हिजबुल्लाह कमांडर फउद शुकर ढेर

इस संघर्ष की शुरुआत तब हुई, जब हिज्बुल्लाह ने गत 28 जुलाई को इजरायल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स इलाके में एक फुटबॉल मैदान पर रॉकेट हमला किया, जिसमें 12 बच्चों की मौत हो गई थी. इस हमले के बाद इजरायल ने हिजबुल्लाह को हमास की तरह सबक ​सिखाने की कसम खाई थी. इस रॉकेट हमले के दो दिन बाद यानी 30 जुलाई को इजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत में जबरदस्त एयरस्ट्राइक की थी, जिसमें हिजबुल्लाह का टॉप कमांडर फउद शुकर मारा गया था. इजरायल ने शुकर को गोलान हाइट्स फुटबॉल मैदान पर रॉकेट हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया था.

US-UK ने अपने नागरिकों को लेबनान छोड़ने को कहा

इसके बाद से इजरायल लगातार लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना रहा है. लेबनान में अमेरिकी दूतावास ने शनिवार को अपने नागरिकों से इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध और व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की आशंकाओं के बीच 'किसी भी उपलब्ध टिकट' पर देश छोड़ने का आग्रह किया. ब्रिटेन सरकार ने भी लेबनान में अपने नागरिकों से तुरंत देश छोड़ने का आग्रह किया है. हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या के बाद क्षेत्र में पहले से मौजूद तनाव और बढ़ गया है. ईरान और फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह हमास का आरोप है कि हानिया को इजराइल ने मारा है. वहीं, इजरायल ने हानिया की मौत के पीछे होने से न तो इनकार किया है और न ही इसकी जिम्मेदारी ली है.

हानिया की हत्या के बाद ईरान-इजरायल में बढ़ा तनाव

ईरान ने अमेरिका पर इस्माइल हानिया की मौत में भूमिका निभाने का भी आरोप लगाया है. वहीं, अमेरिका ने कहा है कि उसे हमास नेता की हत्या के बारे में न तो जानकारी है और न ही वह इसमें शामिल था. बता दें कि हमास की राजनीतिक शाखा के प्रमुख इस्माइल हानिया की 31 जुलाई, 2024 को ईरान की राजधानी तेहरान में एक टारगेट अटैक में मौत हो गई थी. वह ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने तेहरान पहुंचा था और कार्यक्रम में शामिल होने के बाद जिस घर में पर ठहरा था, उसे बम से उड़ा दिया गया था. इसके बाद ईरान और इजरायल के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है. अमेरिका ने कहा कि वह अपने कर्मियों की सुरक्षा और इजरायल की रक्षा के लिए मध्य पूर्व में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है.

 

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Sun, 04 Aug 2024 13:45:27 +0530 admin
राष्ट्रपति बाइडेन ने बेंजामिन नेतन्याहू से हानिया के मामले को लेकर नाराजगी जताई https://aaj24x7live.com/1170 https://aaj24x7live.com/1170 तेलअवीव

ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के राजनीतिक ब्यूरो प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या के बाद, पश्चिमी एशिया में संषर्घ बढ़ने की आशंका है. हमास और ईरान दोनों ने टारगेटेड अटैक में हानिया की मौत के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि, इजरायल ने न तो इस हमले की जिम्मेदारी ली है और न ही इससे इनकार किया है. इस बीच खबर है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से अपनी बातचीत में हानिया के मामले को लेकर नाराजगी जताई है.

चैनल 12 न्यूज ने बिना किसी आधिकारिक स्रोत का हवाला दिए अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'टेलीफोनिक कंवर्शेसन में बाइडेन ने चिढ़कर नेतन्याहू से कहा- आप मुझसे बकवास करना बंद कीजिए'. जो बाइडेन की यह टिप्पणी तब आई जब बेंजामिन नेतन्याहू ने उन्हें सूचित किया कि इजरायल हमास के साथ बंधकों के बदले युद्धविराम समझौते पर बातचीत को आगे बढ़ा रहा है और जल्द ही अपना एक प्रतिनिधिमंडल भेजेगा. चैनल 12 न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार बाइडेन ने यह कहकर नेतन्याहू के साथ अपनी बातचीत समाप्त की कि वह 'राष्ट्रपति को हल्के में न लें.'

इजरायल और ईरान के बीच युद्ध छिड़ने की आशंका

रिपोर्ट के अनुसार, बाइडेन द्वारा यह टिप्पणी ईरान और उसके द्वारा समर्थित संगठनों (हिजबुल्लाह और हूती) के साथ युद्ध की आशंका के बीच इजरायल-अमेरिका सहयोग के संदर्भ में की गई थी. बता दें कि पश्चिमी एशिया में पहले से जारी संघर्ष के और बढ़ने की आशंका है, क्योंकि ईरान और तेहरान समर्थित समूहों ने अपने कई नेताओं की हालिया हत्याओं का बदला लेने की कसम खाई है. बता दें कि राष्ट्रपति बाइडेन ने 13-14 अप्रैल की रात के दौरान इजरायल पर ईरान के अभूतपूर्व मिसाइल और ड्रोन हमले को विफल करने में सहायता के लिए क्षेत्रीय शक्तियों को एकजुट किया था.

द टाइम्स ऑफ इजरायल की एक रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय ने शनिवार को नेतन्याहू के साथ बाइडेन की फोन पर हुई बातचीत के बाद एक आधिकारिक बयान जारी किया. इसमें कहा गया, 'प्रधानमंत्री अमेरिकी राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करते हैं और जो भी राष्ट्रपति चुना जाएगा, उसके साथ काम करेंगे. साथ ही वह अमेरिकियों से भी अपेक्षा करते हैं कि वे इजरायल के मामलों में हस्तक्षेप न करें.' एक वरिष्ठ इजरायली अधिकारी ने द टेलीग्राफ को बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से बाहर होने के फैसले के बाद, बेंजामिन नेतन्याहू ईरान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए उत्साहित महसूस कर रहे हैं.

अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आगामी चुनाव की दौड़ में बने रहने के दौरान बेंजामिन नेतन्याहू के निर्णयों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे. द टेलीग्राफ ने अपनी रिपोर्ट में अधिकारी के हवाले से कहा, 'बाइडेन ने नेतन्याहू से कहा था कि ईरान के हमलों पर बहुत कठोर प्रतिक्रिया न दें. और ईरान यह जानता था, यही कारण है कि उसने इजरायल पर हमला करने के लिए स्थिति का फायदा उठाया. लेकिन राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से बाहर होने के बाद जो बाइडेन अब वही करेंगे जो उन्हें सही लगता है.'

द टेलीग्राफ ने अपनी रिपोर्ट में इजरायली अधिकारे के हवाले से कहा, 'अमेरिका का असली एजेंडा इजरायल का पूर्ण समर्थन करना है और उसने दशकों तक ऐसा किया है. नेतन्याहू यह जानते हैं, यही कारण है कि वह अधिक साहसी हो रहे हैं. उन्हें विश्वास है कि वह इजरायल के दुश्मनों पर हमला कर सकते हैं और उन्हें अब भी अमेरिका का पूरा समर्थन प्राप्त है. जो बाइडेन के दोबारा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला मध्य पूर्व में बड़ा गेम चेंजर साबिह होगा. क्योंकि ईरान उनके चुनाव अभियान का लाभ उठाने की योजना बना रहा था.'

इजरायल के समर्थन में अमेरिका ने तैनात किए जंगी जहाज

बता दें कि इजरायल 31 जुलाई को तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या के बाद ईरानी प्रतिक्रिया की तैयारी कर रहा है. देश भर में संवेदनशील स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और अस्पतालों में अतिरिक्त वार्ड खोले जा रहे हैं. इजरायल को आशंका है कि ईरान के साथ उसका युद्ध छिड़ सकता है. इसे देखते हुए अमेरिका ने हाल के दिनों में इजरायल के लिए अपना सैन्य समर्थन बढ़ा दिया है. ईरान और क्षेत्र में उसके द्वारा समर्थित संगठनों जैसे हिजबुल्लाह और हूती, की बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोनों से इजरायल का बचाव में मदद के लिए अमेरिका ने मध्य पूर्व में अपने जंगी जहाज तैनात किए हैं.

 

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Sun, 04 Aug 2024 13:45:21 +0530 admin
अफगानिस्तान में भीषण सड़क हादसा, दो वाहनों की टक्कर में 9 लोगों की मौत https://aaj24x7live.com/1169 https://aaj24x7live.com/1169 काबुल
 अफगानिस्तान में एक दर्दनाक सड़क हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई। उत्तरी अफगानिस्तान के फरयाब प्रांत में ये हादसा हुआ। एक स्थानीय अधिकारी ने हादसे की पुष्टि की है।

प्रांतीय सूचना एवं संस्कृति निदेशक मावलवी शमसुद्दीन मोहम्मदी के अनुसार, सड़क हादसा शनिवार दोपहर को खान-ए-चारबाग जिले में हुआ। यहां दो वाहनों की आपस में जोरदार टक्कर हो गई। हादसा इतना भीषण था कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, सड़क हादसे की जानकारी मिलते ही मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। हादसे की वजह क्या है ये स्पष्ट नहीं हो पाई और इसे लेकर जांच चल रही है।

बता दें कि अफगानिस्तान में आए दिन सड़क हादसे सामने आते रहते हैं। इससे पहले 29 जुलाई को अफगानिस्तान में सड़क दुर्घटना में सात की मौत हो गई थी। पश्चिमी हेरात प्रांत के एड्रास्कन जिले में एक कार की ट्रक से टक्कर हुई थी। बताया जाता है कि अफगानिस्तान में लापरवाह ड्राइविंग की वजह से ये हादसे होते हैं।

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Sun, 04 Aug 2024 13:45:15 +0530 admin
गाजा में इजरायली हमले में 15 फिलिस्तीनियों की मौत https://aaj24x7live.com/1168 https://aaj24x7live.com/1168 गाजा
 गाजा शहर में एक स्कूल पर इजरायली हवाई हमले में कम से कम 15 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. दर्जनों अन्य घायल हो गए. फिलिस्तीनी सुरक्षा और चिकित्सा सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी गई है. फिलिस्तीनी सुरक्षा सूत्रों ने शनिवार को सिन्हुआ समाचार एजेंसी को बताया कि इजरायली जेट ने गाजा शहर के उत्तर में शेख रादवान में एक स्कूल पर मिसाइल से हमला किया. यहां विस्थापित लोग रह रहे थे.

फिलिस्तीनी चिकित्सा सूत्रों के मुताबिक, बमबारी में 15 लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए, और पीड़ितों की संख्या बढ़ने की संभावना है. सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि इजरायल रक्षा बलों ने शनिवार को एक बयान में कहा कि उसने हमास के कमांड और नियंत्रण परिसर को निशाना बनाया है, जिसका इस्तेमाल हथियार बनाने के लिए किया जा रहा था और जिसे पहले गाजा शहर में एक स्कूल के रूप में इस्तेमाल किया जाता था.

बयान में कहा गया है कि परिसर का इस्तेमाल हमास आतंकवादियों के लिए छिपने की जगह के रूप में किया जा रहा था. इस परिसर के अंदर इजरायल के खिलाफ आतंकवादी हमले की योजना बनाई गई थी. इसमें कहा गया है कि बुनियादी ढांचे के भीतर से काम करके, नागरिक आबादी और संस्थानों का अपने आतंकवादी गतिविधियों के लिए मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर हमास अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करता है.

इसके अलावा, हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य अधिकारियों ने शनिवार को एक प्रेस बयान में कहा कि 7 अक्टूबर, 2023 से गाजा पट्टी पर चल रहे इजरायली हमलों में फिलिस्तीनी मृतकों की संख्या बढ़कर 39,550 हो गई है, जबकि 91,280 अन्य घायल हुए हैं.

बनाई जा रही थी इजरायल के खिलाफ हमले की योजना

सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि इजरायल रक्षा बलों ने शनिवार को एक बयान में कहा कि उसने हमास के कमांड और नियंत्रण परिसर को निशाना बनाया है, जिसका इस्तेमाल हथियार बनाने के लिए किया जा रहा था और जिसे पहले गाजा शहर में एक स्कूल के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। बयान में कहा गया है कि परिसर का इस्तेमाल हमास आतंकवादियों के लिए छिपने की जगह के रूप में किया जा रहा था, और इस परिसर के अंदर इजरायल के खिलाफ आतंकवादी हमले की योजना बनाई गई थी।

इसमें कहा गया है कि बुनियादी ढांचे के भीतर से काम करके, नागरिक आबादी और संस्थानों का अपने आतंकवादी गतिविधियों के लिए मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर हमास अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करता है। इसके अलावा, हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य अधिकारियों ने शनिवार को एक प्रेस बयान में कहा कि 7 अक्टूबर, 2023 से गाजा पट्टी पर चल रहे इजरायली हमलों में फिलिस्तीनी मृतकों की संख्या बढ़कर 39550 हो गई है, जबकि 91280 अन्य घायल हुए हैं।

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Sun, 04 Aug 2024 13:45:07 +0530 admin
चीन ने बीआरआई पर ‘धमकाया’ तो पीएम ओली ड्रैगन की चाल से निपटने के लिए अब भारत की शरण में पहुंच गए https://aaj24x7live.com/1153 https://aaj24x7live.com/1153 काठमांडू
नेपाल के नए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपनी भारत विरोधी नीतियों के लिए जाने जाते रहे हैं। ओली ने ही चीनी राजदूत के इशारे पर नेपाल का नया नक्‍शा जारी किया था जिसमें भारतीय इलाकों लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को अपना बताया था। प्रचंड को सत्‍ता से हटाकर ओली एक बार फिर से नेपाल के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। वहीं केपी ओली के आने से उत्‍साहित चीन ने नेपाल पर दबाव बढ़ा दिया है कि वह अपने कर्ज के जाल में फंसाने वाले बीआरआई प्रॉजेक्‍ट में शामिल हो। नेपाल में चीन के राजदूत लगातार धमकाने वाले बयान देते रहते हैं। इस बीच पीएम ओली चीनी ड्रैगन की चाल से निपटने के लिए अब भारत की शरण में पहुंच गए हैं। आइए समझते हैं पूरा मामला…

 रिपोर्ट के मुताबिक केपी ओली की पार्टी सीपीएन यूएमएल ने कहा है कि नेपाल बीआरआई पर पीछे नहीं हटेगा लेकिन भारत की संवेदनशीलताओं का पूरा ध्‍यान रखा जाएगा। उसने कहा कि हमारा मानना है कि भारत का विरोध करके न तो नेपाल प्रगति हासिल कर सकता है और न ही नेपाली लोगों का हित बढ़ाया जा सकेगा। नेपाल के अंतरराष्‍ट्रीय मामलों पर नजर रखने वालों का कहना है कि चीन के बीआरआई प्रॉजेक्‍ट ने ओली को फंसा दिया है। नेपाल ने इस पर साल 2017 में इस समझौते पर साइन किया था। ओली इस बार भारत समर्थक पार्टी नेपाली कांग्रेस की मदद से सत्‍ता में आए हैं। चीन लगातार अब नेपाल सरकार पर दबाव बना रहा है कि वह बीआरआई पर आगे बढ़े।

भारत के साथ दोस्‍ती चाहते हैं ओली

विश्‍लेषकों का कहना है कि वहीं ओली अब भारत के साथ रिश्‍ते सुधारना चाहते हैं जो अपने पड़ोस में चीन के बढ़ते प्रभाव को खतरे के रूप में लेता है। नेपाली सेना से रिटायर रणनीतिक विश्‍लेषक मेजर जनरल बिनोज बासनयत ने कहा कि बीआरआई अभी चर्चा में बना रहेगा लेकिन ओली के राज में इसे बहुत गति नहीं मिलने जा रही है। इसकी वजह ओली की गठबंधन सरकार है। उन्‍होंने कहा कि चीन की ओर से नेपाल सरकार पर बीआरआई को लागू करने को लेकर दबाव बना रहेगा लेकिन ओली के गठबंधन सहयोगी नेपाली कांग्रेस इसको लेकर एकदम अलग सोचती है।

बिनोज ने कहा कि नेपाली कांग्रेस लोन की मदद से कोई भी बीआरआई प्रॉजेक्‍ट आगे नहीं बढ़ाना चाहती है। नेपाली कांग्रेस ने संकेत दिया है कि वह चीन से ग्रांट या सॉफ्ट लोन के खिलाफ नहीं है जिसमें लंबे समय में कम ब्‍याज पर पैसा लौटाना होता है। जून महीने में चीन के उप विदेश मंत्री नेपाल आए थे ताकि बीआरआई को आगे बढ़ाया जा सके लेकिन ऐसा हो नहीं सका। नेपाल और चीन के बीच शर्तों को लेकर कोई समझौता नहीं हो पाया। तत्‍कालीन पीएम प्रचंड ने भारत की चिंताओं को देखते हुए बीआरआई को लागू करने को मंजूरी नहीं दी। विश्‍लेषकों का कहना है कि ओली खुद भी नहीं चाहते हैं कि नेपाल चीन से लोन लेकर बीआरआई को लागू करे।

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Sun, 04 Aug 2024 11:45:14 +0530 admin
यौन सुख की चाहत में शख्स ने प्राइवेट पार्ट में डाल ली 2 फुट लंबी जिंदा मछली, डॉक्टर भी रह गए हैरान https://aaj24x7live.com/1152 https://aaj24x7live.com/1152 हनोई
 वियतनाम में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां 31 वर्षीय भारतीय नागरिक को गंभीर पेट दर्द के कारण 27 जुलाई को हनोई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच करने पर पाया गया कि उसके पेट में एक जिंदा ईल मछली है। दरअसल इस व्यक्ति ने अपने प्राइवेट पार्ट से इस मछली को शरीर में डाला था। मछली ने उसके शरीर से निकलने के प्रयास में मलाशय को काटा और पेट तक प्रवेश कर रही। कोलोरेक्टल और पेरिनियल सर्जरी विभाग के उप निदेशक ले नहत हुई ने कहा, 'ईल ने भागने के प्रयास में मरीज के मलाशय और बड़ी आंत के एक हिस्से को काट लिया था।'

एक्स रे सहित कई परीक्षणों के जरिए रोगी के पेट की गुहा के अंदर ईल के कंकाल का पता चला। डॉक्टरों ने शुरुआत में गुदा के माध्यम से इसे निकालने की कोशिश की लेकिन एक नींबू उसका रास्ता रोक रहा था। इसे भी उस शख्स ने ही अंदर डाला था। इस कारण उन्हें इमरजेंसी में सर्जरी करना पड़ा। सर्जरी के दौरान डॉक्टरों को 25 इंच से ज्यादा लंबी और लगभग 4 इंच व्यास वाली जीवित ईल मछली मिली। डॉक्टरों ने ईल और नींबू दोनों को हटा दिया और शरीर में कुछ और तो नहीं है इसकी जांच की।

इलाज न मिलने पर हो जाती मौत

सर्जरी के बाद जब इस बात की पुष्टि हो गई कि शरीर में कुछ और नहीं है तब डॉक्टरों ने रोगी के शरीर में टांके लगाए। ईल के काटने से बने घाव से मल न गुजरे इसलिए कोलोस्टॉमी भी की गई। डॉक्टरों का कहना है कि अगर इस शख्स को समय पर इलाज न मिलता तो इसकी मौत हो सकती है। अब भी उसे जीवन भर कोलोस्टॉमी बैग के साथ रहना होगा। हॉस्पिटल ने मरीज की पहचान उजागर नहीं की है। डॉक्टर नहत ने कहा कि उन्होंने कई मरीजों के मलद्वार से फंसी वस्तुएं निकालने के सर्जरी की हैं।

पहले भी आए हैं ऐसे मामले

अस्पताल का कहना है कि ऐसे मामले आमतौर पर उन युवा पुरुषों में आते हैं, जो समलैंगिक हैं और उन्हें यौन सुख नहीं मिलता। इसकी चाहत में वह अपने मलद्वार से वस्तुएं डाल लेते हैं। अस्पताल अन्य मरीजों के शरीर से बोतलें, कप और एडल्ट टॉय हटा चुके हैं। लेकिन किसी जीवित जानवर हटाने का पहला मामला है। डॉक्टरों का कहना है कि ईल ऐसे जानवर हैं जो लंबे समय तक इस परिस्थित में रह सकता था। संभव था कि यह पाचन तंत्र में छेद कर देता। वियतनाम में इस साल यह अपनी तरह की पहली घटना नहीं है। मार्च में क्वांग निन्ह प्रांत के हाई हा डिस्ट्रिक्ट मेडिकल सेंटर में एक 43 वर्षीय व्यक्ति के प्राइवेट पार्ट से 12 इंच की ईल निकाली गई थी।

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Sun, 04 Aug 2024 11:45:06 +0530 admin
आतंकियों पर रहम नहीं, 9/11 के मास्टरमाइंड की सजा&ए&मौत तय; US की सख्ती https://aaj24x7live.com/1100 https://aaj24x7live.com/1100 वॉशिंगटन

अमेरिका ने 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड खालिद शेख मोहम्मद और उसके साथियों, वालिद बिन अताश और मुस्तफा अल-हौसावी पर कोई रहम नहीं दिखाने का फैसला किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने आरोपी मास्टरमाइंड के साथ समझौते को रद्द करते हुए इन सबकी मौत की सजा बहाल कर दी। ऐसा उस समझौते की घोषणा के ठीक दो दिन बाद हुआ, जिसमें मौत की सजा को करीब-करीब खत्म कर दिया गया था। हालांकि इससे हमले में मारे गए लोगों के परिजनों का गुस्सा भड़क उठा था।

खालिद 2003 में पाकिस्तान में पकड़ा गया था और उसे तथा उसके साथ मिल कर साजिश रचने के आरोप का सामना करने वालों को अमेरिकी जांच एजेंसी सीआईए की एक गोपनीय जेल में रख कर उनसे पूछताछ की गयी थी। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले में उस समय तक न्यूयार्क शहर की पहचान बन चुकी दो जुड़वां गगनचुंबी इमारतें (टि्वन टावर) ध्वस्त हो गयी थीं और करीब तीन हजार लोग मारे गए थे।

क्यूबा के ग्वांतानामो बे में सैन्य आयोग ने घोषणा की थी कि युद्ध अदालत की देखरेख के लिए नियुक्त अधिकारी, रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल सुसान एस्कैलियर ने मुख्य आरोपी खालिद शेख मोहम्मद और उसके दो कथित सहयोगियों, वालिद बिन अताश और मुस्तफा अल-हौसावी के साथ एक दलील समझौते को अंतिम रूप दिया था। अलकायदा के हमलों में मारे गए करीब 3,000 लोगों के परिवारों को पत्र भेजकर सूचित किया गया था कि तीनों आरोपी आजीवन कारावास की सजा काटेंगे। शुक्रवार को याचिका समझौता रद्द करने के अपने आदेश में अमेरिकी रक्षा मंत्री ने लिखा कि उन्होंने फैसला किया है कि वह अंतिम निर्णय लेने के लिए अधिकृत हैं। इस तरह उन्होंने ब्रिगेडियर जनरल सुसान एस्कैलियर के पूर्व के फैसले को रद्द कर दिया।

गौरतलब है कि पीड़ितों के परिवार भी इस याचिका के खिलाफ थे। उन्होंने आतंकी हमले के आरोपियों को राहत देने के फैसले की आलोचना की थी। कुछ रिपब्लिकंस ने इसको लेकर बाइडेन प्रशासन को दोषी ठहराया था। हालांकि बाइडेन प्रशासन का कहना था कि डील से जुड़ी बारीकियों की उन्हें जानकारी नहीं है। खालिद पर 2008 में हमले की साजिश, युद्ध के कानून के उल्लंघन और हत्या , नागरिकों और सार्वजनिक सम्पत्तियों हमला, संपत्तियों को नष्ट करना, जानबूझकर लोगों गंभीर शारीरिक क्षति पहुंचाना और आतंकवाद और आतंकवाद के लिए भौतिक सहायता सहित कई अपराधों में मामला दायर किया गया है।

खालिद और उसके साथ मिल कर षडयंत्र करने वाले आरोपियों के खिलाफ सैन्य कानून के तहत मुकदमे में देरी हुई क्योंकि 2000 के दशक में अमेरिकी अदालत को सीआईए की गुप्त जेल में खालिद और अन्य से जो साक्ष्य प्राप्त किए गए थे उन साक्ष्यों को अदालत में प्रामाणिकत करने में समय लगा। यह मुकदमा 11 जनवरी, 2021 को शुरू होना था, लेकिन दो न्यायाधीशों के इस्तीफे और कोरोना महामारी के कारण इसमें देरी हुई।

 

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Sat, 03 Aug 2024 17:30:17 +0530 admin
‘ तेल अवीव और हाइफा सहित कई इलाकों में मचाएंगे तबाही’, इजरायल को ईरान की खुली धमकी https://aaj24x7live.com/1091 https://aaj24x7live.com/1091 तेहरान
 ईरान और इजरायल के बीच तनाव इस समय चरम पर है। हानिया पर हमले के बाद ईरान की से बदले की कार्रवाई हो सकती है। ईरान के हमले के अंदेशे को देखते हुए इजरायल और उसका खास सहयोगी अमेरिका तैयारी कर रहे हैं। इस बीच रक्षा एक्सपर्ट ने दावा किया है कि ईरान का इजरायल पर ये हमला इसी साल अप्रैल में हुए अटैक से बड़े स्तर पर होगा। ईरान ने इस साल अप्रैल में इजरायल पर सैकड़ों की तादाद में मिसाइल और ड्रोन दागे थे। दावा किया जा रहा है कि इस दफा ईरान इससे कहीं बड़े हमले की योजना बना रहा है।

द सन की रिपोर्ट कहती है कि इस्माइल हानिया की बाद ईरान अपना बदला लेने की योजना बना रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आईडीएफ को उसके पड़ोसी देशों में ईरान की ओर से 170 ड्रोन, 30 क्रूज मिसाइल और 120 बैलिस्टिक मिसाइलें भेजे जाने की सूचना मिली है। एक्सियोस ने अमेरिकी जासूसों के हवाले से कगहा है कि ईरान कुछ ही दिनों में इजरायल पर हमला करेगा। लेबनान की राजधानी बेरूत में अपने वरिष्ठ कमांडर की हत्या के बाद हिजबुल्लाह भी इजरायल पर हमला कर सकता है और वह ईरान के साथ इसमें शामिल होगा।

अमेरिका ने माना- आने वाले दिन हो सकते हैं मुश्किल
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका अपने सहयोगी इजरायल की सुरक्षा के लिए सावधानी बरत रहा है और उसे लगता है कि आने वाले दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं। इजरायल के अधिकारियों भी मानना है कि ईरान उनके देश पर बड़ा मिसाइल हमला करेगा। पूर्व इजरायली खुफिया अधिकारी एवी मेलमेड ने कहा कि हमला ईरान के किसी प्रॉक्सी जैसे हिजबुल्लाह, इराक में शिया मिलिशिया या यमन में हौथियों के माध्यम से हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमले में साइबर हमला शामिल हो सकता है।

 ईरान की सेना अब इजरायल पर सबसे बड़े हमले की तैयारी कर रही है। इस हमले की जद में लेबनान भी आ सकता है जहां पर ह‍िज्‍बुल्‍ला के लड़ाके इजरायली इलाके में रॉकेट बरसा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईरान, हिज्‍बुल्‍ला, हूती तीनों मिलकर इजरायल पर एक साथ मिसाइल, रॉकेट और विस्‍फोटक ड्रोन से हमला बोल सकते हैं। इस खतरे को देखते हुए इजरायल भी नागरिकों से बम शेल्‍टर को साफ करने और सभी जरूरी सामान रखने के लिए कहा गया है। वहीं इस बड़े खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने इजरायल और लेबनान में रह रहे भारतीय लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है। दरअसल, इन 3 तीनों ही देशों में कुल मिलाकर 40 हजार भारतीय रहते हैं जो वहां नौकरी या पढ़ाई कर रहे हैं।

दिल्‍ली से लेकर इजरायल तक भारत अलर्ट

यही नहीं भारत में सभी राज्‍यों के पुलिस प्रमुखों को इजरायली नागरिकों और यहूदियों की सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इजरायल की राजधानी तेलअवीव में अमेरिका के दूतावास को भी ड्रोन से निशाना बनाया गया था। इस हमले में 1 आम नागरिक की मौत हो गई थी। साल 2021 में इजरायल के नई दिल्‍ली स्थित दूतावास के पास क्रूड बम का एक विस्‍फोट हुआ था। 26 दिसंबर 2023 को इजरायली दूतावास के पास एक और धमाका हुआ था। इन हमलों के पीछे ईरानी गुटों पर आशंका जताई गई थी लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई थी।

मिडिल ईस्ट में अमेरिका कर रहा हथियारों की तैनाती

पिछले हफ्ते मिडिल ईस्ट में क्षेत्रीय तनाव बढ़ने के बाद पेंटागन ने शुक्रवार को ऐलान किया कि अमेरिका मध्य पूर्व में एक अतिरिक्त लड़ाकू स्क्वाड्रन तैनात कर रहा है. साथ ही ऐलान किया गया है कि इजराइल की रक्षा और अमेरिकी सेना की सुरक्षा में मदद के लिए अतिरिक्त क्रूजर और विध्वंसक जहाज की भी तैनाती किया जाएगा. पेंटागन के प्रवक्ता ने कहा कि यूएसएस अब्राहम लिंकन विमानवाहक पोत मध्य पूर्व में यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट की जगह लेगा.

हिज्बुल्लाह ने भी दी है अटैक की चेतावनी

यूएन में ईरान के स्थायी मिशन ने चेतावनी दी है कि मंगलवार को लेबनान की राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के एक टॉप कमांडर फुआद शुक्र की हत्या के जवाब में समूह इजरायल के अंदर "और बड़े और गहरे" नागरिक और सैन्य ठिकानों पर हमला कर सकता है. यह अभी स्पष्ट नहीं है कि क्या हिजबुल्लाह फिर से ईरान और उसके क्षेत्रीय सहयोगियों द्वारा इजरायल पर एक साथ किए जाने वाले जवाबी हमले का हिस्सा होगा, या फिर वह अपना अलग हमला करेगा.

कितना ताकतवर है हिज्बुल्लाह?

माना जाता है कि हिजबुल्लाह के पास 150,000 मिसाइलों और रॉकेटों का भंडार है, जिनमें से कुछ लंबी दूरी तक मार करने वाली हैं. मसलन, अगर इतनी बड़ी संख्या में मिसाइलें छोड़ी जाती हैं तो इजरायल के आयरन डोम के लिए इसे इंटरसेप्ट करना मुश्किल हो जाएगा. लंबी दूरी की मिसाइलें इजरायल के अंदर ठिकानों को निशाना बनाने में कारगर है. इजरायली सेना, जो कि फिलहाल गाजा में है, ने दक्षिण और उत्तर में एक साथ दो मोर्चे पर जंग लड़ने में सक्षम नहीं होगी.

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Sat, 03 Aug 2024 16:30:08 +0530 admin
पश्चिमी अमेरिका के जंगलों में लगी आग बुझने का नाम नहीं ले रही, बड़ी संख्या में प्रभावित हुए लोग https://aaj24x7live.com/1065 https://aaj24x7live.com/1065 सैक्रामेंटो
पश्चिमी अमेरिका के जंगलों में लगी आग बुझने का नाम नहीं ले रही है। कैलिफोर्निया इतिहास की सबसे बड़ी आग की त्रासदी से जूझ रहा है। आग अब कोलोराडो की ओर तेजी से बढ़ती जा रही है। इसमें एक व्यक्ति की जान चली गई है। अग्निशमन कर्मी उत्तरी कैलिफोर्निया में जंगल में लगी आग को बुझाने के लिए जूझ रहे हैं। बुधवार दोपहर तक, आग ने 391,000 एकड़ (1,582 वर्ग किमी) से अधिक क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया था। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कैलिफोर्निया वानिकी और अग्नि सुरक्षा विभाग के हवाले से बताया कि यह कैलिफोर्निया के इतिहास की पांचवीं सबसे बड़ी आग की त्रासदी है।

एजेंसी ने बताया कि धधकती आग से उठता धुआं बहुत बड़े इलाके में फैल गया है। बुधवार दोपहर तक आग से चार काउंटी बट, प्लुमास, शास्ता और तेहामा प्रभावित हुए थे। आग से बट और तेहामा काउंटी में 361 मकान नष्ट हो गए हैं और 36 अन्य को नुकसान पहुंचा है। फिलहाल 5,800 से अधिक कर्मचारी 521 दमकल गाड़ियाें और 41 हेलीकॉप्टरोंं की मदद से आग बुझाने में लगे हैं। आग 24 जुलाई को चिको के पास एक पार्क में लगी थी। इसके लिए 42 वर्षीय रोनी डीन स्टाउट को गिरफ्तार किया गया है। उस पर लापरवाही से आगजनी करने का आरोप है। आग से कर्न काउंटी में 58,682 एकड़ (237 वर्ग किमी) क्षेत्र जलकर खाक हो गया है। बुधवार तक अग्निशामकों ने 34 प्रतिशत आग पर काबू पा लिया था। पेड्रो फायर के नाम से जानी जाने वाली आग तेजी से बढ़ रही है। न्यू डॉन पेड्रो जलाशय के पास मंगलवार से लगी आग मारिपोसा और टोलुमने काउंटियों में 3,647 एकड़ (15 वर्ग किमी) क्षेत्र तक फैल गई है। आग की वजह से मकानों व बिजली लाइनों के समक्ष खतरा पैदा हो गया है।

इस बीच, कोलोराडो में भी स्थिति भयावह होती जा रही है। यहां तीन तीन दिनों में जंगल में चार स्थानों पर आग लगने की सूचना मिली है। इसकी वजह से सैकड़ों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। आग से एक व्यक्ति की जान भी चली गई। स्थानीय टीवी स्टेशन डेनवर7 के अनुसार, आग से डेनवर क्षेत्र में 1,580 एकड़ (6.4 वर्ग किमी) भूमि खाक हो गई है। इससे बुधवार को एक व्यक्ति की मौत हाे गई और चार अग्निशामक झुलस कर घायल हो गए। सोमवार को आई खबर के मुताबिक लैरीमर काउंटी में 6,700 एकड़ (27 वर्ग किमी) से अधिक का क्षेेत्र जलकर खाक हो गया। यहां रहने वाले लोगों को हटाया जा रहा है। बोल्डर काउंटी में, ग्रॉस जलाशय के पास बुधवार दोपहर आग लगनेे की सूचना मिली।

ओरेगन में लगी आग देश में दूसरी सबसे बड़ी आग की त्रासदी है। यहां 17 जुलाई को ओरेगन-इडाहो सीमा के पास आकाशीय बिजली गिरने से लगी आग के बाद से लगभग 294,000 एकड़ (1,190 वर्ग किमी) इलाका जलकर खाक हो चुका है। बुधवार तक आग पर 58 प्रतिशत तक नियंत्रण पा लिया गया था। कैलिफोर्निया में थोड़े समय के लिए ठंडे मौसम के बाद बढ़ते तापमान ने अग्निशामकों के समक्ष चुनौतियों को और बढ़ा दिया है। मौसम विभाग ने इस सप्ताह के अंत में बहुत गर्म और शुष्क परिस्थितियों की भविष्यवाणी की है। इससे स्थिति और खराब हो सकती है।

नेशनल इंटरएजेंसी फायर सेंटर की बुधवार की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरी कैलिफोर्निया और दक्षिण-पश्चिम ओरेगन में फिर से गर्म हवाएं चलेंगी। दक्षिणी कैलिफोर्निया, दक्षिणी ग्रेट बेसिन और कोलोराडो में अत्यधिक शुष्क मौसम जारी रहने की उम्मीद है। नेशनल इंटरएजेंसी फायर सेंटर के अनुसार, बुधवार तक, देश भर में जंगलों में 95 स्थानों पर आग लगी थी। इसके चलते लगभग 2.2 मिलियन एकड़ (8,903 वर्ग किमी) क्षेत्र जलकर खाक हो चुका है।

 

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Sat, 03 Aug 2024 12:30:14 +0530 admin
इस्माइल हानिया की मौत के बाद गुस्से में ईरान, अयातुल्ला खुमैनी ने की ओर से हो सकता है मिसाइल हमला https://aaj24x7live.com/1063 https://aaj24x7live.com/1063 तेल अवीव
 ईरान और इजरायल के बीच बीते कई वर्षों से तनातनी चल रही है। ये तनातनी इस समय चरम पर पहुंच गई है, इसकी वजह तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानिया की मौत है। हानिया पर हमले के लिए ईरान ने इजरायल को जिम्मेदार बताया है और बदला लेने की कसम खाई है। इस्माइल के अलावा हिजबुल्लाह कमांडर फुआद शुकर को भी बेरूत में एक हवाई हमले में मार दिया गया है। कुछ घंटे के भीतर शुकर और हानिया की मौत ने ईरान और हिजबुल्लाह को भड़का दिया है। हमले के अंदेशे को देखते हुए कई एयरलाइंस ने इजरायल और लेबनान के लिए उड़ानें रद्द कर दी हैं और कई देशों ने अपने नागरिकों से तुरंत इस क्षेत्र को छोड़ने के लिए कहा है।

इजरायल बीते साल अक्टूबर से गाजा में हमास के साथ लड़ रहा है। इस जंग में हमास के समर्थन में लेबनान सीमा पर हिजबुल्लाह और यमन में हूती विद्रोही भी शामिल हैं। इन तीनों ही संगठनों को ईरान का समर्थन है। माना जाता है इजरायल को चौतरफा घेरने के लिए ईरान इन समूहों को वित्तपोषित और प्रशिक्षित करता है। हालिया घटनाक्रम के बाद ईरान की ओर से इजरायल को निशाना बनाया जा सकता है। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी इसका इशारा करते हुए कहा कि हमारे सामने चुनौतीपूर्ण दिन हैं। हम सभी तरफ से धमकियां सुन रहे हैं। हम किसी भी परिदृश्य के लिए तैयार हैं। किसी भी खतरे के खिलाफ एकजुट और दृढ़ से लड़ेंगे।
ईरान के पास जवाबी कार्रवाई के कई विकल्प

यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, मिसगाव इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल सिक्योरिटी के ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) योसी कुपरवासेर ने ईरान की ओर से हमले के अंदेशे पर कहा कि ईरान के पास जवाबी कार्रवाई के लिए कई विकल्प हैं और इस संघर्ष के एक बड़े पैमाने पर क्षेत्रीय युद्ध में बदलने की संभावना है। तेल अवीव विश्वविद्यालय में ईरान विशेषज्ञ डॉक्टर रज जिम्ट का कहना है कि ईरान की धरती से सीधे इजरायल पर हमले के साथ यह इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष का एक नया चरण शुरू हो सकता है।

रिपोर्ट कहती है कि इजरायली खुद को ईरानी हमले के लिए तैयार कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक बड़ा क्षेत्रीय संघर्ष हो सकता है। जिम्ट का कहना है कि ये बहुत संभावना है कि ईरान हमला करेगा। सवाल यह है कि इस तरह के हमले के क्या परिणाम होंगे और क्या इस साल अप्रैल की तरह ये नियंत्रित हो पाएगा। अगर इजरायल व्यापक संघर्ष में उतरा तो फिर उसे बड़ा खतरा हिजबुल्लाह से है। वह निश्चित ही खुद को एक बहु-मोर्चे पर टकराव की स्थिति में पाएग।

ईरान के साथ कई गुट भी करेंगे हमला!

जिम्ट का कहना है कि इजरायल को इस दफा ईरान और उसके प्रॉक्सी मिलिशिया की ओर से संयुक्त हमला देखने को मिल सकता है। ईरान संभवत यूएवी और क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल इजरायल पर करेगा, जैसे ईरान इसी साल अप्रैल में कर चुका है। उसके साथ हिजबुल्लाह भी इजरायल की जमीन पर रॉकेट दाग सकता है। इससे इजरायल के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।

रक्षा विश्लेषकों का अनुमान है कि हिजबुल्लाह के पास करीह 150,000 रॉकेट जमा हैं। साथ ही उसने अपनी मिसाइल क्षमताओं में भी सुधार किया है और इजरायल पर हमला करने के लिए उसके पास लड़ाकों की बड़ी तादाद है। ईरान और हिजबुल्लाह के अलावा इजरायल के लिए खतरों में हूती विद्रोही भी शामिल हैं।

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Sat, 03 Aug 2024 11:15:19 +0530 admin
सुनीता विलियम्स की वापसी में फंसा नया पेंच, क्या स्पेस से घर लौट पाएंगी? https://aaj24x7live.com/1062 https://aaj24x7live.com/1062 वॉशिंगटन
नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स स्पेस में अभी भी फंसी हुई है। अपने साथी बुच विल्मोर के साथ वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेश (ISS) में मौजूद हैं। लेकिन अब दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने के लिए नासा के पास बेहद कम समय बचा है। बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के जरिए दोनों स्पेस में गए थे। उन्हें अंतरिक्ष में एक सप्ताह ही रुकना था। लेकिन वह 50 दिनों से ज्यादा समय से अंतरिक्ष में फंसी हैं। बोइंग स्टारलाइनर के थ्रस्टर में खराबी और हीलीयम लीक के कारण समस्या देखने को मिली है। लेकिन अब नासा के पास इस समस्या को सुलझाने के लिए सिर्फ 18 दिन बचे हैं। क्योंकि 18 दिनों बाद क्रू-9 मिशन आ जाएगा।

क्या आई थी खराबी?

5 जून को दोनों अंतरिक्ष यात्री फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से अंतरिक्ष में गए थे। उनका मिशन बोइंग स्टारलाइनर की पहली मानव उड़ान के साथ परखना था। अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक ISS के साथ जुड़ा गया। हालांकि करीब जाने के दौरान इसके 28 थ्रस्टर्स में से पांच बंद हो गए। इसके अतिरिक्त इंजीनियरों ने अंतरिक्ष यान के सर्विस मॉड्यूल में पांच छोटे हीलियम लीक की खोज की। जिस कारण बोइंग स्टारलाइनर अनडॉक होकर धरती पर नहीं आ पाया है। नासा और बोइंग के इंजीनियर समस्या सुलझाने में लगे हैं। हालांकि अभी तक नासा वापसी की तारीख नहीं तय कर पाया है। अंतरिक्ष यान के थ्रस्टर्स और हीलियम सिस्टम वापसी के लिए महत्वपूर्ण हैं। अगर कोई खराबी आती है तो यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए जोखिम पैदा कर सकता है।

अब क्या होगी मुश्किल

ISS के लिए क्रू-9 मिशन जल्द ही लॉन्च होने वाला है। इसके स्पेस स्टेशन से जुड़ने के लिए पहले स्टारलाइनर को डॉकिंग पोर्ट से हटाना होगा। यह स्थिति को और भी जटिल बनाता है। क्रू-9 मिशन 18 अगस्त से पहले लॉन्च होगा। स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष यात्रियों जेना कार्डमैन, निक हेग और स्टेफनी विल्सन के साथ-साथ रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोर्बुनोव को स्पेस में ले जाएगा। यदि स्टारलाइनर निष्क्रिय रहता है तो नासा को विलियम्स और विल्मोर को पृथ्वी पर लाने के नए तरीके के बारे में विचार करना पड़ेगा। संभव है कि स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल का इस्तेमाल किया जाए। हालांकि स्पेस स्टेशन में 6 डॉकिंग पोर्ट हैं, जिनका इस्तेमाल नासा कर सकता है।

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Sat, 03 Aug 2024 11:15:10 +0530 admin
हमास के टॉप कमांडर इस्माइल हानियेह के लिए की गई नमाज और झंडे भी झुकाए, पाक से तुर्की तक इस्लामिक देशों में शोक https://aaj24x7live.com/1047 https://aaj24x7live.com/1047 हमास
हमास के टॉप कमांडर इस्माइल हानियेह को इजरायल ने ईरान की राजधानी तेहरान में घुसकर मार डाला था। यह हत्या भी उस दौरान की गई, जब वह ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ समारोह से लौटा था। इजरायल ने इसके साथ ही हमास के मिलिट्री चीफ मोहम्मद डीफ को भी मार गिराया है। वहीं लेबनान में हिजबुल्लाह के नेता फुवाद शुक्र को भी मार दिया। इजरायल की इन कार्रवाइयों से इस्लामिक देशों में गुस्सा है और शोक की लहर है। पाकिस्तान, तुर्की, इंडोनेशिया, कतर, ओमान जैसे देशों में आज लोग हजारों की संख्या में सड़कों पर उतरे। इन लोगों ने इजरायल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पाकिस्तान में तो पीएम शहबाज शरीफ, राष्ट्रपति समेत तमाम नेता जुटे और एक साथ ही मारे गए हमास नेता के लिए नमाज पढ़ी।

इसके अलावा हमास के कमांडर रहे इस्माइल हानियेह के लिए नमाज पढ़कर दुआ भी की गई। इस्माइल हानियेह 2007 से 2018 तक गाजा की सरकार का मुखिया रहा था। इसके अलावा ईरान से उसे संरक्षण प्राप्त था और इस्लामिक देशों से उसे सहानुभूति प्राप्त थी। ऐसे में उसके मारे जाने से तुर्की, पाकिस्तान, इंडोनेशिया समेत तमाम मुस्लिम देशों में तनाव है। यहां तक कि ज्यादातर इस्लामिक देशों ने शुक्रवार को राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया। इस दौरान सभी ने अपने राष्ट्रीय ध्वज आधे झुका लिए। इजरायल में स्थित तुर्की दूतावास का ध्वज भी हमास नेता के मारे जाने के गम में आधा झुका रहा।

कतर में तो बड़ी संख्या में लोगों ने कतर की इमाम मुहम्मद इब्न अल-वहाब मस्जिद पर नमाज पढ़ी। इन लोगों ने इस्माइल हानियेह के लिए जन्नत की दुआ मांगी। वहीं इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता की इस्तिकलाल मस्जिद में भी बड़ी संख्या में लोगों का जमावड़ा लगा। वहीं ईरान में तो जगह-जगह ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान और हमास नेता इस्माइल हानियेह के बैनर लगे दिखे हैं।

ईरान में जनाजे में जुटे हजारों लोग, हमले की दी गई धमकी
ईरान में हमास नेता को दफनाया गया है और उनके जनाजे में गुरुवार को हजारों की संख्या में लोग जुटे। इस्माइल हानियेह की मौत के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई ने इजरायल से बदले का ऐलान किया गया है। यही नहीं इजरायल हाई अलर्ट पर है और किसी भी वक्त उस पर हमले की आशंका जताई जा रही है। 

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Fri, 02 Aug 2024 23:15:18 +0530 admin
ईरान कुछ दिन में इजरायल पर करेगा हमला, बाइडेन प्रशासन को यकीन https://aaj24x7live.com/1046 https://aaj24x7live.com/1046 वाशिंगटन
बाइडेन प्रशासन को पूरा विश्वास है कि ईरान आने वाले दिनों में इजरायल पर हमला करेगा। स्थानीय समाचार वेबसाइट एक्सियोस ने अमेरिकी सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। उसने तीन सूत्रों के हवाले से बताया कि ऐसी परिस्थिति में अमेरिका इजरायल की मदद की तैयारी कर रहा है। तेहरान में इस्माइल हानिया की हत्या के प्रतिशोध में ईरानी हमला 13 अप्रैल को किए गए हमले जैसा ही हो सकता है, लेकिन इसमें लेबनानी हिजबुल्लाह के शामिल होने की काफी संभावना है।

एडनक्रोनोस समाचार एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है, "लेकिन (अमेरिकी) प्रशासन को आशंका है कि चार महीने पहले की तुलना में मौजूदा परिस्थितियों में उसी क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन को संगठित करना अधिक कठिन हो सकता है जिसने अप्रैल में ईरानी ड्रोन और मिसाइलों से इजरायल की रक्षा करने में मदद की थी।"

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एंड्रयूज एयर बेस पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान स्वीकार किया कि इस्माइल हानिया की हत्या से गाजा में हमास के साथ युद्ध विराम के प्रयासों में मदद नहीं मिलेगी।

बाइडेन ने गुरुवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ टेलीफोन पर बात की और कहा कि वह मध्य पूर्व में तनाव के बढ़ने से बहुत चिंतित हैं। राष्ट्रपति ने नेतन्याहू के साथ फोन कॉल का संदर्भ देते हुए एक बार फिर आग्रह किया, "हमारे पास युद्ध विराम का आधार है, इसे आगे बढ़ना होगा और उन्हें भी आगे बढ़ना होगा।" इस्माइल हानिया को शुक्रवार को कतर में दफनाया जाएगा। हमास के राजनीतिक नेता का शव गुरुवार को ईरान से दोहा पहुंचा। हमास और कतर की सरकारी मीडिया के अनुसार, कतर की राष्ट्रीय मस्जिद में जुम्मे की नमाज के बाद जनाजे की नमाज अदा की जाएगी, जिसके बाद लुसैल शहर में उसे दफना दिया जाएगा।

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Fri, 02 Aug 2024 23:15:09 +0530 admin
ईरान ने इजरायल पर हमला किया तो खैर नहीं! US ने तैनात किये 12 युद्धपोत https://aaj24x7live.com/1035 https://aaj24x7live.com/1035 तेल अवीव
 हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या के बाद मध्य पूर्व में तनाव चरम पर है, जिसके चलते अमेरिका अलर्ट पर है। अमेरिकी सेना ने इजरायल पर किसी भी हमले की स्थिति से निपटने के लिए मध्य पूर्व में कम से कम 12 युद्धपोत तैनात किए हैं। वाशिंगटन पोस्ट ने पेंटागन के अधिकारी के हवाले से ये जानकारी दी है। इनमें विमानवाहक पोत यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट, जमीन और समुद्र में हमला करने में सक्षम दल और 4000 से अधिक मरीन और नाविक शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार, फारस की खाड़ी और पूर्वी भूमध्य सागर में विध्वंसक तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही अमेरिका ने लाल सागर से युद्धपोतों को हटा लिया है। वहां, ये वाणिज्यिक जहाजों की सुरक्षा के लिए तैनात थे।

अमेरिका ने ये कदम तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानिया और बेरूत में हिजबुल्लाह के सैन्य प्रमुख फुआद शुकर की हत्या के बाद क्षेत्र में बढ़ते तनाव के जवाब में उठाया गया है। हानिया को इजरायल ने बुधवार सुबह तड़के तेहरान में मार गिराया था। वे ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने गए थे। यह समारोह मंगलवार को हुआ था। हानिया के हत्या के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने इजरायल से बदला लेने का आदेश दिया है।

अमेरिका ने की शांति की अपील

इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सभी पक्षों से आक्रामक कार्रवाइयों को रोकने का आग्रह किया है। मंगोलिया में ब्लिंकन ने जोर देकर कहा कि युद्ध विराम पर पहुंचने के लिए पार्टियों को ऐसी कार्रवाइयों को रोकना होगा जो तनाव बढ़ाती हैं। हानिया की मौत के बाद मध्य पूर्व में जंग भड़कने की स्थिति में अमेरिका के भी उतरने की संभावना है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि इजरायल पर हमला होने पर अमेरिका उसकी सुरक्षा करेगा।

इजरायल की हिजबुल्लाह को चेतावनी

वहीं, बेरूत में अपने टॉप कमांडर की मौत के बाद हिजबुल्लाह भी भड़का हुआ है। इजरायल ने मंगलवार को हवाई हमले में हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर फुआद शुकर को मार गिराया था। उसे हिजबुल्लाह प्रमुख नसरल्लाह का करीबी माना जाता था। सूत्रों के अनुसार, हाल में हुई हत्या के बाद इजरायली प्रशासन ने पश्चिमी और क्षेत्रीय मध्यस्थों के माध्यम से हिजबुल्लाह को कड़ी चेतावनी दी है कि कोई भी बड़ा हमला युद्ध की ओर ले जाएगा। शुकर की मौत के बाद से हिजबुल्लाह की तरफ से इजरायल पर कोई बड़ा हमला नहीं हुआ है। शुकर को शुक्रवार को गुरुवार को दफनाया जाना है, जिसमें नसरल्लाह के भाषण देने की उम्मीद है। वहीं, गुरुवार सुबह को ईरान की राजधानी तेहरान ने हानिया का अंतिम संस्कार हुआ, जिसमें सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई और वरिष्ठ ईरानी अधिकारी शामिल हुए। हानिया को कतर की राजधानी दोहा में दफनाया जाएगा।

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Fri, 02 Aug 2024 21:15:24 +0530 admin
दो दिन पहले बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा& फिलिस्तीन के अलावा कई मुस्लिम देशों पर भी बरस रहा इजरायल का कहर https://aaj24x7live.com/1034 https://aaj24x7live.com/1034 इजरायल
दो दिन पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनके देश पर किसी भी मोर्चे पर कोई भी हमला हुआ तो भारी कीमत चुकानी होगी। नेतन्याहू उन देशों को चेतावनी दे रहे थे जो इजरायल के खिलाफ नया मोर्चे खेल सकते हैं। तेहरान में हवाई हमले में हमास के शीर्ष राजनीतिक नेता इस्माइल हनिया के मारे जाने के बाद नेतन्याहू का यह पहला सार्वजनिक बयान था। हमास और ईरान दोनों ने इस्माइल हनिया की हत्या के लिए फौरन इजरायल को जिम्मेदार ठहराया जिससे व्यापक क्षेत्रीय युद्ध का खतरा पैदा हो गया है। हालांकि मिडिल-ईस्ट के कई मुस्लिम देशों की धमकियों के बावजूद इजरायल का मिलिट्री एक्शन जारी है। यहां खास बात ये है कि इजरायल के निशाने पर केवल फिलिस्तीन ही नहीं, बल्कि अन्य मुस्लिम देश भी हैं। इन देशों में बमबारी कर इजरायल ने सैकड़ों लोगों को मौत के घाट उतारा है।

7 अक्टूबर से कनेक्शन
अल-जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, 7 अक्टूबर के बाद से, इजरायल मिडिल-ईस्ट में 17,000 से अधिक हमले कर चुका है। इजरायल ने पांच मुस्लिम देशों में 17,081 हमले किए हैं। 7 अक्टूबर, 2023 को, हमास ने इजरायल के खिलाफ बड़े पैमाने पर रॉकेट दागे और नागरिकों और सैन्य ठिकानों दोनों पर हमला करते हुए सीमा का उल्लंघन किया। हमले के दौरान इजरायल में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे, और 240 अन्य लोगों का अपहरण कर लिया।

इसके बाद इजरायल ने जवाबी हमला शुरू किया। गाजा की पूरी नाकाबंदी का आदेश दिया और फिलिस्तीनी एन्क्लेव में जमीनी घुसपैठ शुरू कर दी। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजरायली हमले में मरने वालों की संख्या 39,000 से ज्यादा हो गई है और 90,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इजरायल के अधिकांश हमले फिलिस्तीनी क्षेत्र, विशेष रूप से गाजा पट्टी पर हुए हैं। गाजा पट्टी पर 10,389 अटैक किए गए। यह कुल इजरायली हमलों का 60 प्रतिशत से अधिक है। इजराइल ने लेबनान पर 6,544 हमले किए (38 प्रतिशत), उसके बाद सीरिया में 144 घटनाएं दर्ज की गईं।

इन मुस्लिम देशों पर टूटा इजरायल का कहर
अल-जजीरा ने आर्म्ड कनफ्लिक्ट लोकेशन एंड इवेंट डाटा प्रोजेक्ट के हवाले से लिखा है कि 7 अक्टूबर से अब तक इजरायल ने फिलिस्तीनी क्षेत्र, लेबनान, ईरान, सीरिया और यमन पर 17,000 से अधिक हमले किए हैं। इजरायल के हमलों में लगभग 41,000 लोग मारे गए हैं।

लेबनान पर इजरायली हमले
8 अक्टूबर से, जब हिजबुल्लाह ने फिलिस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इजरायल पर हमले शुरू किए, तब से इजरायल ने उस पर लगभग चार गुना अधिक हमले किए हैं। लेबनान के उत्तरी भाग में 6,544 से अधिक इजरायली हमले हुए हैं, जिसमें 590 से अधिक लोग मारे गए हैं। मंगलवार को लेबनान में हुए ताजा हमले को इजरायली सेना ने बेरूत के दक्षिणी उपनगर शुकर पर एक “सटीक हमला” बताया। लेबनान के अधिकारियों का कहना है कि इस हमले में तीन नागरिक मारे गए और 74 घायल हो गए। इजरायली अधिकारियों का कहना है कि यह शनिवार को उसके गोलान हाइट्स पर हुए हमले का जवाब था जिसमें 12 बच्चे और युवा मारे गए थे। हिज्बुल्लाह ने उस हमले की ज़िम्मेदारी से इनकार किया है।

सीरिया पर हमला
इजरायल 7 अक्टूबर से सीरिया में 144 से अधिक हमले कर चुका है। जिसमें 260 से अधिक लोग मारे गए हैं। गाजा पर युद्ध शुरू होने के बाद से इसने अपने हमलों में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिसमें ईरान और सीरिया में हमास के सहयोगी हिजबुल्लाह को निशाना बनाया गया है। खासकर राजधानी दमिश्क के आसपास इजरायल ने खूब बम दागे हैं। अप्रैल में, इजरायली लड़ाकू विमानों ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास की इमारत को ध्वस्त कर दिया, जिसमें ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के सात सदस्य मारे गए, जिनमें सीरिया और लेबनान में कुलीन कुद्स फोर्स का नेतृत्व करने वाले दो जनरल भी शामिल थे। ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हमले से कुछ ही दिन पहले, इजरायली सेना ने सीरिया के उत्तरी प्रांत अलेप्पो पर बड़े पैमाने पर हमले किए थे, जिसमें कम से कम 40 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश सैनिक थे।

ईरान पर हमले

अप्रैल में, ईरान ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को देश के कई हिस्सों में तैनात किया गया था। क्योंकि 1 अप्रैल को ईरानी वाणिज्य दूतावास की इमारत पर इजरायल द्वारा किए गए हमले के बाद इजरायल के साथ तनाव बढ़ गया था। इस्फहान प्रांत में हवाई अड्डे के पास विस्फोटों की रिपोर्ट के बाद, ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम को देश के कई हिस्सों में तैनात किया गया था। अमेरिकी मीडिया ने बताया कि इजराइली मिसाइलों ने एक ईरानी साइट पर हमला किया था। इसी बहाने इजरायल अब ईरान के परमाणु कार्यक्रम को भी तबाह करने में जुटा है।

यमन पर हमला

पिछले महीने, इजरायली सेना ने हूती समूह के हमलों के जवाब में यमन के लाल सागर बंदरगाह शहर होदेइदाह पर हमला किया, जिसमें छह लोग मारे गए। इजरायली हवाई हमले हूती द्वारा दक्षिणी इजरायल के ईलाट बंदरगाह पर ड्रोन हमले की जिम्मेदारी लेने के एक दिन बाद किए गए, जिसमें तेल अवीव में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। इजरायली हवाई हमले गाजा पर युद्ध शुरू होने के बाद से हौथियों के खिलाफ़ इजरायल द्वारा पहला ज्ञात प्रत्यक्ष हमला था।

 

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Fri, 02 Aug 2024 21:15:16 +0530 admin
यूक्रेन के खिलाफ तकरीबन ढाई वर्षों से चल रहे भीषण युद्ध के बीच पुतिन सरकार को दूसरे मोर्चे पर तगड़ा झटका लगा https://aaj24x7live.com/1033 https://aaj24x7live.com/1033 बमाको माली
यूक्रेन के खिलाफ तकरीबन ढाई वर्षों से चल रहे भीषण युद्ध के बीच पुतिन सरकार को दूसरे मोर्चे पर तगड़ा झटका लगा है। माली के उत्तरी तुआरेग क्षेत्र में विद्रोही गुटों से साथ लड़ाई में रूस की प्राइवेट आर्मी के 84 सैनिक बेरहमी से मारे गए। माली विद्रोहियों ने दावा किया है कि उन्होंने 47 माली सैनिकों को भी मार डाला है। वैगनर ग्रुप व्लादिमीर पुतिन की प्राइवेट आर्मी है, जिसने यूक्रेन में भीषण नरसंहार किया था और हजारों यूक्रेनियों को तड़पा-तड़पाकर मार डाला था।

माली पश्चिम अफ्रीकी देश है। यहां 2012 में विद्रोही गुटों ने सरकार के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया था। रूस माली सरकार से अपनी दोस्ती और वादे के चलते अपने सैनिकों को विद्रोदियों के खिलाफ लड़ने के लिए भेजता रहा है। गुरुवार को उत्तरी क्षेत्र में विद्रोही गुट ने दावा किया कि अल्जीरिया से लगी सीमा के पास भीषण लड़ाई में वह माली सैनिकों ही नहीं रूस की वैगनर आर्मी पर भी भारी पड़ रहे हैं। भीषण लड़ाई में उसने वैगनर आर्मी के कम से कम 84 सैनिकों को मार डाला है। विद्रोही गुटों के मुताबिक, यह आंकड़ा जुलाई के आखिरी सप्ताह का है।  

बेहद खूंखार है रूस का वैगनर ग्रुप
दो साल पहले पुतिन की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप ने माली सरकार की मदद करने का फैसला लिया था और तब से वह विद्रोही गुटों के खिलाफ माली सैनिकों के साथ लड़ाई कर रहा है। हालांकि पिछले कुछ समय से विद्रोही गुटों का वैगनर ग्रुप पर भारी पड़ना माली सरकार के साथ पुतिन के लिए भी परेशान करने वाला है।

पुतिन की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप को बेहद खूंखार और अत्याधुनिक हथियारों से लैस संगठन माना जाता है। जब से यूक्रेन में रूस ने युद्ध का ऐलान किया है, वैगनर ग्रुप ने भी यूक्रेनी शहरों में भीषण नरसंहार किया है। कई मीडिया रिपोर्टों में वैगनर ग्रुप की यूक्रेनी शहरों को श्मशान बनाने के पीछे वैगनर ग्रुप को जिम्मेदार ठहराया जा चुका है। वैगनर ग्रुपों ने यूक्रेनियों का न सिर्फ कत्ल किया, उन्हें तड़पा-तड़पाकर मारा। शवों के साथ भी हैवानियत की घटनाएं सामने आईं थी।

  दूसरी तरफ माली में विद्रोही गुटों के साथ लड़ाई के दौरान वैगनर ग्रुप की तरफ से ऐसी कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है कि उसे इस युद्ध में कितना नुकसान हुआ? हालांकि 29 जुलाई को वैगनर ग्रुप ने एक बयान में यह जरूर कहा था कि युद्ध में उसे भारी नुकसान हुआ है। माली के अधिकारियों ने मरने वालों का आंकड़ा बताने से इनकार कर दिया था लेकिन, यह जरूर कहा कि उसे भी विद्रोही गुटों के साथ लड़ाई में काफी नुकसान हो रहा है।

 

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Fri, 02 Aug 2024 21:15:08 +0530 admin
जिस बम से हानिया की हत्या की गई, उसे दो महीने पहले स्मलिंग कर तेहरान लाया गया था& सूत्र https://aaj24x7live.com/988 https://aaj24x7live.com/988 तेल अवीव

हमास चीफ इस्माइल हानिया (Ismail Haniyeh) ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तेहरान गए थे. वह ईरानी सेना आईआरजीसी के जिस गेस्टहाउस में ठहरे थे, वहीं उनकी हत्या कर दी गई. लेकिन अब खबर है कि जिस बम से हानिया की हत्या की गई, उसे दो महीने पहले स्मलिंग कर तेहरान लाया गया था.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्माइल हानिया की हत्या के लिए जिस रिमोट कंट्रोल्ड बम का इस्तेमाल किया गया. उसे दो महीने पहले तेहरान गेस्टहाउस में उसी कमरे में रखा गया था, जहां हानिया ठहरा हुआ था.

रिपोर्ट में ईरान की सेना इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के दो सदस्यों सहित कई अधिकारियों के हवाले से इसकी जानकारी दी गई. यह नया खुलासा उन शुरुआती रिपोर्ट्स से बिल्कुल अलग है, जिनमें कहा गया कि मिसाइल हमले में हानिया की मौत हुई थी.

रिपोर्ट में ईरान के कुछ अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि तेहरान में हानिया की हत्या आईआरजीसी के लिए बेहद शर्मिंदगी की बात है क्योंकि जिस गेस्टहाउस में हानिया और अन्य गणमान्य लोग ठहरे थे, वही इसे ऑपरेट करता है.

हानिया तेहरान में नेशहत नाम के आईआरजीसी के कंपाउंड में ठहरा हुआ था. इस कंपाउंड का इस्तेमाल सीक्रेट मीटिंग्स और हानिया जैसे हाई प्रोफाइल गेस्ट के रहने के लिए किया जाता है.

कैसे हुआ था धमाका?

आईआरजीसी अधिकारियों का कहना है कि हानिया की मौत बम धमाके में हुई थी. यह बम रिमोट कंट्रोल्ड था. जैसे ही धमाका हुआ. गेस्टहाउस के कपाउंड की दीवार का हिस्सा ढह गया, खिड़कियां टूट गईं. हालांकि, इस धमाके से हानिया के बगल वाले कमरे को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा. उस कमरे में फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद के नेता जियाद नखलेह ठहरे हुए थे. इससे पुख्ता हो गया है कि हानिया की हत्या की फुलप्रूफ प्लानिंग की गई थी.

रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय समयानुसार तड़के दो बजे जैसे ही हानिया के कमरे में बम ब्लास्ट हुआ. कंपाउंड का मेडिकल स्टाफ वहां पहुंचा. हानिया को मौके पर ही मृत घोषित कर दिया गया. हानिया के बॉडीगार्ड को भी मृत घोषित कर दिया गया.
हमास के एक सीनियर अधिकारी खलील अल-हाया भी मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने हानिया का शव देखा. इसके बाद आईआरजीसी के कुदस फोर्स के कमांडर इस्माइल गनी ने तुरंत ईरान के सुप्रीम लीडर अयातोल्लाह अली खामेनेई को नींद से जगाया और उन्हें बताया कि हानिया मारा गया है.

रिपोर्ट में एक अधिकारी ने बताया कि इस तरह के ब्लास्ट के लिए महीनों की प्लानिंग और सर्विलांस की जरूरत पड़ती है. ईरान के कुछ अधिकारियों का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि इस बम को कैसे और कब हानिया के कमरे में लाया गया. लेकिन कुछ मिडिल ईस्ट से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इसे मोटे तौर पर दो महीने पहले हानिया के कमरे में प्लांट किया गया था.

रिपोर्ट में बताया गया है कि जिस तरह से हानिया को सटीक निशाना बनाया गया. उससे लगता है कि बम रिमोट कंट्रोल से संचालित होता था. इसी तरह के बम का इस्तेमाल इजरायल के मोसाद ने 2020 में ईरान के परमाणु वैज्ञानिक मोहसेन की हत्या में किया था.

इजरायल ने हानिया की मौत पर साध रखी है चुप्पी

ईरान ने तेहरान में इस्माइल हानिया की मौत के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है. लेकिन इजरायल ने ना तो इस हमले की पुष्टि की है और ना ही इससे इनकार किया है. इसके बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अयातोल्लाह अली खामेनेई ने ईरानी सेना को इजरायल पर हमला करने का आदेश दिया. ईरान के सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की इमरजेंसी मीटिंग के बाद खामेनेई ने इस हमले का आदेश दिया था.

बता दें कि इससे पहले 13 अप्रैल की आधीरात जब ईरान ने इजरायल पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया था, तो इसमें सीरिया और इराक भी उतर आए थे. वहीं, लेबनान के ईरान समर्थित चरमपंथी गुट हिज्बुल्लाह ने भी सीरिया में बने इजरायली मिलिट्री बेस पर हमला किया था.

वहीं, ईरान के हमले के इस आदेश के बाद इजरायली सेना की ओर से भी जवाब आय़ा है. इजरायली एयरफोर्स के कमांडर मेजर जनरल तोमेरे बार ने कहा कि एयर फोर्स युद्ध के हर क्षेत्र में देश की रक्षा और हमला करता है. हम किसी भी परिस्थिति में मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं. जो भी इजरायल और इजरायली नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की योजना बनाएगा, हम उसे मुंहतोड़ जवाब देंगे. ऐसी कोई भी जगह नहीं है, जो हमारी जद से दूर हो या जहां हम हमला नहीं कर सकें.

 

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Fri, 02 Aug 2024 17:15:08 +0530 admin
ईरान हूती, हिजबुल्लाह और हमास को एक धागे में बांध रहा , हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या से शुरू होगा नया युद्ध! https://aaj24x7live.com/946 https://aaj24x7live.com/946 तेहरान
 इजरायल ने 20 जुलाई को यमन के हूतियों के कब्जे वाले होदेदाह पर हवाई हमला किया था। इस हमले में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और 80 से ज्यादा घायल हुए। इसके बाद 30 जुलाई को इजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के एक शीर्ष कमांडर फुआद शुकर को एक हमले में मार गिराया। इसके कुछ घंटे बाद हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानिया की तेहरान में हत्या कर दी गई। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) और हमास ने हानिया की हत्या के लिए इजरायल को दोषी ठहराया है।

तीनों समूहों- यमन के हूती, लेबनान के हिजबुल्लाह और फिलिस्तीन के हमास के बीच एक बात सामान्य है कि इन तीनों को इजरायल के मुख्य प्रतिद्वंद्वी ईरान का समर्थन प्राप्त है। कुछ ही दिनों में तीनों गुटों को निशाना बनाकर इजरायल ने ईरान को तगड़ा झटका दिया है। वहीं लगातार हुए इन हमलों ने क्षेत्र को एक पूर्ण युद्ध के कगार पर पहुंचा दिया है। इसकी वजह ये है कि हूती, हमास और हिजबुल्ला इन हमलों के बाद ईरान के साथ एक मंच पर आकर इजरायल से भिड़ने की सोच सकते हैं।
हानिया की मौत के बाद क्या करेगा ईरान?

 एक रिपोर्ट में हालिया घटनाओं, खासतौर से हानिया की मौत से ईरान और इजरायल के रिश्ते पर पड़ने वाले असर की बात की गई है। गाजा के बाहर हमास के बड़े नेता हानिया की हत्या को इजरायल की जीत की तरह से देखा जा रहा है। शेख अहमद यासीन और अब्देल अजीज अल-रंतिसी के बाद हानिया को हमास के सबसे शक्तिशाली नेता के तौर पर देखा जाता था। यासीन मार्च 2004 में इजरायली मिसाइल हमले में मारे गए थे। उनके उत्तराधिकारी नियुक्त किए गए रंतिसी को भी एक महीने के भीतर इजरायलियों ने मार डाला था। ऐसे समय में जब हमास नेतृत्व विहीन होता दिख रहा था तो हानिया ने हमास को आगे बढ़ाया और इसमें उसे काफी कामयाबी भी हासिल की। गाजा पर हमास के कब्जे में हानिया की भूमिका काफी अहम रही तो दुनिया में भी समर्थन हासिल करने की कोशिश की।

इस्माइल हानिया 2017 में गाजा छोड़कर कतर आ गया और हमास की अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति का प्रमुख चेहरा बनकर उभरा। हानिया ने हालिया दिनों में गाजा में युद्ध विराम के लिए हमास की ओर से लगातार बातचीत का नेतृत्व किया था। हानिया की मौत से गाजा युद्ध विराम वार्ता को भी झटका लगा है। ऐसे में क्या हमास अब इजरायल के साथ बंधक समझौते को स्वीकार करेगा और ईरान इस हत्या की शर्मिंदगी के बाद क्या फैसला लेगा। ईरान ने इस साल दमिश्क में अपने दूतावास परिसर पर बमबारी के बाद इजरायल पर बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन हमला किया था। इसके बाद से इजरायल ने ईरानी अधिकारियों या उसके मिशनों को निशाना नहीं बनाया था लेकिन ईरान से जुड़े तीन मिलिशिया के खिलाफ हमले करके इजरायल ने एक नई लड़ाई का ऐलान कर दिया है। खासतौर से तेहरान की जमीन पर हमला ईरान के लिए बड़ी शर्मिंदगी का सबब बन रहा है।

जवाबी हमला करेगा ईरान?

इस साल अप्रैल में जब सीरिया में उसके दूतावास परिसर पर हमला हुआ था तो ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए मिसाइल और ड्रोन से हमला किया था। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ईरान इस बार भी अपनी जमीन पर हुई हत्या के बाद जवाबी कार्रवाई करेगा। आईआरजीसी ने हमले के लिए इजरायल को दोषी ठहराया है, जो ये दिखाता है कि ईरान जवाबी कार्रवाई करेगा। सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खुमैनी ने भी बदला लेने की कसम खाई है। अब यह देखना बाकी है कि ईरान और हिजबुल्लाह जवाबी कार्रवाई में क्या करने जा रहे हैं और इसके बाद इजरायल क्या करेगा। कहा जा सकता है कि पश्चिम एशिया खतरनाक रूप से एक पूर्ण युद्ध के करीब है। निश्चित रूप से हानिया की मौत ईरान और इजरायल के बीच तनाव को खतरनाक स्तर तक बढ़ा सकती है।

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Fri, 02 Aug 2024 11:15:57 +0530 admin
ट्रंप ने हैरिस की पहचान पर सवाल उठाया : वह अश्वेत हैं या भारतीय? https://aaj24x7live.com/945 https://aaj24x7live.com/945 वाशिंगटन
 रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी करते हुए उनसे पूछा कि वह ‘‘भारतीय हैं या अश्वेत’’।

इस पर डेमोक्रेटिक पार्टी की उनकी प्रतिद्वंद्वी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और पूर्व राष्ट्रपति की टिप्पणी को “विभाजनकारी” और “अनादर” का “वही पुराना राग अलापना” बताया।

ट्रंप (78) ने झूठा दावा किया कि उपराष्ट्रपति हैरिस ने केवल अपनी एशियाई-अमेरिकी विरासत पर ही जोर दिया है जबकि उन्होंने दावा किया कि ‘‘वह एक अश्वेत हैं।’’

ट्रंप ने  शिकागो में ‘नेशनल एसोसिएशन ऑफ ब्लैक जर्नलिस्ट्स’ सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं उन्हें लंबे समय से अप्रत्यक्ष रूप से जानता हूं। वह हमेशा से भारतीय मूल की बताती थीं और केवल भारतीय मूल को बढ़ावा दे रही थीं। कई साल पहले तक मुझे नहीं पता था कि वह अश्वेत हैं, अब वह अश्वेत के रूप में पहचान बनाना चाहती हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तो मुझे नहीं पता वह भारतीय हैं या वह अश्वेत हैं?’’

हैरिस की मां मूल रूप से भारत की हैं और उनके पिता जमैका से हैं।

ह्यूस्टन में  अश्वेत समुदाय के एक कार्यक्रम में हैरिस ने कहा, ‘‘ट्रंप ने नेशनल एसोसिएशन ऑफ ब्लैक जर्नलिस्ट्स की वार्षिक बैठक में भाषण दिया और वही पुराना विभाजनकारी और अनादर का राग अलापा। मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि अमेरिकी लोग इससे बेहतर के हकदार हैं।’’

 

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Fri, 02 Aug 2024 11:15:48 +0530 admin
दुश्मनों को इजरायल की धमकी: कहा& हमें नुकसान पहुंचाया तो गर्दन उतार लेंगे https://aaj24x7live.com/944 https://aaj24x7live.com/944 तेल अवीव
 हमास चीफ हानिया की मौत के बाद मुस्लिम देशों से मिली धमकी के बाद इजरायल ने साफ कह दिया कि हमे नुकसान पहुंचाया तो हम गर्दने उतारने में देर नहीं करेंगे। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हिजबुल्ला नेता फुआद शुक्र की मौत का भी जिक्र किया और कहा कि हमें नुकसान पहुंचाने वालों से हम बदला लेंगे। दक्षिण बेरूत में शुक्र की मौत हो गई थी।

वहीं, ईरान की राजधानी तेहरान में हुए हवाई हमले में हमास के शीर्ष कमांडर इस्माइल हनियेह भी मारा गया। इसके आरोप इजरायल पर लगाए जा रहे हैं। नेतन्याहू का कहना है कि इजरायल किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, इजरायल के नागरिकों, आने वाले दिन चुनौती भरे हैं। बेरूत में स्ट्राइक के बाद हर दिशा से धमकियां आ रही हैं। हम किसी भी हालात के लिए तैयार हैं और हम किसी भी धमकी के सामने एकजुट खड़े हैं। किसी भी क्षेत्र से हमारे खिलाफ आक्रमण हुआ, तो इजरायल उससे भारी कीमत वसूल करेगा।

उन्होंने कहा, हमने नसरल्लाह के करीबी (हिजबुल्ला प्रमुख हसन) को मार दिया है, जो बच्चों के नरसंहार के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार था। एक स्ट्राइक में 12 बच्चों की मौत हो गई थी, जिसके आरोप हिजबुल्ला पर लगाए गए थे। इजरायल के पीएम ने कहा, हमने मोहसिन से हमारा बदला ले लिया है और जो भी हमें नुकसान पहुंचाएगा, उससे हम बदला लेंगे। जो भी हमारे बच्चों को मारेगा, जो भी हमारे नागरिकों को मारे, जो भी हमारे देश को नुकसान पहुंचाएगा। उसकी कीमत उसका सर होगी।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युद्ध रोकने के दबाव को लेकर नेतन्याहू ने कहा, अगर हमने उन आवाजों को सुना होता, तो हम हमास के नेताओं और हजारों आतंकवादियों को खत्म नहीं कर पाते। हम आतंकियों को इंफ्रास्ट्रक्चर को खत्म नहीं कर पाते…। हम ऐसे हालात तैयार नहीं कर पाते, जिनकी वजह से हम ऐसे समझौते के करीब आ गए हैं जो हमारे सभी कैदियों की रिहाई और युद्ध के उद्देश्यों को पूरा करता है। हालांकि, इस दौरान उन्होंने हनियेह की मौत का जिक्र नहीं किया। बुधवार को ही हमास और ईरान के रिवॉल्युशनरी गार्ड्स ने हनियेह की मौत की घोषणा की थी।

 

 

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Fri, 02 Aug 2024 11:15:40 +0530 admin
डायबिटीज कंट्रोल से बाहर हुई तो डैमेज होने लगेगी नसें https://aaj24x7live.com/943 https://aaj24x7live.com/943 वाशिंगटन
 यदि ब्लड शुगर कंट्रोल से बाहर हो गया तो यह शुगर शरीर की नसों को भी डैमेज करने लगता है। इस बीमारी को डायबेटिक न्यूरोपैथी कहते हैं। इसमें मरीज के शरीर के किसी भी हिस्से में नर्व डैमेज होने लगती है। लगभग 50 प्रतिशत डायबिटीज के मरीजों को नर्व डैमेज होने की समस्या होती है। इसलिए समय पर डायबिटीज को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है।

जानकारी के मुताबिक चार तरह के डायबेटिक न्यूरोपैथी की बीमारी होती है जिनमें कमोबेश एक ही तरह के लक्षण दिखते हैं। डायबेटिक न्यूरोपैथी के लक्षण सबसे पहले हाथ और पैर की नसों में देखने को मिलता है। इस कारण हाथ और पैर पहले से सुन्न होने लगता है। सबसे पहले हाथ में सुन्नापन आता है। हाई ब्लड शुगर के कारण खून की छोटी-छोटी नलिकाओं की दीवाल कमजोर होने लगती है। इसलिए इसके कहीं भी रिसने का डर रहता है। जिससे ऑक्सीजन और अन्य पोषक तत्वों का अंगों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। डायबिटीज से बचने के सिंपल सूत्र हैं फिजिकल एक्टिविटी, हेल्दी डाइट, पर्याप्त पानी पीना, वजन कम करें, सिगरेट-शराब से दूर रहे, स्ट्रैस मैनेजमेंट और पर्याप्त नींद ले। विशेषज्ञों का मानना है कि सबसे पहले हर वयस्क इंसान को अपने जीवन में नियमित रूप से एक्सरसाइज को शामिल कर लेना चाहिए। एक्सरसाइज के लिए जिम जाने की जरूरत नहीं है बल्कि इसके लिए ब्रिस्क एक्सरसाइज ही काफी है। यानी तेजी के साथ वॉक, साइक्लिंग, स्विमिंग, डांस, रस्सी कूद, हाई जंप, लॉन्ग जंप जैसी गतिविधियां यदि आप आधे से पौन घंटे तक करते हैं तो डायबिटीज होने की आशंका बहुत कम हो जाएगी।

इतना ही नहीं इससे कई और बीमारियां भी नहीं होंगी। हेल्दी डाइट से पहले यह समझ लें कि क्या न खाएं। पिज्जा, बर्गर, तली-भुनी चीजें, फास्ट फूड, जंक फूड, पैकेटबंद चीजें, प्रोसेस्ड फूड, रेड मीट, ज्यादा मीठी चीजें, ज्यादा नमकीन चीजें, शराब, सिगरेट का सेवन जितना कम करेंगे, उतना ही डायबिटीज को होने का खतरा कम होगा। इसके साथ ही हेल्दी भोजन करें। जिस भोजन को शुद्ध रूप से कुदरती तरीके से पकाया गया हो और इसमें तेल, नमक का कम इस्तेमाल किया गया हो। जितना हो सके, सीजनल हरी सब्जियां, पत्तेदार सब्जियां, ताजे फल, एंटीऑक्सीडेंट्स वाले कलरफुल सब्जी और फ्रूट्स का सेवन करना चाहिए। रोजना पर्याप्त पानी पीना न सिर्फ आपको डायबिटीज से बचा सकता है बल्कि कई अन्य बीमारियों से भी बचा सकता है। इसलिए रोजाना पर्याप्त पानी पीएं।

हालांकि कितना पानी पीया जाए इसका कोई तय पैमाना नहीं है। लेकिन आप दिन भर में दो लीटर पानी पीएं। डायबिटीज न हो, इसके लिए हर हाल में वजन कम करें। क्योंकि मोटापा के कारण डायबिटीज भी हो सकता है। ज्यादा वजन कई बीमारियों की जड़ है। इसलिए हर हाल में वजन कम करें। अगर एक्सरसाइज, नियंत्रित खान पान से वजन कम नहीं हो रहा है तो एक्सपर्ट की सलाह लें। वजन कम करना न कोई मैजिक है और न ही यह एक-आध महीने में होने वाला है। इसके लिए एक साथ कई चीजों को मैनेज करना पड़ता है। सिगरेट, शराब न सिर्फ डायबिटीज बल्कि कई घातक बीमारियों को बढ़ाता है। इसलिए जितना संभव हो सके अल्कोहल का सेवन न करें। सिगरेट तो पीएं ही नहीं या किसी भी तरह के तंबाकू वाली चीजों का सेवन न करें। तनाव शरीर में 1600 से ज्यादा केमिकल रिएक्शन को प्रभावित करता है। जैसे ही तनाव वाला कॉर्टिसोल हार्मोन ज्यादा रिलीज होने लगता है तो यह मेटाबोलिज्म को बुरी तरह प्रभावित करता है। इसलिए तनाव को भगाने के लिए योगा, मेडिटेशन, वॉकिंग, रनिंग आदि का सहारा लें।

हर तरह की बीमारी से बचने के लिए पर्याप्त नींद जरूरी है। यदि रात में सुकून भरी नींद नहीं आएगी तो कई तरह की मुश्किलें होंगी। नींद कम आने के कारण डायबिटीज भी हो सकता है। एक्सपटर्स की माने तो डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें पैंक्रियाज से इंसुलिन हार्मोन कम बनता है या बनता ही नहीं है या इंसुलिन रेजिस्ट हो जाता है। चूंकि इंसुलिन ही शुगर को पचाता है और इससे एनर्जी बनती है। इसलिए जब इंसुलिन की कमी होती है तो खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। यह ऐसी बीमारी है जिसमें शुरुआत में बिल्कुल भी पता नहीं चलता।

 

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Fri, 02 Aug 2024 11:15:32 +0530 admin
ईरान में इस्माइल हानिया पर हमला, पाक के पूर्व मंत्री ने उठाए सवाल https://aaj24x7live.com/942 https://aaj24x7live.com/942 इस्लामाबाद
 हमास नेता इस्माइल हानिया की ईरान की राजधानी में हत्या पर पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। चौधरी ने इजरायल को तुरंत जवाब ना देने के लिए ईरान सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने पूछा है कि ईरानी नेताओं को सिर्फ औरतों के लिए ही सारे कानून बनाना आता है। हानिया की बुधवार तड़के तेहरान में उनके ठिकाने पर हमला कर हत्या कर दी गई थी। वह ईरान के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के लिए तेहरान में थे। हमास और ईरान का मानना है कि हमले के पीछे इजरायल है। दूसरी ओर इजरायल ने इस पर चुप्पी साध रखी है।

पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार में सूचना मंत्री रहे फवाद चौधरी ने एक्स पर अपनी पोस्ट में ईरान में महिलाओं के लिए अनिवार्य हिजाब और दूसरे कानूनों की ओर इशारा करते हुए लिखा, 'ईरान के मुल्ला मोरल पुलिसिंग के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को तो मार सकते हैं और उन पर अत्याचार कर सकते हैं लेकिन जब बात इजरायल की बात आती है तो वे किसी बूचड़खाने के मेमना बनकर दुबक जाते हैं।'
ईरान ने कही है बदला लेने की बात

ईरान की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है लेकिन काफी सख्त संदेश इजरायल को दिया गया है। ईरान ने जामकरण मस्जिद में लाल रंग का झंडा लगा लिया है। इस मस्जिद पर लाल झंडे का मतलब जंग के ऐलान से है। मस्जिद के ऊपर लाल रंग का ये झंडा उस वक्त फहराया जाता है, जब ईरान किसी हमले का बदला लेने का ऐलान करता है। इस लाल झंडे के फहरने को युद्ध के ऐलान की तरह माना जाता है।

कुछ मीडिया रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खुमैनी ने तेहरान में इस्माइल हानिया की हत्या के बदले के तौर पर इजरायल पर हमले का आदेश दिया है। खुमैनी ने बुधवार सुबह ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक में यह आदेश दिया। ईरान ने हनिया की हत्या बाद इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त ना करने की बात कहते हुए बदला लेने का ऐलान किया है।

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Fri, 02 Aug 2024 11:15:23 +0530 admin
दुबई एक नई और अनोखी पहल के साथ फिर से सुर्खियों में, मॉल से कमाए पैसों से 50 मस्जिदें बनवाएगा ये इस्लामिक देश https://aaj24x7live.com/941 https://aaj24x7live.com/941 दुबई
दुनिया भर में अपनी भव्यता और शानदार प्रोजेक्ट्स के लिए जाना जाने वाला शहर दुबई एक नई और अनोखी पहल के साथ फिर से सुर्खियों में है। यहां एक ऐसे मॉल का निर्माण हो रहा है, जो न केवल पर्यावरण के अनुकूल होगा बल्कि इससे होने वाली आय का उपयोग अमीरात में मस्जिदों के निर्माण के लिए किया जाएगा। यह कोई साधारण शॉपिंग सेंटर नहीं होगा, बल्कि एक ऐसा स्थल होगा जो सामुदायिक और धार्मिक समर्थन में अहम भूमिका निभाएगा। इस मॉल में सुविधाएं किसी स्वर्ग से कम नहीं होंगी।

दुबई स्थित एंडोमेंट्स एंड माइनर्स अफेयर्स ट्रस्ट फाउंडेशन (अवकाफ) की इस परियोजना के अंतर्गत अल खवानीज में 1,65,000 स्क्वायर फीट के क्षेत्र में फैले मॉल में 29 दुकानें, एक बड़ा शॉपिंग सेंटर, मेडिकल सेंटर, रेस्तरां, और फिटनेस सेंटर जैसी सुविधाएं होंगी। इसके अलावा यहां की अन्य सेवा सुविधाओं में सड़कें, पार्क, पार्किंग लॉट, और पुरुषों और महिलाओं के लिए दो प्रार्थना कक्ष भी शामिल होंगे। इस मॉल का निर्माण अंतरराष्ट्रीय हरित भवन मानकों के अनुसार किया जा रहा है, जिसमें पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों और निर्माण तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सौर और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके ऊर्जा का उत्पादन, प्रबंधन और पुनर्चक्रण भी इस मॉल की विशेषता होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, मॉल के निर्माण की अनुमानित लागत 40 मिलियन दिरहम है, जो भारतीय मुद्रा में लगभग 91 करोड़ 19 लाख रुपये के बराबर है। इस मॉल के पूरा होने के बाद, इसकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा उन 50 मस्जिदों के निर्माण में लगेगा, जिन्हें पर्याप्त दान प्राप्त नहीं होता। मॉल से हर साल लगभग 8 मिलियन दिरहम, यानी लगभग 18 करोड़ रुपये इन मस्जिदों की जरूरतों को पूरा करने के लिए खर्च किए जाएंगे।

इस परियोजना के तहत मॉल का निर्माण दुबई के 'मस्जिद बंदोबस्ती' अभियान का हिस्सा है, जो दुबई मस्जिद बंदोबस्ती कोष को सहायता प्रदान करता है। अवकाफ दुबई के महासचिव अली मोहम्मद अल मुतावा और उनकी टीम ने हाल ही में मॉल के निर्माण स्थल का दौरा किया और प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने इस अभियान में योगदान देने के लिए सरकारी और निजी संस्थाओं, संगठनों और व्यक्तियों से अपील की है।

 

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Fri, 02 Aug 2024 11:15:13 +0530 admin
इजरायली हमले में ढेर हो गया हमास का मिल‍िट्री चीफ मोहम्‍मद देईफ, मोसाद को 7 बार दे चुका था मात, सेना ने की पुष्टि https://aaj24x7live.com/931 https://aaj24x7live.com/931 तेलअवीव
इजरायल की सेना (IDF) ने गुरुवार को दावा किया कि हमास (Hamas) के सैन्य विंग के प्रमुख मोहम्मद दायफ (Mohammed Deif) की पिछले महीने गाजा में इजरायली हवाई हमले में मौत हो गई थी. यह जानकारी समूह के राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया की तेहरान में हत्या के एक दिन बाद दी गई.

इजरायली सेना ने की तरफ से कहा गया, "IDF ऐलान करता है कि 13 जुलाई, 2024 को IDF लड़ाकू विमानों ने खान यूनिस के इलाके में हमला किया और खुफिया आकलन के बाद यह पुष्टि की जा सकती है कि हमले में मोहम्मद दायफ मारा गया."

इजरायली डिफेंस फोर्स ने इससे जुड़ा हुआ एक सोशल मीडिया पोस्ट भी किया.

इजरायली अधिकारियों ने कहा कि उन्हें संकेत मिले थे कि उनका हमला सफल रहा, लेकिन वे अब तक यह पुष्टि नहीं कर पाए हैं कि वह मारा गया है.

हमास ने इजरायल के द्वारा किए गए इस ऐलान पर कोई तत्काल जवाब नहीं दिया है. यह ऐलान ऐसे वक्त में किया गया है, जब तेहरान में हमास के नेता इस्माइल हानिया के अंतिम संस्कार के लिए भीड़ इकट्ठा हो रही थी.

ऐसा माना जाता है कि दायफ 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल पर हमास के हमले के मास्टरमाइंडों में से एक था, जिसकी वजह से गाजा युद्ध शुरू हुआ, जिसको 300 दिन हो रहे हैं.

हमास के टॉप लीडर्स में शामिल था दायफ

हमास के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक, दायफ 30 साल से ज्यादा वक्त तक समूह में आगे बढ़ता रहा और सुरंगों का नेटवर्क और बम बनाने में विशेषज्ञता विकसित करता रहा.

मोहम्मद दायफ, दशकों से इजरायल की मोस्ट वॉन्डेट लिस्ट टॉप पर है. इजरायल उसे आत्मघाती बम विस्फोटों में दर्जनों इजरायलियों की मौत के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार मानता आया है.

इस्माइल के जनाजे के बीच इजरायल ने दी यह खबर

यहूदी देश की सेना ने कहा कि मोहम्मद डीफ ने ही 7 अक्टूबर के हमले की प्लान की और उसे अंजाम दिया था। इजरायल की ओर से यह घोषणा उस दौरान की गई, जब ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के नेता इस्माइल हानियेह के जनाजे में हजारों की भीड़ जुटी थी। माना जा रहा है कि इस बड़े ऐलान के लिए इजरायल ने जानबूझकर ऐसा मौका चुना ताकि हमास और ईरान का मनोबल तोड़ा जा सके। बता दें कि मंगलवार को ही इजरायल ने तेहरान में इस्माइल को मार डाला था। उसकी हत्या उस दौरान की गई, जब वह ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ समारोह से लौट रहा था।

30 सालों से इजरायल को थी मोहम्मद डीफ की तलाश

मोहममद डीफ का मारा जाना इजरायल के लिए बड़ी सफलता है क्योंकि उसकी 30 सालों से तलाश थी। उसे अमेरिका ने भी 2015 में अपनी इंटरनेशनल टेररिस्ट्स की लिस्ट में शामिल किया है। इजरायल की सेना ने कहा कि उनकी धरती पर डीफ ने बीते सालों में कई हमले किए थे। गौरतलब है कि इजरायल पर हुए भीषण हमले में 1200 लोग मारे गए थे। वहीं करीब 250 लोगों को हमास के आतंकियों ने बंधक बना लिया था। 

 

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Thu, 01 Aug 2024 23:15:09 +0530 admin
ईरानी मुल्लाओं की बहादुरी सिर्फ महिलाओं पर निकलती है, जब इजरायल की बारी आती है तो ये बूचड़खाने के मेमने बन जाते हैं https://aaj24x7live.com/918 https://aaj24x7live.com/918 इस्लामाबाद
फ़िलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के सुप्रीम लीडर इस्माइल हानियेह का इजरायली सेना ने कत्ल कर दिया। वो ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान तेहरान पहुंचे थे। समारोह के अगले ही दिन बुधवार 31 जुलाई को इजरायली सेना ने हवाई हमले में हानियेह को मार डाला। हानियेह की हत्या किए जाने से ईरान समेत कई मुस्लिम देश इजरायल पर बौखलाए हुए हैं। पाकिस्तान ने भी हानियेह की मौत पर रिएक्शन दिए हैं। इमरान खान की पार्टी के कद्दावर नेता फवाद चौधरी ने सीधे-सीधे ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई की काबलियत पर सवाल उठाए। उन्होंने भड़कते हुए कहा कि इन ईरानी मुल्लाओं की बहादुरी सिर्फ महिलाओं पर निकलती है। जब इजरायल की बारी आती है तो ये बूचड़खाने के मेमने बन जाते हैं।

दो दिन में इजरायल ने अपने सबसे बड़े दुश्मन हमास के दो लीडरों के कत्ल का ऐलान कर दिया है। इजरायली सेना ने बताया कि हमास का सुप्रीम लीडर हानियेह हवाई हमले में मारा जा चुका है। बुधवार को इजरायल ने फिर दावा किया कि हमास का मिलिट्री चीफ मोहम्मद दीफ भी मारा जा चुका है। आईडीएफ के मुताबिक, दीफ 13 जुलाई को ही मारा गया था लेकिन, पुष्टि होनी बाकी थी। इसके अलावा इजरायल ने लेबनान में घुसकर हिजबुल्लाह के चीफ कमांडर फुआद शुकर को भी मार डाला है। शुकर को हाल ही में इजरायल के भीतर हवाई हमला करके 12 मासूमों के कत्ल का जिम्मेदार ठहराया गया था।

आठ महीने की जंग का दो दिन में अंजाम
इजरायल ने पिछले आठ महीनों से चल रही जंग को पिछले दो दिन में ही पलट दिया है। इजरायल इसे अपने लिए बड़ी जीत बता रहा है और दावा कर रहा है कि जो भी इजरायल या इजरायलियों पर बुरी नजर डालेगा, उसका हश्र यही होगा। अब हानियेह के कत्ल पर दुनिया दो खेमों में बंट गई है। ईरान, लेबनान, यमन, सीरिया समेत कई मुस्लिम देश इजरायल के इस ऑपरेशन को बड़ी हिमाकत मान रहे हैं। ईरान के सर्वोच्च नेता अली अयातुत्लाह खामेनेई ने इजरायल को इसकी भारी कीमत चुकाने की चेतावनी दी है। वहीं, इजरायल ने भी हर मोर्चे पर जवाब देने की बात कही है।

हानियेह के कत्ल पर पाकिस्तानी नेता
शिया कट्टरपंथी संगठन हमास के सुप्रीम लीडर हानियेह के कत्ल पर पाकिस्तान आग बबूला है। कई पाक नेताओं ने इजरायल को इसकी भारी कीमत चुकाने की चेतावनी दी है। पूर्व कैबिनेट मंत्री और इमरान खान की पार्टी पीटीआई के कद्दावर नेता फवाद चौधरी ने तो अपनी भड़ास ईरान पर निकाल दी। उन्होंने सोशल मीडिया X पर ईरानी नेता खामेनेई पर जमकर गुस्सा निकाला है। उन्होंने लिखा, "इन ईरानी मुल्लाओं की बहादुरी सिर्फ महिलाओं पर निकलती है। जब इजरायल की बारी आती है तो ये बूचड़खाने के मेमने बन जाते हैं।"

वहीं, अन्य पाक नेताओं की बात करें तो जमीयत उलेमा इस्लाम (एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने इस्माइल हनिएह की शहादत पर गहरा दुख और अफसोस जताया है। मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि इस्माइल हानिया का परिवार और फिलिस्तीनी इस दुख में समान रूप से भागीदार हैं, इस्माइल हानिया की शहादत से फिलिस्तीनी स्वतंत्रता आंदोलन समाप्त नहीं होगा, जब उनकी इस्माइल हानिया से मुलाकात हुई तो वह शहादत को समर्पित थे। हत्या से पहले इस्माइल हानिया की इशाक डार से मुलाकात का वीडियो वायरल हुआ था। पीपुल्स पार्टी की नेता और सीनेटर शेरी रहमान ने कहा कि इजराइल युद्ध रोकने के बजाय उसे फैला रहा है और बातचीत और युद्धविराम को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि इस्माइल हनियेह को मारकर इजराइल ने संदेश दिया कि हमें कोई नहीं रोक सकता। मुस्लिम लीग-एन नेता मुशाहिद हुसैन सैयद ने कहा कि इस्माइल हानिया की शहादत के बाद युद्ध का खतरा बढ़ गया है।

चीन भी भड़का तो अमेरिका की सफाई
हानियेह के कत्ल पर दुनियाभर के देशों की प्रतिक्रिया आई है। ईरान और तुर्की ने इसे घोर अपराध करार दिया है तो चीन भी इजरायल को जमकर कोस रहा है। चीन ने एक बयान में कहा कि वह हानियेह की मौत की सूचना से व्यथित और चिंतित है। चीन ने इजरायल के इस ऑपरेशन को पूरी तरह से अवैध और गलत करार दिया है। उधर, अमेरिका ने मामले में सफाई दे रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने मंगलवार को एक बयान दिया कि अमेरिका की इस ऑपरेशन में कोई भागीदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि हानियेह के खिलाफ ऑपरेशन की अमेरिका को न तो पूर्व जानकारी थी और न ही उसकी इसमें कोई भागीदारी है। हालांकि उसने इजरायल के साथ खड़े होने की बात जरूर कही।

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Thu, 01 Aug 2024 21:15:22 +0530 admin
कनाडा में खालिस्तानी कट्टरपंथी भारत विरोधी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे, ट्रूडो की मदद से बढ़ रहीं गतिविधियां https://aaj24x7live.com/917 https://aaj24x7live.com/917 टोरंटो
कनाडा (Canada)  में खालिस्तानी कट्टरपंथी भारत विरोधी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो की नाक तले  खालिस्तानी भारत विरोधी गतिविधियां चला रहे हैं। इसी क्रम में वहां खालिस्तान पर जनमत संग्रह किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए कनाडा अल्बर्टा स्थित कैलगरी में एक नगर पालिका के परिसर में  जनमत संग्रह किया गया जिसमें लोगों की राय जानने के लिए SFJ ने एक प्रश्न रखा था, जो कि “क्या भारत शासित पंजाब को एक स्वतंत्र देश होना चाहिए?”। वोटिंग के लिए ‘हां’या ‘ना’ विकल्प दिया गया था।

जानकारी के अनुसार खालिस्तान जनमत संग्रह अपने चौथे साल में है और कनाडा इस अलगाववादी गतिविधि का मुख्य केंद्र बन गया है। SFJ (सिख्स फॉर जस्टिस) द्वारा आयोजित यह हालिया जनमत संग्रह रविवार को कैलगरी, अल्बर्टा में म्युनिसिपल प्लाजा में हुआ, जो कि एक सरकारी सुविधा केंद्र है। जनमत संग्रह पहले ही ब्रैम्पटन, ग्रेटर टोरंटो एरिया (GTA) में दो बार, सुर्रे, ब्रिटिश कोलंबिया, और अब कैलगरी में हो चुका है। अगले साल 2025 की गर्मियों में मॉन्ट्रियल, मिसिसॉगा, एडमॉन्टन और एबॉट्सफोर्ड में भी जनमत संग्रह की योजना है।

कैलगरी में आयोजित इस जनमत संग्रह में 'किल इंडिया' जैसे भड़काऊ नारे भी लगे, जिनकी कनाडाई राजनेताओं या मीडिया द्वारा कोई आलोचना नहीं की गई। SFJ के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अपने भाषण में कहा कि अगर कनाडा सरकार भारतीय राजनयिकों के खिलाफ न्याय नहीं करती, तो वे 'खालसा न्याय' का सामना करेंगे। इंडो-कनाडाई समूहों से इस आयोजन पर तीखी प्रतिक्रिया आई है। कोएलिशन ऑफ हिंदूज़ ऑफ नॉर्थ अमेरिका (COHNA) के कनाडाई चैप्टर ने कहा कि परमजीत सिंह पन्नू के पोस्टर कई शहरों में लगे थे और सिटी हॉल के बाहर कई दिनों तक प्रदर्शन किए गए थे। मेयर ऑफिस को यह भी जानकारी दी गई थी कि यह आयोजन प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के सदस्यों को शामिल नहीं करेगा।SFJ ने यह भी कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के 18 सितंबर को भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को निष्कासित करने के फैसले के बाद वे और अधिक "सशक्त" महसूस कर रहे हैं।

SFJ ने दावा किया है कि उनकी गतिविधियों को लेकर "विश्वसनीय आरोप" हैं कि भारतीय एजेंट हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल हैं, जिनकी जून 18 को सुर्रे गुरुद्वारे के बाहर अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस जनमत संग्रह ने कनाडा में बढ़ती चिंताओं को जन्म दिया है। कनाडा में सबसे भयंकर आतंकवादी घटना के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले 1985 के एयर इंडिया बॉम्बिंग की मास्टरमाइंड की छवि को SFJ के पोस्टर में प्रदर्शित किया गया, जिसमें 329 लोगों की जान गई थी। यह कनाडा के इतिहास में अब तक की सबसे घातक आतंकवादी घटना है। SFJ का अगला जनमत संग्रह न्यूज़ीलैंड में इस साल के अंत में आयोजित होने की उम्मीद है। इसके अलावा, SFJ ने यूनाइटेड किंगडम, स्विट्जरलैंड, इटली और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी जनमत संग्रह आयोजित किए हैं, लेकिन सबसे अधिक विवादास्पद और सक्रियता का केंद्र कनाडा ही बना हुआ है।

 

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Thu, 01 Aug 2024 21:15:12 +0530 admin
हमास चीफ इस्‍माइल हानिया की हत्‍या, अमेरिका पर आगबबूला हुआ ईरान, क्‍या भड़केगी जंग? https://aaj24x7live.com/865 https://aaj24x7live.com/865 तेहरान

हमास चीफ इस्माइल हानिया (Ismail Haniyeh) की मौत दुनियाभर में चर्चा में बनी हुई है. इजरायल ने सात अक्तूबर 2023 के हमले का बदला लेते हुए बुधवार को हानिया को मार गिराया था. जिस समय हानिया को निशाना बनाकर हमला किया गया, वह ईरान की राजधानी तेहरान में थे. ऐसे में अब ईरान ने इजरायल पर हमले का आदेश दे दिया है.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में ईरान के तीन अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि सुप्रीम लीडर अयातोल्लाह अली खामेनेई ने ईरानी सेना को इजरायल पर हमला करने का आदेश दिया है. ईरान के सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की इमरजेंसी मीटिंग के बाद खामेनेई ने इस हमले का आदेश दिया.

रिपोर्ट के मुताबिक, अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह हमला किस तरह का होगा और ईरान कितनी ताकत से इजरायल पर हमला करेगा. लेकिन इतना तय है कि जिस तरह का हमला ईरान ने बीते अप्रैल में तेल अवीव और हाइफा में इजरायली सैन्य ठिकानों पर किया था. इस बार भी ईरान इसी तरह का ड्रोन और मिसाइल हमला कर सकता है. इसके साथ ही ईरान अपने सहयोगी देशों की मदद से भी हमला कर सकता है.

 ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने हानिया की मौत की पुष्टि होने के बाद संकेत दिए थे कि ईरान इसका बदला लेते हुए सीधे तौर पर इजरायल पर हमला करेगा. खामेनेई ने कहा था कि हम उनके (हानिया) खून का बदला लेंगे क्योंकि यह हमारे क्षेत्र में हुआ है.

ईरान और हमास ने हानिया की हत्या के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है. लेकिन इजरायल ने अभी तक ना तो इस हमले को स्वीकार किया है और ना ही इसे खारिज किया है.

भारी कीमत चुकानी होगी!

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि अगर उनके देश पर किसी भी तरह का कोई हमला होता है तो उसकी भारी कीमत चुकानी होगी. तेहरान में हवाई हमले में इस्माइल हनिया के मारे जाने के बाद यह उनका पहला सार्वजनिक बयान है.

इजरायल का अपने दुश्मनों का खात्मा करने का लंबा इतिहास रहा है. ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों से लेकर सैन्य कमांडरों तक वह विदेश में अपने कई दुश्मनों का खात्मा कर चुका है. हानिया भी ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए ईरान गए थे, जहां उन्हें निशाना बनाकर हमला किया गया.

दोहा में रहता था हमास चीफ हानिया

फिलिस्तीनी संगठन हमास की कई इकाइयां हैं, जो राजनीतिक, फौजी या सामाजिक कामकाज संभालती हैं. हमास की नीतियां एक कंसल्टेटिव बॉडी तय करती है. इसका मुख्यालय गाजा पट्टी इलाके में ही है. अब तक हमास की कमान इस्माइल हानिया के हाथों में थी, जो इसका चेयरमैन था. उसने 2017 से खालिद मेशाल के उत्तराधिकारी के तौर पर ये काम संभाला था. वो कतर की राजधानी दोहा में रहता था और वहीं से हमास का काम-काज देखता था. दरअसल, मिस्र ने उसके गाजा आने-जाने पर रोक लगा रखी थी

ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने बयान जारी कर कहा था कि इजरायल ने ईरान में हानिया को निशाना बनाकर हमला किया, जिसमें हमास चीफ के साथ-साथ उसका एक बॉडीगार्ड भी मारा गया था. इससे पहले अप्रैल में  इजरायली सुरक्षाबलों ने हानिया के तीन बेटों को भी मार गिराया था. इजरायल ने गाजा पट्टी पर एयरस्ट्राइक कर हानिया के तीन बेटों को मारा था. इजरायली सेना IDF ने बताया था कि हानिया के तीन बेटे आमिर, हाजेम और मोहम्मद गाजा में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने जा रहे थे, इस बीच तीनों हवाई हमलों की चपेट में आ गए.

 ईरान के सर्वोच्‍च नेता अयातुल्‍ला अली खामनेई ने इजरायल से सीधे बदला लेने का आदेश दे दिया है। वहीं सूत्रों का कहना है कि ईरान खुद और अपने प्रॉक्‍सी संगठन हमास, हूती और हिज्‍बुल्‍ला की मदद से इजरायल पर बड़ा मिसाइल हमला कर सकता है। इन सब आशंकाओं के बीच ईरान ने अमेरिका पर बड़ा हमला बोला है। ईरान की सरकार ने आरोप लगाया है कि इजरायल ने बिना अमेरिका की अनुमति और खुफिया मदद के यह हमला नहीं किया है। वहीं अमेरिका ने एक बार फिर से कहा है कि हमास नेता के ऊपर हुए हमले में उसकी कोई भूमिका नहीं है। वहीं अमेरिका ने ईरान को चेतावनी दी है कि अगर इजरायल पर हमला किया गया तो वह तेलअवीव की पूरी ताकत से रक्षा करेगा।

संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में ईरानी प्रतिनिधि ने कहा, 'यह अमेरिका की जिम्‍मेदारी है कि वह अपने रणनीतिक सहयोगी और क्षेत्र में इजरायली सरकार की मुख्‍य समर्थक उसके खौफनाक अपराधों को अनदेखा नहीं करे।' उन्‍होंने कहा कि इजरायल इस हमले के जरिए राजनीतिक लक्ष्‍य का पीछा कर रहा है। उसका ईरान की नई सरकार को नाकाम करने का इरादा था।' ईरान के इस बयान के बाद विश्‍लेषकों की ओर से आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका के साथ उसका तनाव भड़क सकता है। अब तक ईरान के प्रॉक्‍सी संगठन हूती और इराकी मिलिश‍िया के लोग अमेरिका के युद्धपोतों और ठिकानों को निशाना बनाते रहे हैं।

7 अक्टूबर को क्या हुआ था?

बता दें कि इजरायल और हमास के बीच जंग 7 अक्टूबर 2023 से जारी है. तब हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया था, जिसमें 1200 लोग मारे गए थे. हमास ने 250 नागरिकों को बंधक भी बना लिया था. दावा है कि अब भी 150 बंधक हमास के कब्जे में है. वहीं, हमास दावा करता है कि इजरायली हमलों में अब तक 39 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है. इजरायल का कहना है कि उसने इस ऑपरेशन में हमास और उसके सहयोगियों के 14 हजार से ज्यादा लड़ाकों को मार गिराया है.

 

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Thu, 01 Aug 2024 15:15:10 +0530 admin
इजरायल ने मचाया हड़कंप, एक ही दिन में हिजबुल्लाह और हमास के कमांडर ढेर https://aaj24x7live.com/819 https://aaj24x7live.com/819 गाजा तेल अवीव

इजरायल की ख्याति अपने दुश्मनों से चुनकर बदला लेने वाले मुल्क के तौर पर रही है। बीते साल 7 अक्टूबर को हमास ने उस पर ऐसा हमला बोला था कि 1200 लोग मारे गए थे। इसके अलावा 250 लोग अगवा कर लिए गए थे। बीते कई दशकों के इतिहास में इजरायल पर यह सबसे भीषण हमला था। इसके बाद से माना जा रहा था कि हमास से जंग में इजरायल पहले जैसा ताकतवर नहीं रहा। लेकिन मंगलवार को इजरायल ने जो किया, उससे फिलिस्तीन समेत उसके समर्थक देशों में हड़कंप मच गया है। उसने एक तरफ हमास के सुप्रीम नेता इस्माइल हानियेह को ईरान के अंदर घुसकर मार डाला तो वहीं हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर फवाद शुक्र को लेबनान के बेरूत में मार गिराया।

इजरायल ने दावा किया है कि फवाद शुक्र ही गोलान हाइट्स में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें फुटबॉल ग्राउंड में खेल रहे 12 मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। इजरायल का कहना है कि बेरूत में एयरस्ट्राइक के दौरान उसे मार गिराया गया। वहीं हिजबुल्लाह का कहना है कि अभी पता नहीं है कि फवाद शुक्र कहां है और उसकी क्या स्थिति है। लेकिन उसने यह जरूर मान लिया है कि इजरायल ने जिस इमारत पर हमला बोला, उसमें ही फवाद शुक्र मौजूद था। वहीं ईरान की राजधानी तेहरान में हमास नेता इस्माइल को मार डाला गया। उसके साथ ही एक सुरक्षाकर्मी भी मारा गया है।

हिजबुल्लाह ने एक बयान में कहा कि महान जिहादी कमांडर फवाद शुक्र उसी इमारत में मौजूद थे, जिसमें यहूदी दुश्मन ने अटैक किया। बता दें कि हमास के मुखिया के मारे जाने के बाद तुर्की, ईरान जैसे इस्लामिक देशों ने इजरायल पर भड़ास निकाली है। ईरान ने कहा कि हम इस्माइल के खून को बेकार नहीं जाने देंगे। वहीं तुर्की ने कहा कि हम इस शर्मनाक हत्या की निंदा करते हैं। इस तरह बीते 9 महीनों से जारी जंग में यह पहला मौका माना जा रहा है, जब इजरायल ने एक साथ अपने दो दुश्मनों का खात्मा किया है।

दरअसल इजरायल गाजा पट्टी के अलावा लेबनान से हिजबुल्लाह के हमलों का भी सामना कर रहा था। ऐसे में सवाल उठ रहे थे कि कैसे वह दो मोर्चे पर लड़ सकेगा। अब इजरायल ने ईरान से लेकर लेबनान तक अपने दुश्मनों का जिस तरह से खात्मा किया है, उससे जंग में उसका हौसला बढ़ेगा। इजरायल का कहना है कि फवाद शुक्र हिजबुल्लाह के टॉप कमांडरों में से एक था और वह ग्रुप के चीफ हसन नसरुल्लाह का राइट हैंड था। वहीं हमास का इस्माइल तो करीब एक दशक तक गाजा की सरकार का मुखिया भी था।

फुआद की मौत पर इजराइल ने खुशी जताई
इजराइली सेना के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा कि फुआद फुटबॉल ग्राउंड पर किए गए हमले और कई अन्य इजराइली नागरिकों की हत्या के लिए जिम्मेदार था। उन्होंने फुआद को हिजबुल्‍लाह नेता हसन नसरल्लाह का राइट हैंड बताया।

टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक नब्बे के दशक में हिजबुल्लाह ने इजराइल के 3 सैनिकों को मार दिया था और उसके शव को साथ लेकर चले गए थे। फुआद इस घटना में शामिल था।

रिपोर्ट के मुताबिक फुआद हिजबुल्लाह के शीर्ष कमांडर इमाद मुगनीह का वारिस था। मुगनीह को 2008 में सीरिया में कार बम विस्फोट में मार दिया था। हिजबुल्लाह ने इसका इल्जाम इजराइल पर लगाया था।

इजराइली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा कि फुआद ने कई इजराइलियों का खून किया था। हमने इसका बदला ले लिया। हमारे सैनिक इजराइलियों के हत्यारों को दुनिया के किसी भी कोने से ढूंढ़कर मार देंगे।

अमेरिका ने फुआद पर रखा था बड़ा इनाम
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक फुआद को अल-हज्ज मोहसिन के नाम से भी जाना जाता है। 1983 में बेरूत में अमेरिकी मरीन कॉर्प्स बैरकों पर हुई बमबारी में उसका बड़ा रोल था। इसमें 241 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे और 128 घायल हुए थे।

फुआद को 2019 में अमेरिका ने इंटरनेशनल टेररिस्ट घोषित किया था। उसके बारे में जानकारी देने पर अमेरिका ने 5 मिलियन डॉलर (करीब 42 करोड़) का इनाम रखा था।

लेबनान में हिजबुल्लाह ठिकाने पर इजराइली हमले के बाद अमेरिका ने कहा कि इजराइल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है।

24 दिन पहले हिजबुल्लाह ने इजराइल पर 200 रॉकेट दागे थे
7 जुलाई को हिजबुल्लाह ने इजराइल पर बड़ा हमला किया था। AP की रिपोर्ट के मुताबिक हिजबुल्लाह ने 200 से ज्यादा रॉकेट दागे थे। इसके अलावा करीब 20 ड्रोन्स से भी हमला किया गया। हमले में इजराइल के कई मिलिट्री बेस को निशाना बनाया गया था। इजराइली सेना ने कहा कि कुछ मिसाइलें लेबनान से उनके इलाके में गिरीं। इनमें से कई को रोक दिया गया।

हिजबुल्लाह ने यह हमला अपने एक टॉप कमांडर की मौत का बदला लेने के लिए किया था। दरअसल, इजराइल ने दक्षिण लेबनान के टायरे शहर पर हमला किया था। इसमें हिजबुल्लाह का टॉप कमांडर मुहम्मद निमाह नासिर (हज्ज अबू निमाह) मारा गया था। हिजबुल्लाह ने भी कमांडर की मौत की पुष्टि की थी।

कौन है हिजबुल्लाह संगठन?
हिजबुल्लाह शब्द का अर्थ पार्टी ऑफ गॉड है। यह संगठन खुद को शिया इस्लामिक पॉलिटिकिल, मिलिट्री और सोशल आर्गनाइजेशन बताता है। हिजबुल्लाह लेबनान का ताकतवर ग्रुप है। अमेरिका और कई देशों ने इसे आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है।

1980 की शुरुआत में लेबनान पर इजराइल के कब्जे के दौरान इसे ईरान की मदद से बनाया गया था। 1960-70 के दशक में लेबनान में इस्लाम की वापसी के दौरान इसने धीमे-धीमे जड़ें जमानी शुरू कर दी थीं।

ऐसे तो हमास सुन्नी फिलिस्तीनी संगठन है, जबकि ईरान के सपोर्ट वाला हिजबुल्लाह शिया लेबनानी पार्टी है। लेकिन इजराइल के मुद्दे पर दोनों संगठन एकजुट रहते हैं। 2020 और 2023 के बीच, दोनों गुटों ने इजराइल के साथ UAE और बहरीन के बीच समझौते का विरोध किया था।

 

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Wed, 31 Jul 2024 21:00:13 +0530 admin
ब्रिटेन में कट्टरपंथी अंजेम चौधरी को आतंकवाद के मामले में उम्रकैद की सजा https://aaj24x7live.com/774 https://aaj24x7live.com/774 लंदन
 ब्रिटिश अदालत ने कट्टरपंथी इस्लामवादी प्रचारक अंजेम चौधरी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पिछले हफ्ते, अदालत ने 57 वर्षीय चौधरी को एक आतंकवादी समूह का संचालन करने के लिए दोषी ठहराया था। वह लंबे समय से आतंकवाद को बढ़ावा देने और पश्चिम में आतंकवादियों की एक नई पीढ़ी की भर्ती करने के लिए खुफिया एजेंसियों की निगरानी में था। वूलविच क्राउन कोर्ट ने मंगलवार को अंजेम चौधरी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उसे कम से कम 28 साल सलाखों के पीछे रहना होगा और शायद वह कभी जिंदा जेल से बाहर न आ पाए क्योंकि वह 85 साल का होने के बाद ही पैरोल के लिए पात्र होगा।

पहले भी सजा पा चुका है अंजेम चौधरी

इससे पहले, अंजेम चौधरी को आतंकवाद के लिए 2016 में साढ़े पांच साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन 2018 में लगभग आधी सजा काटने के बाद उसे रिहा कर दिया गया था। चौधरी के सह-आरोपी 29 साल के खालिद हुसैन को भी प्रतिबंधित संगठन का सदस्य होने का दोषी ठहराया गया था। अदालत ने उसे पांच साल जेल की सजा सुनाई।

ब्रिटेन के कुख्यात उपदेशक अंजेम चौधरी कौन हैं?

अंजेम चौधरी यूनाइटेड किंगडम में सबसे कुख्यात कट्टरपंथी इस्लामवादी उपदेशक हैं। भले ही वे 1990 के दशक से ही इस्लामवादी गतिविधियों में सक्रिय रहे हों, लेकिन चौधरी ने पहली बार 9/11 के हमलों के बाद तब सुर्खियाँ बटोरीं, जब उन्होंने आतंकवादियों की प्रशंसा की। उन्होंने ब्रिटिश सम्राट के महल बकिंघम पैलेस को मस्जिद में बदलने के इरादे की भी घोषणा की थी। अंजेम चौधरी का जन्म भले ही ब्रिटेन में हुआ है, लेकिन उसके माता-पिता 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तानी पंजाब से ब्रिटेन आ गए थे।

अल-मुहाजिरौन का नेता है अंजेम चौधरी

अंजेम चौधरी अल-मुहाजिरौन का नेता था, जो एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है, जिसकी स्थापना उन्होंने 1996 में की थी। वह लगभग 30 वर्षों तक इसके संचालन के केंद्र में रहा। स्काई न्यूज के अनुसार, उन्होंने इसे इस्लाम4यूके और मुस्लिम अगेंस्ट क्रूसेड्स जैसे नामों से चलाया। चौधरी 2014 में अल-मुहाजिरोन का सर्वेसर्वा नियुक्त हुआ था, जब पिछले नेता और साथी कट्टरपंथी इस्लामवादी उपदेशक उमर बकरी मोहम्मद को 2014 में लेबनान में जेल में डाल दिया गया था। बकरी मोहम्मद ने 7/7 बम विस्फोटों को "शानदार चार" कहा था।

लंदन बम विस्फोटों से संबंध

7/7 बम विस्फोट 7 जुलाई, 2005 को लंदन में हुए चार आत्मघाती बम विस्फोटों को संदर्भित करता है, जिसमें ब्रिटिश पुलिस के अनुसार कम से कम 52 लोग मारे गए और 770 से अधिक घायल हो गए। हमलावरों ने लंदन की भूमिगत ट्रेनों और बसों पर हमला किया था। चौधरी को दोषी ठहराने और सजा सुनाने वाले जज मार्क वॉल ने कहा कि चौधरी के समूह अल-मुहाजिरोन का इरादा शरिया कानून, इस्लामी कानून को हिंसक तरीकों से दुनिया के ज़्यादा से ज़्यादा हिस्सों में फैलाने का था।

अंजेम चौधरी 21 आतंकी घटनाओं से जुड़ा

स्काई न्यूज के अनुसार, अंजेम चौधरी और अल-मुहाजिरौन में उसके सहयोगी कम से कम 21 अलग-अलग आतंकी साजिशों से जुड़े हैं। चौधरी और अल-मुहाजिरौन को मध्य पूर्व में ISIS जैसे अन्य आतंकी समूहों में शामिल होने के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए भी दोषी ठहराया गया है। 2023 में, इंग्लैंड के बर्मिंघम के दो भाइयों में से एक, जिन्हें अफगानिस्तान में ISIS में शामिल होने की योजना बनाने के लिए जेल भेजा गया था, उसने भी कहा कि उसे अंजेम चौधरी ने प्रेरित किया था। उनके एक सहयोगी अबू रुमैसाह अल-ब्रिटानी था, जो एक धर्मांतरित मुस्लिम था, जिनका पहले नाम सिद्धार्थ धर था। अबू रुमैसाह ISIS का सदस्य था और अपनी क्रूरता के लिए कुख्यात था और उसे 'जिहादी सिद' कहा जाता था।

जिहाद का करता था प्रचार

स्काई न्यूज के अनुसार, चौधरी खुद वूलविच हत्यारे माइकल एडेबोलाजो, लंदन ब्रिज के आतंकवादी खुरम बट और फिशमॉन्गर्स हॉल के हमलावर उस्मान खान का सहयोगी था। 2022 में चौधरी ने एक ऑनलाइन व्याख्यान में कहा कि जिहाद मुसलमानों का दायित्व है। स्काई न्यूज के अनुसार चौधरी ने अनुयायियों को "धर्मयुद्ध करने वालों से लड़ने" के लिए भी प्रोत्साहित किया और पिछले साल उनसे कहा कि "इसमें कोई संदेह नहीं है कि जिहाद हम पर दायित्व है"। चौधरी ने एक अन्य व्याख्यान में कहा, "क्या आतंकवाद दीन [आस्था] का हिस्सा है? हां, इससे भी अधिक – लोगों को भयभीत करना भी दीन का हिस्सा है।"

चौधरी को कैसे दोषी ठहराया गया

2018 में रिहा होने के बाद चौधरी ने आतंकवादी विचारधाराओं को फैलाने और आतंकवादियों की भर्ती करने के लिए ऑनलाइन व्याख्यान देना शुरू कर दिया। ब्रिटिश, अमेरिकी और कनाडाई सुरक्षा सेवाओं के एक अंडरकवर ऑपरेशन ने उनके ऑनलाइन संचालन में घुसपैठ की। फैसले के अनुसार, चौधरी ने लगभग 30 व्याख्यान दिए और अपने आतंकवादी समूह अल-मुहाजिरून के कोडनेम 'इस्लामिक थिंकर्स सोसाइटी' के सदस्यों को टकरावपूर्ण सड़क उपदेश और हिंसा के कृत्यों के लिए प्रोत्साहित किया। अपने फ़ैसले में जज वॉल ने कहा कि अल-मुहाजिरून जैसे संगठन "वैचारिक कारणों के समर्थन में हिंसा को सामान्य बनाते हैं।"

2024 में अल-मुहाजिरोन का चीफ बना अंजेम
अंजेम चौधरी शुरुआती दिनों से ही अल-मुहाजिरोन के प्रमुख सदस्यों में से रहा है। संगठन पर दर्जनों आतंकी घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है। इससे जुड़े आतंकियों ने ब्रिटेन के अलावा बाकी देशों में भी आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया था।

अंजेम चौधरी साल 2014 में अल-मुहाजिरोन का चीफ बना था। दरअसल इस संगठन के चीफ रहे उमर बकरी मोहम्मद को लेबनाम में जेल भेज दिया गया था जिसके बाद उसने संगठन की कमान संभाली थी।

अंजेम को आतंकवाद के लिए 2016 में सीरिया में इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों की मदद करने के लिए साढ़े पांच साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन आधी सजा काटने के बाद उसे 2018 में रिहा कर दिया गया था। जेल से बाहर निकलने के बाद अंजेम ने व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर फॉलोअर्स को तकरीर देना शुरू किया।

जिहाद की बातें करता था, एजेंसियों ने पकड़ा
पाकिस्तानी मूल के अंजेम अपनी तकरीरों में फॉलोअर्स से जिहाद की बातें करता था और उन्हें हिंसा के लिए उकसाता था। इसी दौरान उसकी तकरीर को अमेरिका और कनाडा की एजेंसियों ने ट्रैक करना शुरू किया। 2022 में चौधरी ने एक ऑनलाइन व्याख्यान में कहा था कि जिहाद मुसलमानों का दायित्व है।

उसे अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा की एजेंसियों ने मिलकर अंडरकवर जांच के बाद कनाडा के हीथ्रो एयरपोर्ट पर पकड़ा गया था। तब उस पर आरोप लगा था कि वह अमेरिका और कनाडा में झूठे नाम से जिहाद के लिए लोगों की भर्ती करा रहा है।

9/11 हमले की तारीफ की थी, शाही महल को मस्जिद बनाना चाहता था
अंजेम ने पहली बार 9/11 के हमलों के बाद सुर्खियां बटोरी थीं। तब उसने इसे ‘इतिहास का सबसे बड़ा दिन’ कहा था और आतंकियों की तारीफ की थी। उसने ये भी कहा था कि वो ब्रिटिश राजमहल बकिंघम पैलेस को मस्जिद में बदलना चाहता है।

अंजेम चौधरी का जन्म 16 जनवरी 1967 को लंदन में हुआ था। उसके माता-पिता 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तानी के पंजाब से ब्रिटेन आ गए थे। अंजेम ने कानून की पढ़ाई करने के साथ ही मेडिसिन की पढ़ाई की। वह आगे जाकर एक वकील बना। 90 के दशक में वह कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोगों से जुड़ा और बकरी मोहम्मद के साथ अल-मुहाजिरोन की स्थापना की।

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Wed, 31 Jul 2024 14:00:13 +0530 admin
इजरायल ने लिया 7 अक्टूबर का बदला, हमास चीफ इस्माइल हानिया को तेहरान में मारा, उड़ा डाला घर https://aaj24x7live.com/758 https://aaj24x7live.com/758 तेहरान

इजरायल ने 7 अक्टूबर को अपने देश में हुए खून-खराबे का बदला पूरा कर लिया है. पिछले 9 महीने से बदले की आग में झुलस रहे इजरायल ने बुधवार तड़के हमास चीफ इस्माइल हानिया को ढेर कर दिया है. चौंकाने वाली बात यह है कि हानिया को गाजा, फिलिस्तीन या कतर में नहीं, बल्कि ईरान की राजधानी तेहरान में मारा गया है. हमास ने खुद बयान जारी कर अपने चीफ की मौत की पुष्टि की है.

दरअसल, हमास चीफ इस्माइल हानिया मंगलवार (30 जुलाई) को ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुआ. इस दौरान हानिया ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई से भी मुलाकात की थी. इसके अगले ही दिन (बुधवार) यानी की आज सुबह-सुबह ईजरायल ने उस घर को ही उड़ा दिया, जिसमें इस्माइल हानिया ठहरा हुआ था.

हानिया का बॉडीगार्ड भी मारा गया

ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने बयान जारी कर कहा है कि हमला तेहरान में हानिया के ठिकाने को निशाना बनाकर किया गया. इसमें हमास चीफ के साथ-साथ उसका एक बॉडीगार्ड भी मारा गया.

अमेरिका
हमास चीफ इस्माइल हानिया ने एक दिन पहले ही ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई से तेहरान में मुलाकात की थी.

दोहा में रहता था हमास चीफ हानिया

फिलिस्तीनी संगठन हमास की कई इकाइयां हैं, जो राजनीतिक, फौजी या सामाजिक काम-काज संभालती हैं. हमास की नीतियां एक कंसल्टेटिव बॉडी तय करती है. इसका मुख्यालय गाजा पट्टी इलाके में ही है. अब तक हमास की कमान इस्माइल हानिया के हाथों में थी, जो इसका चेयरमैन था. उसने 2017 से खालिद मेशाल के उत्तराधिकारी के तौर पर ये काम संभाला था. वो कतर की राजधानी दोहा में रहता था और वहीं से हमास का काम-काज देखता था. दरअसल, मिस्र ने उसके गाजा आने-जाने पर रोक लगा रखी थी.

तीन बेटों को भी किया था ढेर

हाल ही में (अप्रैल 2024) इजरायल इजरायली सुरक्षाबलों ने हानिया के तीन बेटों को भी मार गिराया था. इजरायल ने गाजा पट्टी पर एयरस्ट्राइक कर हानिया के तीन बेटों को मारा था. इजरायली सेना IDF ने बताया था कि हानिया के तीन बेटे आमिर, हाजेम और मोहम्मद गाजा में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने जा रहे थे, इस बीच तीनों हवाई हमलों की चपेट में आ गए.

7 अक्टूबर को क्या हुआ था?

बता दें कि इजरायल और हमास के बीच जंग 7 अक्टूबर 2023 से जारी है. तब हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया था, जिसमें 1200 लोग मारे गए थे. हमास ने 250 नागरिकों को बंधक भी बना लिया था. दावा है कि अब भी 150 बंधक हमास के कब्जे में है. वहीं, हमास दावा करता है कि इजरायली हमलों में अब तक 39 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है. इजरायल का कहना है कि उसने इस ऑपरेशन में हमास और उसके सहयोगियों के 14 हजार से ज्यादा लड़ाकों को मार गिराया है.

इस्माइल हानिया को मारने वाला कौन, दुनिया को मोसाद पर क्यों शक?

इजरायल को जख्म देने वाले हमास का सरगना इस्माइल हानिया मारा गया है। उसकी मौत ईरान की राजधानी तेहरान में हुई है। हानिया की हत्या तब हुई है, जब एक दिन पहले ही ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने शपथ ली है। ईरानी आईआरजीसी ने कहा है कि हानिया और उसके एक गार्ड की हत्या तेहरान स्थित उसके आवास पर कर दी गई है। हिजबुल्लाह से संबद्ध समाचार साइट अल मायादीन ने दावा किया कि इजरायल ने उन्हें मार डाला। ऐसा दावा किया जा रहा है कि इस हत्या में इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ है। हालांकि, इजरायल ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। इससे पहले भी मोसाद पर ईरान में कई हाई प्रोफाइल हत्या की घटनाओं को अंजाम देने के आरोप लग चुके हैं।

मोसाद को जानें

मोसाद का हिब्रू में पूरा नाम सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर इंटेलिजेंस एंड स्पेशल ऑपरेशंस है। वह अमन (सैन्य खुफिया) और शिन बेट (आंतरिक सुरक्षा) के साथ-साथ इजरायल के तीन प्रमुख खुफिया संगठनों में से एक है। मोसाद विदेशी खुफिया जानकारी जुटाने, खुफिया विश्लेषण और गुप्त अभियानों से संबंधित है। दिसंबर 1949 में समन्वय संस्थान के रूप में औपचारिक रूप से स्थापित मोसाद ब्रिटिश शासनादेश अवधि के दौरान फिलिस्तीन में यहूदी सैन्य बल की खुफिया शाखा का उत्तराधिकारी था। रूवेन शिलोआ को मोसाद के पहले डायरेक्टर चुना गया था। वह इजरायल की स्थापना के बाद स्पेशल ऑपरेशन और गुप्त कूटनीति में शामिल थे। इसके बाद मोसाद ने कई देशों में अपने सफल खुफिया अभियान चलाए। जानें मोसाद के कुछ चर्चित अभियानों के बारे में।

ऑपरेशन थंडरबोल्ट

27 जून 1976 को इजरायली यात्रियों से भरे फ्रांस के एक यात्री विमान का अरब के आतंकियों ने अपहरण कर लिया था। इसके बाद मोसाद ने अपनी ताकत और बुद्धिमानी के दम पर हजारों किलोमीटर दूर स्थित देश युगांडा से अपने 94 नागरिकों को सुरक्षित वापस निकाला था। युगांडा के एंतेबे हवाई अड्डे पर मोसाद के ऑपरेशन को आज भी पूरी दुनिया में सबसे सफल हॉइजैकर्स मिशन माना जाता है। इस ऑपरेशन में वर्तमान में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भाई जोनाथन नेतन्याहू भी शामिल हुए थे। हालांकि, उनकी ऑपरेशन के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी।

मोसाद ने रूसी मिग-21 लड़ाकू विमान को चुराया

मोसाद को रूसी सुपरसोनिक फाइटर जेट मिग-21 को चुराने का भी तमगा मिला हुआ है। मिग-21 60 के दशक में दुनिया का सबसे तेज उड़ने वाला लड़ाकू विमान था। यह विमान इतना तेज था कि अमेरिका को भी इससे डर लगता था। ऐसे में इस विमान की टेक्नोलॉजी को चुराने के लिए अमेरिका ने एक योजना बनाई और उसे अंजाम देने का काम मोसाद को सौंपा गया। पहली कोशिश में पकड़े जाने के बाद दिसंबर 1962 में मोसाद के एक एजेंट को मिस्र में फांसी दे दी गई। मोसाद ने दूसरी कोशिश इराक में की, लेकिन यह प्रयास भी असफल रहा। 1964 में मोसाद की महिला एजेंट ने एक इराकी पायलट को इस विमान के साथ इजरायल लाने के लिए मना लिया था।

म्यूनिख ओलिंपिक में इजरायली टीम के हत्यारों की हत्या

मोसाद ने 1972 में हुए म्यूनिख ओलिंपिक में इजरायली टीम के 11 खिलाड़ियों के हत्यारों को कई देशों में ढूंढकर मौत के घाट उतारा थाा। मोसाद के इस बदले की कार्रवाई की पूरी दुनिया में चर्चा हुई। इजरायली खिलाड़ियों की हत्या का आरोप ब्लैक सेप्टेंबर और फिलीस्तीन लिबरेशन अर्गनाइजेशन पर लगा था। मोसाद की लिस्ट में 11 आतंकी थे, जो म्यूनिख में इजरायली खिलाड़ियों की हत्या के बाद अलग-अलग देशों में जाकर छिप गए थे। लेकिन, मोसाद ने 10 साल के ऑपरेशन में सभी आतंकियों को खोजकर मार दिया। कहा जाता है कि मोसाद ने सभी 11 आतंकियों को 11-11 गोलियां मारी थी।

अर्जेंटीना से एडोल्फ एकमैन का अपहरण

मोसाद ने अर्जेंटीना में 11 मई 1960 को अर्जेंटीना से नाजी युद्ध अपराधी एडोल्फ एकमैन का अपहरण कर दुनिया में तहलका मचा दिया था। यह मिशन इतना गुप्त था कि इसकी भनक अर्जेंटीना को तब लगी, जब इजरायल ने खुद इसका ऐलान किया। मोसाद नाजी युद्ध अपराधी एडोल्फ एकमैन को लेकर इजरायल आई। बाद में एकमैन पर यहूदियों के खिलाफ किए गए अत्याचारों के लिए मुकदमा चलाया गया और उसे फांसी की सजा सुनाई गई। इस मिशन को मोसाद के पांच एजेंटों ने अंजाम दिया था जिसने नाम बदलकर अर्जेंटीना में छिपे एडोल्फ एकमैन को ढूंढ निकाला।

यासिर अराफात के करीबी की हत्या

मोसाद ने फिलीस्तीन के प्रसिद्ध नेता यासिर अराफात का दाहिना हाथ कहे जाने वाले खलील अल वजीर को ट्यूनिशिया में उसके परिवारवालों के सामने गोली मारकर हत्या कर दी थी। खलील को अबू जिहाद के नाम से भी जाना जाता था। यह फिलीस्तीन के आतंकी संगठनों का सरगना माना जाता था जिसके इशारे पर इजरायल में कई हमले भी हुए थे। इस मिशन को मोसाद के 30 एजेंट्स ने अंजाम दिया। ये एजेंट एक-एक कर टूरिस्ट बनकर ट्यूनिशिया पहुंचे। जहां उन्होंने अबू जिहाद के घर का पता लगाकर उसके परिवार के सामने 70 गोलिया मारी। उस वक्त ट्यूनिशिया के आसमान में उड़ रहे इजरायली प्लेन ने सभी कम्युनिकेशन सिस्टम्स को ब्लॉक कर दिया था।

 

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Wed, 31 Jul 2024 12:00:22 +0530 admin
चीन की दबंगई का हिंद&प्रशांत क्षेत्र में होगा अंत, क्वाड देशों ने ड्रैगन को दिया सीधा संदेश https://aaj24x7live.com/752 https://aaj24x7live.com/752 टोक्यो
 चीन पर नकेल कसने के लिए बने भारत और अमेरिका समेत चार प्रमुख देशों के क्वाड (QUAD) गठबंधन के विदेश मंत्रियों ने जापान की राजधानी टोक्यो में मुलाकात की, जिसमें स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्धता जताई गई। बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापान की विदेश मंत्री योको कामिकावा और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने भाग लिया। विदेश मंत्रियों ने कहा कि क्वाड हिंद और प्रशांत महासागरों में समुद्र कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) के अनुरूप एक स्वतंत्र एवं मुक्त समुद्री व्यवस्था विकसित करने के लिए कटिबद्ध है।

चीन की दबंगई पर लगेगी लगाम

बैठक में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने चीन को साफ संदेश देते हुए इस बात पर सहमति जताई कि हिंद-प्रशांत देश में किसी की दबंगई स्वीकार नहीं की जाएगी। एक संयुक्त बयान में क्वाड के विदेश मंत्रियों ने कहा, 'हम स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के लिए ‘क्वाड’ की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।' टोक्यो में इस बात पर जोर दिया गया कि सभी देश मुक्त और खुले हिंद प्रशांत क्षेत्र की ओर काम करेंगे।

हिंद महासागर तक होगा आईपीएमडीए

एक महत्वपूर्ण कदम के तहत समूह ने सोमवार को अपने महत्वाकांक्षी हिंद-प्रशांत समुद्री क्षेत्र जागरूकता (आईपीएमडीए) कार्यक्रम को हिंद महासागर क्षेत्र तक विस्तारित करने की योजना की घोषणा की। यह घोषणा हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर नई दिल्ली की चिंताओं के बीच की गई। एक संयुक्त बयान में विदेश मंत्रियों ने कहा कि क्वाड हिंद और प्रशांत महासागरों में समुद्र कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के अनुरूप एक स्वतंत्र एवं मुक्त समुद्री व्यवस्था विकसित करने के लिए कटिबद्ध है। बयान में कहा गया, 'ऐसे प्रयासों के अनुरूप, हम आईपीएमडीए को भौगोलिक दृष्टि से हिंद महासागर क्षेत्र तक विस्तारित करने का इरादा रखते हैं।'

'क्वाड केवल बातें नहीं करता'

प्रेसवार्ता के दौरान जयशंकर ने कहा कि क्वाड केवल 'बड़ी-बड़ी बातें नहीं' करता, बल्कि एक ऐसा मंच है जो सार्थक परिणाम देने की बात करता है। उन्होंने कहा, 'क्वाड लंबे समय तक टिकने, काम करने और आगे बढ़ने के लिए है। क्वाड विश्वसनीय साझेदारी और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का शानदार समकालीन उदाहरण है।' उन्होंने कहा, 'क्वाड से आज जो हिंद-प्रशांत समुद्री क्षेत्र जागरूकता कार्यक्रम की पहल की गई है, वह सूचना केंद्रों को जोड़ने में भूमिका निभाती है।'

क्वाड की बैठक से चीन को लगी मिर्ची

क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र की प्रतिबद्धता से चीन चिढ़ गया है। बैठक के बाद चीन ने सोमवार को अमेरिका और भारत समेत क्वाड समूह के देशों पर एशिया प्रशांत क्षेत्र में अन्य देशों के विकास को रोकने के लिए कृत्रिम रूप से तनाव पैदा करने और टकराव भड़काने का आरोप लगाया। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों के संयुक्त बयान पर उनकी प्रतिक्रिया पूछे जाने पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि क्वाड 'अन्य देशों का विकास रोकने के लिए कृत्रिम रूप से तनाव पैदा कर रहा है और टकराव को भड़का रहा है।'

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Wed, 31 Jul 2024 11:00:19 +0530 admin
क्‍या एक और टुकड़े में टूटेगा पाकिस्‍तान? एक्सपर्ट्स दे रहे वॉर्निंग https://aaj24x7live.com/746 https://aaj24x7live.com/746 इस्लामाबाद
 पाकिस्तान के बलोचिस्तान में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन देखा जा रहा है। बलोच एक्टिविस्ट महरंग बलोच ने ग्वादर में प्रदर्शन पर बैठ गई हैं। पाकिस्तानी अधिकारी उन्हें हटाने में लगे हैं, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। बलूचों का कहना है कि पाकिस्तान की सरकार बंदूकों के जरिए उन्हें डराना चाहती है, लेकिन वह ऐसा नहीं होने देंगे। बलूचों का आरोप है कि पाकिस्तान और चीन मिलकर बलोचिस्तान के संसाधनों पर कब्जा कर रहे हैं। वहीं कई एक्सपर्ट्स इसे ऐसे प्रदर्शन के तौर पर देख रहे हैं, जिसने पूर्वी पाकिस्तान को तोड़कर बांग्लादेश बना दिया था। पाकिस्तानी पत्रकार कमर चीमा ने इस मुद्दे पर बैरिस्टर हामिद बशानी से बात की।

हामिद बशानी ने कहा कि ऐसे प्रदर्शन हमेशा होते रहे हैं, जो लीडरशिप को बदलते रहे हैं। आज के समय कई प्रदर्शन महिलाएं लीड कर रही हैं और ऐसा ही कुछ हमें बलोचिस्तान में देखने को मिलता है। उन्होंने आगे कहा, 'बलोचिस्तान की पॉलिटिस में बहुत कुछ बदल रहा है। महिलाओं और युवाओं को आगे किया जा रहा है, जो कि सॉफ्ट बेस हैं। बलोचिस्तान की कई छात्राएं मारी गई, अरेस्ट हुईं और प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जो कुछ नया नहीं है।'

बलोचिस्तान अपने हक की बात कर रहा

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कोई भी प्रदर्शनकारी सरकार की बातचीत पर विश्वास नहीं करता। क्योंकि प्रदर्शन खत्म करने के लिए सरकार की ओर से लिखित में भी शर्तें मान ली जाती हैं। लेकिन बाद में वह पलट जाते हैं। उन्होंने कहा, 'बलोचिस्तान के प्रदर्शन में अगर उनकी मांगें देखी जाएं तो वह कुछ भी ऐसा नहीं है, जिसे न माना जाए। वह अपने हक की बात कर रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान में लोग उसे खुद से ऐसा मान रहे हैं, जैसे बलूचों ने खुद को अलग करने की मांग कर ली है।'

क्यों बंदूक उठाते हैं बलूची

बशानी ने आगे कहा कि हमारे लोकतंत्र में बलोचिस्तान है। लेकिन इसे यह हक नहीं दिया गया कि वह खुद का फैसला कर सके। हर किसी को पता है कि यह कठपुतली सरकार है। कमर चीमा ने पूछा कि जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं उनमें से कई लोगों के परिवार वालों ने सरकार के खिलाफ बंदूक उठा रखी है। इसे लेकर बशानी ने कहा, 'बलोचिस्तान में कोई भी सरकार सेना की मर्जी के बिना नहीं चलती। तो फिर बातचीत का मुद्दा ही खत्म हो जाता है, इस कारण वो बंदूक उठाते हैं। अगर बातचीत के बाद वो बंदूक रख देते हैं तो बाद में धोखे से मार दिए जाते हैं।'

बांग्लादेश जैसा होगा हाल?

उन्होंने कहा, 'बलूचिस्तान को इतनी आजादी दी जाए कि वह खुद का फैसला ले सके तो कोई दिक्कत नहीं होगी। इसमें समस्या ये है कि सरकार को लगता है कि पाकिस्तान विरोधी लोग सदन में आएंगे और ऐसे फैसले लेंगे जो उन्हें पसंद नहीं आएंगे। यह बांग्लादेश वाली बात है। वह भी अपने हक और सरकार मान रहे थे। आपने पहले ही सोच कर रखा होता है कि आपको नहीं मानना, जिसके नुकसान बाद में देखने पड़ते हैं।'

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Wed, 31 Jul 2024 10:00:13 +0530 admin
ओलंपिक उद्घाटन समारोह ‘अपमानजनक’ : ट्रंप https://aaj24x7live.com/718 https://aaj24x7live.com/718 वाशिंगटन
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी पेरिस ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह की आलोचना करने वालों में शामिल हो गए हैं और उन्होंने इसे ‘अपमानजनक’ करार दिया है। आलोचक उद्घाटन समारोह की उस दृश्य के लिए आलोचना कर रहे हैं जिसके बारे में उनका मानना है कि इसमें लियोनार्डो दा विंची की मशहूर पेंटिंग ‘द लास्ट सपर’ का मजाक उड़ाया गया है।

अमेरिका में पांच नवंबर को होने वाले आम चुनावों के लिए रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ट्रंप ने सोमवार की रात फॉक्स न्यूज पर एक कार्यक्रम ‘द इंग्राहम एंगल’ में कहा, ‘‘‘मेरा मानना है कि उद्घाटन समारोह अपमानजनक था। मैं वास्तव में मानता हूं कि यह अपमानजनक था।’’ ट्रंप ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मैं खुले विचारों वाला व्यक्ति हूं, लेकिन मुझे लगता है, उन्होंने जो किया वह अपमानजनक था।’’ हाउस स्पीकर माइक जॉनसन ने भी उद्घाटन समारोह की आलोचना की।

जॉनसन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘लास्ट सपर का मजाक उड़ाना ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह को देखने वाले दुनिया भर के ईसाई धर्म के अनुयायियों के लिए हैरानी भरा और अपमानजनक था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारी आस्था और पारंपरिक मूल्यों पर किए जा रहे प्रहार की कोई सीमा नहीं है, लेकिन हम जानते हैं कि सच्चाई और सदाचार की हमेशा जीत होगी। रोशनी अंधेरे में उजाला बिखेरती है और अंधेरा उस पर कभी काबू नहीं पा सका है।’’

 

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Tue, 30 Jul 2024 22:00:46 +0530 admin
पेरिस में चल रहे ओलंपिक के दौरान 80 साल पहले मर चुके जर्मन तानाशाह को दर्शकों द्वारा याद किया गया https://aaj24x7live.com/717 https://aaj24x7live.com/717 पेरिस
पेरिस में चल रहे ओलंपिक के दौरान 80 साल पहले मर चुके जर्मन तानाशाह को दर्शकों द्वारा याद किया गया। पराग्वे के सामने इजरायली टीम के मैच के दौरान कुछ दर्शकों के ग्रुप ने हेल हिटलर  के नारे लगाए और नाजी सैल्यूट भी किया। इजरायली टीम मैच के लिए प्रैक्टिस कर रही थी तभी दर्शकों की तरफ से  हिटलर का नाम चिल्लाना शुरू कर दिया गया। दर्शकों के इस समूह द्वारा इजरायली टीम को 27 जुलाई को बू भी किया गया था, जब इजरायली टीम अपने देश के राष्ट्रगान के लिए खड़ी हुई थी।

इन लोगों इजरायल के प्रति अपना गुस्सा दिखाने के लिए कई लोगों ने अपने हाथों में फिलिस्तीनी झंडे ले रखे थे तो कई लोग टीम के सामने नाजी सैल्यूट कर रहे थे। कई लोगों ने एक कार्ड बोर्ड ले रखा था जिस पर "नरसंहार ओलंपिक्स" लिखा हुआ था। कुछ देर यह चलता रहा उसके बाद सिक्योरिटी गार्डस ने इस एंटी इजरायल प्रदर्शन को बंद करवा दिया गया और फिर नहीं मानने पर इन लोगों को ग्राउंड के बाहर कर दिया गया। इसके बाद मैच शांति पूर्वक तरीके से खेला गया। हालांकि ग्रुप डी के इस मैच में पराग्वे ने इजरायल को 4-2 से हरा दिया।

रिपोर्ट के अनुसार, पेरिस ओलंपिक आयोजक ने स्काई न्यूज को बताया कि 27 जुलाई को पार्स डेस प्रिंसेस में इज़राइल और पराग्वे के बीच पुरुष फुटबॉल मैच के दौरान, राजनीतिक संदेश वाला एक बैनर प्रदर्शित किया गया था और यहूदी विरोधी इशारे किए गए थे।" पेरिस ओलंपिक 2024 इन सभी कामों की कड़ी निंदा करता है और हमारे द्वारा इसके संबंध में एक शिकायत दर्ज की गई है जो जांच में सहायता के लिए अधिकारियों के पास है।

यह नफरत का पहला प्रदर्शन नहीं
इजरायल के कोच गाइ लूजोन ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब इस साल ओलंपिक के दौरान इजरायली फुटबॉल क्लब को इस तरह की नफरत का सामना करना पड़ा। पिछले बुधवार, 24 जुलाई को, प्रदर्शनकारियों ने माली के खिलाफ मैच से पहले, अपने राष्ट्रगान के दौरान फिलिस्तीनी झंडे लहराए और टीम की आलोचना की।
कोच ने कहा कि टीम को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए इन प्रदर्शनों का उपयोग ईंधन के रूप में करेगी।

 

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Tue, 30 Jul 2024 22:00:35 +0530 admin
पंजाब के सरगोधा जिले में रेस्क्यू टीम ने एक बुजुर्ग भिखारी को बेहोशी की हालत में पाया, पासपोर्ट और 5 लाख कैश मिला https://aaj24x7live.com/716 https://aaj24x7live.com/716 सऊदी
देश के भिखारियों का पासपोर्ट रद्द करने की खबर के बाद पाकिस्तान कई दिनों से चर्चा में है। अब यहां के एक भिखारी के पास से लाखों रुपए मिले हैं। पंजाब के सरगोधा जिले में खुशाब रोड पर रेस्क्यू टीम ने एक बुजुर्ग भिखारी को बेहोशी की हालत में पाया। खोजबीन करने पर उनकी जेब में 5 लाख पाकिस्तानी रुपये यानी लगभग डेढ़ लाख रुपये मिले। उसके पास से पाकिस्तानी रुपये के अलावा पासपोर्ट भी बरामद हुआ है। इससे पता चला कि वह कई बार सऊदी अरब की यात्रा भी कर चुका है। अस्पताल से छुट्टी मिलने पर उसे उसकी चीज़े लौटा दी गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक इलाके के लोगों ने बचाव दल को बताया कि यह व्यक्ति नियमित रूप से उसी इलाके में भीख मांगता था। पिछले साल सितंबर में देश में उमराह वीजा का फायदा उठाकर भीख मांगने के लिए उमराह वीजा का फायदा उठाने वाले पाकिस्तानियों पर चिंता जताई गई थी। वहीं पाकिस्तान में एक स्थायी समिति की बैठक में प्रवासी मंत्रालय के सचिव ने कहा कि विदेशों में हिरासत में लिए गए 90% भिखारी पाकिस्तानी थे। उन्होंने सीनेट समिति को बताया, "इराकी और सऊदी राजदूतों ने बताया है कि इन गिरफ्तारियों के कारण उनकी जेल भर रही है। सऊदी अरब में मस्जिद अल हरम के अंदर पकड़े गए ज़्यादातर जेबकतरे पाकिस्तानी मूल के थे और उन्होंने भीख मांगने के लिए उमराह वीज़ा का फ़ायदा उठाया था।"

पिछले महीने इस मामले पर बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान सरकार ने 2 हजार से ज्यादा भिखारियों के पासपोर्ट को निलंबित करने का फैसला किया था। इस पर एक रिपोर्ट भी तैयार की गई थी जिसमें कहा गया था कि देश के कई भिखारी उमराह के बहाने सऊदी अरब, इराक और ईरान जैसे देशों में भीख मांगते है जिससे देश की छवि को नुकसान पहुंचता है।

 

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Tue, 30 Jul 2024 22:00:22 +0530 admin
बांग्लादेश में इस इस्लामिक संगठन जमात&ए&इस्लामी ने कराए दंगे,अब बैन; कई देशों में असर https://aaj24x7live.com/658 https://aaj24x7live.com/658 ढाका

बांग्लादेश में पिछले दिनों भड़के दंगों में करीब 200 लोग मारे गए थे। 1971 में बने बांग्लादेश के लिए मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वालों के वंशजों को आरक्षण के विरोध में आंदोलन हुआ था। यह प्रदर्शन इतने हिंसक हो गए थे कि दंगे भड़क गए और फिर 200 से ज्यादा लोग मारे गए। अब इस मामले में बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने बड़ा ऐक्शन लिया है। देश में इस्लामिक संगठन जमात-ए-इस्लामी को बैन कर दिया गया है। इसके अलावा उसकी स्टूडेंट विंग छात्र शिविर पर भी पाबंदी लगाई गई है। आरोप है कि इन संगठनों ने छात्रों के प्रदर्शन को हाइजैक कर लिया था और अराजक तत्वों की एंट्री से दंगे भड़क गए।

बांग्लादेश में 14 दलों की गठबंधन सरकार ने सोमवार को यह बड़ा फैसला लिया। जमात-ए-इस्लामी पर आरोप है कि उसने आईएसआई की मदद से दंगे भड़का दिए। इससे पहले जमात पर बांग्लादेश के चुनावों में हिस्सा लेने पर पाबंदी लगी थी। जमात-ए-इस्लामी का पुराना इतिहास रहा है। उसने पाकिस्तान से अलग एक मुल्क बनाने का विरोध किया था और 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में पाकिस्तानी सेना का साथ दिया था। इसके चलते भी जमात को बांग्लादेश में संदेह की नजर से देखा जाता रहा है। उसके पाकिस्तान से रिश्तों पर हमेशा शक रहा है।

इन घटनाओं में तो सीधे तौर पर कहा जा रहा है कि आईएसआई के इशारों पर जमात-ए-इस्लामी ने दंगे भड़का दिए। जमात-ए-इस्लामी का भारतीय उपमहाद्वीप में पुराना इतिहास रहा है। भारत के बंटवारे से पहले से यह संगठन सक्रिय रहा है। अब भी भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में इसकी सक्रियता है। बांग्लादेश के एक अधिकारी ने कहा कि गठबंधन ने जमात पर पाबंदी पर सहमति जताई है, जिसके चलते आम लोग मारे गए और बड़े पैमाने पर संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है। गठबंधन के एक नेता राशिद खान मेनन ने कहा कि हमने तो पाबंदी के लिए एकमत से फैसला लिया है और अब सरकार को फैसला लेना है।

 

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Tue, 30 Jul 2024 13:45:28 +0530 admin
तुर्की और इजरायल के बीच तनाव चरम पर, तुर्की ने इजरायल में घुसने की दी धमकी https://aaj24x7live.com/657 https://aaj24x7live.com/657 तेल अवीव
 इजरायल के विदेश मंत्री ने नाटो से सोमवार को तुर्की को निकालने का आग्रह किया। इजरायल की ओर से यह आग्रह तब किया गया है जब तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने धमकी दी थी कि उनका देश इजरायल में घुस सकता है। क्योंकि वह अतीत में लीबिया और नागोर्नो-काराबाख में घुस चुका है। मंत्रालय ने कहा, 'इजरायल पर आक्रमण करने की तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन की धमकियों को देखते हुए विदेश मंत्री इजरायल काट्ज ने राजनयिकों को निर्देश दिया है कि वे सभी नाटो सदस्यों से तत्काल बातचीत करें, तुर्की की आलोचना करें और क्षेत्रीय गठबंधन (NATO) से निकालने की मांग करें।' दरअसल नाटो का आर्टिकल 5 कहता है कि किसी भी सदस्य देश पर हमला पूरे सदस्यों पर अटैक माना जाएगा।

इजरायल इसी कारण तुर्की पर एक छोटी एयर स्ट्राइक भी नहीं कर सकता। इजरायल और तुर्की के बीच तू-तू मैं-मैं देखी जा रही है। गाजा युद्ध शुरू होने के बाद एर्दोगन इजरायल के कट्टर आलोचक रहे हैं। रविवार को एक भाषण में उन्होंने इजरायल पर हमला बोला। एर्दोगन ने कहा, 'हमें बहुत मजबूत होना चाहिए ताकि इजरायल फिलिस्तीन के साथ हास्यास्पद चीजें न कर सके। जैसे हमने कराबाख में प्रवेश किया, जैसा हमने लीबिया में प्रवेश किया। हम उनके साथ भी वैसा ही कर सकते हैं।' हालांकि एर्दोगन ने यह नहीं बताया कि वह किस तरह के एक्शन की बात कर रहे हैं।

एर्दोगन को इजरायल ने दी धमकी

एर्दोगन के बयान के बाद इजरायली विदेश मंत्री ने उन्हें सद्दाम हुसैन कह डाला। इजरायल काट्ज ने बयान में कहा, 'एर्दोगन सद्दाम हुसैन के नक्शेकदम पर चल रहे हैं और इजरायल पर हमला करने की धमकी दे रहे हैं। उन्हें यह याद रखना चाहिए कि वहां क्या हुआ और इसका अंत कैसे हुआ।' उन्होंने आगे कहा, 'इजरायल के खिलाफ आतंकी हमले करने वाले हमास मुख्यालय की मेजबानी करने वाला तुर्की हमास, हिजबुल्लाह और यमन के हूतियों के साथ ईरान की बुराई का सदस्य बन गया है।'

नेतन्याहू को बताया हिटलर

एर्दोगन की तुलना सद्दाम हुसैन से करने के बाद तुर्की के विदेश मंत्रालय ने भी इजरायली पीएम को हिटलर बता दिया। तुर्की ने बयान में कहा, 'जिस तरह नरसंहार करने वाले हिटलर का अंत हुआ – उसी तरह नेतन्याहू, जिसने नरसंहार किया है, उसका अंत होगा।' इजरायल और तुर्की कभी करीबी सहयोगी थे, लेकिन उनके बीच लगभग एक दशक से संबंध बिगड़ रहे हैं। द्विपक्षीय व्यापार अरबों डॉलर का था, जिसने कई राजनयिक विवादों का सामना किया। लेकिन अब तुर्की ने इजरायल के साथ व्यापार युद्ध के खत्म होने तक बंद कर दिए हैं।

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Tue, 30 Jul 2024 13:45:20 +0530 admin
पाक जमीन का विवाद शिया&सुन्नी दंगे में बदला, मिसाइल&रॉकेट तक चले; 49 मर गए बीमारी से जूझ रहा यह तानाशाह https://aaj24x7live.com/656 https://aaj24x7live.com/656 इस्लामाबाद

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में जमीन के एक टुकड़े के लिए छिड़ा विवाद दंगे में बदल गया। यह विवाद मालीखेल और मडाकी जनजातियों के बीच था, जिनमें से एक इस्लाम के सुन्नी मत को मानती है तो वहीं दूसरी जनजाति शिया पंथ की अनुयायी है। जमीन का यह विवाद सांप्रदायिक दंगे में तब्दील हो गया और इसमें अब तक 49 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 177 लोग घायल हुए हैं। प्रशासन का कहना है कि मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है क्योंकि तमाम घायल लोगों की हालत नाजुक है।

यह दंगा इतना भीषण था कि इसमें दोनों समूहों की ओर से ऑटोमेटिक गन, रॉकेट, मोर्टार और कम रेंज की मिसाइलें तक चलाई गईं। इस दंगे के चलते पाराचिनार-पेशावर हाईवे भी बंद करना पड़ा। इसके चलते लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि यह विवाद कुर्रम जिले के बोशेरा गांव से शुरू हुआ था, लेकिन देखते ही देखते पूरे जिले में हिंसा भड़क उठी। यह सांप्रदायिक दंगा लगातर 6 दिनों तक चला और सोमवार की शाम को दोनों कबीलों के बुजुर्गों के दखल के बाद किसी तरह सीजफायर पर सहमति बनी है।

पूरे जिले में भड़का तनाव, हाईवे और स्कूल बंद करने पड़े

अब भी इस दंगे का असर जिले में है और आसपास के इलाकों में भी तनाव है। ऐसी स्थिति में अनिश्चितकाल के लिए स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों को बंद कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस विवाद को सुलझाने का कबीले के बुजुर्गों ने कई बार प्रयास किया था, लेकिन बात नहीं बन सकी। पुलिस सूत्रों ने कहा कि कबीलों के बीच यह संघर्ष लगातार 6 दिन चलने के बाद सोमवार शाम को थम सका। हालांकि अब भी निचले कुर्रम में अब भी रुक-रुक कर हिंसक घटनाएं हो रही हैं। दोनों ही तरफ से अब भी फायरिंग चल रही है।

हिंदू, ईसाई के साथ शिया और अहमदिया भी हिंसा के शिकार

पाकिस्तान में अकसर हिंदू, ईसाई और सिखों के अलावा इस्लाम को ही मानने वाले शिया और अहमदिया भी हिंसा का शिकार होते रहे हैं। यह विवाद शुरुआत में जमीन के लिए ही था, लेकिन देखते ही देखते सांप्रदायिक माहौल बन गया। यह हिंसा तब और भड़की, जब दोनों तरफ से भारी हथियारों का इस्तेमाल होने लगा।

 

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Tue, 30 Jul 2024 13:45:10 +0530 admin
इजरायल का हिजबुल्लाह के ठिकानों पर ड्रोन अटैक, नेतन्याहू बोले& भारी कीमत चुकानी होगी! https://aaj24x7live.com/650 https://aaj24x7live.com/650 तेल अवीव

गाजा में हमास से जंग कर रही इजरायली सेना ने अब लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ भी युद्ध शुरू कर दिया है. गोलान हाइट्स पर रॉकेट अटैक में 12 बच्चों की मौत के बाद इजरायल ने भी बदले की कार्रवाई शुरू कर दी है. इसके तहत सोमवार को आईडीएफ ने लेबनान के अंदरूनी इलाकों और दक्षिणी में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले किए है. इस हमले में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल बताए जा रहे हैं.

इजरायल के कब्ज़े वाले क्षेत्र गोलान में हमले के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपना अमेरिका दौरे बीच में ही छोड़कर लौट आए. उन्होंने आते ही हिजबुल्लाह के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए तेल अवीव में सुरक्षा कैबिनेट की अहम बैठक बुलाई. इस बैठक में प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने हिजबुल्लाह पर बड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया और इसके साथ ही उसको भारी कीमत चुकाने की चेतावनी दी है.

इजरायल के इस फैसले के बाद मध्य-पूर्व में युद्ध फैलने का खतरा बढ़ गया है. पिछले हफ्ते शनिवार की शाम को हिजबुल्लाह के लड़ाकों ने गोलान के फुटबॉल मैदान में रॉकेट से हवाई हमला किया, जिसमें 12 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 20 लोग घायल हो गए. इस हमले का जिम्मेदार इजरायल ने सीधे तौर पर हिजबुल्लाह को ठहराया. हालांकि हिजबुल्लाह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.

नेतन्याहू ने कहा- गोलान हमले की भयावह तस्वीरें देखकर स्तब्ध हूं

गोलान में हुए हमले के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था, ''इजराइल के नागरिकों, आप की तरह मैं भी हिजबुल्लाह के जानलेवा हमले के बाद की भयावह तस्वीरें देखकर स्तब्ध हूं. मारे गए लोगों में फुटबॉल खेल रहे छोटे बच्चे और अन्य लोग शामिल हैं. ''इन दृश्यों को देखकर हम सभी का दिल टूट गया है. हम इस मुश्किल घड़ी में उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपने परिजन खोए हैं. जब से मुझे इस आपदा के बारे में जानकारी मिली है, मैं लगातार सुरक्षा परामर्श कर रहा हूं. मैं वापस आने की कोशिश कर रहा हूं. आते ही सुरक्षा कैबिनेट की बैठक बुलाऊंगा.''

लेबनान में जंग को लेकर भारतीय दूतावास ने जारी की चेतावनी

इजरायल और लेबनान के बीच जंग के मद्देनजर भारतीय दूतावास ने चेतावनी जारी की है. इसमें लेबनान में रह रहे भारतीय नागरिकों और वहां की यात्रा करने की योजना बना रहे लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. इसके अलावा बेरूत में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने की भी अपील की गई है. लेबनान पिछले कई साल से राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है. यहां की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है.

गाजा में ब्यूरिज शिविर और शुहादा कैंप को खाली करने के आदेश

पिछले 9 महीने से गाजा में सैन्य अभियान चला रहे इजरायल ने रविवार को मध्य गाजा के ब्यूरिज शरणार्थी शिविर और शुहादा कैंप को खाली करने के आदेश दिए हैं. इजरायली सेना ने बयान जारी कर फिलिस्तीनियों को सुदूर दक्षिण पश्चिम की ओर जाने को कहा है. वहां पर इजरायल ने मुवासी में मानवीय क्षेत्र बनाए हैं. वहीं, इजरायली आदेश के बाद सैकड़ों फिलिस्तीनी जान बचाने के लिए सुरक्षित इलाकों की ओर जाते दिखे.

इजरायली सेना का दावा है कि ब्यूरिज शरणार्थी शिविर में हमास के लड़ाके छिपे हुए हैं और उनका सफाया जरूरी है. वहीं कैंप में शरण लिए हुए लोगों का कहना है कि यहां हमास का कोई लड़ाका नहीं है बल्कि आम फिलिस्तीनी रह रहे हैं. एक विस्थापित फिलिस्तीनी उम मोहम्मद ने कहा, ''मैं कसम खाता हूं कि मुझे नहीं पता कि कहां जाना है. 1948 में वे एक बार विस्थापित हुए थे. लेकिन इस बार दसवीं बार हो रहे हैं.''

इजरायल ने रविवार को गाजा के अलग-अलग इलाकों में हवाई हमले भी किए, जिसमें कम से कम 66 फिलिस्तीनी मारे गए. सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं. सबसे बड़ा हमला खान यूनिस में हुआ. इसमें एक चार महीने की बच्ची समेत 15 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई. 7 अक्टूबर के बाद से इजरायली सैन्य कार्रवाई में अबतक 39 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की जान जा चुकी है, वहीं घायलों की संख्या करीब एक लाख है.

 

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Tue, 30 Jul 2024 11:45:15 +0530 admin
किम जोंग उन की बेटी किम जू हो सकती हैं उत्तराधिकारी, तानाशाह बनाने के लिए दी जा रही ट्रेनिंग! https://aaj24x7live.com/646 https://aaj24x7live.com/646 सियोल
दक्षिण कोरिया में खुफिया एजेंसी के अनुसार उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की बेटी उनकी उत्तराधिकारी बन सकती हैं। उनको तानाशाह बनाने के लिए ट्रैनिंग दी जा रही है। इसकी जानकारी योनहाप समाचार एजेंसी ने दी है।

आखिर कौन हैं किम जोंग उन की बेटी….
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की बेटी का नाम किम जू आए है। वह उनकी उत्तराधिकारी बताई जा रही हैं। किम जोंग उन सार्वजनिक तौर पर कभी भी अपने परिवार के बारे में बात नहीं करते हैं। वह इस बात की पूरी सतर्कता बरतते हैं कि उनके परिवार की जानकारी बाहर ना आए। उनकी शादी को भी कई साल तक गुप्त रखा गया था। उनकी पत्नी री सोल जू पहली बार 2012 में एक कार्यक्रम में दिखाई दी थीं।
 
किम जू आए के बारे में रिटायर्ड बास्केटबॉल खिलाड़ी ने किया खुलासा
2013 में अमेरिका के रिटायर्ड बास्केबॉल खिलाड़ी डेनिस रोडमैन उत्तर कोरिया में किम जोंग उन के मेहमान बनकर गए थे। इस दौरान उन्होंने तानाशाह के परिवार से मुलाकात की थी। उन्होंने बताया था कि वह किम जोंग उन के परिवार के साथ समुद्र किनारे गए थे। इस दौरान उन्होंने उनकी बेटी किम जू आए को भी खिलाया था।
 
स्कूल नहीं जाती हैं किम जू आए
एनआईएस के मुताबिक किम जू आए किसी शिक्षण संस्थान में पढ़ाई नहीं कर रही हैं। वह उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में ही रहती हैं। उनको पढ़ाने के लिए शिक्षक घर पर ही आते हैं। वह इस दौरान घुड़सवारी, तैराकी और स्कीइंग भी सीखती हैं। यह अनुमान लगाया जाता है कि किम जोंग उन का जू आए के अलावा एक बड़ा और छोटा बेटी या बेटा है।

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Tue, 30 Jul 2024 10:45:07 +0530 admin
हिंद महासागर क्षेत्र तक होगा IPMDA कार्यक्रम का विस्तार, क्वाड की बैठक में विदेश मंत्रियों ने किया एलान https://aaj24x7live.com/607 https://aaj24x7live.com/607 टोक्यो.

टोक्यो में क्वाड विदेश मंत्रिस्तरीय बैठक के बाद यह घोषणा नई दिल्ली में हिंद महासागर में चीन के बढ़ते दखल को लेकर चिंताओं के बीच की गई, जिसे मोटे तौर पर भारतीय नौसेना का बैकयार्ड माना जाता है। क्वाड ने यह भी कहा कि वह हिंद महासागर क्षेत्र के लिए भारत के सूचना संलयन केंद्र के माध्यम से अपने दक्षिण एशिया कार्यक्रम के शीघ्र संचालन के लिए काम कर रहा है।

इस बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापानी विदेश मंत्री योको कामिकावा और ऑस्ट्रेलिया की पेनी वोंग ने हिस्सा लिया। वहीं एक संयुक्त बयान में, विदेश मंत्रियों ने कहा कि क्वाड हिंद और प्रशांत महासागरों में समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) के अनुरूप एक स्वतंत्र और खुली समुद्री व्यवस्था विकसित करने के लिए दृढ़ संकल्प है और यह इस उद्देश्य के लिए क्षेत्रीय भागीदारों के साथ सहयोग बढ़ाएगा।

समुद्री डोमेन जागरूकता के लिए होगा विस्तार
इस बैठक में कहा गया है कि ऐसे प्रयासों के अनुरूप, हम समुद्री डोमेन जागरूकता के लिए इंडो-पैसिफिक पार्टनरशिप (आईपीएमडीए) को भौगोलिक रूप से हिंद महासागर क्षेत्र तक विस्तारित करने का इरादा रखते हैं। हम गुरुग्राम, भारत में सूचना संलयन केंद्र-हिंद महासागर क्षेत्र (आईएफसी-आईओआर) के माध्यम से दक्षिण एशिया कार्यक्रम के शीघ्र संचालन के लिए काम कर रहे हैं। इसके अलावा, हम क्षेत्रीय भागीदारों के साथ घनिष्ठ परामर्श में प्रभावी तकनीकी सहयोग को शामिल कर रहे हैं।

क्या है आईपीएमडीए और आईएफसी-आईओआर?
मई 2022 में आईपीएमडीए की घोषणा की गई थी, जिसने भागीदार देशों को अपने तटों पर पानी की पूरी तरह से निगरानी करने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद की। इस पहल के तहत, अवैध समुद्री गतिविधियों का मुकाबला करने और जलवायु संबंधी और मानवीय घटनाओं का जवाब देने के लिए डेटा की आपूर्ति की जा रही है। वहीं भारतीय नौसेना ने समान विचारधारा वाले देशों के साथ सहयोगी ढांचे के तहत शिपिंग ट्रैफिक के साथ-साथ क्षेत्र में अन्य महत्वपूर्ण विकासों पर प्रभावी रूप से नजर रखने के लिए 2018 में आईएफसी-आईओआर की स्थापना की।

क्वाड एक बातचीत की दुकान नहीं- जयशंकर
विदेश मंत्रियों ने कहा कि क्वाड एक विश्वसनीय, सुरक्षित और मजबूत दूरसंचार नेटवर्क के विकास को आगे बढ़ा रहा है और द्वीप राष्ट्र पलाऊ में ओपन रेडियो एक्सेस नेटवर्क (ओपन आरएएन) शुरू करने की योजना की घोषणा की। वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी टिप्पणी में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि क्वाड एक बातचीत की दुकान नहीं है, बल्कि एक ऐसा मंच है जो व्यावहारिक परिणाम उत्पन्न करता है। उन्होंने कहा, आज क्वाड से निकली इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस पहल सूचना संलयन केंद्रों को जोड़ती है। ओपन-आरएएन नेटवर्क, जिसके बारे में हमने बहुत बात की है, पलाऊ में तैनात किया जा रहा है।

'जल्द शुरू होगा अंतरिक्ष-आधारित जलवायु चेतावनी प्रणाली'
भारतीय विदेश मंत्री ने इस दौरान बताया कि मॉरीशस में जल्द ही एक अंतरिक्ष-आधारित जलवायु चेतावनी प्रणाली शुरू की जाएगी। ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाएं वास्तव में इंडो-पैसिफिक द्वीपों में हो रही हैं। इस मौके पर सीधे चीन का नाम लिए बिना, क्वाड विदेश मंत्रियों ने पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की और किसी भी एकतरफा कार्रवाई जो बल या दबाव के द्वारा यथास्थिति को बदलने की कोशिश करती है उसके प्रति क्वाड के कड़े विरोध को दोहराया।

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Mon, 29 Jul 2024 20:45:23 +0530 admin
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हत्या के प्रयास से बचने के बाद पहली बार कान पर पट्टी के बिना नजर आए, उठे सवाल https://aaj24x7live.com/606 https://aaj24x7live.com/606 वाशिंगटन
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हत्या के प्रयास से बचने के बाद पहली बार कान पर पट्टी के बिना नजर आए हैं। अब इसे लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है। दरअसल, ट्रप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से पिछले हफ्ते मुलाकात की। इस दौरान उन्हें बिना पट्टी के देखा गया। मालूम हो कि पूर्व राष्ट्रपति की पेंसिल्वेनिया रैली में गोलीबारी हुई थी, जिसके कुछ दिनों बाद ही ट्रंप का कान ठीक मालूम पड़ रहा है। इसे लेकर कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं कि ट्रंप का कान इतना जल्दी ठीक कैसे हो गया।

एक रेडिट पेज का टाइटल 'चमत्कारिक रूप से ठीक हुआ कान' दिया गया है। इस पर सोशल मीडिया यूजर्स तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। ज्यादातर लोग यह सवाल पूछ रहे हैं कि कि डोनाल्ड ट्रंप का घाव इतनी जल्दी कैसे ठीक हो गया। एक शख्स ने चुटकी लेते हुए लिखा, 'उन्होंने इस पर नियोस्पोरिन डाला होगा जो काम करता है।' दूसरे व्यक्ति ने कहा, 'इस मामले में किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले सही जानकारी होनी चाहिए। मैं किसी तरह की साजिश के जाल में नहीं फंसना चाहता हूं।' एक अन्य यूजर ने तंज कसते हुए कहा, 'अगर 80 साल का कोई व्यक्ति कमरे में चलते समय अपनी पीठ को दरवाजे से टकराएगा तो उसे चोट लगेगी ही। ये मैं बस ऐसे ही कह रहा हूं।'

FBI ने गोली लगने को लेकर क्या कहा
बता दें कि एफबीआई पुष्टि कर चुका है कि पेनसिल्वेनिया रैली के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के कान पर वास्तव में गोली लगी थी। बयान में कहा गया, 'हमलावर की रायफल से चली पूरी गोली या छर्रा पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के कान पर लगा था।' एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर ने शुरुआत में हमले को लेकर कुछ अस्पष्ट टिप्पणियां की थीं, जिससे इस बात को लेकर अटकलें लगने लगी थीं कि क्या ट्रंप को वास्तव में गोली लगी थी। इस टिप्पणी को लेकर ट्रंप और उनके सहयोगियों ने नाराजगी जताई थी। हालांकि, एफबीआई ने ताजा बयान में कहा कि गोलीबारी पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की हत्या का प्रयास थी, जिसके चलते वह घायल हुए। एक वीर पिता की मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए।

 

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Mon, 29 Jul 2024 20:45:17 +0530 admin
फ्रांस की राजधानी पेरिस में हो रहे ओलंपिक खेलों के दौरान British PM कीर स्टार्मर सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं https://aaj24x7live.com/605 https://aaj24x7live.com/605 लंदन
फ्रांस की राजधानी पेरिस में हो रहे ओलंपिक खेलों के दौरान British PM कीर स्टार्मर सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं। ओलंपिक खेलों के दौरान  स्टेडियम में ली गई उनकी एक फोटो में ब्रिटेन प्रधानमंत्री का अनोखा अंदाज सामने आया है। फोटो में यूके के प्रधानमंत्री बारिश में भीगते हुए नजर आ रहे हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, "यह ब्रिटिश है। हमें बारिश की आदत है।"

पेरिस ओलंपिक में हो रही बारिश के बावजूद यूके के प्रधानमंत्री ने खेलों का आनंद उठाया और इसे ब्रिटिश लोगों के लिए सामान्य बताया। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश लोग बारिश को एक सामान्य चीज के रूप में देखते हैं और इससे उन्हें कोई परेशानी नहीं होती। प्रधानमंत्री की इस प्रतिक्रिया ने सोशल मीडिया पर काफी चर्चा बटोरी। लोगों ने इसे प्रधानमंत्री के हंसमुख और सकारात्मक रवैये का उदाहरण माना।

यह घटना प्रधानमंत्री की सहजता और अपने देश की संस्कृति के प्रति गर्व को दर्शाती है। उन्होंने इस छोटे से मजाक के जरिए दिखा दिया कि ब्रिटिश लोग कैसे अपनी परिस्थितियों का सामना करते हैं और उनसे सकारात्मकता से निपटते हैं। पेरिस ओलंपिक में यूके के प्रधानमंत्री की यह तस्वीर और उनकी प्रतिक्रिया निश्चित रूप से लोगों के दिलों में जगह बना चुकी है।

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Mon, 29 Jul 2024 20:45:08 +0530 admin
‘हमें राष्ट्रपति पद पर व्हाइट हाउस में जरूरत’, कमला हैरिस का पूर्व उपराष्ट्रपति ने किया समर्थन https://aaj24x7live.com/596 https://aaj24x7live.com/596 वाशिंगटन.

अमेरिका में पांच नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में रिपब्लिकन की ओर से डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट्स की तरफ से कमला हैरिस मैदान में हैं। दोनों प्रतिद्वंद्वी एक दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। अब भारतवंशी हैरिस को पूर्व उपराष्ट्रपति अल गोर का समर्थन भी मिल गया है। गोर ने समर्थन देने के साथ ही उनके मध्यम वर्ग और जलवायु के समर्थन में तेल और गैस अधिकारियों के खिलाफ खड़े होने के लंबे रिकॉर्ड का हवाला दिया।

गौरतलब है, कुछ दिन पहले यानी 21 जुलाई को 81 साल के जो बाइडन ने चुनावी दौड़ से बाहर होने का एलान कर सबको चौंका दिया था। हालांकि, राष्ट्रपति बाइडन ने 59 साल की कमला हैरिस को अपना समर्थन दिया था। वहीं, 26 जुलाई को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी उनका समर्थन किया है। अल गोर ने कहा, 'इस साल के चुनाव में बहुत कुछ दांव पर लगा है। अमेरिका और विदेशों में लोकतंत्र को मजबूत करने से लेकर, देश के लोगों के लिए अवसर बढ़ाने और जलवायु कार्रवाई में तेजी लाने के लिए काम करना होगा। मुझे राष्ट्रपति चुनाव के लिए कमला का समर्थन करने पर गर्व है।'

उपराष्ट्रपति की गिनाईं उपलब्धियां
पूर्व उपराष्ट्रपति गोर ने कहा, 'एक अभियोजक के रूप में कमला हैरिस ने बड़ी तेल कंपनियों को जीता। इतना ही नहीं, उपराष्ट्रपति के रूप में, उन्होंने जलवायु समाधान के क्षेत्र में इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण निवेश, मुद्रास्फीति न्यूनीकरण अधिनियम को पारित करने के लिए निर्णायक मत दिया। व्हाइट हाउस में हमें इस तरह की जलवायु चैंपियन की जरूरत है।'

इन लोगों ने भी किया समर्थन
इससे पहले चार प्रमुख पर्यावरण समूहों ने भी हैरिस की व्हाइट हाउस की दावेदारी को मंजूरी देने की घोषणा की थी। समर्थन करने वाले पर्यावरण समूहों में लीग ऑफ कंजर्वेशन वोटर्स एक्शन फंड, सिएरा क्लब, एनआरडीसी एक्शन फंड और क्लीन एनर्जी फॉर अमेरिका एक्शन शामिल हैं।
'हैरिस फॉर प्रेसिडेंट' अभियान प्रबंधक जूली शावेज रोड्रिग्ज ने कहा, 'उपराष्ट्रपति हैरिस पृथ्वी को जलवायु संकट से बचाने और अच्छी स्वच्छ ऊर्जा नौकरियां बनाने में सबसे आगे रही हैं, जो हमारे भविष्य को शक्ति देंगी और हमारे मध्यम वर्ग को बढ़ाएंगी। हम अपने बच्चों और पोते-पोतियों के लिए हमारे देश की रक्षा करने की लड़ाई में उपराष्ट्रपति गोर और इन प्रमुख पर्यावरण संगठनों का समर्थन पाकर बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं।'

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Mon, 29 Jul 2024 18:45:28 +0530 admin
इस्राइल&हिजबुल्ला के बीच जंग की आशंका, लेबनान के बेरूत एयरपोर्ट पर सैकड़ों उड़ानें रद्द https://aaj24x7live.com/595 https://aaj24x7live.com/595 बेरूत.

इस्राइल-हिजबुल्ला के बीच युद्ध की संभावना को देखते हुए लेबनान के बेरूत एयरपोर्ट पर उड़ानें रद्द कर दी गई। लुफ्थांसा ने सोमवार को बताया कि सावधानी बरतते हुए स्विस इंटरनेशनल एयर लाइन्स, यूरोविंग्स और लुफ्थांसा के बेरूत आने-जाने वाली उड़ानों को 30 जुलाई तक के लिए निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले आज एक इस्राइली ड्रोन ने दक्षिणी लेबनान के शकरा शहर में हमला किया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई।

इस हमले में तीन घायल भी हुए। बचाव सेवा ने यह स्पष्ट नहीं किया मरने वालों में लड़ाके थे या नागरिक। शनिवार को इस्राइल के कब्जे वाले गोलन हाइट्स में हिजबुल्ला के हमले के बाद लेबनान पर यह पहला घातक इस्राइली हमला ता। हालांकि, हिजबुल्ला ने शनिवार को इस्राइल पर हुए हमले की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया। बता दें कि बेरूत रफिक हरिरि एयरपोर्ट लेबनान का एकमात्र एयरपोर्ट है। गृह युद्ध के दौरान इस एयरपोर्ट को निशाना बनाया गया था। यही नहीं 2006 में इस्राइल के साथ लड़ाई के दौरान भी इस एयरपोर्ट को निशाना बनाया गया था। इस्राइल-हिजबुल्ला के बीच जंग के आसार को देखते हुए बेरूत में भारतीय दूतावास ने लेबनान में रहने वाले और लेबनान जाने वाले अपने नागरिकों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। नागरिकों को दूतावास के संपर्क में रहने को कहा गया है।

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Mon, 29 Jul 2024 18:45:18 +0530 admin
इस्राइल ने हिजबुल्ल्ला पर रातभर बरसाए रॉकेट, नेतन्याहू ने दी हमले की भारी कीमत चुकानी की धमकी https://aaj24x7live.com/594 https://aaj24x7live.com/594 तेल अवीव.

गोलन हाइट के फुटबॉल मैदान पर हुए रॉकेट हमले से भड़के इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हिजबुल्ला को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। इस बीच जवाबी कार्रवाई करते हुए इस्राइल ने पूरी रात हिजबुल्ला के ठिकानों पर रॉकेट बरसाए। इस्राइल के कब्जे वाले गोलन हाइट के फुटबॉल मैदान पर हुए रॉकेट हमले में 12 बच्चों व किशोरों की मौत हो गई थी, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए थे।

लेबनान के चरमपंथी समूह हिजबुल्ला के साथ लड़ाई शुरू होने के बाद से इस्राइल की उत्तरी सीमा पर यह सबसे घातक हमला माना जा रहा है। उधर, हिजबुल्ला ने हमले से इन्कार किया है। इस्राइली सेना ने कहा, वायुसेना ने रातभर लेबनानी क्षेत्र के भीतर व दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्ला के कई आतंकी ठिकानों पर हमले किए। इनमें चब्रिहा, बोरज एल चमाली, बेका, कफर किला, रब एल थलाथीन, खियाम व तायर हरफा क्षेत्र में स्थित हथियारों के भंडार व आतंकी बुनियादी ढांचे शामिल रहे। हिजबुल्ला के मुख्य प्रवक्ता मोहम्मद अफीफ ने कहा कि समूह हमले से साफ इन्कार करता है। हिजबुल्ला का किसी हमले से इन्कार करना असामान्य बात है। दूसरी तरफ, इस्राइली सेना ने कहा कि उसके विश्लेषण के अनुसार, रॉकेट दक्षिणी लेबनान के चेबा गांव के उत्तर में स्थित क्षेत्र से दागा गया था।

जल्द इस्राइल लौटेंगे पीएम नेतन्याहू
नेतन्याहू फिलहाल अमेरिका दौरे पर हैं। उनके कार्यालय ने कहा कि प्रधानमंत्री जल्द से जल्द अमेरिका से स्वदेश लौट रहे हैं। हालांकि, उसने इसका समय नहीं बताया। नेतन्याहू इस्राइल पहुंचने के बाद सुरक्षा कैबिनेट की बैठक करेंगे। विदेश मंत्री इस्राइल काट्ज ने चैनल 12 से कहा, इसमें कोई संदेह नहीं कि हिजबुल्ला ने इस हमले से सभी हदें पार कर दी हैं। हमारे जवाब से उसे यह पता चल जाएगा। हम उस पल के करीब पहुंच रहे हैं, जब हमें एक पूर्ण युद्ध का सामना करना पड़ेगा।

हिजबुल्ला का 3 लड़ाकों के मारे जाने का दावा
गोलन हाइट पर हमले से पहले शनिवार को सीमा पार हिंसा हुई थी, जिसमें हिजबुल्ला ने उसके तीन लड़ाकों के मारे जाने की बात कही थी। हालांकि, उसने यह नहीं बताया कि यह हिंसा कहां हुई।

दक्षिण गाजा के भीतरी हिस्से में घुसे टैंक, 66 की मौत
इस्राइली सेना ने दक्षिणी गाजा के भीतरी हिस्सों में टैंक भेजे हैं। टैंक दक्षिणी गाजा के खान यूनिस के पूर्व में स्थित अल-करारा, अल-जन्ना व बानी सुहैला शहरों में अंदर तक घुस गए हैं। गाजा के स्वास्थ्य कार्यालय ने पिछले 24 घंटे के दौरान इस्राइली हमलों में 66 फलस्तीनियों के मारे जाने का दावा किया है।

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Mon, 29 Jul 2024 18:45:09 +0530 admin
अमेरिका ने उठाए जीत पर सवाल, वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो बोले&धोखाधड़ी का रोना नई बात नहीं https://aaj24x7live.com/576 https://aaj24x7live.com/576 काराकास.

वेनेजुएला में राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए निकोलस मादुरो ने कहा कि 'विपक्ष ने नतीजों के बाद फिर से चुनाव में धोखाधड़ी का रोना शुरू कर दिया है।' मादुरो ने कहा कि 'हम पहले भी कई बार इस फिल्म को देख चुके हैं।' वहीं अमेरिका की सरकार ने वेनेजुएला के चुनाव नतीजों को लेकर चिंता जाहिर की है और कहा है कि ये नतीजे वेनेजुएला के लोगों की इच्छा को प्रदर्शित नहीं करते हैं।

राजधानी काराकास में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए निकोलस मादुरो ने कहा कि 'मैं 20 साल पहले राजनीति में आया था, उस वक्त आपमें से कई पैदा भी नहीं हुए होंगे और वे तब से ही चुनाव के नतीजों में धांधली का आरोप लगा रहे हैं। वे (विपक्षी) सब बुरे चेहरे वाले लोग हैं और आप (समर्थक) जो यहां हैं, वो समझदार और शानदार लोग हैं। मादुरो ने कहा कि उनका फिर से राष्ट्रपति पद पर चुना जाना शांति और स्थिरता लेकर आएगा।'
मादुरो ने 900 से ज्यादा चुनाव सर्वेक्षकों की भी तारीफ की और कहा कि अगले 24 घंटे में हम ऐसे सबूत देंगे,, जिससे यह पक्का हो जाएगा कि चुनाव नतीजे पूरी तरह से सही हैं। गौरतलब है कि निकोलस मादुरो की तीसरी बार सत्ता में वापसी हो रही है। वेनेजुएला के राष्ट्रपति पद के चुनाव नतीजों में मादुरो को सबसे ज्यादा 51 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला। वहीं विपक्षी नेता गोंजालेज को 44 फीसदी लोगों ने समर्थन दिया।

अमेरिका ने मादुरो की जीत पर उठाए सवाल
अमेरिका की सरकार ने वेनेजुएला के चुनाव नतीजों पर चिंता जाहिर की है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका वेनेजुएला के चुनाव नतीजों को लेकर चिंतित है। ब्लिंकन ने कहा कि 'नतीजों में निकोलस मादुरो को विजेता घोषित किया गया है, लेकिन हमें चिंता है कि ये चुनाव नतीजे सही नहीं हैं। घोषित चुनाव नतीजे वेनेजुएला के लोगों के इच्छा को प्रदर्शित नहीं करते हैं।' चुनाव नतीजे जारी होने से पहले भी ब्लिंकन ने कहा था कि वेनेजुएला में चुनाव नतीजे निष्पक्ष और पारदर्शी होने चाहिए।' बता दें कि वेनेजुएला में विपक्ष ने चुनाव नतीजों में धांधली के गंभीर आरोप लगाए हैं। गौरतलब है कि एग्जिट पोल्स के नतीजों में विपक्ष को बहुमत मिलने का दावा किया गया था, जिसके बाद विपक्षी नेताओं और उनके समर्थकों ने जीत का जश्न भी मनाना शुरू कर दिया था, लेकिन अब चुनाव नतीजों से उन्हें तगड़ा झटका लगा है। 

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Mon, 29 Jul 2024 16:45:17 +0530 admin
रूसी राष्ट्रपति पुतिन की अमेरिका को चेतावनी, जर्मनी में हथियारों की तैनाती पर फिर होगा शीत तनाव https://aaj24x7live.com/575 https://aaj24x7live.com/575 सेंट पीट्सबर्ग.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि अगर उसने जर्मनी में लंबी दूरी की मिसाइलों को तैनात किया तो इसके जवाब में रूस भी मध्यम दूरी की परमाणु मिसाइलों का उत्पादन फिर से शुरू कर देगा। साथ ही पुतिन ने कहा कि मिसाइलों के उत्पादन के साथ ही उनकी ऐसी जगहों पर तैनाती की जाएगी, जहां से पश्चिमी देशों को निशाना बनाया जा सके।

गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिका ने कहा था कि वह जर्मनी में साल 2026 से लंबी दूरी की मिसाइलों को तैनात करना शुरू कर देगा।अमेरिका ने कहा कि वह जर्मनी में एसएम-6, टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें और हाइपरसोनिक हथियारों की तैनाती करेगा। अमेरिका यह तैनाती नाटो सदस्यों के प्रति अपने समर्पण दिखाने और यूरोप की कथित सुरक्षा  के नाम पर कर रहा है। अब रूस के नौसेना दिवस के मौके पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिका को चेतावनी दी है। अपने संबोधन में पुतिन ने कहा कि 'अमेरिका शीत युद्ध जैसा मिसाइल संकट फिर से पैदा करने का खतरा मोल ले रहा है। अगर अमेरिका ऐसा करता है तो जर्मनी से रूस के इलाकों पर 10 मिनट में हमला किया जा सकेगा और भविष्य में ये मिसाइलें परमाणु हथियारों से भी लैस की जा सकती हैं।' पुतिन ने कहा कि अगर अमेरिका ने ऐसा किया तो हम भी उसके जवाब में ऐसा ही करेंगे।

पुतिन का आरोप- तनाव बढ़ा रहा अमेरिका
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका जर्मनी में मिसाइलों की तैनाती कर, डेनमार्क और फिलीपींस को टाइफून मिसाइल सिस्टम देकर तनाव को बढ़ा रहा है। पुतिन ने अमेरिका के इस कदम की तुलना उसके साल 1979 में पश्चिमी यूरोप में पर्शिंग-2 मिसाइल लॉन्चर्स की तैनाती से की। सोवियत संघ के तत्कालीन महासचिव यूरी आंद्रोपोव ने कहा था कि पर्शिंग मिसाइलों की तैनाती अमेरिका की सोवियत संघ को तोड़ने और उसने राजनीतिक और सैन्य तौर पर खत्म करने की साजिश थी। रूसी की नौसेना के दिवस के मौके पर सेंट पीट्सबर्ग में पुतिन ने कहा कि अब फिर से शीत युद्ध जैसे हालात बनाए जा रहे हैं। पुतिन ने कहा कि इसके जवाब में रूस भी मध्यम दूरी की परमाणु सक्षम मिसाइलों का उत्पादन शुरू करेगा और फिर विचार किया जाएगा कि इन्हें कहां तैनात किया जाए ताकि अमेरिका को जवाब दिया जा सके।

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Mon, 29 Jul 2024 16:45:09 +0530 admin
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री ने क्वाड को बताया केंद्रीय नीति का हिस्सा, ब्लिंकन&जयशंकर ने बताया व्यावहारिक परिणाम वाला मंच https://aaj24x7live.com/567 https://aaj24x7live.com/567 टोक्यो.

चार देशों के समूह क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक शुरू हो गई है। सबसे पहले भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कई मुद्दों पर बात रखी। उसके बाद अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री ने भी अपनी बात रखी। आइए जानते हैं किसने क्या कहा। जापान के टोक्यो में क्वाड विदेश मामलों के मंत्रियों की बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, 'क्वाड और हमारे संबंधित द्विपक्षीय या यहां तक कि त्रिपक्षीय संबंधों के बीच एक मजबूत बातचीत है।

एक मोर्चे पर प्रगति दूसरे को मजबूत करती है और इस तरह क्वाड के महत्व को बढ़ाती है। ये चुनौतीपूर्ण समय हैं। चाहे वह स्थिरता और सुरक्षा हो या प्रगति और समृद्धि, अच्छी चीजें अपने आप नहीं होती हैं। उन्हें भरोसेमंद भागीदारों की जरूरत है, उन्हें अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है। क्वाड दोनों का एक बेहतरीन समकालीन उदाहरण है।' उन्होंने आगे कहा, 'जब मैंने विशेष उदाहरण दिए हैं तो यह जरूरी है कि हम सभी बिंदुओं को जोड़े।  कुल मिलाकर संदेश यह है कि हमारे चार देश एक स्वतंत्र हिंद-प्रशांत के लिए, नियम-आधारित व्यवस्था और वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं, जो अपने आप में एक अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में एक शक्तिशाली स्थिर कारक है।'

यह कोई बातचीत की दुकान नहीं
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, 'यह कोई बातचीत की दुकान नहीं है, बल्कि एक ऐसा मंच है जो व्यावहारिक परिणाम देता है। उदाहरण के लिए, हमारी एचएडीआर बातचीत हमारी नौसेनाओं के बीच समझ और एसओपी में दिखाई देती है। क्वाड से निकली इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस पहल आज सूचना संलयन केंद्रों को जोड़ती है। हमने जिसके बारे में बहुत बात की है वो है ओपन आरएएन नेटवर्क, जिसे पलाऊ में तैनात किया जा रहा है। मॉरीशस में जल्द ही एक अंतरिक्ष-आधारित जलवायु चेतावनी प्रणाली शुरू की जाएगी। कोविड के दौरान, हमने इस क्षेत्र के देशों को टीके पहुंचाने के लिए सहयोग किया। क्वाड STEM फेलोशिप का पहला समूह पास आउट हो रहा है और दूसरा भी आसियान को कवर करेगा।' उन्होंने कहा, 'हम विश्वसनीय दूरसंचार प्रौद्योगिकी और समुद्र के नीचे केबल कनेक्टिविटी से लेकर मानवीय और आपदा राहत, महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकी, साइबर और स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई, बुनियादी ढांचे, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण, समुद्री डोमेन जागरूकता, एसटीईएम शिक्षा और आतंकवाद का मुकाबला करने तक काम कर रहे हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'एक मंत्री के रूप में नहीं बल्कि एक व्यक्ति के तौर पर, जो क्वाड से सबसे लंबे समय से जुड़ा हुआ है, मुझे जो सच में संतुष्टि मिलती है वह यह है कि यह हमारी विदेश नीतियों में कितनी गहराई से और व्यवस्थित रूप से अंतर्निहित है। हमारी सरकार की विभिन्न एजेंसियां और उनके अलावा अन्य हितधारक अब नियमित रूप से मिलते हैं। इसका विस्तार होता रहता है। हमारे नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से क्वाड के विकास का नेतृत्व किया है। पिछले कुछ वर्षों में हमने जो विस्तृत एजेंडा बनाया है, उसकी मैं सराहना करता हूं।'

हम एक विश्वास के साथ जुड़े हुए: एंटनी ब्लिंकन
विदेश मंत्री जयशंकर के अलावा अमेरिकी विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन भी बैठक में बोले। उन्होंने कहा, 'यह हमारे चार देशों के बीच शानदार रणनीतिक बैठक का पल है। हमारे चार देश हैं जो एक मुक्त और खुले, जुड़े, समृद्ध और लचीले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक साझा दृष्टिकोण से एकजुट हैं। हम एक विश्वास के साथ भी जुड़े हुए हैं कि हम एक साथ भविष्य को इस तरह से आकार देने में मदद कर सकते हैं जो हमारे और पूरे क्षेत्र के कई अन्य लोगों को लाभ पहुंचाएगा।'

नियमों को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा: पेनी वॉन्ग
ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग ने कहा, 'हम ऐसे समय में रह रहे हैं जहां हमारी दुनिया और हमारे क्षेत्र को नया रूप दिया जा रहा है। संघर्षों से लोगों की जान जोखिम में पड़ रही है और जान की कीमत चुकानी पड़ रही है। लंबे समय से चले आ रहे नियमों को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है। देशों को एकजुट व्यापार उपायों, अस्थिर ऋण, राजनीतिक हस्तक्षेप और गलत सूचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। ऑस्ट्रेलिया के लिए क्वाड साझेदारी इस बात पर केंद्रीय है कि हम इन परिस्थितियों का कैसे जवाब दे सकते हैं।'

2017 में ‘क्वाड’ की हुई थी स्थापना
भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने नवंबर 2017 में ‘क्वाड’ की स्थापना की थी, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नयी रणनीति विकसित की जा सके। चीन, दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दावा करता है, जबकि फिलीपीन, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस समुद्री क्षेत्र पर दावे करते हैं।

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Mon, 29 Jul 2024 14:45:52 +0530 admin
‘कमला हैरिस के न जीतने की कोई वजह ही नहीं’, राष्ट्रपति पद पर लेखक सलमान रुश्दी का समर्थन https://aaj24x7live.com/566 https://aaj24x7live.com/566 मुंबई.

मुंबई में जन्मे लेखक सलमान रुश्दी ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए कमला हैरिस की उम्मीदवारी का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि हैरिस ही एक वह शख्स हैं, जो पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को देश को अधिनायकवाद की ओर खींचने से रोक सकती हैं। रुश्दी ने एक वर्चुअल ‘साउथ एशियन मेन फॉर हैरिस’ कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी उपराष्ट्रपति हैरिस के प्रति अपना समर्थन जताया। इस दौरान सांसद, लेखक, नीति विशेषज्ञ, उद्यमी और प्रवासी संगठनों सहित भारतीय-अमेरिकी समुदाय के कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।

लेखक ने कहा, 'यह एक महत्वपूर्ण पल है। मैं मुंबई का लड़का हूं और एक भारतीय महिला को व्हाइट हाउस के लिए चुनाव लड़ते देखना बहुत अच्छा है। मेरी पत्नी अफ्रीकी-अमेरिकी हैं, इसलिए हमें यह तथ्य पसंद आया कि एक अश्वेत और भारतीय महिला व्हाइट हाउस के लिए चुनाव लड़ रही है।' गौरतलब है, कुछ दिन पहले यानी 21 जुलाई को 81 साल के जो बाइडन ने चुनावी दौड़ से बाहर होने का एलान कर सबको चौंका दिया था। हालांकि, राष्ट्रपति बाइडन ने 59 साल की कमला हैरिस को अपना समर्थन दिया था। वहीं, 26 जुलाई को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी उनका समर्थन किया है। अगले महीने डेमोक्रेट्स उन्हें आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर सकती हैं।

हेली के लिए नहीं होता ऐसे कोई इकट्ठा
77 वर्षीय ब्रिटिश-अमेरिकी उपन्यासकार ने यह भी कहा कि जातीयता अपने आप में पर्याप्त नहीं है। उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी के उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जेडी वेंस की भारतीय-अमेरिकी पत्नी और दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर भारतीय-अमेरिकी का जिक्र करते हुए कहा, 'हम इस तरह से उषा वैंस या निक्की हेली के लिए इकट्ठा नहीं होते'।

हैरिस की उम्मीदवारी से बदली बातचीत
रुश्दी ने जोर देकर कहा कि सियासी गलियारे में हलचल इसलिए तेज हुई है क्योंकि केवल एक सप्ताह के भीतर बहुत कुछ बदला है। कमला हैरिस की उम्मीदवारी के साथ ही बातचीत पूरी तरह से बदल गई है और यह सबसे खुशी, आशावाद और सकारात्मक, दूरगामी सोच का एक तरीका है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समुदाय को यह काम करना होगा क्योंकि हम विकल्प को लाने नहीं दे सकते।

ट्रंप पर किया हमला
उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा कि एक भी अच्छा गुण नहीं रखने वाला यह खोखला शख्स इस देश को अधिनायकवाद की ओर खींचने की कोशिश कर रहा है। ऐसा नहीं होने दिया जा सकता है। उन्होंने आगे विश्वास जताते हुए कहा कि हैरिस ही एक ऐसी शख्स है, जो इसे रोक सकती है।  इसलिए मैं उनके लिए साथ 1,000 प्रतिशत खड़ा हूं। रुश्दी ने पूर्व राष्ट्रपति की लोकप्रियता को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा, 'ठीक है, अभी वह स्टार की तरह नहीं दिखते हैं। वह बूढ़े, मोटे आदमी की तरह दिखते हैं। कमला सुपरस्टार की तरह दिखती हैं। मुझे लगता है कि वह जो करिश्मा अभियान में लेकर आती हैं, वह आने वाले हफ्तों में महत्वपूर्ण हो सकता है।'

अब समय बदल गया
यह पूछे जाने पर कि देश में ऐसे संशयवादी हैं जो मानते हैं कि अमेरिका अश्वेत और भारतीय मूल की महिला को राष्ट्रपति के रूप में नहीं चुनेगा, रुश्दी ने कहा कि यह तर्क शायद एक दशक पहले भी दिया जाता रहा होगा, लेकिन समय बदल गया है। उन्होंने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि अब महिला नेतृत्व को जिस तरह से देखा जाता है, वह अलग है। जिस तरह से नस्ल के मुद्दे को सकारात्मक बनाया जा सकता है, वह एक नई बात है। इसलिए मुझे लगता है कि कमला हैरिस के नहीं जीतने की कोई वजह नहीं है और वास्तव में वह आसानी से जीत सकती हैं।'

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Mon, 29 Jul 2024 14:45:45 +0530 admin
‘मुझे हराया तो दूंगा 10 लाख डॉलर’, ट्रंप ने बाइडन को दी थी गोल्फ खेलने की चुनौती https://aaj24x7live.com/565 https://aaj24x7live.com/565 वॉशिंगटन.

अमेरिका में राष्ट्रपति पद की रेस लगातार दिलचस्प होती जा रही है। इस साल के अंत में होने वाले चुनावों को लेकर पहले ही रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से ट्रंप और डेमोक्रेट पार्टी की तरफ से बाइडन ने कमर कस ली थी। हालांकि, ट्रंप के खिलाफ एक खराब डिबेट ने व्हाइट हाउस की इस रेस में बाइडन की मुश्किलें बढ़ा दीं और अंततः उन्हें कमला हैरिस को आगे कर इस दौड़ से पीछे हटना पड़ा।

हालांकि, यह डिबेट पहला मौका नहीं था, जब ट्रंप की तरफ से बाइडन को चुनौती मिली। इससे पहले भी ट्रंप ने मौजूदा राष्ट्रपति को गोल्फ के खेल के लिए चुनौती दी थी। इतना ही नहीं ट्रंप ने यह भी कहा था कि अगर बाइडन उन्हें हरा देंगे तो वह उन्हें 10 लाख डॉलर देने के लिए तैयार हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में इस पूरे वाकये का खुलासा किया। मिनेसोटा के सेंट क्लाउड में एक रैली के दौरान ट्रंप ने बताया कि उन्होंने बाइडन को गोल्फ के गेम के लिए चुनौती दी थी। ट्रंप ने बताया कि उन्होंने चुनौती दी थी कि बाइडन जिस कोर्स (गोल्फ के मैदान) पर खेलना चाहें, वह वहां खेलने के लिए तैयार हैं और अगर राष्ट्रपति उन्हें हरा देते हैं तो वह 10 लाख डॉलर तक देने के लिए तैयार हैं। ट्रंप ने मजे लेते हुए कहा कि बाइडन के पास उन्हें हराने का कोई मौका ही नहीं था। बाद में राष्ट्रपति ने खुद गोल्फ खेलने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। रिपोर्ट्स की मानें तो गोल्फ खेलने को लेकर ट्रंप और बाइडन के बीच चर्चा जून में शुरू हुई थी। यह वही समय था, जब ट्रंप और बाइडन के बीच राष्ट्रपति पद के लिए पहली डिबेट प्रस्तावित थी। ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने हाल ही में गोल्फ में दो क्लब चैंपियनशिप में जीत हासिल की है और दो रेगुलर क्लब क्राउन्स को भी हासिल किया है। अपनी उम्र और शारीरिक क्षमता को लेकर दावा करते हुए उन्होंने कहा कि वह अभी भी लंबी दूरी के शॉट मारने की क्षमता रखता हैं और उनमें गेम के लिए जरूरी स्मार्टनेस भी है। बाइडन पर तंज कसते हुए ट्रंप ने तब कहा कि राष्ट्रपति अब गेंद को 50 यार्ड्स तक भी नहीं पहुंचा सकते। हालांकि, बाइडन ने उनकी चुनौती को टालते हुए कहा था कि अगर ट्रंप खुद का बैग उठाकर पहुंच सके तो उन्हें गोल्फ खेलने में खुशी होगी।

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Mon, 29 Jul 2024 14:45:37 +0530 admin
अमेरिका में न्यूयॉर्क के पार्क में गोलीबारी, एक की मौत और कई घायल https://aaj24x7live.com/564 https://aaj24x7live.com/564 न्यूयॉर्क.

अमेरिका के न्यूयॉर्क में एक पार्क में हुई गोलीबारी में एक शख्स की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए हैं। घटना न्यूयॉर्क के रोचेस्टर सिटी इलाके की है। पुलिस ने बताया कि उन्हें रविवार शाम करीब 6.20 बजे सूचना मिली कि मैपलवुड पार्क में गोलियां चलने की आवाजें सुनी गई हैं और वहां कई लोग घायल हैं।

सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। गोलीबारी में 20 साल के एक युवक की मौत हो गई और छह अन्य लोग घायल हुए हैं। गोलीबारी की वजह का अभी पता नहीं चल सका है। आरोपी की तलाश की जा रही है। घटना में घायल एक शख्स की हालत गंभीर है, वहीं पांच अन्य को कम चोटें लगी हैं और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। घटना में मारे गए युवक की पहचान अभी उजागर नहीं की गई है। पुलिस ने बताया कि पार्क में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे और गोलियां चलने के बाद वहां भगदड़ मच गई। पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया है और घटना की जांच की जा रही है।

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Mon, 29 Jul 2024 14:45:29 +0530 admin
सीक्रेट सर्विस की महिला एजेंट्स का बचाव, डोनाल्ड ट्रंप बोले& मुझे बचाते हुए कुचली तक गई https://aaj24x7live.com/563 https://aaj24x7live.com/563 वाशिंगटन/पेंसिल्वेनिया.

एक कहावत है 'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय' यह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर उस समय बिल्कुल सटीक साबित हुई थी, जब पेंसिल्वेनिया में उनपर जानलेवा हमला किया गया था। एक गोली उन्हें छूते हुए निकल गई थी। हालांकि, इस पूरे मामले के बाद सीक्रेट सर्विस की महिला एजेंटों की भूमिका पर सवाल उठने लगे थे। किसी के कद पर तो किसी के हथियार नहीं संभाल पाने को लेकर निशाना साधा गया।

हालांकि, अब पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप खुद इनके बचाव में उतर आए हैं। उन्होंने हमले के दौरान उनकी रक्षा करने के लिए महिला एजेंटों की सराहना की है।  बता दें, ट्रंप पर 13 जुलाई को एक रैली के दौरान हमला किया गया था। उस समय उनके साथ मंच पर मौजूद सीक्रेट सर्विस की महिला एजेंटों की अपने से बड़े और लंबे कद के शख्स की उचित तरीके से रक्षा नहीं करने और पेशेवर तरीके से काम नहीं करने को लेकर आलोचना की गई थी।

बस उनकी लंबाई काफी नहीं थी इसलिए…
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने रविवार को मिनेसोटा की एक रैली में अपने समर्थकों से कहा, 'वह एक सुंदर इंसान है। वह मेरी ढाल बन रही थी, वह जो कुछ भी कर सकती थी सब कर रही थी। यहां तक कि वह कुचली तक गई थी। बस उनकी लंबाई काफी नहीं थी इसलिए फर्जी खबरों ने उनकी आलोचना की।'

वह मुझे हर चीज से बचा रही थी
उन्होंने आगे कहा, 'ठीक है, आप जानते हैं उनकी लंबाई काफी नहीं थी। इसलिए क्योंकि मैं लंबा हूं और वह उतनी लंबी नहीं थीं। उनकी आलोचना की गई। वह बहुत बहादूर थी। वह मुझे हर चीज से बचा रही थी। वहां गोलीबारी हो रही थी और यहां तक कि वह गोली खाने तक को तैयार थी।' पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने महिला एजेंट को बहादुर बताया और कहा कि वह उनके लिए गोली खाना चाहती थीं।

20 साल के क्रुक्स ने किया था हमला
एक चुनावी रैली में रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप पर गोलीबारी की गई थी। इस हमले में पूर्व राष्ट्रपति बाल-बाल बच गए। इस पूरी घटना के पीछे जिस शख्स की पहचान हुई वो महज 20 साल का थॉमस मैथ्यू क्रुक्स था। उसे गोलीबारी के तुरंत बाद ही एक स्नाइपर ने मार गिराया था।

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Mon, 29 Jul 2024 14:45:20 +0530 admin
जापान में विदेश मंत्री जयशंकर ने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया, एंटनी ब्लिंकन से की मुलाकात https://aaj24x7live.com/562 https://aaj24x7live.com/562 टोक्यो.

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर दो दिवसीय दौरे पर जापान पहुंचे हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर जापान में क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे। जयशंकर के रविवार को जापान पहुंचने पर जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज ने उनका स्वागत किया। जापान में स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ भारतीय राजदूत सिबी जॉर्ज दिखाई दे रहे हैं।

अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन विदेश मंत्री ने जापान के एडोगावा में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि 'ऐसे समय में जब पूरी दुनिया में संघर्ष बढ़ रहे हैं, काफी तनाव है और ध्रुवीकरण हो रहा है, खून-खराबा हो रहा है। ऐसे में ये बेहद अहम है कि हमें महात्मा गांधी के उस संदेश को याद करना चाहिए कि युद्ध के मैदान से शांति नहीं आ सकती और ये युग भी युद्ध का नहीं है। यह संदेश आज भी उतना ही प्रभावी है, जितना यह 80 साल पहले था।'

ब्लिंकन से मिले जयशंकर
विदेश मंत्री ने जापान दौरे पर अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की। मुलाकात के बाद विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि 'हमारा द्विपक्षीय एजेंडा लगातार आगे बढ़ रहा है। हमारी मुलाकात में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तृत बातचीत हुई। कल होने वाली क्वाड बैठक में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं।' नवंबर 2017 में, भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया हिंद प्रशांत में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए क्वाड की स्थापना की थी। दक्षिण चीन सागर प्रशांत और हिंद महासागर के बीच जंक्शन पर स्थित है। चीन, दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दावा करता है, जबकि फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान ने समुद्री क्षेत्र पर जवाबी दावे किए हैं।

क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर 28-30 जुलाई तक जापान के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्रियों के साथ क्वाड बैठक में हिस्सा लेंगे। इस साल के अंत में भारत में क्वाड नेताओं की बैठक होनी है। ऐसे में विदेश मंत्री स्तर की बैठक में क्वाड नेताओं की बैठक की रूपरेखा तैयार की जा सकती है। क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक पहले इस साल जनवरी में होनी थी, लेकिन किन्हीं कारणों से यह बैठक टल गई थी।
विदेश मंत्री स्तर की बैठक में क्वाड समूह द्वारा की गईं पहल और वर्किंग ग्रुप के कामों की समीक्षा की जाएगी। इससे पहले क्वाड के चारों विदेश मंत्रियों की बीते सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में मुलाकात हुई थी। वहीं बीती 12 जुलाई को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की अमेरिका के एनएसए जैक सुलिवन के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई थी।

रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारत रूस और पश्चिमी देशों के साथ अपने रिश्तों में संतुलन बनाकर चल रहा था, लेकिन बीते दिनों पीएम मोदी के रूस दौरे ने पश्चिमी देशों को नाराज कर दिया है। अमेरिका और यूक्रेन ने पीएम मोदी के रूस दौरे के समय पर सवाल उठाए। ऐसे में भारत के लिए अब फिर से दोनों तरफ संतुलन बनाने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

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Mon, 29 Jul 2024 14:45:12 +0530 admin
निकोलस मादुरो तीसरी बार चुने गए वेनेजुएला के राष्ट्रपति, विपक्ष ने लगाए धांधली के आरोप https://aaj24x7live.com/551 https://aaj24x7live.com/551 काराकास.

वेनेजुएला में हुए राष्ट्रपति चुनाव में एक बार फिर निकोलस मादुरौ की सत्ता में वापसी हुई है और वह लगातार तीसरी बार वेनेजुएला के राष्ट्रपति चुने गए हैं। हालांकि विपक्ष ने चुनाव में धांधली के आरोप लगाते हुए नतीजों पर सवाल उठाए हैं। वेनेजुएला में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रविवार को मतदान हुआ था। देश के विभिन्न मतदान केंद्रों पर लोगों की भारी भीड़ देखी गई थी और करीब दो करोड़ पंजीकृत मतदाताओं ने राष्ट्रपति चुनाव में मतदान किया था।

मौजूदा राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को इस चुनाव में एकजुट विपक्ष से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा था। विपक्ष ने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि वे बीते एक दशक से जारी आर्थिक संकट को दूर करेंगे। वेनेजुएला में आर्थिक संकट के चलते करीब 70 लाख लोग देश छोड़कर अन्य देशों में बस चुके हैं। 74 वर्षीय एडमुंडो गोंजालेज युरुशिया के नेतृत्व में विपक्ष ने मादुरो के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हालांकि वह बीते 11 वर्षों से सत्ता पर काबिज निकोलस मादुरो को मात नहीं दे सके।

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Mon, 29 Jul 2024 12:45:22 +0530 admin
पाकिस्तान की एयर होस्टेस तस्करी में पकड़ी गई, मोजे में 40 लाख रुपए मिले https://aaj24x7live.com/549 https://aaj24x7live.com/549 इस्लामाबाद
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) की एयरहोस्टेस अपने कारनामों के कारण चर्चा में रहती हैं। अभी तक वह विदेश में जाने के बाद गायब होने को लेकर चर्चा में रही हैं। अब PIA की एक एयर होस्टेस शनिवार को अल्लामा इकबाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विदेशी मुद्रा की तस्करी करते हुए रंगे हाथ पकड़ी गईं। सीमा शुल्क अधिकारियों ने संघीय जांच एजेंसी (FIA), इमीग्रेशन के सहयोग से उसे गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के बाद अधिकारियों को एयर होस्टेस के मोजे में छिपे अमेरिकी डॉलर और सऊदी रियाल मिले हैं। पाकिस्तानी मुद्रा में इनकी कीमत लाखों में है।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक डिप्टी कलेक्टर सीमा शुल्क राजा बिलाल ने कहा कि एयर होस्टेस से 37318 डॉलर (3124356 भारतीय रुपए) और 40000 सऊदी रियाल (892653 भारतीय रुपए) बरामद किया गया, जो लाहौर से जेद्दा तक पीआईए की उड़ान भरने वाली थी। संदेह होने पर उसे उतार दिया गया और तलाशी ली गई, जिससे छिपी हुई मुद्रा का पता चला। एयर होस्टेस के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उसे जांच टीम के हवाले कर दिया गया। बिलाल ने जोर देकर कहा सरकार मुद्रा तस्करी रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।

कनाडा में गिरफ्तार हुई थी एयरहोस्टेस

इस साल की शुरुआत में मार्च में एक पीएआईए एयर होस्टेस को कनाडा के टोरंटो हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया था, क्योंकि उसके पास कई पासपोर्ट मिले थे। हिना सानी नाम की एयर होस्टेस पीआईए की उड़ान पीके-789 से टोरंटों में उतरी। कई लोगों के पासपोर्ट होने के कारण उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। अपने पासपोर्ट के अलावा किसी अन्य पासपोर्ट के साथ यात्रा करना एक अंतरराष्ट्रीय अपराध है। पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइंस पीआईए कर्मचारियों के गायब होने की समस्या से जूझ रही है।

गायब हो रहे क्रू मेंबर

ताजा मामला 16 क्रू मेंबर वाली फ्लाइट का था, जिसकी सदस्य नूर शेर पाकिस्तान से कनाडा के लिए फ्लाइट पीके 781 से गई थीं। जब वापसी की एक उड़ान में वह नहीं आईं तब उनके गायब होने का पता चला। बार-बार एयरहोस्टेस के गायब होने से जुड़ी घटनाएं पीआईए की क्षमता पर सवाल उठाता है। जनवरी 2023 से लगभग 14 चालक दल गायब हो चुके हैं, जिसमें पुरुष और महिला दोनों हैं। इससे पहले 2022 में चालक दल के पांच सदस्य बिना किसी सुराग के गायब हो गए थे। माना जाता है कि ये सभी लोग कनाडा में शरण लेते हैं।

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Mon, 29 Jul 2024 11:45:16 +0530 admin
अमेरिका ने मालदीव को दी बड़ी चेतावनी, कहा जल्द चीन का उपनिवेश बन जाएगा https://aaj24x7live.com/548 https://aaj24x7live.com/548 वॉशिंगटन
 शीर्ष अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू इस सप्ताह यूएस हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के सामने पेश हुए। इस दौरान उन्होंने मालदीव में चीन के बढ़ते कदम को लेकर चिंता जताई और कहा कि अगर हमने कुछ नहीं किया तो मालदीव चीन की कॉलोनी बन जाएगा। इसके साथ ही कहा कि श्रीलंका में चीन का प्रभाव है, लेकिन अब उसे रोक दिया गया है। लू ने चीनी भागीदारी के प्रति संतुलित दृष्टिकोण बनाए रखने में श्रीलंका के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि श्रीलंका में कोई भी चीनी मिलिट्री बेस नहीं है, क्योंकि हमने और हमारे पार्टनर्स ने श्रीलंका की मदद की। यह टिप्पणी श्रीलंका की ओर से अंतरराष्ट्रीय भागीदारी और निवेश में विविधता लाने से जुड़ी है।

इसके अलावा लू ने भारत के पड़ोसी मालदीव को लेकर चेतावनी दी। दरअसल मालदीव की सत्ता में मोहम्मद मुइज्जू के आने के बाद से वह चीन के करीब हुए हैं। उन्होंने भारत की जगह चीन यात्रा की थी। इसके अलावा भारतीय सैनिकों को भी देश से निकाल दिया था। चीन ने उन्हें बुनियादी ढांचा परियोजना में मदद का आश्वासन दिया है। इसे लेकर लू की टिप्पणी सावधान करने वाली हैं। उन्होंने कहा कि अगर हमने चीन को सबकुछ करने दिया तो मालदीव के चीनी उपनिवेश बनने का खतरा है।

मालदीव को अमेरिका की चेतावनी

लू ने कहा, 'श्रीलंका जिस कर्जे की स्थिति में था, मालदीव अभी वहां तक नहीं पहुंचा है। उसे हम सभी से मदद की जरूरत है। यूएस एड (अमेरिकी दान), टेक्निकल एडवाइजर की मदद हम दे सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया और जापान समेत हम मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि मालदीव के पास विकल्प रहें। अगर हमने चीनियों को सबकुछ बनाने दिया और सारे कर्जे देने दिए तो संभव है कि मालदीव कुछ साल में चीन का उपनिवेश बन जाए। हमारे लिए जरूरी है कि हम मालदीव के साथ रहें।' जनवरी में डोनाल्ड लू मालदीव गए थे।

पाकिस्तान पर क्या बोले डोनाल्ड लू

दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी सहायक सचिव डोनाल्ड लू ने कहा कि बाइडन प्रशासन ने 101 मिलियन डॉलर का अनुरोध किया है, जो पाकिस्तान में लोकतंत्र को मजबूत करने, आतंकवाद से लड़ने और अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चुनौतियों का सामना कर रहा है और यह सहायता राशि उसे इनसे निपटने में मदद करेगा। अमेरिका की ओर से यह डेवलपमेंट तब हुआ है जब पाकिस्तान विदेशी निवेश और विदेशी मुद्रा भंडार की कमी का सामना कर रहा है।

 

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Mon, 29 Jul 2024 11:45:08 +0530 admin
फेल हुआ इजरायल का आयरन डोम ! हिजबुल्लाह के हमले में बच्चों समेत 12 की मौत https://aaj24x7live.com/511 https://aaj24x7live.com/511 तेल अवीव
गोलान हाइट्स पर लेबनान के हिजबुल्लाह की ओर से कई रॉकेट दागे गए हैं, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में बच्चे भी शामिल हैं। सभी की उम्र 10-20 साल है। इजरायल के मुताबिक यह 7 अक्टूबर की लड़ाई शुरू होने के बाद हिजबुल्ला का सबसे बड़ा हमला है। लेबनान से दागे गए रॉकेट गोलान हाइट्स के उत्तरी ड्रूज शहर मजदल शम्स में एक फुटबॉल मैदान पर गिरा था। इजरायल ने कहा कि उसने लेबनान से इजरायली इलाके में गिरने वाले 30 प्रोजेक्टाइल की पहचान की है। इस हमले के बाद इस बात की आशंका जताई जा रही है कि इजरायल अब हमास के साथ-साथ हिजबुल्लाह से भी लड़ेगा।

कुछ इजरायली नेताओं ने जवाबी कार्रवाई की मांग की है। हालांकि हिजबुल्लाह ने रॉकेट दागने से इनकार किया है। इजरायल और हमास का युद्ध शुरू होने के साथ ही लेबनान के साथ लगती सीमा पर हिजबुल्ला के साथ भी संघर्ष शुरू हो गया था। इजरायली सेना और हिजबुल्लाह पिछले 10 महीने से एक दूसरे पर गोलीबारी कर रहे हैं। इस हमले से पहले भी कहा जाता रहा है कि दोनों का संघर्ष एकदम उबलते बिंदु पर पहुंच रहा है। 12 लोगों की मौत के अलावा हमले में 29 लोग घायल हो गए।

भागने का नहीं मिला समय

प्रत्यक्षदर्शियों ने ग्राउंड में खूनी नरसंहार के दृश्यों का वर्णन किया। हालांकि हमले के दौरान एक वॉर्निंग सायरन बजाया गया था, लेकिन यह पीड़ितों के लिए बेहद छोटा अलर्ट था, जो समय पर भागने में असमर्थ थे। आईडीएफ ने शनिवार देर रात को कहा कि मरने वाले सभी की उम्र 10-20 साल है। इस हमले के बाद एक बड़ी जवाबी कार्रवाई का वादा किया जा रहा है। हमला ऐसे समय पर हुआ जब इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका से वापस लौटे हैं। छिटपुट संघर्ष की जगह अब हिजबुल्लाह के साथ एक पूर्ण युद्ध की आशंका बढ़ गई है।

बच्चे खेल रहे थे तब हुआ हमला

लगभग 20 हजार ड्रूज अरब गोलान हाइट्स में रहते हैं। यह वह इलाका है जिसे इजरायल ने 1967 में छह दिन के युद्ध के दौरान सीरिया से जब्त कर लिया था। इंटरनेशनल कानूनों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत इसे कब्जे वाला इलाका माना जाता है। क्षेत्र में लगभग 50000 इजरायली यहूदियों और ड्रूज का घर है। ज्यादातर ड्रूज खुद को सीरियाई मानते हैं। आईडीएफ के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा कि जिस समय हमला हुआ तब बच्चे खेल रहे थे। यह 7 अक्टूबर के बाद सबसे बड़ा हमला है और हम कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि हमला फलाक 1 ईरानी रॉकेट से किया गया, जिसमें 50 किग्रा का हथियार था। उन्होंने कहा कि हिजबुल्लाह ही इस मॉडल का इस्तेमाल करता है।

भारी कीमत चुकानी होगी- बेंजामिन नेतन्याहू
यह हमला इजराइल और लेबनान के चरमपंथी समूह हिजबुल्ला के बीच लड़ाई शुरू होने के बाद से इजराइल की उत्तरी सीमा पर किया गया सबसे घातक हमला है, जिससे क्षेत्र में व्यापक संघर्ष की आशंका पैदा हो गई है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि हिजबुल्ला को ‘इस हमले की ऐसी भारी कीमत चुकानी होगी, जो उसने पहले कभी नहीं चुकाई है।’

इजराइली सेना के मुख्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने इसे सात अक्टूबर को हमास के हमले के बाद इजराइल के नागरिकों पर हुआ सबसे घातक हमला बताया। हमाम के हमले के बाद गाजा में युद्ध छिड़ गया। इजराइल के विदेश मंत्री इजराइल काट्ज ने ‘चैनल 12’ से कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि हिजबुल्ला ने इस हमले से सभी हदें पार दी हैं और हमारी प्रतिक्रिया से यह बात समझ आएगी। हम उस पल के करीब पहुंच रहे हैं, जब हमें एक पूर्ण युद्ध का सामना करना पड़ेगा।’

हिजबुल्ला के मुख्य प्रवक्ता मोहम्मद अफीफ ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा कि समूह ‘‘इस बात से साफ इनकार करता है कि मजदल शम्स पर उसने हमला किया।’’ हिजबुल्ला का हमले से इनकार करना असामान्य बात है। इस हमले से पहले शनिवार को सीमा पार हिंसा हुई थी, जिसमें हिजबुल्ला ने उसके तीन लड़ाकों के मारे जाने की बात कही थी। हालांकि, उसने यह नहीं बताया कि यह हिंसा कहां हुई। इजराइल की सेना ने कहा कि उसकी वायुसेना ने सीमावर्ती गांव कफर किला में हिजबुल्ला के हथियार डिपो को निशाना बनाया। उसने कहा कि हमले के समय वहां आतंकवादी मौजूद थे।

इजराइल पर हुए घातक हमले के बाद नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि प्रधानमंत्री जल्द से जल्द अमेरिका से स्वदेश लौट रहे हैं, लेकिन उसने इसका समय नहीं बताया। नेतन्याहू अमेरिका की यात्रा पर गए हैं। उनके कार्यालय ने कहा कि वह इजराइल पहुंचने के बाद सुरक्षा कैबिनेट की बैठक करेंगे। एक प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक जिहान सफादी ने ‘चैनल 12’ को बताया कि मृतकों में पांच छात्र शामिल हैं। इजराइली सेना ने कहा कि उसके विश्लेषण के अनुसार, रॉकेट दक्षिणी लेबनान के चेबा गांव के उत्तर में स्थित क्षेत्र से दागा गया था।
 

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Sun, 28 Jul 2024 20:45:09 +0530 admin
अरबपतियों पर कर लगाने के विचार पर सहमत हुए जी20 देशों के वित्त मंत्री https://aaj24x7live.com/458 https://aaj24x7live.com/458 रियो डि जिनेरियो
 दुनिया के शीर्ष विकसित और विकासशील देशों के वित्त मंत्री अरबपतियों पर प्रभावी ढंग से कर लगाने के प्रस्ताव पर सहमत हुए। एक संयुक्त मंत्रिस्तरीय घोषणापत्र में यह जानकारी दी गई है।

रियो डि जिनेरियो में जी20 देशों के वित्त मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक के बाद जारी घोषणापत्र में कहा गया है, “कर संप्रभुता के प्रति पूर्ण सम्मान के साथ, हम सहयोगात्मक रूप से यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि अरबपतियों पर प्रभावी रूप से कर लगाया जाए।”

ब्राजील ने रियो डि जिनेरियो में 18-19 नवंबर को प्रस्तावित जी20 शिखर सम्मेलन से पहले अरबपतियों पर न्यूनतम दो फीसदी संपत्ति कर लगाने का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव पर सहमति कायम करना समूह के अध्यक्ष के रूप में उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

हालांकि, घोषणापत्र में विशिष्ट वैश्विक कर पर सहमति कायम नहीं की जा सकी, लेकिन ब्राजील के वित्त मंत्री फर्नांडो हद्दाद ने इसे ‘महत्वपूर्ण कदम’ करार दिया। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “हम इस तरह के नतीजे को लेकर हमेशा आशावादी थे, लेकिन यह वास्तव में हमारी शुरुआती उम्मीदों से कहीं अधिक है।”

अरबपतियों पर कर लगाने के ब्राजील के प्रस्ताव का जहां फ्रांस, स्पेन और दक्षिण अफ्रीका ने समर्थन किया है, वहीं अमेरिका इसके खिलाफ है।

अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने संवाददाताओं से कहा, “कर नीति को वैश्विक स्तर पर समन्वयित करना बहुत कठिन है। हमें इस संबंध में किसी वैश्विक समझौते पर बातचीत करने की कोई जरूरत नहीं दिखती और वास्तव में हमें यह वांछनीय भी नहीं लगता।”

ब्राजील द्वारा नियुक्त फ्रांसीसी अर्थशास्त्री गेब्रियल जुकमैन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा समय में अरबपति अपनी संपत्ति का 0.3% हिस्सा कर के रूप में चुकाते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दो फीसदी संपत्ति कर लगाने से वैश्विक स्तर पर लगभग 3,000 अरबपतियों से हर साल 200 अरब डॉलर से 250 अरब डॉलर जुटाए जा सकेंगे।

रिपोर्ट के अनुसार, इस धनराशि का इस्तेमाल शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल जैसी सार्वजनिक सेवाओं के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई के लिए भी किया जा सकता है।

 

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Sun, 28 Jul 2024 11:45:26 +0530 admin
गाजा पट्टी में मरने वालों हमारे कर्मचारियों की संख्या 200 के करीब पहुंची: यूएनआरडब्ल्यूए https://aaj24x7live.com/457 https://aaj24x7live.com/457 गाजा
 निकट पूर्व में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) ने कहा कि इजरायल और हमास के बीच संघर्ष की शुरुआत के बाद से गाजा पट्टी में मारे गए उसके कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 199 हो गई है।

यूएनआरडब्ल्यूए ने एक बयान में कहा कि युद्ध शुरू होने के बाद से गाजा में यूएनआरडब्ल्यूए के 199 सहयोगी मारे गए हैं। इसने कहा कि गाजा पट्टी में अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं में लगभग 1,100 कर्मचारी लगातार काम कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि 7 अक्टूबर, 2023 को, हमास ने इज़राइल के खिलाफ बड़े पैमाने पर रॉकेट हमला किया और नागरिकों और सैन्य ठिकानों दोनों पर हमला करते हुए सीमा का उल्लंघन किया। हमले के दौरान इज़राइल में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे, और 240 अन्य लोगों का अपहरण कर लिया।

इज़राइल ने जवाबी हमला शुरू किया, गाजा की पूरी नाकाबंदी का आदेश दिया और फिलिस्तीनी एन्क्लेव में जमीनी घुसपैठ शुरू कर दी। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजरायली हमले में मरने वालों की संख्या 39,000 से ज्यादा हो गई है और 90,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

 

 

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Sun, 28 Jul 2024 11:45:18 +0530 admin
हैरिस अमेरिकी इतिहास में सबसे खराब उदारवादी राष्ट्रपति होंगी : ट्रंप https://aaj24x7live.com/456 https://aaj24x7live.com/456 वाशिंगटन
अमेरिका में नवंबर में प्रस्तावित राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी की दावेदारी की दौड़ में शामिल कमला हैरिस पर हमला तेज करते हुए कहा कि अगर वह निर्वाचित हुईं, तो ‘‘अमेरिका के इतिहास में सबसे खराब उदारवादी राष्ट्रपति साबित होंगी।’’

निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन (81) के राष्ट्रपति पद की दौड़ से पीछे हटने के बाद अब उपराष्ट्रपति हैरिस (59) डेमोक्रेटिक पार्टी की संभावित प्रत्याशी हैं।

पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप (78) ने हैरिस को आव्रजन और गर्भपात के मुद्दों पर जरूरत से ज्यादा उदार बताया। उन्होंने हैरिस को अमेरिकी इतिहास में सबसे अक्षम, अलोकप्रिय और घोर वामपंथी उपराष्ट्रपति बताया।

हैरिस पर हमला

ट्रंप ने कहा, ‘‘अगर कमला हैरिस चुनी जाती हैं, तो वह अमेरिका के इतिहास में सबसे खराब उदारवादी राष्ट्रपति साबित होंगी। उन्होंने कहा कि सीनेट सदस्य के रूप में हैरिस पूरे सीनेट में सबसे घोर वामपंथी डेमोक्रेट नेताओं में पहले नंबर पर थीं।’ ट्रंप ने कमला हैरिस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हमारा काम समाजवाद को हराना है, मार्क्सवाद, साम्यवाद को हराना है, गिरोहों और अपराधियों तथा मानव तस्करों, महिला तस्करों को हराना है। इसका मतलब है कि कमला हैरिस को भारी बहुमत से हराना है। हम इस बार नवंबर में बड़ी जीत हासिल करना चाहते हैं।

ट्रंप ने कहा, ‘‘अगर कमला हैरिस चुनी जाती हैं, तो वह अमेरिका के इतिहास में सबसे खराब उदारवादी राष्ट्रपति साबित होंगी… सीनेट सदस्य के रूप में हैरिस पूरे सीनेट में सबसे घोर वामपंथी डेमोक्रेट नेताओं में पहले नंबर पर थीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा काम समाजवाद को हराना है, मार्क्सवाद, साम्यवाद को हराना है, गिरोहों और अपराधियों तथा मानव तस्करों, महिला तस्करों को हराना है। इसका मतलब है कि कमला हैरिस को भारी बहुमत से हराना है। हम इस बार नवंबर में बड़ी जीत हासिल करना चाहते हैं।’’

इस भाषण के दौरान, ट्रम्प ने बाइडन प्रशासन की नीतियों और निर्णयों की तीखी आलोचना की, विशेषकर उन मुद्दों पर जिनमें उन्होंने बाइडेन की क्षमता पर सवाल उठाए। ट्रम्प ने बाइडन के कार्यकाल की विफलताओं को उजागर करते हुए कहा कि बाइडन और हैरिस की जोड़ी अमेरिका के लिए "खतरा" साबित हो रही है । ट्रम्प ने यह भी संकेत दिया कि वह 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने अभियान को और तेज करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने अपने भाषण में यह स्पष्ट किया कि वह बाइडन और हैरिस की नीतियों के खिलाफ एक ठोस रणनीति के साथ सामने आएंगे। ट्रम्प का यह भाषण उनके राजनीतिक दृष्टिकोण और भविष्य की योजनाओं को उजागर करता है, साथ ही यह दर्शाता है कि वह आगामी चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ कितनी दृढ़ता से खड़े हैं।

उन्होंने हैरिस को अमेरिकी इतिहास में सबसे अक्षम, अलोकप्रिय और घोर वामपंथी उपराष्ट्रपति बताया। ट्रंप ने कहा, ‘‘अगर कमला हैरिस चुनी जाती हैं, तो वह अमेरिका के इतिहास में सबसे खराब उदारवादी राष्ट्रपति साबित होंगी… सीनेट सदस्य के रूप में हैरिस पूरे सीनेट में सबसे घोर वामपंथी डेमोक्रेट नेताओं में पहले नंबर पर थीं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारा काम समाजवाद को हराना है, मार्क्सवाद, साम्यवाद को हराना है, गिरोहों और अपराधियों तथा मानव तस्करों, महिला तस्करों को हराना है। इसका मतलब है कि कमला हैरिस को भारी बहुमत से हराना है। हम इस बार नवंबर में बड़ी जीत हासिल करना चाहते हैं।''

 

 

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Sun, 28 Jul 2024 11:45:09 +0530 admin
हिंदमहासागर में भारत की एक एक्सरसाइज से पहले चीन ने अपना जासूसी जहाज भेजा https://aaj24x7live.com/449 https://aaj24x7live.com/449 बीजिंग
 चीन की चालबाजी एक बार फिर सामने आई है। चीन ने अपने जासूसी जहाज जियांग यांग होंग 03 को हिंद महासागर में भेजा है। चीन इस जहाज को रिसर्च जहाज बताता है। लेकिन कई बार देखा गया है कि यह जासूसी में इस्तेमाल होता है। लेकिन चीन की ओर से इस जहाज को भेजने की टाइमिंग बेहद खास है। जहाज को ऐसे समय पर भेजा गया है जब भारतीय नेवी सब सरफेस फायरिंग करने वाला है। चीन का जासूसी जहाज मिसाइल फायरिंग वाले इलाके से 222 किमी की दूरी पर है।

ओपन सोर्स इंटेलिजेंस रिसर्चर डेमियन साइमन ने एक ग्राफिक्स शेयर कर इसकी जानकारी दी है। इसमें उन्होंने बताया कि बंगाल की खाड़ी में लगभग 595 किमी के एरिया में भारतीय नौसेना सब सरफेस फायरिंग अभ्यास करने वाला है। चीन का समुद्री रिसर्च पोत जियांग यांग होंग 03 वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में जा रहा है। यह अभ्यास वाली जगह से 120 समुद्री मील (222 किमी) दूरी पर चल रहा है। चीन ने संभवतः इसे जानकारी इकट्ठा करने के लिए भेजा होगा।

पहले भी भेज चुका है जासूसी जहाज

इससे पहले भी जब भारत को मिसाइल लॉन्च करना था तब भी चीन ने अपने जासूसी जहाजों को भेजा था। मार्च में भारत की ओर से ओडिशा तट पर मिसाइल लॉन्च के लिए अलार्म जारी किया गया था। इसके कुछ दिनों बाद एक चीनी रिसर्च जहाज भारत के पूर्वी समुद्री तट पर पहुंच गया। इसके बाद अग्नि पांच मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। पीएम मोदी ने एक्स पर इसकी पुष्टि की थी। तब चीन ने जियान यांग होंग-1 जासूसी जहाज को भेजा था।

भारत के लिए खतरा है जासूसी जहाज

चीन के ये कथित रिसर्च जहाज जासूसी के लिए इस्तेमाल होते हैं। चीन का कहना है कि वह इनके जरिए समुद्र का शोध कर रहा है। लेकिन एक्सपर्ट्स वॉर्निंग दे चुके हैं कि इस जहाज में सैन्य ग्रेड के उपकरण लगे हो सकते हैं। यह समुद्र की मैपिंग कर सकता हैं जो भारत के साथ युद्ध में चीनी पनडुब्बियों को फायदा पहुंचाएगा। पहले यह जहाज श्रीलंका के बंदरगाह पर रुकते थे। लेकिन भारत के विरोध के बाद श्रीलंका ने इसे अपने तट पर रुकने से मना कर दिया। भारत से तनाव के बीच मालदीव ने चीन के जासूसी जहाज को अपने तट पर रुकने दिया। अप्रैल में यह जहाज दूसरी बार मालदीव के तट पर रुका था।

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Sun, 28 Jul 2024 09:45:25 +0530 admin
इराक आए 50 हजार पाकिस्तानी हुए उड़न छू, इराकी सरकार ने जताया बड़ा संदेह https://aaj24x7live.com/448 https://aaj24x7live.com/448 इस्लामाबाद
 पाकिस्तान से धार्मिक यात्रा के लिए इराक गए करीब 50 हजार लोग गायब हो गए हैं। पाकिस्तान सरकार में धार्मिक मामलों के मंत्री चौधरी सालिक हुसैन ने इसकी जानकरी दी है। चौधरी ने बुधवार को पाकिस्तानी सीनेट समिति की एक बैठक में माना है कि इराक से करीब 50,000 पाकिस्तानी तीर्थयात्री वापस नहीं लौटे और वहीं 'गायब' हो गए हैं। हालांकि उन्होंने इसके पीछे की वजह और उनकी ओर से की गई कार्रवाई के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है। दूसरी ओर इराकी सरकार का मानना है कि लापता पाकिस्तानी उनके देश में अवैध रूप से काम करने के लिए रुक रहे हैं।

मिडिल ईस्ट आई की रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल लाखों विदेशी तीर्थयात्री इराक आते हैं। खासतौर से अरबाईन और आशूरा पर शिया मुस्लिम इराक आते हैं। शियाओं के लिए अरबाईन की तीर्थयात्रा खास अहमियत रखती है क्योंकि ये कर्बला की लड़ाई में पैगंबर मुहम्मद के नाती हुसैन की शहादत को चिह्नित करती है। ऐसे में यहां दुनियाभर से लोग आते हैं और ये संख्या करोड़ों में होती है। पाकिस्तान के शिया अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य उन लोगों में से हैं, जो नियमित रूप से इराक आकर तीर्थयात्रा में भाग लेते हैं।
इराक में गायब लोगों की जांच करेगी पाक सरकार

इराक के श्रम और सामाजिक मामलों के मंत्री अहमद अलअसदी ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार उन रिपोर्ट की जांच करेगी, जो लापता लोगों के उनके देश में अवैध रूप से काम करना का इशारा करती हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, 'पिछले दिनों इराक में विभिन्न देशों से पर्यटकों की आमद देखी गई है, जिनमें पाकिस्तानी भी शामिल हैं। उनमें से कई ने आवश्यक कानूनी परमिट के बिना यहां काम करना शुरू कर दिया है। इराक दुनिया के सभी पर्यटकों का स्वागत करता है लेकिन स्थानीय कानूनों और नियमों का सम्मान करने की आवश्यकता पर जोर देता है।

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में इराक में 688 पाकिस्तानी रह रहे थे लेकिन जमीन पर यह संख्या बहुत अधिक होने का संकेत मिलता है। इस पर दोनों देशों की सरकारों का भी ध्यान है। इस महीने की शुरुआत में, पाकिस्तान और इराक ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जिसका उद्देश्य पाकिस्तानियों के लिए इराक के लिए कार्य वीजा प्राप्त करना आसान बनाना था। जिससे कानूनी आव्रजन को बढ़ावा मिले और इराक में अवैध प्रवेश को कम किया जा सके।

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Sun, 28 Jul 2024 09:45:17 +0530 admin
मंगल ग्रह से नासा के पर्सीवरेंस रोवर ने एक चट्टान का सैंपल लिया, जिसमे जीवन का मिला ‘सबूत’ https://aaj24x7live.com/447 https://aaj24x7live.com/447 वॉशिंगटन
 मंगल ग्रह को लेकर वैज्ञानिकों के मन में हमेशा से सवाल रहा है। नासा के पर्सीवरेंस रोवर ने मंगल ग्रह पर एक बड़ी खोज की है। इससे लाल ग्रह पर प्राचीन जीवन के प्रमाण मिले हैं। द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार रोवर ने हाल ही में एक दिलचस्प चट्टान के नमूनों की खोज की है। इसका नाम 'चेयावा फॉल्स' है, जिसमें कार्बनिक अणु और संरचनाएं हैं, जो माइक्रोबियल जीवन की ओर से बनाई गई हो सकती हैं। यह चट्टान एक प्राचीन नदी घाटी में पाई गई थी, जिससे पता चलता है कि यह ग्रह कभी जीवन को समर्थन करने वाला रहा होगा।

नासा ने गुरुवार को एक बयान में कहा, 'चट्टान केमिकल सिग्नेचर और संरचनाओं को प्रदर्शित करती है जो संभवतः अरबों साल पहले जीवन की ओर से बनाई गई हो सकती है। तब जिस इलाके में सैंपल लिए गए वहां पर पानी था।' नासा की जेट प्रोपल्शन लैब की पर्सिवरेंस डिप्टी प्रोजेक्ट वैज्ञानिक केटी स्टैक मॉर्गन ने कहा, 'हम यह नहीं कह सकते कि यह जीवन का संकेत है। लेकिन यह अब तक हमें मिला सबसे आकर्षक नमूना है।' रोवर के रॉक कोर का नमूना 21 जुलाई को इकट्ठा किया गया था।

मंगल ग्रह पर सबसे बड़ी खोज

एक चौथाई किलोमीटर के चौड़ी एक प्राचीन नदी घाटी के किनारे पर यह मिला था। पत्थर की माप 3.2 फीट गुना 2 फीट है और इसका नाम ग्रांड कैन्यन झरने के नाम पर रखा गया था। कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में मिशन के परियोजना वैज्ञानिक केन फार्ले ने कहा कि चेयावा फॉल्स पर्सीवरेंस रोवर की ओर से अब तक जांच की गई सबसे रहस्यमय, जटिल और संभावित महत्वपूर्ण चट्टान थी। उन्होंने कहा, 'चट्टान में कार्बनिक पदार्थ की सम्मोहक खोज हुई है। इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि जीवन के लिए आवश्यक पानी चट्टान से होकर गुजरा था।'

मंगल पर जीवन की होगी जांच

उन्होंने कहा, 'दूसरी ओर हम यह निर्धारित करने में असमर्थ हैं कि चट्टान कैसे बनी और किस हद तक आस-पास की चट्टानों ने चेयावा फॉल्स को गर्म किया और इन विशेषताओं में योगदान दिया।' हालांकि खोज आशाजनक है फिर भी मंगल ग्रह पर प्राचीन जीवन के प्रमाण की पुष्टि करने के लिए आगे के विश्लेषण की जरूरत है। वैज्ञानिक अब चट्टान के नमूने और उसकी संरचनाओं का अध्ययन करना जारी रखेंगे। नासा अगले कुछ वर्षों में मंगल ग्रह से चट्टानी सैंपल लाने वाले मिशन को चलाएगा।

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Sun, 28 Jul 2024 09:45:09 +0530 admin
चांग्शा शहर में भीषण सड़क हादसा, वाहन ने पैदल चल रहे यात्रियों को कुचला, आठ लोगों की मौत https://aaj24x7live.com/442 https://aaj24x7live.com/442 बीजिंग
मध्य चीन के हुनान प्रांत की राजधानी चांग्शा शहर में शनिवार तड़के एक वाहन के पैदल यात्रियों से टकराने से आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हो गए। नगरपालिका सार्वजनिक सुरक्षा ब्यूरो ने एजेंसी को बताया। रिपोर्ट के अनुसार, लोगों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल भेजा गया है। घायलों में से दो की हालत गंभीर है, जबकि तीन को मामूली चोटें आई हैं।

संदिग्ध से पूछताछ जारी
संदिग्ध की पहचान सु के रूप में की गई है, जिसकी उम्र 55 वर्ष है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और संदिग्ध से पूछताछ की जा रही है। अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है।

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Sat, 27 Jul 2024 23:45:09 +0530 admin
पाकिस्तान का यह शहर दुनिया में दूसरा सबसे खतरनाक, देखिए लिस्ट https://aaj24x7live.com/378 https://aaj24x7live.com/378 इस्लामाबाद

पाकिस्तान दुनियाभर में आतंकवाद के लिए पहले से ही बदनाम है। वहीं अब फोर्ब्स अडवाइजर की लिस्ट में पाकिस्तान के कचारी शहर को पर्यटन के लिहाज में दूसरा सबसे खतरनाक शहर बताया गया है। रेटिंग में 100 में से उसे 93.12 अंक दिए गए हैं। इस लिस्ट में पहले नंबर पर वेनेजुएला का काराकास शहर है। इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर म्यांमार का यानगोन शहर है। रिपोर्ट के मुताबिक इन शहरों में पर्यटकों के लिए सबसे ज्यादा खतरा है। यहां अपराध की दर, हिंसा, आतंकी धमकियों, प्राकृतिक आपदाओं और आर्थिक समस्याओं का डर बना रहता है।

डॉन के मुताबिक अमेरिकी  गृह मंत्रालय ने भी सुरक्षा की लिहाज से पर्यटन के लिए खतरनाक शहरों की लिस्ट जारी कीती। इसमें कराची को सबसे खराब बताया गया था। कराची को इन्फ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी रिस्क के आधार पर चौथा स्थान दिया गाय था। फोर्ब्स अडवाइजर की रिपोर्ट में कहा गया कि 60 मानकों के आधार पर दुनियाभर के 60 शहरों की रैंकिंग जारी की गई है। गौर करने वाली बात है कि कराची का नाम खतरनाक शहरों में कई बार से आ रहा है और यह शहर रहने लायकन नहीं है।

2017 की लिस्ट में दुनियाभर में सबसे कम सुरक्षित शहरों में कराची का नाम था। इकोनॉमिस्ट ग्रुप की रैंकिंग में भी कराची को रहने लायक शहर नहीं बताया गया है। बता दें कि पाकिस्तान का सबसे बड़ा शहर कराची ही है। हाल ही में कराची शहर में दो गुटों में हुई झड़प और फायरिंग में पांच लोगों की मौत हो गई। कराची में आए दिन आतंकी घटनाएं भी होती रहती हैं। वहीं घनी आबादी और मूलभूत सुविधाओं की कमी की वजह से भी शहर रहने लायक नहीं रह गया है।

बांग्लादेश का ढाका शहर भी खतरनाक शहरों की लिस्ट में छठे स्थान पर है। चौथे नंबर पर नाइजीरिया का लागोस, पांचवें पर फइलीपींस का मनीला, सातवें पर कोलंबिया का बोगोटा, आठवें पर मिस्र का काहिरा, नौवें पर मैक्सिको सिटी और 10वें पर इक्वाडोर को खतरनाक शहरों की सूची में जगह दी गई है। वहीं फोर्ब्स अडवाइजर ने दुनिया में सबसे सुरक्षित शहरों की लिस्ट भी जारी की है। इसमें सिंगापुर पहले स्थान पर है। इसके बाद दूसरा स्थान जापान के तोक्यो का है। कनाडा के टोरंटो को तीसरा सबसे सुरक्षित शहर बताया गाय है। सुरक्षित शङरो के मामले में चौथा स्थान ऑस्ट्रेलिया के सिडनी, पांचवां स्विटजरलैंड के ज्यूरिख को दिया गया है।

 

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Sat, 27 Jul 2024 16:45:18 +0530 admin
कमला हैरिस ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए किया नामांकन, बोलीं& हर एक वोट के लिए जान लड़ा दूंगी https://aaj24x7live.com/377 https://aaj24x7live.com/377 वॉशिंगटन
 अमेरिका में इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए कमला हैरिस ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी के लिए आधिकारिक तौर पर नामांकन कर दिया है। कमला ने शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि आज मैंने आधिकारिक तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करने वाले फॉर्म पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। मैं हर वोट हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करूंगी और उम्मीद है कि नवंबर में हमारा जनता के समर्थन वाला कैंपेन जरूर जीतेगा।

जो बाइडन के नाम वापस लेने और समर्थन देने के बाद कमला हैरिस ने आधिकारिक तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की है। बाइडन के अलावा पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी हैरिस का समर्थन करते हुए उनको एक शानदार नेता बताया। अमेरिका में चुनाव 5 नवंबर को होने हैं। हैरिस का सीधा मुकाबला रिपब्लिकन कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप से होगा।
हैरिस को मिला है बाइडन और ओबामा का समर्थन

कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी के ज्यादातर नेताओं का समर्थन मिल गया है। जो बाइडन ने अपना नाम वापस लेने का ऐलान करने के साथ ही कमला का नाम बढ़ाया था। एक दिन पहले ही पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी कमला हैरिस का समर्थन करते हुए कहा कि वह अमेरिका की एक शानदार राष्ट्रपति साबित होंगी और उनको मेरा पूरा समर्थन है। बाइडन और ओबामा के अलावा पूर्व हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेंटिव नेन्सी पेलोसी भी हैरिस के समर्थन में हैं।

कमला हैरिस इस समय अमेरिका की उपराष्ट्रपति हैं। 2020 में वह इस पद को संभालने वाली पहली महिला, पहली अश्वेत अमेरिकी और पहली एशियाई अमेरिकी बनी थीं। वह पहले अमेरिकी सीनेट (2017-21) और कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल (2011-17) के रूप में कार्य कर चुकी हैं। हैरिस के पिता जमैका और मां भारत से थीं। कमला हैरिस की ननिहाल भारत के तमिलनाडु में हैं। कमला हैरिस ने हावर्ड विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में स्नातक करने के बाद यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया कॉलेज ऑफ लॉ से कानून की डिग्री ली है।

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Sat, 27 Jul 2024 16:45:08 +0530 admin
बाइडन भारत में ‘क्वाड’ शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रतिबद्ध : व्हाइट https://aaj24x7live.com/352 https://aaj24x7live.com/352 वाशिंगटन
 अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने कहा है कि जो बाइडन भारत में इस साल होने वाले ‘क्वाड’ (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) देशों के नेताओं के वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

‘व्हाइट हाउस’ के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम इस साल वहां होने वाले ‘क्वाड’ नेताओं के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए अब भी प्रतिबद्ध हैं, लेकिन इस संबंध में अभी कैलेंडर पर कुछ भी निर्धारित नहीं किया गया है।’’

‘क्वाड’ बाइडन की पहल है और ऑस्ट्रेलिया, जापान, भारत एवं अमेरिका इसके सदस्य देश हैं। बाडइन ने वर्ष 2020 में राष्ट्रपति के तौर पर अपने कार्यकाल के शुरुआती 100 दिन में ‘क्वाड’ देशों के नेताओं का एक ऑनलाइन शिखर सम्मेलन आयोजित किया था। तब से ‘क्वाड’ नेता बारी-बारी से वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित करते रहे हैं। इस वर्ष भारत शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

किर्बी ने कहा कि बाइडन इस बार राष्ट्रपति पद के चुनाव की दौड़ में शामिल नहीं हैं, तो निश्चित रूप से यह उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य में ऐसी कई तारीख उपलब्ध होंगी, जो पहले नहीं थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हम सभी इस बात पर विचार कर रहे हैं कि इन तारीखों का इस्तेमाल विदेश नीति के एजेंडे को आगे बढ़ाने और यहां एवं दुनिया भर में राष्ट्रीय सुरक्षा के अवसरों को भुनाने में कैसे किया जा सकता है। निर्धारित तिथियों के बारे में बताने के लिए फिलहाल मेरे पास कुछ नहीं हैं।’

 

 

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Sat, 27 Jul 2024 12:30:11 +0530 admin
भारत ने रूस से ट्रेन से मंगाया कोयला तो हैरान हुआ पाकिस्तान https://aaj24x7live.com/336 https://aaj24x7live.com/336 इस्लामाबाद/ मॉस्को
भारत और रूस की दोस्ती को देख कर पाकिस्तान भी रूस के करीब जाना चाहता है। हाल ही में रूस से कोयला ट्रेन के जरिए भारत पहुंचा।अब इसी तरह पाकिस्तान रूस से रेलवे लाइन के जरिए जुड़ना चाहता है और इसके लिए वह ऐसा रोडमैप बना रहा है, जिसके जरिए अमेरिकी प्रतिबंधों से बचा जा सके। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से कहा कि सरकार एक व्यापक रणनीति विकसित कर रही है, जिसमें व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए गवर्नमेंट-टू-गवर्नमेंट फ्रेमवर्क, बिजनेस-टू-बिजनेस सहयोग और सुरक्षित व्यापार और व्यवसाय संचालन सुनिश्चित करने के लिए तंत्र शामिल हैं। विदेश मंत्रालय ने इस प्रस्ताव का समर्थन कर दिया है।

स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने आगाह किया है कि रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगे हैं, जो चुनौतियों को बढ़ा सकते हैं। हालांकि इस बात पर इसने प्रकाश डाला कि तुर्की जैसे अन्य देश अपनी-अपनी मुद्राओं में लेनदेन कर रहे हैं। योजना आयोग की हाल ही में एक मीटिंग के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि विदेश मंत्रालय का प्रतिनिधिमंडल रूस जा सकता है और इससे जुड़ा प्लान प्रस्तुत कर सकता है। पाकिस्तान के रेलवे सचिव ने रूस और मध्य एशिया देशों के साथ जुड़ने के लिए तीन महत्वपूर्ण रेल मार्गों की रूपरेखा तैयार की।

क्या हैं रेल रूट?

इनमें क्वेटा-ताफ्तान रेल नेटवर्क को अपग्रेड करना शामिल है, जिसके समझौता ज्ञापन (MoU) पर जून 2024 में पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। एमओयू को लागू करने और सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए जल्द ही एक द्विपक्षीय बैठक की उम्मीद है। दूसरा रेल रूट कोहाट-खरलाची रेल नेटवर्क है जो अफगानिस्तान के जरिए मध्य एशिया को जोड़ेगा। तीसरा मार्ग मिनेलिक एक्सप्रेस, अजरबैजान और रूस के बाजारों तक पहुंचने के लिए रेको डिक को ग्वादर से जोड़ेगा, जिससे खिनों के परिवहन की लागत में कमी आएगी।

रूस के साथ संबंध बढ़ाने में लगा पाकिस्तान

योजना, विकास और विशेष पहल मंत्री अहसान इकबाल ने रूस के साथ व्यापार करने के फायदे गिनाए। स्टेट बैंक ने रूस के साथ वस्तु विनिमय व्यापार का सुझाव दिया। इस महीने की शुरुआत में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के मौके पर शहबाज शरीफ के साथ बैठक के दौरान पाकिस्तान को कच्चे तेल सहित ऊर्जा आपूर्ति में वृद्धि की पेशकर की। पाकिस्तान भारत की तरह अपनी विदेश नीति में भी विविधता लाने के प्रयास में लगा है।

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Sat, 27 Jul 2024 10:30:21 +0530 admin
श्रीलंका में 21 सितंबर को होगा राष्ट्रपति पद का चुनाव https://aaj24x7live.com/335 https://aaj24x7live.com/335 कोलंबो
 श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव आगामी 21 सितंबर को होंगे। निर्वाचन आय़ोग ने  यह घोषणा की।इसी के साथ देश में महीनों से जारी इन अटकलों पर विराम लग गया कि निर्वतमान राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिंघे का कार्यकाल बढ़ाने के लिए चुनाव की तारीख आगे खिसका दी जाएगी।सरकारी गजट संख्या 2394/51 जारी की गई, जिसमें कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद-31 (3) के तहत मतदान 21 सितंबर को होगा, जबकि 15 अगस्त को नामांकन स्वीकार किए जाएंगे।

चुनाव की घोषणा से पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का शेष कार्यकाल समाप्त हो जाएगा, जिन्हें आर्थिक संकट से निपटने में नाकाम रहने पर 2022 के मध्य में इस्तीफा देना पड़ा था। नवंबर 2019 में जब पिछला राष्ट्रपति चुनाव हुआ था, तब राजपक्षे ने लगभग सात लाख मतों से जीत दर्ज की थी।

दरअसल, वर्ष 1948 के बाद से सबसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में 2022 की शुरुआत में लाखों लोग तत्कालीन राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए थे।

राजपक्षे को नौ जुलाई 2022 को देश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था, जिसके बाद संसद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे को उनका उत्तराधिकारी चुना था।विक्रमसिंघे ने श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से बेलआउट पैकेज हासिल करने में सफलता पाई।

भारत ने भी 2022 की पहली तिमाही में श्रीलंका को चार अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता प्रदान की, जिससे आर्थिक संकट के बीच भोजन और आवश्यक वस्तुओं के आयात के लिए भुगतान किया गया।

विक्रमसिंघे सुधारों को लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम हैं। उन्होंने श्रीलंका को दिवालियापन से बाहर निकालने का संकल्प लिया है। माना जा रहा है कि वह राष्ट्रपति पद पर बने रहने के लिए चुनाव मैदान में उतरेंगे।

देश छोड़कर भाग गए थे राजपक्षे
नौ जुलाई 2022 में राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा, जिसके बाद निवर्तमान रानिल विक्रमसिंघे को राजपक्षे के उत्तराधिकारी के तौर पर संसद के माध्यम से चुना गया। विक्रमसिंघे ने आईएमएफ से बेल आउट की सुविधा का लाभ उठाकर देश को आर्थिक तंगी से बाहर निकालने की कोशिश की। इस दौरान भारत ने भी श्रीलंका को आर्थिक तंगी से बाहर निकलने में मदद की। भारत ने 2022 की पहली तिमाही में श्रीलंका को 4 बिलियन डॉलर की जीवन रेखा प्रदान की, जिसका इस्तेमाल भोजन और आवश्यक वस्तुओं के आयात के  भुगतान में किया गया। 

अप्रैल के मध्य तक श्रीलंका ने कर्ज चुकाने से मना कर दिया था। एक साल बाद आईएमएफ के पास करीब तीन अरब डॉलर की पहली किस्त आई, जिसे चार वर्षों के लिए बढ़ाया जाना था। हालांकि, निवर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका को आर्थिक तंगी से बाहर निकालने के लिए देश में सुधारों को लागू करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है। वह एक बार फिर राष्ट्रपति के तौर पर सत्ता में वापस आने की उम्मीद कर रहे हैं। 

आर्थिक संकट में भारत ने श्रीलंका की किस तरह मदद की?

श्रीलंका को 2022 में अभूतपूर्व वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा था और 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद देश के सामने आया सबसे बड़ा आर्थिक संकट था। विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी के कारण, देश में राजनीतिक उथल-पुथल मच गई, जिसके कारण शक्तिशाली राजपक्षे परिवार को सत्ता से बाहर होना पड़ा।

जिसके बाद श्रीलंका ने अपने आप को दिवालिया घोषित कर दिया था। हालांकि, पिछले साल मार्च में IMF के साथ 2.9 अरब डॉलर का बेलऑउट पैकेज पर सहमति बनने के बाद श्रीलंका धीरे धीरे अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार कर रहा है और पेट्रोल और गैस को लेकर जो संकटपूर्ण हालात थे, वो अब खत्म हो चुके हैं।

हालांकि, अब हालात ये हैं, कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) कार्यक्रम के तहत लगाए गए हाई टैक्स, लंबे समय तक मुद्रास्फीति और स्थिर नौकरी बाजार के कारण एक चौथाई आबादी गरीबी में चली गई है।

राजपक्षे को 9 जुलाई 2022 को देशव्यापी प्रदर्शन के बाद देश से भागने पर मजबूर होना पड़ा।

ऐसे समय में भारत ने 2022 की पहली तिमाही में श्रीलंका को 4 अरब डॉलर की जीवन रेखा प्रदान की, जिससे भुगतान संतुलन संकट में खाद्य और आवश्यक वस्तुओं के आयात का भुगतान किया गया। भारत से पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद के लिए श्रीलंका को 500 मिलियन डॉलर की नई लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) दी गई और खाद्य पदार्थों, दवाओं, ईंधन आदि सहित आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए 1 अरब डॉलर की क्रेडिट सुविधा मार्च 2022 में श्रीलंका को दी गई।

इसके अलावा, दवाओं की तीव्र कमी को पूरा करने के लिए अप्रैल-मई 2022 में पेराडेनिया विश्वविद्यालय अस्पताल, जाफना टीचिंग अस्पताल, हंबनटोटा जनरल अस्पताल और एम्बुलेंस सेवा '1990' को 26 टन से ज्यादा दवाएं और अन्य चिकित्सा आपूर्ति प्रदान की गई।

राष्ट्रपति विक्रमसिंघे आर्थिक संकट में देश को कितना निकाल पाए?

2.9 अरब डॉलर के IMF बेलआउट कार्यक्रम की मदद से, विक्रमसिंघे ने बिखरी हुई अर्थव्यवस्था को फिर से संभाला है और मुद्रास्फीति को सितंबर 2022 में 70 प्रतिशत से घटाकर जून में 1.7 प्रतिशत पर ला दिया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। इसके अलावा, श्रीलंकन करेंसी को डॉलर के मुकाबले मजबूत किया है और पहले से खत्म हो चुके विदेशी मुद्रा भंडार को फिर से भरने की कोशिश की है।

पिछले साल 2.3 प्रतिशत और संकट के चरम के दौरान 7.3 प्रतिशत सिकुड़ने के बाद श्रीलंका की अर्थव्यवस्था के 2024 में 3 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।

जापान, चीन और भारत सहित द्विपक्षीय लेनदारों ने पिछले महीने 10 अरब डॉलर के ऋण पुनर्संरचना पर हस्ताक्षर किए, जिससे कोलंबो को चार साल के लिए पुनर्भुगतान स्थगित करने और 5 अरब डॉलर बचाने की राहत मिली है। हालांकि, श्रीलंका को अभी भी इस साल के अंत में होने वाली तीसरी IMF समीक्षा से पहले बॉन्डधारकों के साथ 12.5 अरब डॉलर के ऋण के पुनर्गठन पर प्रारंभिक समझौते पर अंतिम रूप देना है।

एक्सपर्ट्स का कहना है, कि श्रीलंका की रिकवरी अभी भी बहुत नाजुक है और सुधारों को तेजी से लागू करने के प्रयास एक नए संकट को जन्म दे सकते हैं। उनका कहना है, कि नई सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा, कि अर्थव्यवस्था को बदलने और इसे सकारात्मक रास्ते पर लाने के लिए सुधारों को आगे बढ़ाया जाए और उन्हें पूरा किया जाए।

 

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Sat, 27 Jul 2024 10:30:12 +0530 admin
US को पाकिस्तान ने दिखाया आईना, कहा& किसी देश के लिए चीन से नहीं बिगाड़ेंगे रिश्ते https://aaj24x7live.com/329 https://aaj24x7live.com/329 इस्लामाबाद

पाकिस्तान सरकार ने साफ कर दिया है कि अमेरिका के साथ अच्छे संबंधों के लिए चीन संग रिश्तों की कुर्बानी नहीं दी जाएगी। हालांकि, पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ को भी काफी अहम बताया है। दरअसल, अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू ने हाल ही में निवेश के लिहाज से अमेरिका को पाकिस्तान का भविष्य बताया था। साथ ही उन्होंने चीन को अतीत करार दिया था।

द डॉन के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा ने कहा, 'हमारे लिए अमेरिका के साथ रिश्ते और चीन के साथ रिश्ते, दोनों ही जरूरी हैं।' उन्होंने कहा, 'हम इस बात में यकीन नहीं रखते कि एक देश के साथ संबंधों के लिए दूसरे देश के साथ रिश्तों की कुर्बानी दे दी जाए।' उन्होंने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान चीन के साथ अपना संबंध मजबूत करना जारी रखेगा। उन्होंने अमेरिका के साथ भी रिश्तों को अहम करार दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, बाइडेन प्रशासन की तरफ से अमेरिकी कांग्रेस से पाकिस्तान के लिए मांगी गई 101 मिलियन डॉलर की सहायता पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी। साथ ही लू की टिप्पणी को लेकर भी सवाल किया गया था, जिसमें उन्होंने कहा था, 'निवेश के मामले में चीन अतीत है और हम भविष्य हैं।'

फ्रैंकफर्ट में पाकिस्तानी कॉन्सुलेट पर हुए हमलों को लेकर बलोच ने कहा कि पाकिस्तान ने जर्मनी की सरकार के सामने अपनी चिंताएं जाहिर कर दी हैं। साथ ही सुरक्षा को लेकर लगातार चर्चाएं जारी हैं। उन्होंने कहा, 'हम हमारे मिशन की सुरक्षा के लिए लगातार कदम उठाते रहेंगे और मेजबान सरकारों के साथ काम करते रहेंगे, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि हमारे मिशन किसी भी तरह के हमलों से पूरी तरह सुरक्षित रहें।'

 

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Sat, 27 Jul 2024 09:30:25 +0530 admin
वैज्ञानिकों ने एक अजीब घटना की खोज, समुद्र ताल में सूरज की रौशनी के बगैर बन रही ऑक्सीजन https://aaj24x7live.com/328 https://aaj24x7live.com/328 वॉशिंगटन
वैज्ञानिकों ने गहरे समुद्र में 'डार्क ऑक्सीजन' की खोज की है। रिसर्च कहती है कि प्रशांत महासागर के निचले भाग में बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन पंप कर रही है। ये इतनी गहराई ज्यादा में है कि यहां सूरज की रोशनी का ना होना फोटोसिंथेसिस (प्रकाश संश्लेषण) को असंभव बना देता है। नेचर जियोसाइंस पत्रिका में सोमवार को पब्लिश इस रिसर्च में पाया गया कि समुद्र की सतह से करीब 4,000 मीटर (13,100 फीट) नीचे पूर्ण अंधेरे में ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है, इसे डार्क ऑक्सीजन का नाम दिया गया है। वैज्ञानिक मानते रहे हैं कि बिना सूरज की रोशनी के ऑक्सीजन नहीं बन सकती है। ऐसे में इस खोज ने विशेषज्ञों को हैरान कर दिया है क्योंकि यह प्रकाश संश्लेषण के जरिए ऑक्सीजन के पैदा होने की समझ को चुनौती देती है।

डार्क ऑक्सीजन के बारे में नेचर जियोसाइंस पत्रिका में पब्लिश रिसर्च कहती है कि इतनी गहराई पर ऑक्सीजन का उत्पादन असंभव माना जाता है क्योंकि यहां पौधों के लिए प्रकाश संश्लेषण करने के लिए पर्याप्त सूर्य का प्रकाश नहीं होता है। इस खोज को इतना अजीब बनाती है, वह यह है कि यहां ऑक्सीजन पौधें नहीं बना रहे हैं। रिसर्च के सहलेखक एंड्रयू स्वीटमैन का कहना है कि इस रिसर्च से पता चलता है कि हमारे ग्रह पर ऑक्सीजन का प्रकाश संश्लेषण के अलावा भी एक और स्रोत है। वह कहते हैं कि इससे पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत को लेकर भी एक नई बहस छिड़ सकती है।
रिसर्च से खड़े हो गए हैं कई नए सवाल

रिसर्च में कहा गया है कि ऑक्सीजन धातु के 'नोड्यूल्स' से निकलती है जो कोयले के ढेर के समान होते हैं। वे H2O अणुओं को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में बांटते हैं। रिसर्च के सहलेखक एंड्रयू स्वीटमैन का कहना है कि ग्रह पर एरोबिक जीवन की शुरुआत के लिए ऑक्सीजन होना जरूरी था। हमारी समझ यह रही है कि पृथ्वी की ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रकाश संश्लेषक जीवों से शुरू हुई। अब नई रिसर्च कहती है कि गहरे समुद्र में ऑक्सीजन बन रही है, जहां कोई रोशनी नहीं है। अब इस पर फिर से विचार करने की जरूरत है कि जीवन की शुरुआत कहां से हुई। उन्होंने कहा कि ये इसलिए भी चौंकाती है क्योंकि महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन के अनुसार पृथ्वी की आधी ऑक्सीजन समुद्र से आती है।

स्वीटमैन ने कहा कि 2013 में फील्डवर्क के दौरान एक ऐसी ही घटना देखी गई थी। उस समय शोधकर्ता क्लेरियन क्लिपर्टन समुद्र तल के पारिस्थितिकी तंत्र का अध्ययन कर रहे थे। मुझे इसे याद करते हुए अचानक एहसास हुआ कि आठ साल से मैं समुद्र तल पर 4,000 मीटर नीचे आश्चर्यजनक नई प्रक्रिया को अनदेखा कर रहा था।

ओडेंस में यूनिवर्सिटी ऑफ़ सदर्न डेनमार्क के बायोजियोकेमिस्ट डोनाल्ड कैनफील्ड ने कहा कि उन्हें यह ओवरव्यू आकर्षक लगा है लेकिन यह निराशाजनक भी है क्योंकि यह बहुत सारे सवाल तो उठाता है लेकिन जवाब एक भी नहीं देता है।

जीवन की उत्पत्ति

स्वीटमैन ने बताया कि समुद्र तल पर ऑक्सीजन उत्पादन को समझने से जीवन की उत्पत्ति के बारे में जानकारी मिल सकती है। उन्होंने कहा कि जीवन गहरे समुद्र में हाइड्रोथर्मल वेंट पर विकसित हुआ हो सकता है। सीएनएन ने उनके हवाले से कहा कि यह पता लगाना कि समुद्री जल इलेक्ट्रोलिसिस गहरे समुद्र में ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकता है, इस बारे में नए दृष्टिकोण प्रदान कर सकता है कि पृथ्वी पर जीवन कैसे शुरू हुआ।

उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि यह किसी अद्भुत चीज की शुरुआत होगी।"

डार्क ऑक्सीजन

यह अच्छी तरह से स्थापित है कि हरे पौधे, शैवाल और प्लवक जैसे जीव प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया का उपयोग करके ऑक्सीजन का उत्पादन करने के लिए सूर्य के प्रकाश का उपयोग करते हैं। यह उत्पादित ऑक्सीजन ही ग्रह पर मनुष्यों सहित कई जीवों का जीवन-स्रोत बन जाती है। ऐसे मामलों में जहां प्रकाश संश्लेषक जीव समुद्र के अंदर मौजूद होते हैं, इस प्रकार उत्पादित ऑक्सीजन समुद्र की गहराई में चक्रित होती है।

गहरे समुद्र में किए गए पहले के अध्ययनों से पता चला है कि वहां के जीव ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं करते हैं। वे केवल उसका उपभोग करते हैं।

हालांकि, एंड्रयू स्वीटमैन और उनकी टीम द्वारा प्राप्त परिणाम अलग थे क्योंकि उन्होंने इस विश्वास को चुनौती दी थी। उन्होंने जो खोजा वह प्रकाश संश्लेषण के बिना ऑक्सीजन के उत्पादन की संभावना थी। समुद्री वैज्ञानिक ने आगे कहा कि इस तरह के अप्रत्याशित निष्कर्षों पर सावधानीपूर्वक विचार करने की आवश्यकता है।

इसके अतिरिक्त, समुद्र वैज्ञानिक ने कहा कि ऑक्सीजन के उत्पादन को समझना महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि इससे ग्रह पर जीवन की उत्पत्ति के बारे में जानकारी मिल सकती है।

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Sat, 27 Jul 2024 09:30:17 +0530 admin
दक्षिण अफ्रीका में पहली बार किसी महिला को प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया गया https://aaj24x7live.com/327 https://aaj24x7live.com/327 केपटाउन
 दक्षिण अफ्रीका में पहली बार किसी महिला को प्रधान न्यायाधीश के पद पर नियुक्त किया गया है।दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने वर्तमान उप प्रधान न्यायाधीश मंडिसा माया को  देश की प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया।दक्षिण अफ्रीका की प्रधान न्यायाधीश के पद पर माया का कार्यकाल एक सितंबर से प्रारंभ होगा। वह मौजूदा प्रधान न्यायाधीश रेमंड जोंडो के सेवानिवृत्त होने के बाद उनका स्थान लेंगी।

देश के शीर्ष ‘संवैधानिक न्यायालय’ में पदोन्नति से पहले 60 वर्षीय माया दक्षिण अफ्रीका की दूसरी सबसे बड़ी अदालत ‘सुप्रीम कोर्ट ऑफ अपील’ में ‘जज प्रेसिडेंट’ के पद पर सेवाएं दे चुकी हैं।

वह ‘सुप्रीम कोर्ट ऑफ अपील’ की न्यायाधीश नियुक्त होने वाली पहली अश्वेत महिला थीं तथा उस अदालत की उप-अध्यक्ष और फिर अध्यक्ष नियुक्त होने वाली पहली महिला थीं।

रामाफोसा ने फरवरी में माया को प्रधान न्यायाधीश पद के लिए नामित किया था और मई में न्यायिक सेवा आयोग ने उनका साक्षात्कार लिया था।

रामाफोसा ने एक बयान में कहा कि आयोग ने उनके नाम की सिफारिश की है और कहा है कि उनकी नियुक्ति ‘‘देश के लिए मील का पत्थर साबित होगी।’’

माया दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी केप प्रांत के एक ग्रामीण इलाके में पली-बढ़ी हैं। उन्हें 1989 में अमेरिका के ड्यूक विश्वविद्यालय में कानून में स्नातकोत्तर करने के लिए ‘फुलब्राइट छात्रवृत्ति’ प्राप्त हुई थी, जो दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के दौर में किसी युवा अश्वेत महिला के लिए दुर्लभ उपलब्धि थी।

 

 

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Sat, 27 Jul 2024 09:30:08 +0530 admin
पापुआ न्यू गिनी से नरसंहार: 50 से ज्यादा ग्रामीणों को काट डाला, गांव में घुसा 30 लोगों का गैंग https://aaj24x7live.com/313 https://aaj24x7live.com/313 पोर्ट मोरेस्बी
इंडोनेशिया के समीप प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थित देश पापुआ न्यू गिनी से नरसंहार का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। रिपोर्टों के अनुसार, एक गैंग ने हाल ही में महिलाओं और बच्चों सहित कई दर्जन लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इस घटना ने देश को हिलाकर रख दिया है और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

संयुक्त राष्ट्र और पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पापुआ न्यू गिनी के उत्तरी हिस्से में दूर दराज के तीन गांवों में एक गिरोह के हाथों कम से कम 26 लोगों के मारे जाने की खबर है। उन्होंने कहा है कि ये संख्या 50 के पार भी जा सकती है क्योंकि और कई लोग लापता हैं। दक्षिण प्रशांत द्वीप राष्ट्र के ईस्ट सेपिक प्रांत के कार्यवाहक प्रांतीय पुलिस कमांडर जेम्स बाउगेन ने शुक्रवार को ‘ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्प’ को बताया ‘‘घटना बहुत भयावह थी…, जब मैं घटनास्थल पर पहुंचा तो देखा कि वहां बच्चे, पुरुष व महिलाओं की लाशें पड़ी थीं। उन्हें 30 युवकों के एक समूह ने मार डाला।’’

बाउगेन ने एबीसी को बताया कि गांवों के सभी घर जला दिए गए हैं और शेष ग्रामीण पुलिस थाने में शरण लिए हुए हैं। बाउगेन के अनुसार, ग्रामीण हमलावरों का नाम बताने से भी डर रहे हैं। उन्होंने बताया ‘‘रात में कुछ शवों को पास के दलदल के मगरमच्छों ने निवाला बना लिया। हमने केवल वह जगह देखी जहां उन्हें मारा गया था। लोगों के सिर काट दिए गए थे।’’ बाउगेन ने बताया कि हमलावर छिप गए हैं और अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त वोल्कर तुर्क ने बुधवार को एक आधिकारिक बयान में बताया कि हमले 16 जुलाई और 18 जुलाई को हुए थे। उन्होंने कहा ''मैं पापुआ न्यू गिनी में घातक हिंसा के अचानक फैलने से भयभीत हूं। यह हिंसा भूमि और झील के स्वामित्व और इसके इस्तेमाल संबंधी विवाद का परिणाम प्रतीत होती है।'' तुर्क ने बताया कि कम से कम 26 लोगों के मारे जाने की खबर है, जिनमें 16 बच्चे शामिल हैं। उन्होंने कहा ‘‘यह संख्या बढ़ कर 50 से अधिक हो सकती है क्योंकि स्थानीय अधिकारी लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। इसके अलावा घरों को जला दिए जाने कारण 200 से अधिक ग्रामीण अन्यत्र चले गए है।’’

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Fri, 26 Jul 2024 21:50:12 +0530 admin
अमेरिका के न्यू जर्सी की रहने वाली एक महिला को समुद्र में एक बोतल मिली, अंदर लिखा था ऐसा मैसेज, रह गई हैरान! https://aaj24x7live.com/312 https://aaj24x7live.com/312 वॉशिंगटन
अमेरिका के न्यू जर्सी की रहने वाली एक महिला को समुद्र में एक बोतल मिली, जिसे वह अपने घर ले गई। इस बोतल में लगभग 150 साल पुराना संदेश लिखा हुआ था और उसे देखते ही महिला हैरान रह गई। इस मैसेज को समझने में महिला को 48 घंटे लग गए। पेशे से 49 वर्षीय ग्रीटिंग कार्ड डिजायनर एमी स्मिथ मर्फी इस महीने की शुरुआत में न्यू जर्सी शहर में समुद्री बीच पर टहल रही थीं, जिस दौरान उन्हें पानी में किनारे कुछ अजीब सी चीज दिखाई दी।

एमी ने पास जाकर देखा तो वह एक बोतल थी और जब अंदर देखा तो उसमें एक पेपर पड़ा हुआ था। इसे देखते ही एमी चौंक गईं। उन्होंने कहा, ''मैंने सोचा यह बहुत अजीब है। यह है क्या?'' रिपोर्ट के अनुसार, एमी उस बोतल को अपने घर ले आईं और फिर क्रॉर्क स्क्रू की मदद से उस बोतल को खोला। वह और उनकी भतीजी ने टूथपिक का इस्तेमाल करते हुए बोतल में पड़े हुए पेपर को बाहर निकाला, जिसमें एक मैसेज लिखा हुआ था।

एमी ने आगे बताया, ''हम दोनों को यह समझने में लगभग 48 घंटे का समय लग गया कि पेपर पर आखिर लिखा क्या है? लेकिन जब हमने उसे काफी देर तक देखा और पढ़ा तो समझ में आया कि क्या लिखा हुआ था।'' एमी और उनकी भतीजी आखिरकार उस मैसेज को पढ़ने में कामयाब हो गईं। उस पर मैसेज लिखा था, ''याट नेपच्यून ऑफ अटलांटिक सिटी, न्यू जर्सी, अगस्त 6-76।'' यानी कि बोतल में लिखे हुए मैसेज को छह अगस्त 1976 को नेपच्यून नौका से समुद्र में छोड़ा गया था।

हालांकि, इस दौरान एक और बात हैरान करने वाली थी। दरअसल, बोतल समुद्र में 148 साल तक पड़ी रही, लेकिन सिर्फ 15 मील का ही सफर तय कर सकी। बोतल को जहां से फेंका गया था और वो जहां मिली, दोनों के बीच सिर्फ 15 मील का ही डिस्टेंस था। इसके बाद एमी ने बोतल और मैसेज के बारे में और अधिक जानने की कोशिश की। उन्हें उसी तरह की बार एंड ब्रदर फिलेडलफिया बोतल मिली जो कि 1990 से पहले की थी। उसी वेबसाइट पर कई और बोतलें भी थीं जोकि 1870 के दशक की थीं। एमी ने कहा कि मुझे यह जानना अच्छा लगेगा कि जहाज पर कौन था, कप्तान कौन था, यह कहां जा रहा था? उन्होंने यह भी बताया कि उसे 1874 का एक आर्टिकल मिला है, जिसमें अटलांटिक सिटी के कैप्टन सैमुअल गेल को नेपच्यून का मालिक बताया गया था।

 

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Fri, 26 Jul 2024 21:50:05 +0530 admin
चीनी व्यक्ति ने अपने चेहरे पर बैठी मक्खी को मारने के चक्कर में अपनी एक आंख ही गंवा दी https://aaj24x7live.com/295 https://aaj24x7live.com/295 चीन
चीनी व्यक्ति ने अपने चेहरे पर बैठी मक्खी को मारने के चक्कर में अपनी एक आंख ही गंवा दी। इस घटना के चलते उसकी आखं में संक्रमण इतना ज्यादा बढ़ गया कि उसे निकलवाना पड़ा। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, वू नाम के इस शख्स ने अपने आसपास भिनभिना रही मक्खी पर हमला किया जो उसके ऊपर आकर बैठ गई। इसके करीब एक घंटे बाद उसकी बाईं आंख लाल हो गई। साथ ही, आंख में सूजन हो गई और दर्द बढ़ता गया। इसके बाद उसने डॉक्टर से संपर्क किया। मगर, दवा लेने के बाद भी उसे राहत नहीं मिली। हालत यहां तक आ पहुंची कि उसकी एक आंख निकलवानी पड़ी।

रिपोर्ट के मुताबिक, यह व्यक्ति चीन के दक्षिणी प्रांत ग्वांगडोंग में स्थित शेनझेन शहर का रहने वाला है। डॉक्टर ने बताया कि जांच के दौरान वू की आंख में सीजनल कंजंक्टिवाइटिस का पता चला। वह अपनी बाईं आंख में दर्द से परेशान था। उसे दवा दी गई लेकिन किसी तरह का आराम नहीं मिला। कुछ समय बाद उसे देखने में भी समस्या होने लगी। डॉक्टर ने आगे बताया कि ये सब लक्षण एक संक्रमण के कारण थे, जिसे दवा से रोका नहीं जा सकता। दरअसल, आंख और उसके आसपास की जगह गंभीर रूप से अल्सरयुक्त हो गई। ऐसी स्थिति में संक्रमण उसके मस्तिष्क तक फैलने का खतरा था। इसलिए डॉक्टरों ने उसकी बाईं आंख निकालने का फैसला लिया।

डॉक्टर ने दी यह जरूरी सलाह
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में बताया गया कि आंख में इस तरह की समस्या एक छोटे कीट के कारण हुई। यह नालियों में मिलने वाली एक तरह की मक्खी है, जिसके लार्वा अक्सर पानी में रहते हैं। ये कीड़े आमतौर पर अंधेरी जगहों, नम स्थानों जैसे बाथरूम, बाथटब, सिंक और रसोई में पाए जाते हैं। एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि जब कोई कीट आपकी आंखों के पास उड़े तो आपको शांत रहना चाहिए। उसे मारने के लिए आगे नहीं बढ़ना चाहिए। आप उसे धीरे से भगा सकते हैं। आप अपने शरीर के उस हिस्से को साफ पानी या खारे घोल से धो सकते हैं।

 

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Fri, 26 Jul 2024 20:46:11 +0530 admin
बराक ओबामा और मिशेल ओबामा ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस के नाम पर लगाई मुहर https://aaj24x7live.com/294 https://aaj24x7live.com/294 वाशिंगटन
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के तौर पर कमला हैरिस के नाम पर मुहर लगा दी है। इसके बाद अब उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के चुनाव लड़ने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। शुक्रवार को जारी एक वीडियो में हैरिस ओबामा दंपत्ति से एक फ़ोन कॉल पर बातचीत करती नजर आ रही हैं। यह समर्थन ऐसे समय में आया है जब राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा चुनावी रेस से हटने के बाद पार्टी के संभावित उम्मीदवार की सूची में कमला हैरिस का नाम सबसे आगे आ रहा है।

जानकारों के मुताबिक यह अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति रह चुके ओबामा और देश की पहली अश्वेत महिला उपराष्ट्रपति रही कमला हैरिस के बीच दोस्ती को भी दर्शाता है। इस वीडियो में पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने हैरिस से कहा, "हमने मिशेल को फोन करके कहा कि हम आपका समर्थन करने और आपको इस चुनाव में जीत दिलाने के लिए हर संभव कोशिश करने पर गर्व महसूस कर रहे हैं।" इस वीडियो में कमला हैरिस एक कार्यक्रम के बैकस्टेज में फोन पर बात करती दिख रही हैं।

वहीं मिशेल ओबामा ने कहा, "मुझे तुम पर गर्व है। यह एक ऐतिहासिक क्षण होने जा रहा है।" कमला हैरिस ने इस समर्थन के लिए उनका धन्यवाद किया और कहा कि वह 5 नवंबर को होने वाले चुनाव से पहले तीन महीने के चुनावी अभियान में उनके साथ होने का इंतजार कर रही हैं। कमला हैरिस ने कहा, "इसमें बहुत मजा आने वाला है, है न?" गौरतलब है कि ओबामा कमला हैरिस का औपचारिक रूप से समर्थन करने वाले पार्टी के संभवतः आखिरी प्रमुख नेता हैं। एसोसिएटेड प्रेस के एक सर्वे के मुताबिक हैरिस ने पहले ही डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन के अधिकांश प्रतिनिधियों का समर्थन हासिल कर लिया है। यह कन्वेंशन 19 अगस्त को शिकागो में शुरू होगा। डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी को उम्मीद है कि 7 अगस्त तक वर्चुअल नामांकन वोट होगा जिससे हैरिस को आधिकारिक डेमोक्रेटिक टिकट मिलने की उम्मीद है।

पिछले रविवार को अपने चुनावी रेस से हटने की घोषणा करने के एक घंटे के भीतर ही बाइडेन ने हैरिस का समर्थन किया था। पूर्व हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी, सीनेट के नेता चक शूमर, हाउस डेमोक्रेटिक नेता हकीम जेफ्रीज, हाउस माइनॉरिटी व्हिप जिम क्लाइबर्न, पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने भी कमला हैरिस के नाम का समर्थन किया है।

 

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Fri, 26 Jul 2024 20:46:04 +0530 admin
उत्तरी जापान में भारी बारिश के बाद बाढ़ और भूस्खलन, सैकड़ों लोग शरण लेने को मजबूर https://aaj24x7live.com/279 https://aaj24x7live.com/279 टोक्यो
उत्तरी जापान में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण परिवहन सेवाएं बाधित हो गईं तथा सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने यामागाटा और अकिता प्रांत के कई शहरों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की। इन शहरों में अब तक गर्म हवाएं चलने के कारण उमस भरा मौसम था।

प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने प्रभावित इलाकों के लोगों से मौसम संबंधी जानकारियों पर लगातार नजर बनाए रखने और “सुरक्षा को प्राथमिकता देने’’ की अपील की।

अग्निशमन एवं आपदा प्रबंधन एजेंसी के अनुसार, अकिता प्रांत के युजावा शहर में एक व्यक्ति सड़क निर्माण स्थल पर भूस्खलन की चपेट में आने के बाद लापता हो गया।

एजेंसी के मुताबिक, युजावा में बचाव कर्मियों ने नाव की मदद से बाढ़ग्रस्त क्षेत्र से 11 प्रभावितों को सुरक्षित निकाला।

पड़ोसी यामागाटा प्रांत में सबसे अधिक प्रभावित युजा और सकाटा कस्बों में एक घंटे के भीतर 10 सेंटीमीटर (चार इंच) से अधिक बारिश हुई।

क्षेत्र के हजारों लोगों को ऊंचे एवं सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की सलाह दी गई थी। हालांकि, शरण लेने वाले लोगों की संख्या के बारे में तत्काल जानकारी नहीं मिल पाई है।

पूर्वी जापान रेलवे कंपनी के अनुसार, यामागाटा शिंकानसेन बुलेट ट्रेन सेवाएं बृहस्पतिवार को आंशिक रूप से निलंबित कर दी गईं।

एजेंसी ने शुक्रवार शाम तक क्षेत्र में लगभग 20 सेंटीमीटर (आठ इंच) अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान जताया और लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया।

 

 

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Fri, 26 Jul 2024 19:42:04 +0530 admin
पेरिस ओलंप‍िक की शुरुआत से पहले बवाल, आगजनी&तोड़फोड़, रेल नेटवर्क बुरी तरह फेल https://aaj24x7live.com/256 https://aaj24x7live.com/256  पेरिस

 पेरिस ओलंपिक की ओपन‍िंंग सेरेमनी से  कुछ घंटे पहले फ्रांस के हाई-स्पीड रेल नेटवर्क बाध‍ित हुआ हुआ है. खबरों के मुताबिक आगजनी सहित 'दुर्भावनापूर्ण कार्य' किए गए, जिससे ट्रांसपोर्ट स‍िस्टम पर असर पड़ा है.

फ्रांस की ट्रेन ऑपरेटर कंपनी एसएनसीएफ ने शुक्रवार (26 जुलाई) को पेरिस ओलंपिक की ओपन‍िंग सेरेमनी से पहले समाचार एजेंसी एएफपी को इस पूरे मामले की जानकारी दी. ट्रेन ऑपरेटर एसएनसीएफ ने कहा कि फ्रांस की हाई-स्पीड रेल नेटवर्क पर आगजनी कर हमला किया गया. जिससे पूरी ट्रांसपोर्ट स‍िस्टम लचर पड़ गया.

इस मामले की जांच कर रहे एक सूत्र ने एएफपी. को बताया कि इस दौरान तोड़फोड करने की कोश‍िश की गई जो टीजीवी. नेटवर्क (TurboTrain à Grande Vitesse) को पंगु बनाने के लिए बड़े पैमाने पर किया गया एक बड़ा हमला है. इस वजह से कई रूट को कैंस‍िल करना पड़ा.

रेल ऑपरेटर ने कहा, 'एसएनसीएफ रात भर में एक साथ कई दुर्भावनापूर्ण कृत्यों का शिकार हुआ. इन हमलों से ट्रेन लाइन की अटलांटिक, उत्तरी और पूर्वी लाइनें प्रभावित हुईं.'

ऑपरेटर ने आगे कहा ट्रेन फैस‍िल‍िटी की सुविधाओं को नुकसान पहुंचाने के लिए आगजनी के हमले किए गए. बयान में कहा गया कि ट्रेनों को अलग-अलग ट्रैक पर भेजा जा रहा है, वहीं बड़ी संख्या में रद्द करना पड़ा है.

एसएनसीएफ ने यात्रियों से अपनी यात्राएं स्थगित करने और ट्रेन स्टेशनों से दूर रहने का आग्रह किया है. पेरिस में ओलंप‍िक सेरेमनी की तैयारी के दौरान ये हमले किए गए, जिसमें 7,500 एथलीट, 300,000 दर्शक और वीआईपी शामिल होंगे.  

8 लाख लोग रेलयात्री हुए प्रभाव‍ित
एसएनसीएफ समूह के अध्यक्ष ने फ्रांसीसी समाचार आउटलेट बीएफएमटीवी से बात करते हुए कहा कि इससे 8 लाख ट्रेन यात्री प्रभावित हुए हैं. उन्होंने आगे कहा कि नेटवर्क ओलंपिक खेलों के लिए तैयार था, लेकिन अब वे नेटवर्क को जल्द से जल्द ठीक करने के लिए सैकड़ों कर्मियों को जुटाने पर विचार कर रहे हैं.

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Fri, 26 Jul 2024 17:34:05 +0530 admin
एनएसए डोभाल बिम्सटेक सुरक्षा प्रमुखों की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे https://aaj24x7live.com/247 https://aaj24x7live.com/247 नेपीता
 राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल शुक्रवार को म्यांमा में आयोजित होने वाली ‘बहुक्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल’ (बिम्सटेक) के सदस्य देशों के सुरक्षा प्रमुखों की चौथी वार्षिक बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।

डोभाल ने म्यांमा में अपने समकक्ष एडमिरल मोए आंग से मुलाकात की।

म्यांमा की राजधानी में यह बैठक सदस्य देशों के समक्ष आने वाली सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण पहलों की रणनीति बनाने और समन्वय स्थापित करने के लिए आयोजित की गई है।

भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘एनएसए अजीत डोभाल आज नेपीता में आयोजित बिम्सटेक सुरक्षा प्रमुखों की चौथी वार्षिक बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।’’

डोभाल ने  म्यांमा के अपने समकक्ष एडमिरल मोए आंग से मुलाकात की। इसके अलावा वह अन्य बिम्सटेक सुरक्षा प्रमुखों के साथ प्रधानमंत्री सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग से भी मिले।

डोभाल  हनोई से यहां पहुंचे। हनोई में उन्होंने वियतनाम की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव गुयेन फू ट्रोंग के राजकीय सम्मान के साथ हुए अंतिम संस्कार में भी हिस्सा लिया था। गुयेन फू ट्रोंग का 19 जुलाई 2024 को निधन हो गया था।

बिम्सटेक (बे ऑफ बेंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमक कोऑपरेशन) एक क्षेत्रीय संगठन है, जो बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों को, आर्थिक विकास, व्यापार और परिवहन, ऊर्जा और आतंकवाद-निरोध जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए जोड़ता है।

इसका उद्देश्य अपने सदस्य देशों बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमा, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड के बीच संबंधों को मजबूत करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।

माना जा रहा है कि डोभाल ने एडमिरल मोए आंग को वहां की हिंसा और अस्थिरता के कारण म्यांमा की भारत के साथ लगती सीमा पर पड़ रहे प्रभाव को लेकर नई दिल्ली की चिंता से अवगत कराया।

एक फरवरी 2021 को सेना द्वारा तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा करने के बाद से म्यांमा में लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर व्यापक स्तर पर हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

म्यांमा के कई हिस्सों में सेना और प्रतिरोध बलों के बीच भीषण युद्ध चल रहा है। प्रतिरोध बलों ने कई शहरों पर कब्जा कर लिया है।

म्यांमा, उग्रवाद प्रभावित नगालैंड और मणिपुर सहित भारत के कुछ पूर्वोत्तर राज्यों के साथ 1,640 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है।

प्रतिरोधी ताकतों ने पहले ही भारत, चीन और बांग्लादेश से लगती म्यांमा की सीमा पर कई प्रमुख व्यापारिक बिंदुओं पर कब्जा कर लिया है।

पिछले वर्ष अक्टूबर से रखाइन राज्य तथा कई अन्य क्षेत्रों में सशस्त्र जातीय समूहों और म्यांमा की सेना के बीच भीषण लड़ाई की खबरें आ रही हैं।

नवंबर के बाद से म्यांमा के कई प्रमुख शहरों और भारत की सीमा के निकट के क्षेत्रों में दोनों पक्षों के बीच दुश्मनी बढ़ी, जिससे मणिपुर और मिजोरम की सुरक्षा पर संभावित प्रभाव को लेकर नई दिल्ली में चिंता बढ़ गई।

 

 

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Fri, 26 Jul 2024 16:33:27 +0530 admin
पेरिस में विदेशी युवती से रेप, उठे कई सवाल https://aaj24x7live.com/246 https://aaj24x7live.com/246 पेरिस

ओलंपिक्स से पहले पेरिस में एक भयावह घटना घटी जिसमें एक 25 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई महिला के साथ पांच लोगों ने गैंगरेप किया। रिपोर्ट के अनुसार यह घटना 19 जुलाई की आधी रात कि है। असल में इस घटना से जुड़ा एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. जिसमें दिख रहा है कि कैसे महिला इस भयानक घटना के बाद एक कबाब की दुकान में जाकर मदद मांग रही थी। उसकी ड्रेस फटी हुई थी और किसी तरह पहनी हुई दिख रही थी। सीसीटीवी कैमरे में दिख रहा कि महिला दौड़ कर दुकान के अंदर आती दिखी और वहां के लोगों से मदद की गुहार लगा रही थी। दुकान के कर्मचारी और ग्राहक उसे दिलासा देने के लिए उसके इर्द-गिर्द इकट्ठा हो गए।

इस घटना ने बड़े पैमाने पर आक्रोश और शहर में सुरक्षा के बारे में चिंता को बढ़ा दिया है। टीम ऑस्ट्रेलिया की चीफ डेमिशन अन्ना मियर्स ने पीड़िता के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और इस त्रासदीपूर्ण समय में उसके देखभाल और समर्थन की आवश्यकता पर जोर दिया। यह घटना ओलंपिक्स के पहले ही घटित हुई है। फ्रांसीसी अधिकारी संभावित आतंकवादी हमलों और अन्य हिंसक घटनाओं से निपटने के लिए उच्च सतर्कता में हैं। शहर में आने वाले आगंतुकों और निवासियों की सुरक्षा के लिए सख्त सुरक्षा उपाय लागू किए जा रहे हैं।

खिलाड़ियों को सावधानी बरतने की सलाह

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, इस घटना के संदर्भ में एहतियात बरतते हुए ओलंपिक में हिस्सा लेने आई ऑस्ट्रेलियाई टीम की प्रमुख आना मीयर्स ने खिलाड़ियों को खेल गांव के बाहर सावधानी बरतने की सलाह दी है. उन्होंने कहा, "मुझे जानकारी मिली, यह डरावना है. बेशक हमें संबंधित महिला के लिए तकलीफ हो रही है और हम उम्मीद करते हैं कि उनकी पूरी देखभाल की जा रही है. घटना से जुड़ी ज्यादा जानकारियां और ब्योरे नहीं आए हैं."

पेरिस के निवासियों में भी ओलंपिक्स को लेकर चिंताएँ बढ़ी हैं। सर्वेक्षण बताते हैं कि शहर के एक बड़े हिस्से के निवासी इस कार्यक्रम के दौरान पेरिस छोड़ने की योजना बना रहे हैं, क्योंकि वे परिवहन और सुरक्षा के मुद्दों को लेकर चिंतित हैं।

इस घटना ने सुरक्षा के मुद्दों को और भी गंभीर बना दिया है, खासकर जब ओलंपिक जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजन की तैयारी की जा रही है। अधिकारी इस बात को सुनिश्चित करने में लगे हैं कि इस तरह की घटनाएँ दोबारा न हो और शहर सुरक्षित रहे।

पेरिस में 2024 के ओलंपिक्स से पहले हुई गैंगरेप की घटना पर अधिकारियों ने त्वरित और सख्त प्रतिक्रिया दी है। फ्रांसीसी पुलिस और सुरक्षा बलों ने इस घटना की गहन जांच शुरू कर दी है। उन्होंने दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने और न्याय दिलाने का वादा किया है। इस घटना ने पेरिस में सुरक्षा के मुद्दों को और भी गंभीर बना दिया है, खासकर जब ओलंपिक जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजन की तैयारी की जा रही है।

फ्रांसीसी गृह मंत्री ने भी इस घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया और कहा कि यह घटना बेहद शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि ओलंपिक के दौरान सुरक्षा के लिए अतिरिक्त उपाय किए जाएंगे, ताकि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों। पुलिस और सुरक्षा बलों को विशेष रूप से सतर्क रहने और सभी संभावित खतरों को तुरंत निपटाने के निर्देश दिए गए हैं।

टीम ऑस्ट्रेलिया की चीफ डेमिशन अन्ना मियर्स ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी संवेदनाएँ पीड़िता और उसके परिवार के साथ हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई एथलीटों को भी सलाह दी है कि वे अकेले बाहर निकलने पर टीम यूनिफॉर्म न पहनें, ताकि वे किसी भी संभावित खतरे से बच सकें।

पेरिस में गैंगरेप की घटना के बाद पुलिस ने त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की है। फ्रांसीसी अधिकारियों ने अपराधियों को पकड़ने के लिए व्यापक जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के सभी सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू कर दिया है और संभावित गवाहों से पूछताछ कर रही है।

पुलिस ने घटना की रिपोर्ट के तुरंत बाद विभिन्न जांच इकाइयों को सक्रिय कर दिया और तेजी से कार्रवाई करते हुए सबूत जुटाने शुरू किए। डीएनए टेस्ट और फॉरेंसिक जांच के माध्यम से अपराधियों की पहचान की जा रही है। इस घटना के बाद, पेरिस के कई इलाकों में सुरक्षा गश्त बढ़ा दी गई है ताकि लोगों को सुरक्षा का अहसास हो सके।

इसके अतिरिक्त, पेरिस के मेयर ने भी इस घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया और शहर में सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए जाने की घोषणा की। स्थानीय अधिकारियों ने कहा है कि वे ओलंपिक के दौरान सुरक्षा उपायों को और भी सख्त करेंगे ताकि ऐसी घटनाएँ न हो सकें।

ओलंपिक आयोजकों ने भी सुरक्षा की समीक्षा करने और आवश्यकतानुसार सुधारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि एथलीटों और पर्यटकों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है और इसके लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे।

 

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Fri, 26 Jul 2024 16:33:19 +0530 admin
दुनिया भर में हर घंटे डूबने से होती है 26 लोगों की मौत : डब्ल्यूएचओ https://aaj24x7live.com/206 https://aaj24x7live.com/206 न्यूयॉर्क
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की दक्षिण पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक साइमा वाजेद ने बताया कि दुनिया भर में हर साल डूबने से लगभग 236,000 लोगों की मौत होती है। यह आंकड़ा प्रतिदिन 350 या प्रति घंटे 26 है। हर साल 25 जुलाई का दिन ‘वर्ल्ड ड्राउनिंग प्रिवेंशन डे’ के रूप में मनाया जाता है, ताकि दुनिया भर में चोट से संबंधित मृत्यु और विकलांगता के प्रमुख कारण के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाई जा सके।

इस वर्ष की थीम है ‘कोई भी डूब सकता है, किसी को नहीं डूबना चाहिए’। क्षेत्रीय निदेशक ने कहा, “2019 में दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में डूबने से 70,034 लोगों की जान चली गई, जिससे यह दुनिया भर में डूबने से होने वाली मौतों में दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र बन गया।” उन्होंने कहा, ”डूबना एक अचानक और खामोश मौत है। रोकथाम ही इससे बचने का उपाय है। अधिकांश घटनाएं निगरानी की कमी, खतरनाक जल निकायों के संपर्क में आने, अपर्याप्त जागरूकता और गरीबी के कारण घरों के पास होती हैं।” वाजेद ने कहा कि इसके लिए कई ऐसे निवारक उपाय मौजूद हैं जो इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

उन्होंने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने डूबने से बचाव के लिए साक्ष्य-आधारित, लागत प्रभावी और मापनीय रणनीतियों की एक रूपरेखा तैयार की है। इसमें अलग-अलग संदर्भों के लिए मार्गदर्शन भी दिया गया है। वाजेद ने कहा, ”डूबने से होने वाली मौतों की रोकथाम में हम सभी की भूमिका आवश्यक है, चाहे जागरूकता बढ़ानी हो, प्रभावी समाधानों के बारे में जानकारी को बढ़ावा देना हो, स्थानीय या राष्ट्रीय सरकारों के साथ रोकथाम योजनाओं और नीतियों पर सहयोग करना हो, संबंधित संगठनों के साथ स्वयं सेवा करनी हो या पानी के आसपास व्यक्तिगत और पारिवारिक सुरक्षा सुनिश्चित करनी हो, हममें से हर कोई इसमें बदलाव ला सकता है।

 

वियतनाम में बाढ़ से 2 लोगों की मौत, 5 लापता

 वियतनाम के उत्तरी पर्वतीय प्रांत दीएन बिएन में  रात अचानक आई बाढ़ में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई जबकि पांच अन्य लापता हो गए। यह जानकारी वियतनाम समाचार एजेंसी ने दी।

एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि दो अन्य लोग घायल हो गए। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, दीएन बिएन जिले के चार गांवों में रात में अचानक बाढ़ आ गई।

गुरुवार सुबह तक, 10 स्थानीय घर पूरी तरह से ढह गए, जबकि 40 हेक्टेयर से अधिक कृषि उपज नष्ट हो गई। खोज और बचाव मिशन में लगभग 100 लोगों को शामिल किया गया है।

सामान्य सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार, वर्ष 2024 के पहले छह महीनों में वियतनाम में प्राकृतिक आपदाओं में 68 लोग मारे गए और लापता हो गए और 56 अन्य घायल हो गए।

फिलीपींस में बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 21 हुई

 फिलीपींस में गेमी तूफान के कारण दक्षिण पश्चिम मानसून के जोर पकड़ने की वजह से हुई भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है। यह जानकारी पुलिस ने  दी।
प्रारंभिक रिपोर्ट में पुलिस ने कहा कि फिलीपींस की राजधानी मनीला में सात, कैविते प्रांत में तीन, बटांगस प्रांत में पांच और रिजाल प्रांत में तीन लोगों की मौत हुई। पुलिस ने बताया कि बुलाकान प्रांत में एक और पंपंगा प्रांत के एंजिलिस सिटी में दो अन्य लोगों की मौत हुई। मौत का कारण मुख्य रूप से डूबना, भूस्खलन, पेड़ का गिरना और करंट लगना था।
फिलीपींस की राष्ट्रीय आपदा एजेंसी ने अभी तक दक्षिण-पश्चिम मानसून और गेमी तूफान के दोहरे प्रभावों के कारण मौतों की रिपोर्ट नहीं की है, जो गुरुवार सुबह फिलीपींस से बाहर निकल गया है।
फिलीपींस में इस वर्ष आए तीसरे तूफान गेमी के कारण मनीला मेट्रो और कई क्षेत्रों में बारिश हुई, जिससे बाढ़ और भूस्खलन हुआ।
गेमी तूफान ने लोगों की जान लेने के अलावा कई घरों को जलमग्न और नष्ट कर दिया, मुख्य रूप से तटीय और नदी के किनारे के समुदायों में झोंपड़ियों और कारों को बहा दिया। विस्थापित लोगों ने बुधवार रात कवर कोर्ट, स्कूलों, चर्चों और अन्य अस्थायी निकासी केंद्रों में गुजारी और अपने क्षेत्रों में बाढ़ के पानी के कम होने का इंतजार किया।
फिलीपींस वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक आपदाग्रस्त देशों में से एक है, जिसका मुख्य कारण उसका पैसिफिक रिंग ऑफ फायर और पैसिफिक टाइफून बेल्ट में स्थित होना है। औसतन, इस द्वीपसमूह में सालाना 20 तूफान आते हैं, जिसमें से कुछ तीव्र और विनाशकारी होते हैं।

अमेरिका में पनामा के डेरियन गैप को पार करते हुए 10 अवैध प्रवासी डूबे

 लैटिन अमेरिका के पनामा में डेरियन गैप पैदल पार करते समय 10 अवैध प्रवासी नदी में अचानक आई बाढ़ में डूब गये। राष्ट्रीय सीमा सेवा ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय सीमा सेवा के अनुसार, पीड़ितों के शवों को प्रवासी तस्करों से संबंध को छिपाने के लिए दफना दिये जाने के बाद सार्वजनिक मंत्रालय को इस घटना के बारे में जानकारी मिली।
उल्लेखनीय है कि पूर्वी पनामा के डेरियन प्रांत का क्षेत्र दलदल जैसे जंगल और कीचड़ वाले रास्तों के कारण बेहद जोखिम भरा है।
राष्ट्रीय सीमा सेवा ने एक बयान में कहा कि पनामा के अधिकारी प्रवासियों को अधिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए स्थापित एक वैकल्पिक मानवीय गलियारे के माध्यम से उन्हें बाहर निकालने कोशिश करते हैं, लेकिन कुछ प्रवासी अधिक खतरनाक मार्ग चुनते हैं।
राष्ट्रीय प्रवासन सेवा के आंकड़ों के अनुसार, मध्य अमेरिका और मैक्सिको को पार करके अमेरिका पहुंचने के लिए इस साल जनवरी से 22 जुलाई के बीच 216,000 से अधिक अवैध प्रवासियों ने खतरनाक यात्रा की।

 

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Fri, 26 Jul 2024 12:20:28 +0530 admin
अमेरिका बांग्लादेश में चीन की बढ़ती मौजूदगी की संभावना से चिंतित है: अधिकारी https://aaj24x7live.com/204 https://aaj24x7live.com/204 वाशिंगटन
 अमेरिका बांग्लादेश में चीन की बढ़ती मौजूदगी की संभावना से चिंतित है। दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने संसदीय सत्र के दौरान सांसदों से कहा, ‘हम बांग्लादेश में चीन की बढ़ती मौजूदगी की संभावना से चिंतित हैं, लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि बांग्लादेशी लोग इस मामले में बहुत जल्दबाजी नहीं करेंगे और वो इसे लेकर काफी सावधान हैं।’

सांसद बिल कीटिंग ने पूछा, ‘रूस के संदर्भ में, बांग्लादेश में उस क्षेत्र में चीनी प्रभाव के बारे में, क्या आपने इस संबंध में कोई चिंताजनक बातें देखी हैं।’

लू ने सवाल के जवाब में कहा, ‘मैं कहूंगा कि बांग्लादेश में सबसे प्रभावशाली देश वास्तव में रूस या चीन नहीं, बल्कि भारत है और बांग्लादेश एवं पूरे व्यापक क्षेत्र में हमारी नीतियों के बारे में भारत के साथ हमारी सक्रिय बातचीत होती है।’

सांसद यंग किम ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लिए एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार है और ये देश अमेरिका के रणनीतिक साझेदार भारत के पड़ोसी हैं।

उन्होंने कहा, ‘ पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की उपस्थिति भारतीय सीमा के साथ-साथ भारतीय महासागर में भी बढ़ रही है। सहायता और सहयोग न केवल दक्षिण एशिया में अमेरिकी हितों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं बल्कि उनकी समृद्धि को बढ़ाने और क्षेत्र को स्वतंत्र और खुला रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।’

सहायक विदेश मंत्री ने कहा, ‘बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों और सरकार के बीच यह बहुत तनावपूर्ण समय है। हमें उम्मीद है कि शांति बहाल होगी। मैं बांग्लादेश के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हूं। हम इस संकट को हल करने के लिए और शांतिपूर्ण तरीका खोजने के वास्ते उनके संपर्क में बने हुए हैं।’

‘यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी)’ के एशिया ब्यूरो की उप सहायक प्रशासक अंजलि कौर ने बांग्लादेश में जारी हिंसक प्रदर्शनों पर चिंता व्यक्त की।

चीन हिंद महासागर में घुसपैठ कर रहा है: अमेरिकी सांसद

अमेरिका की एक प्रभावशाली सांसद ने दावा किया है कि चीन हिंद महासागर के प्रमुख क्षेत्रों में अपनी पैठ बना रहा है और इस जल क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से आवागमन के अधिकार में बाधा डाल रहा है। उन्होंने साथ ही दक्षिण एशियाई देशों में चीन के बढ़ते निवेश पर भी चिंता जाहिर की।

कांग्रेस की विदेश मामलों की समिति में हिंद-प्रशांत के मुद्दों से संबंधित उपसमिति की अध्यक्ष और अमेरिकी सांसद यंग किम ने कहा कि दक्षिण एशिया अमेरिकी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

किम ने कहा कि इस क्षेत्र में भू-राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव आ रहा है, जिससे अमेरिका के समक्ष कई चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं। वैश्विक व्यापार के लिए हिंद महासागर एक महत्वपूर्ण मार्ग है जहां 80 प्रतिशत समुद्री तेल व्यापार और 40 प्रतिशत विश्व व्यापार हिंद महासागर से होकर गुजरता है।

उन्होंने कहा, ”चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) हिंद महासागर में महत्वपूर्ण मार्गों पर कब्जा कर रही है और इस जल क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से आवागमन के अधिकार में बाधा डाल रही है। हाल के वर्षों में हमने पाकिस्तान और श्रीलंका में चीन के बंदरगाहों, जिबूती में सैन्य प्रतिष्ठानों और मालदीव के बुनियादी ढांचे में चीन के निवेश को देखा है, जो अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक हितों तथा क्षेत्र में हमारे मित्रों और सहयोगियों के लिए खतरा बन रहा है।”

किम ने अमेरिकी संसद में मंगलवार को सत्र के दौरान कहा, ”पिछले महीने मेरी उपसमिति ने हिंद-प्रशांत बजट, दक्षिण चीन सागर तथा ताइवान जलडमरूमध्य पर चीन के आक्रमक रुख पर चर्चा की थी। सीसीपी भारत की नियंत्रण रेखा पर सीमा संघर्ष को भी बढ़ा रहा है और इसकी पनडुब्बियां और युद्धपोत नियमित रूप से हिंद महासागर में आवागमन कर रहे हैं।”

 

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Fri, 26 Jul 2024 12:20:15 +0530 admin
पाकिस्तानी सेना की सबसे बड़ी गलती साबित हुआ था कारगिल युद्ध& एक्सपर्ट https://aaj24x7live.com/191 https://aaj24x7live.com/191 इस्लामाबाद
हर साल 26 जुलाई को भारतीय सेना के साथ ही पूरा देश कारगिल विजय दिवस मनाता है। यही वो तारीख है जिस दिन भारतीय जवानों ने पाकिस्तानी सेना को खदेड़कर कारगिल की सभी चोटियों पर तिरंगा फहराया था। इस जंग में भारत की निर्णायक जीत हुई थी। इस जंग का महत्व इसलिए भी बहुत बड़ा हो जाता है, क्योंकि उस समय तक पाकिस्तान ने परमाणु बम हासिल कर लिया था। इसके बावजूद भारत ने बिना किसी दबाव के पाकिस्तान के खिलाफ पूरी मजबूती से लड़ाई लड़ी और न सिर्फ उसे हराया बल्कि पूरी दुनिया में बेनकाब भी कर दिया। भारत के साथ कारगिल की जंग छेड़कर पाकिस्तान ने बहुत भारी गलती थी, जिसका खामियाजा वो आज तक भुगत रहा है। पाकिस्तान के विशेषज्ञ इस जंग के बारे में ऐसा ही मानते हैं।

कारगिल का नतीजा भुगत रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान की पत्रकार आरजू काजमी पर अपने यूट्यूब चैनल पर कारगिल की जंग के बारे में पाकिस्तानी विशेषज्ञ से डॉ. इश्तियाक अहमद से समझने की कोशिश की। डॉक्टर अहमद बताते हैं कि कारगिल की जंग एक ऐसी गलती है, जिससे पाकिस्तान आज तक उबर नहीं पाया है। उन्होंने बताया कि 1998 में मई महीने में भारत और पाकिस्तान दोनों ने परमाणु परीक्षण किया। दोनों देश आधिकारिक रूप से परमाणु संपन्न हो गए थे। इसके बाद दोनों देशों के नेताओं ने तय किया कि अब परमाणु हथियार के साथ लड़ाई तो हो नहीं सकती, तो क्यों ने अमन की दिशा में काम शुरू किया जाए।

शुरू से ही दोस्ती के खिलाफ थे मुशर्रफ

इश्तियात अहमद ने कहा कि ये बहुत बड़ा कदम था। इसका सबसे ज्यादा क्रेडिट भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को जाता है, लेकिन नवाज शरीफ को भी जाना चाहिए। वो बताते हैं कि जब फरवरी 1999 में वाजपेयी लाहौर आए तो उस समय ही पाकिस्तानी सेना के जनरल और बाद में तख्ता पलट करके शासक बने परवेज मुशर्रफ ने सैल्यूट करने से मना कर दिया था। उस समय ही साफ हो गया था कि पाकिस्तान की सरकार के साथ सेना नहीं है। यही नहीं, आईएसआई के इशारे पर जमात ए इस्लामी ने वाजपेयी के काफिले पर पत्थर भी फेंके।

उन्होंने कहा कि वाजेपयी का दौरा बहुत कामयाब रहा था। दोनों देशों के बीच लाहौर समझौता हुआ, जिसमें रिश्तों की नए सिरे की शुरुआत हुई। लेकिन वाजपेयी के वापस जाने के कुछ ही महीनों बाद पता चला कि पाकिस्तान की सेना ने कारगिल के इलाके में घुसपैठ कर ली थी। कारगिल के इलाके में भारतीय सेना सर्दियों में वापस आ जाती थी, जिसका फायदा पाकिस्तान ने उठाया। इसका मतलब साफ है कि जब भारत के प्रधानमंत्री पाकिस्तान में दोस्ती का अध्याय लिख रहे थे, ठीक उसी समय पाकिस्तान की सेना भारत के खिलाफ कारगिल में साजिश कर रही थी।

पाकिस्तान ने गंवा दी इज्जत

डॉक्टर अहमद बताते हैं कि पाकिस्तानी जनरलों ने जो किया, उसने पूरी दुनिया में पाकिस्तान को एक गैर भरोसेमंद देश बना दिया। कोई भी ऐसे देश पर भरोसा नहीं कर सकता था, जो एक तरफ दोस्ती का नाटक कर रहा हो और दूसरी तरफ उसी दोस्त के इलाके पर कब्जा कर रहा हो। पाकिस्तान दुनिया में एक धूर्त देश के रूप में साबित हो गया। इसके साथ ही भारत ने अपनी तोप और एयर फोर्स भी जंग में उतार दी। इसके मुकाबले में पाकिस्तान ने कोई जवाब नहीं दिया, इससे यह भी साबित हो गया कि परमाणु बम होने के बाद भी पाकिस्तान में भारत से सीधा मुकाबला करने की हिम्मत नहीं है। पाकिस्तान सेना ने तो अपने सैनिकों को मुजाहिदीन बताकर उनसे पल्ला झाड़ लिया, जिससे ये भी साबित हुआ कि वह अपने सैनिकों का भी सम्मान नहीं कर सकती है।

 

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Fri, 26 Jul 2024 09:33:15 +0530 admin