रीवा में तीन सगी बहनें टैंक में डूबीं, पूजा के लिए पानी में उतरीं, गहराई में जाने से मौत

 रीवा रीवा से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। खेल-खेल में यहां तीन बच्चियों की पानी में डूबने से मौत हो गई। तीनों ​बच्चियां सगी बहनें थीं। दिल दहला देने वाले इस हादसे के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया। घटना की जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने बच्चियों के शव बरामद कर उनका […]

रीवा में तीन सगी बहनें टैंक में डूबीं, पूजा के लिए पानी में उतरीं, गहराई में जाने से मौत

 रीवा

रीवा से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। खेल-खेल में यहां तीन बच्चियों की पानी में डूबने से मौत हो गई। तीनों ​बच्चियां सगी बहनें थीं। दिल दहला देने वाले इस हादसे के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया। घटना की जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने बच्चियों के शव बरामद कर उनका पोस्टमार्टम कराया। मामले की विस्तृत जांच भी की जा रही है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, एक ही परिवार की तीन बच्चियों की सेप्टिक टैंक के लिए खोदे गए गड्ढे में डूबने से मौत हुई है। यह दुर्घटना शुक्रवार, 9 अगस्त की देर शाम रीवा जिले के गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम तमरी में हुई।

इस तरह हुआ हादसा

गोविंदगढ़ थाना पुलिस ने बताया कि तमरी गांव के राजकुमार रजक की तीन बच्चियां सुहानी (9 साल), तान्वी (7 साल) और जाह्नवी (6 साल) नाग पंचमी के मौके पर खेल रही थीं। तीनों ​ने मिलकर सुंदर गुड़िया बनाई। इसी को पानी में बहाने के लिए बच्चियां जा रही थी। जमीन पर पानी भरा होने की वजह से उन्हें यह पता ही नहीं चला कि नीचे सेप्टिक टैंक का गड्ढा है। तीनों का पैर फिसला और टैंक में समा गईं।

खोजबीन की तो पता चला

परिवार वालों को जब कुछ देर तक बच्चियों का पता नहीं चला तो उन्होंने खोजबीन शुरू की। इस बीच बच्चियां टैंक में नजर आईं। तत्काल पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने तीनों बहनों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस मामले की दूसरे पहलुओं से भी जांच कर रही है।

बिना बताए चली गई थीं तीनों बहनें
जानकारी के मुताबिक, राजकुमार की 6 बेटियां हैं। सोनाली चौथी कक्षा में पढ़ती थी। जबकि तन्वी और जाह्नवी दूसरी और तीसरी कक्षा में पढ़ती थी। हम हर साल नागपंचमी पर सभी बहनें गुड़िया पानी में बहाने दादी के साथ जाती हैं। इस बार तीन बहनें घर में किसी को बिना बताए चली गईं। तीनों की मौत से पूरे गांव में मातम छा गया है।

ऐसे चला पता
गांव के महेश कुमार बुनकर ने बताया कि जब घरवालों ने बच्चियों को आसपास नहीं देखा, तो सभी मिलर उनकी तलाश में जुट गए। टैंक के पास पहुंचने पर उन्हें किनारे पर पुतलियां, चुनरी और पूजा का सामान नजर। महेश ने तुरंत पानी में छलांग लगाई। गहराई में जाने पर एक बच्ची के बाल उसके हाथ में आए, जिसे पकड़कर बाहर निकाला। दूसरी बार पानी में जाने पर उसे एक और बच्ची का फ्रॉक मिला, उसे भी  खींचकर बाहर निकाला। थोड़ी देर बाद तीसरी बच्ची भी मिल गई। हालांकि, तब तक तीनों बच्चियों की मौत हो चुकी थी।