उच्चतम और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृति उम्र बढ़ाने का कोई विचार नहीं: सरकार

नई दिल्ली  सरकार ने राज्यसभा को बताया कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवा निवृत होने की उम्र बढ़ाने के बारे में अभी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सदन में पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि अभी उच्चतम और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की […]

उच्चतम और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृति उम्र बढ़ाने का कोई विचार नहीं: सरकार

नई दिल्ली
 सरकार ने राज्यसभा को बताया कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवा निवृत होने की उम्र बढ़ाने के बारे में अभी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सदन में पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि अभी उच्चतम और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की सेवा निवृति की उम्र बढ़ाने का कोई विचार नहीं है।

एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि देश में उच्चतम न्यायालय की पीठ दिल्ली से बाहर किसी और राज्य में स्थापित किये जाने के लिए अभी उचित स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय में इस मामले में दो बार सुनवाई हुई है और न्यायालय ने खुद माना है कि अभी इस तरह की पीठ स्थापित करने का उचित समय नहीं है। उन्होंने कहा कि यह मामला अब भी न्यायालय में लंबित है।

मेघवाल ने दूसरे पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति में आरक्षण की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि संविधान सभा में भी इस विषय पर चर्चा हुई थी और यह पाया गया था कि न्यायपालिका में आरक्षण उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद मोदी सरकार ने इस बारे में ध्यान दिया और यह विचार किया गया कि इन न्यायालयों में नियुक्ति के समय सामाजिक पृष्ठभूमि को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। उन्होंंने कहा कि वर्ष 2018 के बाद इन न्यायालयों में नियुक्त किये गये 661 न्यायाधीशों में से 21 अनुसूचित जाति, 12 अनुसूचित जनजाति और 78 अन्य पिछड़ा वर्ग के हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है।

एक अन्य सवाल के जवाब में मेघवाल ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की पीठ अभी आगरा और मेरठ में स्थापित नहीं की जा रही है, लेकिन इन दोनों जगहों पर ई-कोर्ट का प्रावधान करने की कोशिश की जा रही है जिससे कि इन जगहाें पर वर्चुअल सुनवाई की जा सके।

केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उनकी संज्ञान में यह बात नहीं है कि अमेरिाक ने अपने नागरिकों को जम्मू -कश्मीर की यात्रा न करने के बारे में कोई परामर्श जारी किया है। उन्होंंने कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से पर्यटकों की संख्या बढी है। सरकार पर्यटन नेटवर्क को मजबूत बनाने की दिशा में निरंतर काम कर रही है।

शेखावत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि देश में राष्ट्रीय वर्चुअल पुस्तकालय स्थापित किया जा चुका है जिसमें हजारों पुस्तकें हैं। उन्होंने कहा कि यह सार्वजनिक डोमेन मेें है और कोई भी इसका लाभ ले सकता है। उन्होंंने कहा कि अनेक पुस्तकों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है और धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ाई जा रही है।
पर्यावरण और वन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने एक सवाल के जवाब में बताया कि देश में हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए हरित इंडिया मिशन में 17 राज्यों को एक लाख 55 हजार करोड़ रुपये की राशि दी गयी है।