‘रेल फोर्स वन’से पोलैंड से यूक्रेन जाएंगे PM मोदी, जानें उस ट्रेन की खासियत

कीव  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा करेंगे। 30 वर्षों में यह किसी भारतीय पीएम की पहली यूक्रेन यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को इसकी घोषणा की, जिसमें खुलासा किया गया कि पीएम मोदी यूक्रेन की राजधानी कीव में सात घंटे बिताएंगे। पीएम मोदी की यह यात्रा इसलिए भी खास है, […]

‘रेल फोर्स वन’से पोलैंड से यूक्रेन जाएंगे PM मोदी, जानें उस ट्रेन की खासियत

कीव
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा करेंगे। 30 वर्षों में यह किसी भारतीय पीएम की पहली यूक्रेन यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को इसकी घोषणा की, जिसमें खुलासा किया गया कि पीएम मोदी यूक्रेन की राजधानी कीव में सात घंटे बिताएंगे। पीएम मोदी की यह यात्रा इसलिए भी खास है, क्योंकि इसमें 20 घंटी की ट्रेन यात्रा शामिल होगी। वह 'रेल फोर्स वन' में रातभर सफर करेंगे। युद्धग्रस्त यूक्रेन में यह एक सुरक्षित और आरामदायक यात्रा प्रदान करने के लिए डिजाइन की गई है। इसके अंदर ऑफिस समेत विश्राम की सुविधाएं हैं।

रेल फोर्स वन 'आयरन डिप्लोमेसी' का प्रतिनिधित्व करता है, जो यूक्रेन के रेलवे सीईओ अलेक्जेंडर कामिशिन की ओर से गढ़ा गया शब्द है। रूस के आक्रमण के बाद से रद्द किए गए कॉमर्शियल एयर लिंक और हवाई हमलों के डर के कारण यूक्रेन का रेल नेटवर्क देश का राजनयिक राजमार्ग बन गया है। अब तक 200 से ज्यादा विदेशी राजनयिक मिशन ट्रेन से यूक्रेन पहुंच चुके हैं। इस ट्रेन से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मन चांसर ओलाफ स्कोल्ज जैसे नेता यूक्रेन पहुंचे हैं। जस्टिन ट्रूडो, ऋषि सुनक और जॉर्जिया मेलोनी जैसे अन्य नेता भी इस ट्रेन में पहुंचे हैं।

ट्रेन से पीएम मोदी का कितना लंबा होगा सफर?

पीएम मोदी इस विशेष ट्रेन से 23 अगस्त को युद्धग्रस्त यूक्रेन पहुंचेंगे. यूक्रेन की रेलवे कंपनी Ukrzaliznytsia के सीईओ ने इसे रेल फोर्स वन का नाम दिया था. इसे यूक्रेन की आयरन डिप्लोमेसी के तौर पर देखा जाता है. प्रधानमंत्री मोदी इस विशेष ट्रेन से कुल मिलाकर 20 घंटे का सफर करेंगे. इसमें से दस घंटे यूक्रेन पहुंचने और दस घंटे यूक्रेन से वापस पोलैंड पहुंचने में लगेंगे.  

लग्जरी और सिक्योरिटी का पैकेज है ट्रेन

यह लग्जरी ट्रेन फोर्स वन एक विशेष ट्रेन है. इस ट्रेन के भीतर विशेष लड़की से तैयार कैबिन बने हैं. बैठकों के लिए लंबी-लंबी टेबल और सोफे लगे हैं. साथ ही टीवी की भी सुविधा है. इतना ही नहीं सोने के लिए कंफर्टेबल बिस्तर हैं.

इन लग्जरी ट्रेनों को क्रीमिया जाने वाले पर्यटकों के लिए तैयार किया गया था. लेकिन रूस ने 2014 में क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद से इन ट्रेनों का इस्तेमाल युद्ध के समय वर्ल्ड लीडर्स और वीआईपी गेस्ट को लाने-ले जाने के लिए किया जाता है.

इन ट्रेनों में इलेक्ट्रिक इंजन की जगह डीजल इंजन लगे हैं. इसकी वजह है कि हमलों में पावर ग्रिड के प्रभावित होने के बावजूद ट्रेन सामान्य रूप से ऑपरेट होती रहे. इन ट्रेनों के सफल ऑपरेशन का श्रेय यूक्रेन रेलवे के सीईओ कैमिशिन को जाता है. उन्हें 2021 में रेलवे का सीईओ नियुक्त किया गया था. उनकी अगुवाई में देशभर में ट्रेनों की आवाजाही सामान्य रही है.

वहीं, इन विशेष लग्जरी ट्रेनों में वीआईपी गेस्ट के ट्रैवलिंग के दौरान वह खासतौर से सिक्योरिटी पर नजर रखते हैं. इस वजह से अभी तक इन ट्रेनों में सिक्योरिटी ब्रीच का एक भी मामला सामने नहीं आया है.

डिप्लोमैटिक कदम!

पीएम मोदी का यूक्रेन दौरा डिप्लोमैटिक मिशन से कहीं अधिक है. इसे उनकी संतुलन की कूटनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है. पीएम मोदी ने जुलाई में ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी. पुतिन से मुलाकात के बाद ही वह यूक्रेन में राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात करने जा रहे हैं. यह एक तरह से पीएम मोदी की जेलेंस्की से चौथी मुलाकात होगी.

ट्रेन के अंदर क्या हैं सुविधाएं?

विदेश जाने के लिए यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की लगातार इस ट्रेन का इस्तेमाल करते रहते हैं। जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ट्रेन से यूक्रेन का दौरा न करने वाले एकमात्र जी-7 नेता हैं। ट्रेन फोर्स-1 का आंतरिक भाग देखने लायक है। इसमें लकड़ी के पैन वाले केबिन हैं, जिनमें काम और विश्राम के लिए सभी जरूरी चीजें मौजूद हैं। बैठने के लिए एक विशाल मेज, एक आलीशान सोफा और दीवार पर लगा एक विशाल टीवी इसमें शामिल है। सोने के लिए भी इसमें आरामदायक व्यवस्था प्रदान की जाती है। इस लग्जरी ट्रेन के 2014 में क्रीमिया आने वाले पर्यटकों के लिए बनाया गया था। लेकिन द्वीप पर कब्जे और युद्ध के बाद इसे वीआईपी नेताओं के लिए शुरू किया गया।

कितना बड़ा है यूक्रेन का रेल नेटवर्क?

यूक्रेन के रेल नेटवर्क की बात करें तो यह 25,000 किमी तक फैला है, जो इसे दुनिया के सबसे विशाल रेल नेटवर्क में से एक बनाता है। सरकारी स्वामित्व वाली एक कंपनी इसका संचालन करती है। वैश्विक स्त पर यात्री परिवहन में छठे और माल ठुलाई में सातवें नंबर पर है। सोवियत समय में यह रेल नेटवर्क बनाया गया था। रूस के साथ सीमापार नेटवर्क नष्ट हो गए हैं। यह मोल्दोवा, पोलैंड और रोमानिया जैसे पड़ोसी देशों से जुड़ा हुआ है। 2022 में यूक्रेन की रेलवे कंपनी ने 28.9 मिलियन टन अनाज और लगभग 60 मिलियन टन माल का परिवहन किया। 1.71 करोड़ यात्रियों को भी पहुंचाया गया।

साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हूं : PM मोदी

पीएम मोदी (PM Modi) की इस यात्रा की आधिकारिक जानकारी देते हुए 'प्रधानमंत्री कार्यालय' ने एक पत्र जारी किया है. इस पत्र में प्रधानमंत्री के हवाले से लिखा गया, "मेरी पोलैंड यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हम अपने राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे कर रहे हैं. पोलैंड मध्य यूरोप में एक प्रमुख आर्थिक भागीदार है. लोकतंत्र और बहुलवाद के प्रति हमारी पारस्परिक प्रतिबद्धता हमारे संबंधों को और मजबूत करती है. मैं साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए अपने मित्र प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से मिलने के लिए उत्सुक हूं."