प्रदेश में 16 से 22 अगस्त को संस्कृत सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है
प्रदेश में 16 से 22 अगस्त को संस्कृत सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के माध्यम से आयोजित किये जा रहे हैं विविध कार्यक्रम भोपाल प्रदेश में प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी श्रावण मास में संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार की दृष्टि से 16 से 22 अगस्त तक संस्कृत […]
प्रदेश में 16 से 22 अगस्त को संस्कृत सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है
महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के माध्यम से आयोजित किये जा रहे हैं विविध कार्यक्रम
भोपाल
प्रदेश में प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी श्रावण मास में संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार की दृष्टि से 16 से 22 अगस्त तक संस्कृत सप्ताह मनाया जा रहा है। इस दौरान महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान से संबद्ध सभी शासकीय, अशासकीय, परम्परागत संस्कृत विद्यालय और महाविद्यालय में विभिन्न गतिविधियाँ और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है।
सप्ताह के पहले दिन 16 अगस्त को संस्कृत शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को तिलक लगाकर शुभकामनाएँ दी गईं। इसके साथ ही संस्कृत विषय के शिक्षकों ने संस्कृत भाषा में किये जा रहे शोधों के बारे में छात्रों को जानकारी दी। सप्ताह के दूसरे दिन 17 अगस्त को शिक्षण संस्थाओं में संस्कृत गीत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में एकल गीत के साथ सामूहिक गीतों की भी प्रस्तुतियाँ दी गईं। सप्ताह के तीसरे दिन 18 अगस्त को सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विषयों पर केन्द्रित विषय-विशेषज्ञों के व्याख्यान आयोजित किये गये। इसके साथ ही शिक्षण संस्थाओं में विशेष रूप से आज के दौर में संस्कृत क्यों आवश्यक है विषय पर व्याख्यान दिये गये।
सप्ताह के दौरान चौथे दिन 19 अगस्त को श्रावणी उपाक्रम, वेद-पूजन तथा वेदपाठ किये गये। इसमें छात्रों की भागीदारी अधिक से अधिक हो, यह सुनिश्चित किया गया। सप्ताह के पाँचवें दिन 20 अगस्त को विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में सम्पर्क कर संस्कृत पाठ्यक्रम के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी गई। सप्ताह के छठवें दिन 21 अगस्त को शिक्षण संस्थाओं में गीत, कविता एवं संस्कृत भजन संध्या का आयोजन किया गया।
सप्ताह के अंतिम दिन 22 अगस्त को प्रदेश की समस्त संस्कृत शिक्षण संस्थाओं में संस्कृत विद्वानों के व्याख्यान होंगे। महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित हो रहा है। प्रदेश में 40 शासकीय, 102 अशासकीय और 90 परम्परागत विद्यालय संस्कृत भाषा माध्यम से संचालित हो रहे हैं।