Indian stock market ने पिछले 25 वर्षों में वॉरेन बफे की कंपनी से भी दिया ज्यादा रिटर्न !
नई दिल्ली भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) का प्रदर्शन पिछले कई वर्षों में काफी शानदार रहा है. दुनिया भर में जारी जिया-पॉलिटिकल क्राइसिस के चलते आर्थिक मंदी का आहट के बीच भी भारतीय बाजार ने लचीलापन दिखाया है और बीते 25 वर्षों में दुनिया के प्रसिद्ध निवेशक वॉरेन बफेट (Warren Buffett) के नेतृत्व वाली […]
नई दिल्ली
भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) का प्रदर्शन पिछले कई वर्षों में काफी शानदार रहा है. दुनिया भर में जारी जिया-पॉलिटिकल क्राइसिस के चलते आर्थिक मंदी का आहट के बीच भी भारतीय बाजार ने लचीलापन दिखाया है और बीते 25 वर्षों में दुनिया के प्रसिद्ध निवेशक वॉरेन बफेट (Warren Buffett) के नेतृत्व वाली निवेश फर्म बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathaway Stock Price )से भी अच्छा प्रदर्शन किया है. एक एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
निफ्टी 500 ने सालाना12.56% और बर्कशायर हैथवे ने 9.52% दिया रिटर्न
भारत केंद्रित सिंगापुर की AMC कंपनी हेलिओस (Helios Capital) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि निफ्टी 500 ने 12.56 प्रतिशत का सालाना रिटर्न और बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathaway Share Price) ने 9.52 प्रतिशत का सालाना रिटर्न (डॉलर) 31 जुलाई 1,999 से लेकर 31 जुलाई,2024 के बीच दिया है.
कई सारी चुनौतियों के बीच निवेशकों को बेहतर रिटर्न
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस दौरान भारत को कई सारी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा, जिसमें मई 1998 परमाणु बम के टेस्ट करने के बाद भारत पर लगे अमेरिकी प्रतिबंध, 1999 का कारगिल युद्ध शामिल हैं और साथ ही गठबंधन सरकारों के समय में भारतीय बाजार ने लचीलापन दिखाया है.रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2004 में अचानक से सरकार बदलने के कारण बाजार 17 प्रतिशत गिर गया और वहीं, 2008 की ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस में भी बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली थी.
वहीं, 2011 से 2015 के बीच भ्रष्टाचार और सूखे के कारण भी बाजार को चुनौतियों का सामना करना पड़ा. इन झटकों से बाजार सफलतापूर्वक निकलने में सफल रहा है और निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिया है.
भारतीय बाजार ने खुद को आउटपरफॉर्मर किया साबित
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2004 में अचानक से सरकार बदलने के कारण बाजार 17 प्रतिशत गिर गया और वहीं, 2008 की ग्लोबल फाइनेंसियल क्राइसिस में भी बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली थी।वहीं, 2011 से 2015 के बीच भ्रष्टाचार और सूखे के कारण भी बाजार को चुनौतियों का सामना करना पड़ा। बाजार सफलतापूर्वक इन झटकों से निकलने में सफल रहा है और निवेशकों को सकारात्मक रिटर्न दिया है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कई सारी चुनौतियों और उतार-चढ़ाव के बाद भी भारतीय बाजार ने साबित किया है कि लंबी अवधि में वह आउटपरफॉर्मर है। भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन चालू वर्ष में भी काफी अच्छा रहा है। 2024 की शुरुआत से अब तक (20 अगस्त) सेंसेक्स और निफ्टी ने क्रमश: 11.66 और 13.60 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।