इसी माह होगी डेढ़ हजार से अधिक डॉक्टरों की पदस्थापना, विभागीय पोर्टल से की जाएगी निगरानी

भोपाल प्रदेश में बांडेड डाॅक्टरों की पदस्थापना के लिए लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस वर्ष से नई व्यवस्था शुरू की है। एमपी ऑनलाइन की जगह अब विभाग द्वारा तैयार पोर्टल के माध्यम से उनकी पदस्थापना की जाएगी। डाॅक्टरों को विभिन्न जिलों के 30 अस्पतालों का विकल्प पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाएगा। अपनी […]

इसी माह होगी डेढ़ हजार से अधिक डॉक्टरों की पदस्थापना, विभागीय पोर्टल से की जाएगी निगरानी

भोपाल
प्रदेश में बांडेड डाॅक्टरों की पदस्थापना के लिए लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस वर्ष से नई व्यवस्था शुरू की है। एमपी ऑनलाइन की जगह अब विभाग द्वारा तैयार पोर्टल के माध्यम से उनकी पदस्थापना की जाएगी। डाॅक्टरों को विभिन्न जिलों के 30 अस्पतालों का विकल्प पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाएगा। अपनी वरीयता के अनुसार सभी 30 विकल्प चुनना होगा।

इसके बाद एमबीबीएस में प्राप्त अंकों की मेरिट के आधार पर उनकी पदस्थापना की जाएगी। लगभग 1850 डाॅक्टरों की पदस्थापना की जानी है। विकल्प नहीं भरने वालों के विरुद्ध विभाग की ओर से बंधपत्र की शर्तों का उल्लंघन करने की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, विभाग चाहे तो विकल्प के अतिरिक्त अन्य अस्पतालों में भी पदस्थापना कर सकेगा। पदस्थापना के बाद उनकी निगरानी पोर्टल के माध्यम से की जाएगी।

उदाहरण के तौर पर कितने रोगी देखे। कितने दिन अवकाश पर रहे। बांडेड डाॅक्टरों की पदस्थापना के लिए पोर्टल पर ऐसे अस्पतालों को विकल्प में रखा गया है, जहां डाॅक्टर नहीं है। इससे डाॅक्टर विहीन लगभग पौने चार सौ अस्पतालों में उनकी पदस्थापना हो सकेगी।

उल्लेखनीय है कि मेडिकल कालेजों के प्रवेश नियम में निर्धारित शर्तों के अनुसार निजी व सरकारी कालेजों से निकलने वाले एमबीबीएस व पीजी डिग्रीधारी डाक्टरों को एक-एक वर्ष की अनिवार्य सेवा सरकार द्वारा चिह्नित अस्पताल में देनी होती है। ऐसा नहीं करने पर पंजीयन निरस्त करने की व्यवस्था है।