सूचना का अधिकार के अंतर्गत सूचनाएं न मिलने पर की जाने वाली अपीलों का निराकरण मध्य प्रदेश में नहीं हो पा रहा

भोपाल सूचना का अधिकार के अंतर्गत सूचनाएं न मिलने पर की जाने वाली अपीलों का निराकरण मध्य प्रदेश में नहीं हो पा रहा है। राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त के सभी पद मार्च 2024 से रिक्त हैं। इन्हें भरने के लिए आवेदन भी बुलाए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक […]

सूचना का अधिकार के अंतर्गत सूचनाएं न मिलने पर की जाने वाली अपीलों का निराकरण मध्य प्रदेश में नहीं हो पा रहा

भोपाल
सूचना का अधिकार के अंतर्गत सूचनाएं न मिलने पर की जाने वाली अपीलों का निराकरण मध्य प्रदेश में नहीं हो पा रहा है। राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त के सभी पद मार्च 2024 से रिक्त हैं। इन्हें भरने के लिए आवेदन भी बुलाए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में चयन समिति ही गठित नहीं हो पाई है।

15 हजार से ज्यादा अपील लंबित
आयोग में 15 हजार से अधिक अपील और शिकायतें लंबित हो गई हैं। प्रदेश में मुख्य सूचना आयुक्त और 10 सूचना आयुक्त नियुक्त किए जा सकते हैं। अभी तक मुख्य सूचना आयुक्त के साथ अधिकतम 7 सूचना आयुक्त रहे हैं। मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला और सूचना आयुक्त राहुल सिंह का कार्यकाल मार्च 2024 में समाप्त हो गया। इस बीच सामान्य प्रशासन विभाग ने सूचना आयुक्त के लिए आवेदन मंगवाए थे। 185 सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, राज्य प्रशासनिक सेवा, अधिवक्ता सहित अन्य लोगों ने आवेदन किए। इस बीच मुख्य सूचना आयुक्त का पद भी रिक्त हो गया, इसलिए इसके लिए अलग से आवेदन बुला लिए गए, लेकिन नियुक्ति की प्रक्रिया ही प्रारंभ नहीं हुई। अभी तक चयन समिति ही नहीं बनी है। इसमें मुख्यमंत्री के अलावा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और एक मंत्री सरकार द्वारा नामांकित होता है।

अधिकारी बोले, जल्द होगी नियुक्ति
सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आयोग में नियुक्ति जल्द होंगी। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। बता दें कि नियुक्ति नहीं होने से आयोग में लगातार लंबित अपील और शिकायतों की संख्या बढ़ती जा रही है। जुलाई 2024 तक 15 हजार अपील और एक हजार 125 शिकायतें निर्णय के लिए लंबित हैं। जबकि, प्रावधान है कि 180 दिन में अपील का निराकरण हो जाना चाहिए।

प्रतिमाह आती हैं 500 से अधिक अपील
आयोग के अधिकारियों का कहना है कि प्रतिमाह 500 से अधिक अपील आती हैं। आयोग में द्वितीय अपील पर सुनवाई कर निर्णय होता है। वहीं, शिकायतों पर सीधे कार्रवाई की जाती है।