चुनावों में ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप फिर से बेबुनियाद साबित हो रहे हैं

नई दिल्ली  इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) एक और परीक्षण में बेदाग साबित होकर निकल रही हैं। लोकसभा चुनावों में हारने वाले देशभर के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग दलों के उम्मीदवारों ने ईवीएम पर आशंका जताई तो हर किसी के दावों की जांच शुरू हो गई। उम्मीदवारों की मांग के मुताबिक, ईवीएम और वीवीपैट का मिलान […]

चुनावों में ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप फिर से बेबुनियाद साबित हो रहे हैं

नई दिल्ली
 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) एक और परीक्षण में बेदाग साबित होकर निकल रही हैं। लोकसभा चुनावों में हारने वाले देशभर के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग दलों के उम्मीदवारों ने ईवीएम पर आशंका जताई तो हर किसी के दावों की जांच शुरू हो गई। उम्मीदवारों की मांग के मुताबिक, ईवीएम और वीवीपैट का मिलान किया गया और अब तक एक भी सबूत नहीं मिला जिससे ईवीएम में गड़बड़ी के दावों को सही माना जाए। ईवीएम-वीवीपैट चेकिंग एंड वेरिफिकेशन (सीएंडवी) यानी जांच और पुष्टि की प्रक्रिया सिर्फ तमिलनाडु में पूरी नहीं हुई है, बाकी पूरे देश से आई शिकायतों का समाधान हो चुका है। तमिलनाडु में भी एक-दो दिन में ही सीएंडवी प्रोसेस पूरा होने की उम्मीद है। लक्ष्य है कि 1 सितंबर तक पूरे देश में ईवीएम-वीवीपैट की जांच और पुष्टि प्रक्रिया को संपन्न कर लिया जाए।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुई जांच और बेदाग निकलीं ईवीएम

हमारे सहयोगी अखबार द इकनॉमिक टाइम्स (ईटी) को पता चला है कि संभावित छेड़छाड़ के आरोपों की जांच के लिए ईवीएम-वीवीपैट मेमरी चेक में अब तक कोई खामी नहीं मिली है। राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पहली बार हर चुनाव क्षेत्र से दो पराजित उम्मीदवारों के लिए उनकी आशंकाओं को दूर करने के दरवाजे खोल दिए। किसी भी चुनाव क्षेत्र के हारे हुए दो प्रत्याशियों को अधिकार मिला है कि वो 4 जून को लोकसभा चुनावों को आए परिणाम के सात दिनों के भीतर ईवीएम-वीवीपैट मिलान की मांग कर सकें।

प्रमुख तथ्य
➤ आठ में से दो सीएंडवी अप्लिकेशन पर जांच लंबित रही क्योंकि उम्मीदवारों ने अदालत में याचिका दाखिल कर रखी थी।
➤ दो मामलों में सीएंडवी प्रोसेस रोक दिए गए क्योंकि शिकायत करने वाले उम्मीदवार आए ही नहीं।
➤ चार सीएंडवी प्रोसेस पूरे हुए और किसी में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई।

किस-किस राज्य के कौन से चुनाव क्षेत्र से आए आवेदन, जानिए

लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद 543 में से सिर्फ आठ चुनाव क्षेत्रों से जांच एवं पुष्टि की मांग वाले आवेदन प्राप्त हुए। ये आवेदन छह राज्यों के 92 पोलिंगग बूथों से संबंधित थे। वहीं, विधानसभा चुनावों में दो राज्यों के 26 मतदान केंद्रों से जुड़े तीन आवेदन मिले थे।

तमिलनाडु
➤ वेल्लोर संसदीय क्षेत्र के उम्मीदवार एसी षणमुगम ने जांच और पुष्टि का आवेदन दिया था।
➤ विरुधुनगर से डीएमडीके कैंडिडेट विजय प्रभाकरण वी ने आवेदन दिया। वो कांग्रेस के मणिकम टैगोर से 4,379 वोटों से हार गए।

महाराष्ट्र
➤ अहमदनगर सीट से बीजेपी कैंडिडेट सुजय विखे पाटिल ने सीएंडवी अप्लिकेशन डाला। वो शरद पवार के गुट वाली एनसीपी कैंडिडेट नीलेश लंके से 28 हजार वोटों से हार गए।

हरियाणा
➤ पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की जीत पर आपत्ति जताते हुए आवेदन जारी किया गया। आवेदक ने सीएंडवी प्रॉटोकॉल में ही बदलाव की मांग की जिसे जिला चुनाव अधिकारी (डीईओ) ने खारिज कर दिया।
➤ हरियाणा के फरीदाबाद और करनाल से कांग्रेस उम्मीदवारों ने भी सीएंडवी अप्लीकेशंस डाले

छत्तीसगढ़
➤ कांकेर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस कैंडिडेट ने सीएंडवी अप्लिकेशन डाला।

तेलंगाना
➤ जहीराबाद सीट पर कांग्रेस कैंडिडेट से हारने के बाद बीबी पाटिल ने सीएंडवी अप्लिकेशन दिया।

आंध्र प्रदेश
➤ विजयनगरम लोकसभा क्षेत्र से वाईएसआर कांग्रेस कैंडिडेट बेलन्ना चंद्रशेखर ने जांच एवं पुष्टि की मांग की।
➤ गजपतिनगरम और ओंगोले विधानसभा क्षेत्रों से वाईएसआर के प्रत्याशियों ने सीएंडवी अप्लिकेशन दायर किए।

ओडिशा
➤ झारसूगुडा लोकसभा क्षेत्र से बीजेडी कैंडिडेट दीपाली दास बीजेपी कैंडिडेट से बहुत कम मार्जिन से हारीं। उन्होंने 13 मतदान केंद्रों पर ईवीएम-वीवीपैट मिलान की मांग की।