इजरायल 76 साल पहले यानी 14 मई 1948 को दुनिया का इकलौता यहूदी देश बना
तेल अवीव आज दुनिया के नक्शे में इजरायल जिस आकार में है इसके पीछे सालों पुराना इतिहास है. कभी इजरायल की जगह तुर्की का ओटोमान साम्राज्य हुआ करता था. इजरायल आज से 76 साल पहले यानी 14 मई 1948 को दुनिया का इकलौता यहूदी देश बना. अपनी पहली जंग उसे देश बनने के 24 घंटे […]
तेल अवीव
आज दुनिया के नक्शे में इजरायल जिस आकार में है इसके पीछे सालों पुराना इतिहास है. कभी इजरायल की जगह तुर्की का ओटोमान साम्राज्य हुआ करता था. इजरायल आज से 76 साल पहले यानी 14 मई 1948 को दुनिया का इकलौता यहूदी देश बना. अपनी पहली जंग उसे देश बनने के 24 घंटे के भीतर ही लड़नी पड़ी थी. पड़ोसी अरब देशों ने इजरायल की आजादी स्वीकार नहीं की थी और दूसरे ही दिन पांच देशों की सेनाओं ने नए बने देश पर हमला कर दिया था. हालांकि अरब देशों को मुंह की खानी पड़ी थी.
इजरायल ही वह जगह है जहां यहूदी इतिहास ने जन्म लिया. इजरायल का पहला उल्लेख 1213-1203 ईसा पूर्व में मिलता है. धार्मिक साहित्य में इजरायल 1500 सौ ईसा पूर्व तक में पाया जाता है. यरूशलम को वे अपने प्रभु की धरती मानते हैं. यहूदियों ने जब अपने लिए देश की मांग शुरू की तो वे अपनी उसी धरती पर आए और ब्रिटिश शासन को उनकी मांग के सामने झुकना पड़ा. संयुक्त राष्ट्र को अरब देशों के विरोध के बावजूद इजरायल को देश के रूप में मान्यता देना पड़ी.
अपने ही देश में अल्पसंख्यक
अरब देशों में रह रहे करीब छह लाख यहूदी शरणार्थी और विश्व युद्ध के दौरान यूरोप में जीवित बचे ढाई लाख लोग इजरायल की स्थापना के कुछ सालों में वहां जाकर बसे. जब इजरायल बना तो अपना देश होने के बावजूद यहूदी अल्पसंख्यक थे. उस समय फिलिस्तीनी अरबों की संख्या यहूदियों से काफी ज्यादा थी. इजरायल बनने के बाद लड़ाई के दौरान लाखों की संख्या में फिलिस्तीनी अरबों को पलायन करना पड़ा था. यहीं से फिलिस्तीनी शरणार्थी समस्या की शुरुआत हुई थी जो आज तक जारी है. लेकिन बीते 76 सालों में यह देश न केवल अपना पूर्ण आकार ले चुका है बल्कि यहूदी यहां बहुसंख्यक भी हो चुके हैं.
कुल जनसंख्या में 70 लाख यहूदी
इजरायल की आबादी इस समय लगभग 95 लाख से कुछ ज्यादा है. इनमें 72 लाख से ज्यादा यहूदी हैं. जब इजरायल को देश के रूप में मान्यता मिली तो इसकी आबादी करीब आठ-नौ लाख थी. लेकिन तब इसमें मुस्लिम आबादी बड़ी संख्या में थी. धीरे-धीरे या तो यहां से मुस्लिम निकल गए या निकाल दिए गए.इस बीच दुनिया के अन्य हिस्सों से यहूदियों का आना शुरू हुआ. क्योंकि वे इसे अपनी धरती मानते हैं. इस तरह इजरायल में यहूदी लोगों की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई. इजरायल के बराबर यहूदी आबादी दो देशों अमेरिका और कनाडा में मिलाकर रहती है. इसके अलावा लगभग 35 लाख यहूदी दुनिया के अन्य हिस्सों में रहते हैं.
दुनिया भर में 1.57 करोड़
इजरायल के प्रमुख अखबार जेरूसलम पोस्ट के अनुसार दुनिया भर में यहूदियों की जनसंख्या करीब 1.57 करोड़ है. इनमें 72 लाख से ज्यादा यहूदी इजरायल में रहते हैं. इजरायल के बाद सबसे ज्यादा 63 लाख यहूदी अमेरिका में बसे हुए हैं. फ्रांस में भी यहूदियों की संख्या अच्छी खासी है. यहां पर 4.40 लाख यहूदी रहते हैं. इसके बाद कनाडा का नंबर आता है. इस देश में यहूदियों की आबादी 3 लाख, 90 हजार है. यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) में भी तीन लाख, 12 हजार यहूदी रहते हैं.
हर मुश्किल में जीतता रहा
एक नवसृजित राष्ट्र के रूप में उसे युद्ध का सामना करना पड़ा. यह सिलसिला लगातार चलता रहा. इजरायल हर जंग जीतता रहा और नए सिरे से और मजबूत होकर उभरता रहा. अनेक दुश्वारियों के बीच इजरायल ने आगे बढ़ने का जो सिलसिला शुरू किया, वह रुकने वाला नहीं दिखता. जब भी कोई देश उससे लड़ा तब उसे शिकस्त का सामना करना पड़ा. यहूदियों की संघर्ष शक्ति और एकता ही उनकी पहचान है. पिछले साल अक्टूबर में जब हमास ने उस पर हमला किया पूरा देश एक साथ खड़ा हो गया. अपनी इसी नीति की वजह से तकनीक, रिसर्च और डिफेंस के बल पर इजरायल दुनिया भर में अपना डंका बजाए हुए है. यह उस कौम के लिए आसान नहीं था, जिस तरीके से हिटलर ने यहूदियों का कत्ले-आम और अत्याचार किया था.