यूक्रेन संग युद्ध के बीच रूस ने पूर्वी एशिया में एक और मोर्चे पर तनातनी के संकेत दिए, US के 2 मित्र देशों को हवा में क्यों घेरा

नई दिल्ली यूक्रेन संग युद्ध के बीच रूस ने पूर्वी एशिया में एक और मोर्चे पर तनातनी के संकेत दिए हैं। इससे नए मोर्चे पर जंग की आहट सुनाई देने लगी है। रूसी सेना के दो लड़ाकू विमानों ने जापान की वायु सीमा में न केवल प्रवेश किया बल्कि जापान के ऊपर चक्कर भी लगाए। […]

यूक्रेन संग युद्ध के बीच रूस ने पूर्वी एशिया में एक और मोर्चे पर तनातनी के संकेत दिए, US के 2 मित्र देशों को हवा में क्यों घेरा

नई दिल्ली
यूक्रेन संग युद्ध के बीच रूस ने पूर्वी एशिया में एक और मोर्चे पर तनातनी के संकेत दिए हैं। इससे नए मोर्चे पर जंग की आहट सुनाई देने लगी है। रूसी सेना के दो लड़ाकू विमानों ने जापान की वायु सीमा में न केवल प्रवेश किया बल्कि जापान के ऊपर चक्कर भी लगाए। इसके बाद दोनों रूसी लड़ाकू विमान दक्षिण कोरिया की सीमा में घुस गए। रूस की इस हिमाकत के बाद अमेरिका के दोनों मित्र देशों (जापान और दक्षिण कोरिया) को अपने फाइटर प्लेन भेजने पड़े। इसके बाद रूसी सैन्य विमान अपनी सीमा में लौट गए।

जापानी रक्षा मंत्रालय के ज्वाइन्ट स्टाफ ऑफिस ने जापान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ) के अंदर दो रूसी Tu-142 समुद्री टोही और पनडुब्बी रोधी लड़ाकू विमानों के घुसने की पुष्टि की है। इन विमानों को NATO ने Bear-F नाम दिया है। जापान की स्थानीय मीडिया ने देश की सेना के हवाले से बताया है कि दो रूसी 'बेयर एफ' लड़ाकू विमानों ने जापान के ऊपर हवा में चारों ओर घेरा बनाकर उड़ान भरी और उसके बाद दक्षिण कोरिया की वायु सीमा में घुस गया। इसके जवाब में जापान और दक्षिण कोरिया को अपने लड़ाकू विमानों को फौरन तैनात करना पड़ा। टोक्यो और सियोल दोनों ही एशिया में वॉशिंगटन सुरक्षा संधि से जुड़े हुए हैं। ADIZ अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र का एक क्षेत्र है, जहां राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के लिए विमानों की ट्रैकिंग और पहचान करना जरूरी होता है। इससे एक दिन पहले बुधवार को, उत्तरी अमेरिकी एयरोस्पेस डिफेंस कमांड ने अलास्का ADIZ में भी दो रूसी सैन्य विमानों को ट्रैक किया था।

क्या है Tu-142 लड़ाकू विमान
इस एयरक्राफ्ट का नाम है तुपोलेव टीयू-142 एयरक्राफ्ट है। यह एंटी सबमरीन एयरक्राफ्ट है। यह लंबी दूरी की उड़ान क्षमता के लिए जाना जाता है, जिसकी उड़ान रेंज 6500 किलोमीटर तक है। Tu-142 लड़ाकू विमान आसमान में उड़ान भरते हुए भी समंदर की गहराइयों में मौजूद हमलावर परमाणु पनडुब्बी को ढूंढ़ निकालने की क्षमता रखता है। इतना ही नहीं, यह समंदर के अंदर मौजूद किसी भी तरह की वस्तु को खोज सकता है और यह बता सकता है कि वह जहाज, ड्रोन, अंडरवाटर व्हीकल है या जंगी जहाज या कुछ और। निगरानी करने के अलावा यह एयरक्राफ्ट आर्कटिक क्षेत्र में किसी भी तरह के आपातकाल से भी निपटने में सक्षम है।

इसमें 11 से 13 क्रू मेंबर सवार हो सकते हैं। इस विमान की लंबाई 174.2 फीट और ऊंचाई 39.9 फीट है। इसका विंगस्पैन 164.1 फीट लंबा है। विमान का अधिकतम टेकऑफ वजन 1.85 लाख किलो है। यह 925 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। वैसे यह आमतौर पर 711 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ता है। यह अधिकतम 39 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।

टाइमिंग है अहम
बड़ी बात ये है कि रूस ने ऐसे वक्त में ये हरकत की है, जब यूक्रेन को अमेरिका और ब्रिटेन अपनी लंबी दूरी की मिसाइलों (आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम- ATACMS और स्टॉर्म शैडो मिसाइलों) का इस्तेमाल रूस की भौगोलिक सीमा में करने की इजाजत देने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। यूक्रेन लंबे समय से इसकी मांग कर रहा है। कथित तौर पर ब्रिटेन ने इसके लिए हामी भर दी है लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने अभी तक हरी झंडी नहीं दी है। रूस ने इसको लेकर खुली चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने उन हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत दी तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। यानी एक तरह से रूस अमेरिका के बहाने उसके मित्र देशों को अंजाम भुगतने की चेतावनी दे रहा है।