क्या मोसाद की खुलने वाली थी पोल, हिज्बुल्लाह को लग गई थी भनक, इजरायल को अचानक चलाना पड़ा सीक्रेट ब्रह्मास्त्र!
तेलअवीव गाजा युद्ध के बाद अब इजरायल ने लेबनान के हिज्बुल्लाह पर जोरदार हमले की तैयारी तेज कर दी है। इजरायल की कोशिश है कि लेबनान के एक हिस्से को काटकर उसे बफर जोन बनाया जाय। इजरायल ने बड़े पैमाने पर अपनी सेना को लेबनान सीमा पर तैनात कर दिया है। माना जा रहा था […]
तेलअवीव
गाजा युद्ध के बाद अब इजरायल ने लेबनान के हिज्बुल्लाह पर जोरदार हमले की तैयारी तेज कर दी है। इजरायल की कोशिश है कि लेबनान के एक हिस्से को काटकर उसे बफर जोन बनाया जाय। इजरायल ने बड़े पैमाने पर अपनी सेना को लेबनान सीमा पर तैनात कर दिया है। माना जा रहा था कि इजरायल की सेना कभी भी हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर धावा बोल सकती है। इजरायल को यह आभास था कि यह युद्ध भीषण हो सकता है और इसी वजह से उसने हिज्बुल्लाह लड़ाकुओं के इस्तेमाल किए जा रहे पेजर में बम फिट कर दिया था। दरअसल, हिज्बुल्लाह को डर था कि इजरायल मोबाइल फोन को हैक कर सकता है और इसी वजह से उसने पेजर पर जाने का फैसला किया था। हिज्बुल्लाह ने हजारों की तादाद में नए पेजर का ऑर्डर दिया जिसके अंदर माना जा रहा है कि मोसाद ने बम लगा दिया। इन पेजर में ब्लास्ट में अब तक 10 से ज्यादा हिज्बुल्लाह लड़ाके मारे गए हैं और 3000 लोग घायल हुए हैं। अब खुलासा हुआ है कि इजरायल को अचानक से यह धमाका मजबूरी में करना पड़ा है।
मिडिल ईस्ट पर नजर रखने वाली वेबसाइट अल मॉनिटर की रिपोर्ट के मुताबिक हिज्बुल्ला को इन पेजर पर शक हो गया था और मोसाद की पोल खुलने वाली थी। दरअसल, एक पेजर में विस्फोट हो गया जिससे हिज्बुल्लाह के एक सदस्य की मौत हो गई। इसके बाद एक अन्य हिज्बुल्लाह लड़ाके को संदेह हो गया कि इन पेजर में बम छिपा हुआ है। इसकी जानकारी इजरायली एजेंटों को लग गई। इसके बाद इजरायल में बहस शुरू हो गई। इजरायल का पहले मूल रूप से प्लान यह था कि इन पेजर में विस्फोट तब किया जाए जब हिज्बुल्लाह के साथ युद्ध अपने चरम पर पहुंच जाए।
पेजर बम पर फंस गया था इजरायल
रिपोर्ट के मुताबिक हिज्बुल्लाह के शक का अहसास जब इजरायल को हुआ तो सुरक्षा एजेंसियों के बीच व्यापक बहस शुरू हो गई। एक पक्ष का कहना था कि हमें अभी नहीं आगे बढ़ना चाहिए और दूसरे का मानना था कि पेजर में ब्लास्ट कर देना चाहिए। आखिरकार इजरायल ने पेजर में ब्लास्ट करने का फैसला किया। इस हमले में करीब 3 हजार लोग घायल हो गए हैं और 500 लोगों की आंख चली गई है। इसके अलावा करीब 10 लोगों की मौत हो गई है। ईरान के लेबनान में राजदूत की एक आंख भी इस हमले में चली गई है। दूसरी को भी काफी नुकसान पहुंचा है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक इस दुस्साहस से भरे अभियान को मोसाद और इजरायली सेना ने मिलकर अंजाम दिया।
एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि यह इजरायल के लिए या तो इस्तेमाल करो या फिर से भूल जाओ वाला मौका था। हिज्बुल्लाह ने इन पेजर को सेवा से हटा सकता था। इन हमलों से ठीक पहले इजरायल के रक्षा मंत्री ने इसकी जानकारी अमेरिका को दी लेकिन उन्होंने पूरी जानकारी नहीं दी। ईरानी सेना के एक अधिकारी ने बताया कि पेजर में विस्फोट से पहले उसमें बीप का 10 सेकंड तक मैसेज आया था। इससे कई लोगों ने इसे अपने हाथ में लिया और आंख के पास ले गए ताकि उसे पढ़ सकें। इसके बाद पेजर के अंदर विस्फोट हो गया।
मोसाद ने हर पेजर के अंदर लगा दिया था बम
रिपोर्ट के मुताबिक सीएनएन ने इन पेजर का आयात यूरोप से एक ताइवानी कंपनी से किया था। मोसाद और इजरायली सेना के जासूसों ने इन प्रत्येक पेजर के अंदर बैटरी के पास विस्फोटक फिट कर दिया। इसके बाद इसे दूर से ही स्विच की मदद से मंगलवार को उड़ा दिया गया। बताया जा रहा है कि 170 लोगों की हालत गंभीर है जिससे मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है। हिज्बुल्लाह और लेबनान की सरकार ने इन हमलों के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं इजरायल ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है।