माइग्रेन और ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों में अंतर: पहचानने के लिए जानें मुख्य संकेत
माइग्रेन और ब्रेन ट्यूमर दोनों ही सिरदर्द के गंभीर कारण हो सकते हैं। ये दोनों सिर की एक ऐसी बीमारी है, जिसके कुछ लक्षण एक जैसे नजर आते हैं। जिसके कारण लोगों को समझना मुश्किल हो जाता है कि उन्हें किस कारण सिर में दर्द है। नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ के अनुसार माइग्रेन एक प्रकार […]
माइग्रेन और ब्रेन ट्यूमर दोनों ही सिरदर्द के गंभीर कारण हो सकते हैं। ये दोनों सिर की एक ऐसी बीमारी है, जिसके कुछ लक्षण एक जैसे नजर आते हैं। जिसके कारण लोगों को समझना मुश्किल हो जाता है कि उन्हें किस कारण सिर में दर्द है। नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ के अनुसार माइग्रेन एक प्रकार का न्यूरोलॉजिकल विकार है जो गंभीर सिरदर्द का कारण बनता है। इसके होने के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन जेनेटिक और तनाव जैसे कारण, इसके होने के कारणों में ज्यादा देखा जाता है।
वहीं ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं के वृद्धि होने से होता है। यह वृद्धि मस्तिष्क की संरचना और कार्यों को प्रभावित कर सकती है। ब्रेन ट्यूमर के दौरान होने वाली दिक्कतें बढ़ती जाती है।यहां पर कुछ प्रमुख अंतर बताए गए हैं जिनसे आप माइग्रेन और ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों में अंतर कर सकते हैं।
सिरदर्द
माइग्रेन का दर्द कुछ घंटों से लेकर 72 घंटे तक रह सकता है। इसमें अधिकतर मरीजों को सिर के एक तरफ दर्द होता है। कुछ लोगों को दोनों तरफ भी हो सकता है। लेकिन ब्रेन ट्यूमर के कारण होने वाला सिरदर्द अक्सर सुबह अधिक गंभीर होता है और समय के साथ बढ़ता है।
मतली और उल्टी
माइग्रेन के दौरान अक्सर मतली और उल्टी की समस्या होती है। लेकिन ब्रेन ट्यूमर के मरीजों में मतली की समस्या ज्यादा नहीं देखी जाती है
संतुलन में दिक्कत
माइग्रेन के दौरान तेज रोशनी और तेज आवाजों से मरीज को परेशानी हो सकती है। लेकिन ब्रेन ट्यूमर में हाथ-पैरों में कमजोरी, शरीर के संतुलन में परेशानी, बोलने में कठिनाई या सुनने की समस्या हो सकती है।
दृष्टि संबंधी समस्याएं
माइग्रेन अटैक से पहले या उसके दौरान आँखों के सामने चमकती हुई लाइट्स या धुंधला दिखने जैसी दृष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती है और ऐसा कुछ देर के लिए होता है। लेकिन ब्रेन ट्यूमर में दृष्टि में धुंधलापन, डबल विजन बढ़ते समय के साथ आंखों की रोशनी कम हो सकती है।
कमजोरी
माइग्रेन में सिर दर्द और मतली के कारण मरीज को कुछ समय के लिए कमजोरी महसूस हो सकती है। फिर वो समय के साथ ठीक हो जाता है। लेकिन ब्रेन ट्यूमर में बढ़ते दिन के साथ कमजोरी भी बढ़ती जाती है।