शहबाज शरीफ के निमंत्रण पर पाकिस्तान पहुंचा भगोड़ा जाकिर नाइक, गर्मजोशी से उसका स्वागत किया

इस्लामाबाद विवादास्पद धार्मिक नेता और भारत का भगोड़ा जाकिर नाइक सोमवार को इस्लामाबाद पहुंचा। इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कई वरिष्ठ सरकारी…

शहबाज शरीफ के निमंत्रण पर पाकिस्तान पहुंचा भगोड़ा जाकिर नाइक, गर्मजोशी से उसका स्वागत किया

इस्लामाबाद
विवादास्पद धार्मिक नेता और भारत का भगोड़ा जाकिर नाइक सोमवार को इस्लामाबाद पहुंचा। इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने गर्मजोशी से उसका स्वागत किया। शहबाज शरीफ सरकार के निमंत्रण पर वह अपने बेटे फारिक जाकिर के साथ 15 दिवसीय दौरे पर पाकिस्तान आया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के यूथ प्रोग्राम के अध्यक्ष राणा मशूद, सैयद अताउर रहमान (धार्मिक मामलों और अंतरधार्मिक सद्भाव मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव), शमशीर अली मजारी (धार्मिक मामलों के लिए संसदीय सचिव) और कई अन्य सरकारी अधिकारियों ने नाइक का स्वागत किया।

नाइक का 28 अक्टूबर तक पाकिस्तान में रहने का कार्यक्रम है। इस दौरान वह कराची, लाहौर और इस्लामाबाद सहित देश के प्रमुख शहरों में सार्वजनिक सभाएं करेगा। पाकिस्तान में रहने के दौरान नाइक प्रधानमंत्री शरीफ, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर, पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज शरीफ, बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती, सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह से मुलाकात करेगा।

नाइक, 5-6 अक्टूबर को कराची में जनसभाओं को संबोधित करेगा। इसके बाद लाहौर में 12-13 अक्टूबर और 19 – 20 अक्टूबर को राजधानी इस्लामाबाद में उसकी जनसभाएं होंगी। नाइक भारत में एक वांछित भगोड़ा है जो कई वर्षों से मलेशिया में रह रहा है। 2017 में, बांग्लादेश के अधिकारियों ने दावा किया था कि ढाका के एक कैफे पर हमला करने वालों में से एक, जाकिर नाइक से प्रेरित था। इस घटना में 22 लोग मारे गए थे। बाद में उसी वर्ष, भारत की एनआईए ने भी नाइक पर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने और धार्मिक घृणा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। इसके बाद से नाइक मलेशिया में रह रहा है क्योंकि यहां की सरकार ने उसे संरक्षण दिया है। हालांकि जाकिर को पाकिस्तान में व्यापक समर्थन प्राप्त है, लेकिन विभिन्न संप्रदायों से कई धार्मिक आवाजें ऐसी भी हैं, जो उससे सहमत नहीं हैं और एक धार्मिक उपदेशक के रूप में उसका विरोध करती हैं।

भारत छोड़ने के बाद नाइक का पसंदीदा ठिकाना पाकिस्तान था, लेकिन उसने मलेशिया जाने का फैसला किया और तर्क दिया कि अगर वह पाकिस्तान चला जाता, तो उसे आईएसआई एजेंट करार दे दिया जाता। नाइक ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, “शरिया हमें बड़े नुकसान से बचने के लिए कम नुकसान को स्वीकार करना सिखाता है। अगर मैं पाकिस्तान चला जाता तो भारत मुझे आईएसआई एजेंट करार दे देता और मेरी संस्था को बंद कर देता।” जाकिर की अगले महीने होने वाली यात्रा एक बार फिर नई दिल्ली इन दावों को मजबूती देती है कि पाकिस्तान भारत में वांछित व्यक्तियों का स्वागत करता है और उन्हें सुविधाएं प्रदान करता है।

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहते हैं, “डॉ. नाइक की यात्रा पाकिस्तान में एक बड़ी घटना होगी, लेकिन इससे भारत के साथ संबंधों में और खिंचाव आएगा। भारत पहले से ही दावा करता रहा है कि पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन, हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और भारत विरोधी एजेंडे वाले अन्य लोगों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है। अब जब नाइक का देश में स्वागत होगा, तो इससे पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आरोपों को बल मिलेगा।”