कनाडा में खालिस्तानी कट्टरपंथी भारत विरोधी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे, ट्रूडो की मदद से बढ़ रहीं गतिविधियां
टोरंटो कनाडा (Canada) में खालिस्तानी कट्टरपंथी भारत विरोधी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो की नाक तले खालिस्तानी भारत विरोधी गतिविधियां चला रहे हैं। इसी क्रम में वहां खालिस्तान पर जनमत संग्रह किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए कनाडा अल्बर्टा स्थित कैलगरी […]
टोरंटो
कनाडा (Canada) में खालिस्तानी कट्टरपंथी भारत विरोधी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो की नाक तले खालिस्तानी भारत विरोधी गतिविधियां चला रहे हैं। इसी क्रम में वहां खालिस्तान पर जनमत संग्रह किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए कनाडा अल्बर्टा स्थित कैलगरी में एक नगर पालिका के परिसर में जनमत संग्रह किया गया जिसमें लोगों की राय जानने के लिए SFJ ने एक प्रश्न रखा था, जो कि “क्या भारत शासित पंजाब को एक स्वतंत्र देश होना चाहिए?”। वोटिंग के लिए ‘हां’या ‘ना’ विकल्प दिया गया था।
जानकारी के अनुसार खालिस्तान जनमत संग्रह अपने चौथे साल में है और कनाडा इस अलगाववादी गतिविधि का मुख्य केंद्र बन गया है। SFJ (सिख्स फॉर जस्टिस) द्वारा आयोजित यह हालिया जनमत संग्रह रविवार को कैलगरी, अल्बर्टा में म्युनिसिपल प्लाजा में हुआ, जो कि एक सरकारी सुविधा केंद्र है। जनमत संग्रह पहले ही ब्रैम्पटन, ग्रेटर टोरंटो एरिया (GTA) में दो बार, सुर्रे, ब्रिटिश कोलंबिया, और अब कैलगरी में हो चुका है। अगले साल 2025 की गर्मियों में मॉन्ट्रियल, मिसिसॉगा, एडमॉन्टन और एबॉट्सफोर्ड में भी जनमत संग्रह की योजना है।
कैलगरी में आयोजित इस जनमत संग्रह में 'किल इंडिया' जैसे भड़काऊ नारे भी लगे, जिनकी कनाडाई राजनेताओं या मीडिया द्वारा कोई आलोचना नहीं की गई। SFJ के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अपने भाषण में कहा कि अगर कनाडा सरकार भारतीय राजनयिकों के खिलाफ न्याय नहीं करती, तो वे 'खालसा न्याय' का सामना करेंगे। इंडो-कनाडाई समूहों से इस आयोजन पर तीखी प्रतिक्रिया आई है। कोएलिशन ऑफ हिंदूज़ ऑफ नॉर्थ अमेरिका (COHNA) के कनाडाई चैप्टर ने कहा कि परमजीत सिंह पन्नू के पोस्टर कई शहरों में लगे थे और सिटी हॉल के बाहर कई दिनों तक प्रदर्शन किए गए थे। मेयर ऑफिस को यह भी जानकारी दी गई थी कि यह आयोजन प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के सदस्यों को शामिल नहीं करेगा।SFJ ने यह भी कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के 18 सितंबर को भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को निष्कासित करने के फैसले के बाद वे और अधिक "सशक्त" महसूस कर रहे हैं।
SFJ ने दावा किया है कि उनकी गतिविधियों को लेकर "विश्वसनीय आरोप" हैं कि भारतीय एजेंट हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल हैं, जिनकी जून 18 को सुर्रे गुरुद्वारे के बाहर अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस जनमत संग्रह ने कनाडा में बढ़ती चिंताओं को जन्म दिया है। कनाडा में सबसे भयंकर आतंकवादी घटना के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले 1985 के एयर इंडिया बॉम्बिंग की मास्टरमाइंड की छवि को SFJ के पोस्टर में प्रदर्शित किया गया, जिसमें 329 लोगों की जान गई थी। यह कनाडा के इतिहास में अब तक की सबसे घातक आतंकवादी घटना है। SFJ का अगला जनमत संग्रह न्यूज़ीलैंड में इस साल के अंत में आयोजित होने की उम्मीद है। इसके अलावा, SFJ ने यूनाइटेड किंगडम, स्विट्जरलैंड, इटली और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी जनमत संग्रह आयोजित किए हैं, लेकिन सबसे अधिक विवादास्पद और सक्रियता का केंद्र कनाडा ही बना हुआ है।