छत्तीसगढ़-कबीरधाम में डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने सुनी समस्याएं, शिक्षकों की मांग पर शिक्षा सचिव से की बात

कबीरधाम. कबीरधाम जिले से कवर्धा विधायक और डिप्टी सीएम विजय शर्मा जिले के दौरे पर हैं। उन्होंने कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर कवर्धा के प्रसिद्ध राधा कृष्ण बड़े मंदिर में दर्शन व पूजा की। मंदिर में उपस्थित भक्तों से भेंट कर उन्हें जन्माष्टमी की बधाई दी। इसके बाद कवर्धा विधायक कार्यालय में लोगों से मुलाकात […]

छत्तीसगढ़-कबीरधाम में डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने सुनी समस्याएं, शिक्षकों की मांग पर शिक्षा सचिव से की बात

कबीरधाम.

कबीरधाम जिले से कवर्धा विधायक और डिप्टी सीएम विजय शर्मा जिले के दौरे पर हैं। उन्होंने कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर कवर्धा के प्रसिद्ध राधा कृष्ण बड़े मंदिर में दर्शन व पूजा की। मंदिर में उपस्थित भक्तों से भेंट कर उन्हें जन्माष्टमी की बधाई दी। इसके बाद कवर्धा विधायक कार्यालय में लोगों से मुलाकात कर समस्या को सुनकर निराकरण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। इस दौरान युक्तियुक्तकरण, ऑनलाइन अवकाश व पूर्व सेवा से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा किया।

चर्चा के दौरान संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधियों ने अवगत कराया कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विगत दो अगस्त को जारी युक्तियुक्तकरण निर्देश शिक्षा गुणवत्ता, छात्र, शिक्षक व पालक के हितों के प्रतिकूल है। यह निर्देश वर्ष 2008 में जारी स्कूल सेटअप के विपरीत है। युक्तियुक्तकरण निर्देश के तहत प्राथमिक शाला में एक से लेकर पांच तक कि पांच कक्षा व बालवाड़ी को मिलाकर कुल 6कक्षाओं के लिए केवल दो शिक्षक रखने का प्रावधान किया जा रहा है,जो अव्यवहारिक व स्कूल शिक्षा विभाग के ही सेटअप के विरुद्ध है, क्योंकि 2008 के सेटअप में न्यूनतम तीन शिक्षक का प्रावधान है। इसी प्रकार मिडिल स्कूल में भी 6 विषय को पढ़ाने के लिए केवल एक प्रधान पाठक व तीन शिक्षक ही रखने का निर्देश है। हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल में भी 2008 के सेटअप का पालन नहीं किया जा रहा है। स्कूलों में बाद में पदांकित हुए अतिथि शिक्षक व परिवीक्षा अवधि पूर्ण नहीं किए शिक्षकों को अतिशेष नहीं मानने से सीनियर शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं। आकस्मिक व ऐच्छिक अवकाश के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया में व्यवहारिक दिक्कतें हैं। शिक्षक(एलबी) संवर्ग के संविलियन से पहले शिक्षाकर्मी पद की सेवा अवधि की गणना नहीं किए जाने से पुरानी पेंशन, सही वेतन व क्रमोन्नति का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
कई शिक्षक बगैर किसी पेंशन के सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं, क्योकि पुरानी पेंशन के लिए निर्धारित न्यूनतम दस साल की सेवा अवधि संविलियन तिथि से पूर्ण नहीं हो पा रहा है। जिला संचालक रमेश कुमार चन्द्रवंशी, शिवेंद्र चन्द्रवंशी ने बताया कि डिप्टी सीएम श्री शर्मा ने सभी विषय को गंभीरता से सुनने के बाद राज्य के स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी से तत्काल फोन पर चर्चा कर युक्तियुक्तकरण के विसंगतियों में आवश्यक संशोधन करने का निर्देश दिए है। मोर्चा के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि 2018 से 2028 की अवधि में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षक(एलबी)संवर्ग को पुरानी पेंशन के दायरे में लाने के लिए शीघ्र ही उचित रास्ता बनाया जाएगा। ऑनलाइन अवकाश के व्यवहारिक दिक्कतों को भी दूर कराया जाएगा।