विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिये राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन

भोपाल प्रदेश के विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का क्रियान्वयन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रभावी तरीके से किया जा रहा है। नीति के क्रियान्वयन के लिये राज्य शासन द्वारा आयुक्त और संचालक स्तर की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिकारियों की 14 समितियाँ गठित की गयी हैं। यह समितियाँ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न ग्रुप और क्षेत्रों से संबंधित हैं। राज्य शासन ने स्कूल शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में टॉस्क फोर्स का गठन किया है। इसमें स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी पदेन सदस्य हैं। समिति में शासकीय एवं अशासकीय शिक्षाविदों को भी शामिल किया गया है। सदस्यों के बीच परिचर्चा राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं क्रियान्वयन के लिये सदस्यों के बीच परिचर्चा भी करायी गयी है। इसमें अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन के साथ समन्वय में विशेषज्ञ के उद्बोधन कराये गये हैं। उन्मुखीकरण के दौरान एनसीईआरटी के विभागाध्यक्ष द्वारा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या फाउण्डेशनल (एनसीएफ) स्टेज विकास प्रक्रिया और राज्य पाठ्यचर्या फाउण्डेशनल (एससीएफ) स्टेज के बारे में भी जानकारी दी गयी है। केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दिशा-निर्देश अनुसार न्यू एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) ट्रैकर को नियमित रूप से अपडेट किया जा रहा है। समतामूलक और समावेशी शिक्षा राज्य में विशेष आवश्यकता वाले चिल्ड्रन विथ स्पेशल नीड्स (सीडब्ल्यूएसएन) 9550 नये बच्चों की पहचान एवं उनका कक्षा-9 से 12 में नामांकन सुनिश्चित किया गया है। इसी के साथ विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के शिक्षण के लिये प्रदेश में 8500 शिक्षकों को वर्ष 2024 में 2 सत्रों में विशेष प्रशिक्षण भी दिलाया गया है। सभी विकासखण्डों में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संसाधन केन्द्र विकसित किये गये हैं। व्यावसायिक शिक्षा पर जोर नई शिक्षा नीति में विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा देने पर जोर दिया गया है। प्रदेश में 2383 विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा संचालित की जा रही है। इनमें करीब 4 लाख विद्यार्थियों का इनरोलमेंट किया गया है और उन्हें 14 ट्रेड में व्यावसायिक शिक्षा देने की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश के 798 हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में कृषि संकाय और 465 हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कृषि ट्रेड संचालित किये जा रहे हैं। स्टार्स प्रोजेक्ट के अंतर्गत 100 विद्यालयों में नियमित छात्रों के साथ-साथ ड्रॉपआउट विद्यार्थियों की भी व्यावसायिक शिक्षा प्रारंभ की गयी है। प्रदेश के प्रत्येक सीएम राइज विद्यालय में 2 वोकेशनल ट्रेड्स के लिये लैब निर्मित की जा रही है। विभाग के 52 सीएम राइज विद्यालयों में रोबोटिक्स लैब की स्थापना भी करायी गयी है। वर्तमान में संचालित आईटी कोर्सेस के अलावा पं. सुंदरलाल शर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ वोकेशनल एजुकेशन के सहयोग से एआई कोडिंग जैसे नवीन पाठ्यक्रम तैयार किये जा रहे हैं। ट्यूनिंग ऑफ स्कूल के अंतर्गत 520 विद्यालयों की ट्यूनिंग की गई है, जिसके अंतर्गत यह विद्यालय आपस में बेस्ट प्रैक्टिस का आदान-प्रदान करते हैं।  

Mar 6, 2025 - 21:45
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विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिये राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन

विद्यालयों-में-शिक्षा-की-गुणवत्ता-सुधार-के-लिये-राष्ट्रीय-शिक्षा-नीति-का-प्रभावी-क्रियान्वयन

भोपाल
प्रदेश के विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का क्रियान्वयन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रभावी तरीके से किया जा रहा है। नीति के क्रियान्वयन के लिये राज्य शासन द्वारा आयुक्त और संचालक स्तर की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिकारियों की 14 समितियाँ गठित की गयी हैं। यह समितियाँ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न ग्रुप और क्षेत्रों से संबंधित हैं। राज्य शासन ने स्कूल शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में टॉस्क फोर्स का गठन किया है। इसमें स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी पदेन सदस्य हैं। समिति में शासकीय एवं अशासकीय शिक्षाविदों को भी शामिल किया गया है।

सदस्यों के बीच परिचर्चा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं क्रियान्वयन के लिये सदस्यों के बीच परिचर्चा भी करायी गयी है। इसमें अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन के साथ समन्वय में विशेषज्ञ के उद्बोधन कराये गये हैं। उन्मुखीकरण के दौरान एनसीईआरटी के विभागाध्यक्ष द्वारा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या फाउण्डेशनल (एनसीएफ) स्टेज विकास प्रक्रिया और राज्य पाठ्यचर्या फाउण्डेशनल (एससीएफ) स्टेज के बारे में भी जानकारी दी गयी है। केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दिशा-निर्देश अनुसार न्यू एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) ट्रैकर को नियमित रूप से अपडेट किया जा रहा है।

समतामूलक और समावेशी शिक्षा
राज्य में विशेष आवश्यकता वाले चिल्ड्रन विथ स्पेशल नीड्स (सीडब्ल्यूएसएन) 9550 नये बच्चों की पहचान एवं उनका कक्षा-9 से 12 में नामांकन सुनिश्चित किया गया है। इसी के साथ विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के शिक्षण के लिये प्रदेश में 8500 शिक्षकों को वर्ष 2024 में 2 सत्रों में विशेष प्रशिक्षण भी दिलाया गया है। सभी विकासखण्डों में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संसाधन केन्द्र विकसित किये गये हैं।

व्यावसायिक शिक्षा पर जोर
नई शिक्षा नीति में विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा देने पर जोर दिया गया है। प्रदेश में 2383 विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा संचालित की जा रही है। इनमें करीब 4 लाख विद्यार्थियों का इनरोलमेंट किया गया है और उन्हें 14 ट्रेड में व्यावसायिक शिक्षा देने की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश के 798 हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में कृषि संकाय और 465 हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कृषि ट्रेड संचालित किये जा रहे हैं। स्टार्स प्रोजेक्ट के अंतर्गत 100 विद्यालयों में नियमित छात्रों के साथ-साथ ड्रॉपआउट विद्यार्थियों की भी व्यावसायिक शिक्षा प्रारंभ की गयी है। प्रदेश के प्रत्येक सीएम राइज विद्यालय में 2 वोकेशनल ट्रेड्स के लिये लैब निर्मित की जा रही है। विभाग के 52 सीएम राइज विद्यालयों में रोबोटिक्स लैब की स्थापना भी करायी गयी है। वर्तमान में संचालित आईटी कोर्सेस के अलावा पं. सुंदरलाल शर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ वोकेशनल एजुकेशन के सहयोग से एआई कोडिंग जैसे नवीन पाठ्यक्रम तैयार किये जा रहे हैं। ट्यूनिंग ऑफ स्कूल के अंतर्गत 520 विद्यालयों की ट्यूनिंग की गई है, जिसके अंतर्गत यह विद्यालय आपस में बेस्ट प्रैक्टिस का आदान-प्रदान करते हैं।

 

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