गांधीनगर, हरियाणा की सबसे प्रतिष्ठित, प्राचीन और सबसे बड़ी कुरुक्षेत्र युनिवर्सिटी द्वारा गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को प्राकृतिक कृषि, गौ-पालन, गौ नस्ल सुधार, प्राकृतिक एवं यौगिक चिकित्सा, सामाजिक समरसता, वृक्षारोपण, जल संरक्षण और देशसेवा में उनके अनन्य योगदान के लिए डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
सरकारी सूत्रों ने आज यहां बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह में भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, हरियाणा के उच्च शिक्षा मंत्री मूलचंद शर्मा की उपस्थिति में श्री देवव्रत को डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि प्रदान की गई।
राज्यपाल श्री देवव्रत ने यह मानद उपाधि स्वीकार करते हुए कहा कि जिस प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान के वह विद्यार्थी रहे हैं, उसी संस्थान से आज उन्हें डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि से सम्मानित किया जा रहा है। इसके लिए वह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रति विनम्रतापूर्वक आभार व्यक्त करते हैं।
प्राकृतिक कृषि, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति, योग और राष्ट्र की विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में योगदान के लिए प्राप्त इस सम्मान के लिए उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री दत्तात्रेय, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री खट्टर और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा का सविनय आभार जताया और शुभकामनाएं दीं।