विवेक झा, भोपाल, 5 जून 2025
राजधानी भोपाल के दीर्घकालिक, सुनियोजित और समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए आज मंत्रालय में अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग श्री संजय शुक्ला और क्रेडाई भोपाल के प्रतिनिधिमंडल के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक संपन्न हुई। बैठक का केंद्रबिंदु रहा ‘कमाल का भोपाल’ रिपोर्ट का प्रभावी क्रियान्वयन, नगरीय नियोजन में पारदर्शिता, और रियल एस्टेट क्षेत्र में सुधार।
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब भोपाल को देश के शीर्ष 20 विकासशील मेट्रोपॉलिटन शहरों में शामिल करने की राज्य सरकार की रणनीति स्पष्ट हो चुकी है, और विभिन्न विभाग इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहे हैं।
तीन प्रमुख ज्ञापन सौंपे गए
बैठक में क्रेडाई भोपाल के अध्यक्ष मनोज मीक ने एसीएस महोदय को तीन विस्तृत ज्ञापन सौंपे, जिनमें नगरीय प्रशासन और रियल एस्टेट सेक्टर की जमीनी समस्याओं के व्यावहारिक समाधान सुझाए गए।
1. कालोनी विकास नियम में संशोधन सुझाव
क्रेडाई ने ऑनलाइन फीस जमा की सरल प्रक्रिया, डीम्ड परमिशन की स्पष्टता, भूखंड बंधक नियमों की समाप्ति और अतिरिक्त आश्रय शुल्क जैसे मुद्दों पर नियामक सरलीकरण की मांग रखी।
2. RERA संचालन की व्यावहारिक समस्याएं
वर्तमान में रियल एस्टेट (रेरा) कानून के संचालन में कई बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं, जैसे गलत सीए सर्टिफिकेट फॉर्मेट, पंजीकरण में अनावश्यक विलंब, तथा अघोषित अधिकारियों द्वारा आदेश पारित करना। क्रेडाई ने इन समस्याओं पर तत्काल ध्यान देने का आग्रह किया।
3. शहरी विकास में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और पारदर्शिता
मास्टर प्लानिंग की अस्पष्टता, कलेक्टर गाइडलाइन की विसंगतियाँ, और स्वीकृति प्रक्रियाओं में देरी जैसे विषयों को सामने रखते हुए इनकी नियमित समीक्षा और डिजिटल समाधान की मांग की गई।
बैठक के अहम बिंदु
बैठक में एसीएस श्री शुक्ला ने क्रेडाई की भूमिका की सराहना करते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं:
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भोपाल–इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन और अन्य महानगरों के मास्टर प्लान अब आधुनिक तकनीक—बिग डेटा एनालिटिक्स और जीआईएस टूल्स—के माध्यम से बनाए जा रहे हैं।
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प्रदेश सरकार जल्द ही इंदौर में एक रियल एस्टेट कॉन्क्लेव का आयोजन करने जा रही है, जिसमें देशभर के शीर्ष डेवलपर्स को आमंत्रित किया जाएगा। इसमें क्रेडाई भोपाल से साझेदारी की अपेक्षा की गई है।
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उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रियल एस्टेट सेक्टर अब केवल हाउसिंग तक सीमित नहीं, बल्कि लॉजिस्टिक्स हब, डेटा सेंटर, एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्रियल ज़ोन के विकास में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
‘कमाल का भोपाल’ रिपोर्ट का प्रभाव
गौरतलब है कि ‘कमाल का भोपाल’ रिपोर्ट, जो क्रेडाई भोपाल द्वारा कुछ समय पूर्व शासन को प्रस्तुत की गई थी, आज नगरीय प्रशासन की कई कार्ययोजनाओं की आधारशिला बन चुकी है। इसमें जल स्रोत संरक्षण, शहरी धरोहरों का पुनरुद्धार, हरित क्षेत्र विस्तार, ट्रांजिट प्लानिंग और जन सहभागिता के माध्यम से शहर को भविष्य के लिए तैयार करने की व्यापक रूपरेखा दी गई थी।
हाल ही में भोजताल संरक्षण और वृक्षारोपण कार्यक्रम में भी क्रेडाई भोपाल ने सक्रिय भागीदारी की थी, जहां सांसद आलोक शर्मा और महापौर मालती राय की उपस्थिति में ‘कमाल का भोपाल’ अभियान को जनता से सकारात्मक समर्थन मिला।
सांस्कृतिक सौगात
बैठक के अंत में क्रेडाई अध्यक्ष मनोज मीक ने राजा भोज की नवशिल्पित कलात्मक प्रतिमा एसीएस श्री शुक्ला को भेंट की। इस कलाकृति की ऐतिहासिक और सौंदर्यात्मक विशेषताओं ने सभी उपस्थितों का ध्यान आकर्षित किया। विभागीय अधिकारियों ने इसे राजधानी की सांस्कृतिक आत्मा से जोड़ने वाला प्रतीक बताया।
यह बैठक राजधानी भोपाल के भविष्य के विकास की नींव को और मजबूत करती है। क्रेडाई जैसे संस्थानों की सक्रिय भागीदारी और शासन-प्रशासन की सकारात्मक सोच यह दर्शाती है कि शहरी नियोजन अब सिर्फ सरकारी फाइलों तक सीमित नहीं, बल्कि जनभागीदारी और व्यावसायिक सहयोग के नए युग में प्रवेश कर चुका है।