भोपाल
कहने को तो भोपाल प्रदेश की राजधानी है, लेकिन यहां पर नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। भोपाल में पिछले 15 साल में करीब 19 लाख गाड़ियां रजिस्टर्ड हुई हैं, लेकिन अब तक करीब 5 लाख में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) नहीं लग पाया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद विभाग ने इस अभियान को प्राथमिकता में रखते हुए 3 महीने में पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। लेकिन लगता नहीं कि यह पूरा हो पाएगा।
इस मामले में परिवहन विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि बिना एचएसआरपी नंबर प्लेट वाले वाहन मालिक अब कोई भी परिवहन संबंधी महत्वपूर्ण कार्य नहीं करा पाएंगे। जिन वाहनों में यह नंबर प्लेट नहीं लगी है उनके पीयूसी, फिटनेस सर्टिफिकेट, आरसी बदलाव, परमिट नवीनीकरण और अन्य सेवाएं ठप हो जाएंगी। यह प्रक्रिया आसान है और ऑनलाइन बुकिंग के बाद तय समय पर नंबर प्लेट लगाई जा सकती है।
वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) को लेकर परिवहन विभाग और पुलिस महकमा लगातार प्रयासरत है। लेकिन मप्र के वाहन मालिक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट लगवाने को राजी नहीं हैं।
मध्यप्रदेश में कुल 2.45 करोड़ से अधिक पंजीकृत वाहन हैं, जिनमें से केवल 65.72 लाख वाहनों पर HSRP लगी है। यानी प्रदेश के 1.79 करोड़ से अधिक वाहन (73.24%) अब भी बिना सुरक्षा नंबर प्लेट के सड़क पर दौड़ रहे हैं।
सबसे फिसड्डी राज्यों में एमपी चौथे नंबर पर देश में HSRP न लगवा पाने वाले राज्यों में मप्र देश के सबसे फिसड्डी राज्यों में चौथे नंबर का प्रदेश है। HSRP लगवाने वाले टॉप स्टेट में जम्मू कश्मीर पहले नंबर पर है। J&K में मात्र 6.63% वाहन ऐसे हैं जिन पर HSRP लगना बाकी है। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट लगाने में अव्वल राज्यों में टॉप-5 में शामिल है। ये जानकारी लोकसभा में AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी के सवाल के जवाब में दी गई है।
एचएसआरपी क्यों जरूरी है परिवहन विभाग का कहना है कि एचएसआरपी नंबर प्लेट हाई-क्वालिटी, टेम्पर-प्रूफ होती है और इसमें एक यूनिक लेजर-कोड होता है, जिससे चोरी या फर्जी नंबर प्लेट लगाने जैसी घटनाओं पर रोक लगती है। साथ ही यह सड़क पर लगे कैमरों से वाहन की सही पहचान में मदद करती है, जिससे ट्रैफिक नियमों का पालन और अपराध नियंत्रण आसान हो जाता है।
क्या है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट? यह एक होलोग्राम स्टिकर है। इस पर वाहन के चेसिस और इंजन के नंबर दर्ज होते हैं। इस खास तरह के स्टिकर को वाहन की नंबर प्लेट पर चिपकाया जाता है। प्लेट पर नंबर उभारकर बनाए जाते हैं, ताकि कोई उनमें छेड़छाड़ न करने पाए।
इस पूरी प्लेट को वाहनों की सुरक्षा के लिहाज से तैयार किया गया है। एक बार प्लेट वाहन में फिट हो जाए तो उसे निकालना भी आसान नहीं हो पाता। HSRP नंबर को प्रेशर मशीन की मदद से लिखा जाता है। इस नंबर से वाहन की पूरी कुंडली सामने आ सकती है।
राज्य | कुल रजिस्टर्ड वाहन | HSRP लगे वाहन | HSRP बाकी | HSRP बाकी% |
लक्षद्वीप | 21497 | 508 | 20989 | 97.64% |
आंध्र प्रदेश | 18486709 | 2071421 | 16415288 | 88.80% |
केरल | 18502182 | 4709555 | 13792627 | 74.55% |
मध्य प्रदेश | 24556837 | 6572040 | 17984797 | 73.24% |
अंडमान निकोबार द्वीप समूह | 178660 | 50846 | 127814 | 71.54% |
कैसे करता है काम ?
एचएसआरपी नंबर प्लेट एक होलोग्राम स्टिकर है। इस पर वाहन के चेसिस और इंजन के नंबर दर्ज होते हैं। इस खास तरह के स्टिकर को वाहन की नंबर प्लेट पर चिपकाया जाता है। प्लेट पर नंबर उभारकर बनाए जाते हैं, ताकि कोई उनमें छेड़छाड़ न करने पाए। इस पूरी प्लेट को वाहनों की सुरक्षा के लिहाज से तैयार किया गया है। एक बार प्लेट वाहन में फिट हो जाए तो उसे निकालना भी आसान नहीं हो पाता। इसमें HSRP नंबर को प्रेशर मशीन की मदद से लिखा जाता है। इस नंबर से वाहन की पूरी जानकारी सामने आ जाती है।
ऐसे करें आवेदन
सबसे पहले ऑटोमोबाइल डीलर्स की संस्था SIAM की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
“Book HSRP” ऑप्शन पर क्लिक करें, जिससे एचएसआरपी रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुलेगा।
फॉर्म में अपना पूरा नाम, ईमेल एड्रेस, स्टेट (मध्य प्रदेश), व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर, मोबाइल नंबर और डिस्ट्रिक्ट भरें।
“I Agree” पर टिक करें और सबमिट करें।
इसके बाद “Select Your Vehicle Type” में अपनी गाड़ी का प्रकार चुनें (जैसे कार/SUV)।
वाहन निर्माता कंपनी (जैसे Tata Motors) चुनें और “Order Your HSRP Now” पर क्लिक करें।
“Fitment Location” में “Dealer Premises” सेलेक्ट करें।
“HSRP Order Type” में “Old Vehicle HSRP Kit” चुनें।
व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर, चेसिस नंबर के आखिरी 5 डिजिट और इंजन नंबर के आखिरी 5 डिजिट भरें।
सिटी और नजदीकी डीलर चुनें।
अपॉइंटमेंट डेट और स्लॉट सेलेक्ट करें।
बिलिंग एड्रेस भरें, मोबाइल नंबर वेरीफाई करें और ऑनलाइन पेमेंट करें।
पेमेंट के बाद तय तारीख पर डीलर के पास जाकर नंबर प्लेट फिट कराएं।
एचएसआरपी की कुल लागत ₹696.20 है (₹540 प्लेट लागत + ₹50 सुविधा शुल्क + ₹16 GST)।
भोपाल में 18.5 लाख वाहन रजिस्टर्ड
भोपाल जिले में इस वक्त 18.5 लाख वाहन रजिस्टर्ड हैं जिनमें से 40 प्रतिशत के पास अभी भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं है। ऐसे वाहन मालिक फिलहाल घर बैठे ही सुविधाओं को अपडेट करवा सकते हैं। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (High Security Number Plate) मंगवाने और मोबाइल नंबर को अपडेट करने के लिए आरटीओ के वाहन पोर्टल या सारथी एप के जरिए आवेदन किए जा सकेंगे। ओटीपी के आधार पर मोबाइल नंबर गाड़ी की डिटेल्स के साथ लिंक हो जाएगा। एचएसआरपी नंबर प्लेट नजदीकी डीलर के यहां से फिट करवा सकेंगे।
मध्यप्रदेश में 15 साल पुराने वाहन
कार-88,529
मोपेड – 20,162
जीप – 21,607
ट्रैक्टर -74,794
आटो रिक्शा – 46,999
गुड्स ट्रक -72, 502
बस – 14,813
टैक्सी -1,098
बाइक -2,08054
स्कूटर -76,188
इसलिए जरूरी मोबाइल नंबर
ये मुहिम इसलिए चलाई जा रही है क्योंकि बड़े पैमाने पर व्हीकल रजिस्ट्रेशन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस कार्ड में दर्ज नंबर में भिन्नता पाई जा रही थी। ऐसी स्थिति में किसी भी गाड़ी को किसी भी अन्य व्यक्ति के नाम ट्रांसफर आसानी से करवाया जा सकता था। कई ऐसे मामले भी सामने आए जिनमें असल गाड़ी मालिक ने बगैर अनापत्ति प्रमाण पत्र के जबरन दूसरे पक्ष पर गाड़ी अपने नाम पर ट्रांसफर करवा लेने के आरोप भी लगाए। मोबाइल नंबर अपडेट होने के बाद अब जब तक आवेदक वन टाइम पासवर्ड नहीं बताएगा तब तक किसी भी प्रकार के आवेदन पर कार्रवाई पूरी नहीं मानी जाएगी।
15 साल पुराने सरकारी वाहन हटेंगे
15 साल पुराने सरकारी वाहनों के रजिस्ट्रेशन खत्म होते ही हटाने की व्यवस्था की गई है। नागरिकों के लिए स्क्रेप पॉलिसी और फिटनेस प्रमाण पत्र देकर री-रजिस्ट्रेशन कराने के विकल्प उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
– जितेंद्र शर्मा, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी